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Author: Dialogue India

क्या “सिम्प्लिसिटