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Author: Dialogue India

अनेकता में एकता की राह दिखाता है संत निरंकारी मिशन

अनेकता में एकता की राह दिखाता है संत निरंकारी मिशन

TOP STORIES, प्रेस विज्ञप्ति
७१वें वार्षिक निरंकारी संत समागम में निरंकारी सद्गुरु माता सुदीक्षा जी का उद्घोष २६ नवंबर, २०१८: संसार के लोगों में किंतनी भी विभिन्नता क्यों न हो वे सारे एक ही परमपिता परमात्मा की संतान हैं | जब यह बोध लोगों के मनों में प्रवेश करता है तब उसके मन में ईश्वर की प्रत्येक रचना के प्रति निस्वार्थ प्रेम और आदर-सत्कार की भावना उत्पन्न होती है और अनेकता में एकता की अवधारणा साकार हो उठति है | संत निरंकारी मिशन यह संदेश मिशन संपूर्ण विश्व में फैलाना चाहता है | उक्त उद्गार संत निरंकारी मिशन के आंतर्राष्ट्रीय स्तर के ७१वें वार्षिक संत समागम के उद्घाटन पर २४ नवंबर के दिन मानवता के नाम संदेश में निरंकारी सद्गुरु माता सुदीक्षा जी ने व्यक्त किए | हरियाणा के समालखा और गनौर के बीच में जी.टी.रोड पर स्थित निरंकारी आध्यात्मिक स्थल पर पहली बार आयोजित इस ३-दिवसीय समागम में भारत तथा दूर देशों से कर...
रोशनी योजना रद्द कर दी गई

रोशनी योजना रद्द कर दी गई

राज्य
जम्मू-कश्मीर राज्य भूमि (अधिग्रहण के लिए स्वामित्व का अधिकार) अधिनियम -2001 के तहत पहले किए गए कार्यों के लिए सुरक्षा उपाय प्रदान किए गए जम्मू 28 नवम्बर 2018- राज्यपाल सत्य पाल मलिक की अध्यक्षता में आज यहां हुई राज्य प्रशासनिक परिषद (एसएसी), की बैठक में जम्मू-कश्मीर राज्य भूमि (अधिग्रहण के लिए स्वामित्व का अधिकार) अधिनियम, 2001 (जिसे आमतौर पर रोशनी योजना जाना जाता है ) को निरस्त करने की मंजूरी दे दी। सलाहकार बी बी व्यास, के विजय कुमार, खुर्शीद अहमद गणई और के के शर्मा, मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रह्मण्यम और राज्यपाल के प्रधान सचिव उमंग नरुला ने बैठक में भाग लिया। अधिनियम के तहत सभी लंबित कार्यवाही तुरंत रद्द हो जाएंगी और समाप्त हो जाएंगी। हालांकि, एसएसी ने निर्देश दिया कि निरस्त अधिनियम के प्रावधानों के तहत की गई कोई भी कार्रवाई अमान्य नहीं होगी। जम्मू-कश्मीर राज्य भूमि (कब्जे के लिए स्वामित...
प्रकृति एवं पर्यावरण की उपेक्षा क्यों?

प्रकृति एवं पर्यावरण की उपेक्षा क्यों?

TOP STORIES, विश्लेषण
विश्व पर्यावरण संरक्षण दिवस प्रति वर्ष पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने एवं लोगों को जागरूक करने के सन्दर्भ में सकारात्मक कदम उठाने के लिए २६ नवम्बर को मनाया जाता है। यह दिवस संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) के द्वारा आयोजित किया जाता है। पिछले करीब तीन दशकों से ऐसा महसूस किया जा रहा है कि वैश्विक स्तर पर वर्तमान में सबसे बड़ी समस्या पर्यावरण से जुडी हुई है। इसके संतुलन एवं संरक्षण के सन्दर्भ में पूरा विश्व चिन्तित है। पर्यावरण चिन्ता की घनघोर निराशाओं के बीच एक बड़ा प्रश्न है कि कहां खो गया वह आदमी जो स्वयं को कटवाकर भी वृक्षों को काटने से रोकता था? गोचरभूमि का एक टुकड़ा भी किसी को हथियाने नहीं देता था। जिसके लिये जल की एक बूंद भी जीवन जितनी कीमती थी। कत्लखानों में कटती गायों की निरीह आहें जिसे बेचैन कर देती थी। जो वन्य पशु-पक्षियों को खदेड़कर अपनी बस्तियां बनाने का बौना स्वार्थ नहीं...
चीन की तर्ज पर कठोर और प्रभावी जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की मांग

चीन की तर्ज पर कठोर और प्रभावी जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की मांग

BREAKING NEWS, सामाजिक
  भाजपा नेता और सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने चीन की तर्ज पर कठोर और प्रभावी जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की मांग किया है! इंडिया गेट पर हम दो - हमारे दो अभियान की शुरूआत करते हुए उन्होंने केंद्र सरकार से आगामी संसद सत्र में चीन की तर्ज पर तत्काल एक कठोर और प्रभावी जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की मांग किया ! उपाध्याय इसके पहले जनसंख्या नियंत्रण के लिए सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका भी दाखिल कर चुके हैं !   उपाध्याय ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ प्रत्येक वर्ष 25 नवंबर को महिला हिंसा उन्मूलन दिवस मनाता है लेकिन महिलाओं पर हिंसा बढ़ती जा रही है और इसका मुख्य कारण जनसँख्या विस्फोट है! उन्होंने कहा कि बेटी पैदा होने के बाद महिलाओं पर शारीरीक और मानसिक अत्याचार किया जाता है, जबकि बेटी पैदा होगी या बेटा, यह महिला नहीं बल्कि पुरुष पर निर्भर है! बेटियों को ...
दिन ब दिन टूटते रिश्ते

दिन ब दिन टूटते रिश्ते

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हाल ही में जापान की राजकुमारी ने अपने दिल की आवाज सुनी और एक साधारण युवक से शादी की। अपने प्रेम की खातिर जापान के नियमों के मुताबिक, उन्हें राजघराने से अपना नाता तोड़ना पड़ा। उनके इस विवाह के बाद अब वे खुद भी राजकुमारी से एक साधारण नागरिक बन गईं हैं। कैम्ब्रिज के ड्यूक और ब्रिटेन के शाही परिवार के राजकुमार विलियम ने एक साधारण परिवार की कथेरिन मिडलटन से विवाह किया (2011) और आज दुनिया भर में एक आदर्श जोड़े के रूप में पहचाने जाते हैं। स्वीडन की राजकुमारी विक्टोरिया ने स्वीडन के एक छोटे से समुदाय से आने वाले डेनियल वेसलिंग से  शादी की (2010)। डेनियल कभी उनके पर्सनल ट्रेनर हुआ करते थे। मोनाको के राजकुमार रेनियर तृतीय ने हॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री ग्रेस केली से विवाह किया(1956)। 1982 में एक कार दुर्घटना में अपनी मृत्यु तक वे मोनाको की राजकुमारी के रूप में रेनियर तृतीय ही नहीं मोनाको के लोगों...
घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए क्यों ज़रूरी है वेतनभोगी अवकाश?

घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए क्यों ज़रूरी है वेतनभोगी अवकाश?

TOP STORIES, सामाजिक
25 नवंबर को महिला हिंसा को समाप्त करने के लिये अन्तर्राष्ट्रीय दिवस के उपलक्ष्य पर, सरकारी सेवायें प्रदान कर रहे श्रमिक यूनियनों ने एक अभियान को आरंभ किया जिसकी मुख्य मांग है: घरेलू हिंसा से प्रताड़ित महिला को वेतनभोगी अवकाश मिले जो उसको न्याय दिलवाने में सहायक होगा. स्वास्थ्य को वोट अभियान और आशा परिवार से जुड़ीं महिला अधिकार कार्यकर्ता शोभा शुक्ला ने कहा कि हिंसा और हर प्रकार के शोषण को समाप्त करने के लिए, श्रम कानून और नीतियों में जो बदलाव ज़रूरी हैं, उनमें यह मांग शामिल है. पब्लिक सर्विसेज इंटरनेशनल की क्षेत्रीय सचिव केट लयपिन ने कहा कि वैश्विक स्तर पर #metoo ‘मीटू’ अभियान से, विशेषकर कि उच्च उद्योग में, यौन हिंसा के मुद्दे उजागर हुए हैं, परन्तु रोज़गार देने वालों की भूमिका और श्रम कानून में जो बदलाव होने चाहिए जिससे कि कार्यस्थल महिलाओं के लिए सुरक्षित हो, उनको उतना ध्यान नहीं मिला. ...
आंकड़ों की हेराफेरी से जनधन योजना की नाकामी छिप नहीं सकती

आंकड़ों की हेराफेरी से जनधन योजना की नाकामी छिप नहीं सकती

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने चार साल के कार्यकाल में एक से एक योजना और अभियान चलाए। चार साल के बाद ये जानना तो लाजिमी हो जाता है कि आखिर केन्द्र की मोदी सरकार के द्वारा चलाए गए अभियानों और योजनाओं का लाभ अवाम को कितना मिला है। आदर्श ग्राम योजना, स्वच्छता अभियान, स्मार्टसिटी के साथ ही ऐसी तमाम योजनाएं है जिनका सरोकार सीधे जनता है। आज हम उस जनधन योजना की यथा स्थिति के बारे में जानने का प्रयास करते है जिसका आम गरीब की आर्थिक बेहतरी से सीधे-सीधे नाता रहा है। बता दे कि मोदी सरकार की जन धन योजना और स्वच्छ भारत जैसी कुछेक योजनाएं ही देश के मन को लुभाने में कामयाब रही है जबकि इसी दौरान पेश अन्य योजनाएं लोगों के दिलो दिमाग में खास जगह नहीं बना पायी हैं। लेकिन व्यवहारिकता के धरातल पर देखा जाए तो ये योजनाएं भी प्रचार-प्रसार का ही एक माध्यम बन कर रह गई है। इसकी सफलता को लेकर जितने ढ़ोल पीटे गए व...
सोनिया के अस्तित्व को नकारती कांग्रेस

सोनिया के अस्तित्व को नकारती कांग्रेस

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अंग्रेजी में एक कहावत है "नो योरसेल्फ एंड बी योरसेल्फ" यानी खुद को जानो और फिर वैसा ही आचरण करो। शायद इसी वाक्य से प्रेरित होकर, लगता है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी खुद को जानने की एक अनंत यात्रा पर निकले हैं। वे अपनी स्वयं की ही खोज में निकले हैं। चूंकि यह कोई छोटा विषय तो है नहीं, इसलिए हर महत्वपूर्ण कार्य की ही तरह इस कार्य को भी वो केवल विशेष मुहूर्तों में ही करते हैं। जी हाँ "मुहूर्त", अर्थात किसी कार्य की सिद्धि या फिर उसमें सफलता प्राप्त करने का सर्वोत्तम समय। अगर कार्य का उद्देश्य आध्यत्मिक फल की प्राप्ती होता है तो यह मुहूर्त सनातन धर्म के पंडित से निकलवाया जाता है। लेकिन अगर कार्य का उद्देश्य राजनैतिक फल की प्राप्ति होता है तो इसका मुहूर्त राजनैतिक पंडित निकलते हैं। जिस प्रकार हिन्दू धर्म के पंडित पंचांग से तिथियाँ देखकर सर्वश्रेष्ठ तारीख बताते हैं, उसी प्रकार राजनीति के व...
चैक डैम के पानी ने बदली आदिवासी किसानों की जिंदगी

चैक डैम के पानी ने बदली आदिवासी किसानों की जिंदगी

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  पानी व किसान का चोली और दामन का साथ है। पानी की महत्ता को अगर कोई अच्छे से जानता है तो वह है किसान। किसान को एक बार पीने का पानी नही मिले तो चल जाए लेकिन उसे उसकी फसल को सिंंंचने का पानी नही मिले तो वह बावरा हो जाता है।   फसल को हर हाल में पानी मिले इसके लिए कुछ भी कर सकता है। दुर्भाग्य तो ये है कि सरकारें किसानों को सहज रूप से व्यापक स्तर पर पानी उपलब्ध नही करा पाती है लेकिन उनके व्यक्तिगत प्रयासों से जो उत्पादन बढ़ता है उसका श्रेय लेने में कभी पीछे नही हटती है। हालाकि सरकारों की दोगली नीति से किसान को कोई फर्क नही पड़ता है। वह अपनी आर्थिक समृद्धि के लिए व्यक्तिगत रूप से देश के हर इलाके में अपने-अपने स्तर पर नए-नए प्रयोग करते रहता है। किसानों का ऐसा ही एक नवाचार झाबुआ जिले की थांदला तहसील के गावों में देखने को मिला। गोपालपुरा, छोटी बिहार व भीमपुरा वह चंद गांव है जिनमें यहां के आ...
जलने की घटनाओं की रोकथाम में मददगार हो सकता है राष्ट्रीय कार्यक्रम

जलने की घटनाओं की रोकथाम में मददगार हो सकता है राष्ट्रीय कार्यक्रम

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जलने की घटनाओं की रोकथाम, इससे प्रभावित मरीजों के पुनर्वास और उनके गुणवत्तापूर्ण जीवन को सुनिश्चित करने के लिए अब एक राष्ट्रीय कार्यक्रम चलाए जाने पर जोर दिया जा रहा है। नई दिल्ली में आयोजित इंटरनेशनल सोसायटी फॉर बर्न इंजुरीज (आईएसबीआई) के 19वें सम्मेलन में यह बात उभरकर आयी है। इस पांच दिवसीय सम्मेलन में जलने के उपचार, प्रबंधन और पुनर्वास के लिए कार्यरत दुनियाभर के विशेषज्ञ एकजुट हुए हैं। इस सम्मेलन में मौजूद नई दिल्ली स्थित सर गंगाराम अस्पताल के वरिष्ठ परामर्शदाता और आईएसबीआई के पूर्व अध्यक्ष डॉ राजीव आहूजा ने कहा कि “भारत में हर साल जलने से जख्मी होने के कारण सात से आठ लाख मरीज विभिन्न अस्पतालों में दाखिल होते हैं। बड़े पैमाने पर हो रही जलने की घटनाएं किसी स्वास्थ्य आपदा से कम नहीं हैं। इसीलिए, पीड़ितों की देखभाल के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाये जाने की जरूरत है। जलने से जख्मी होने की...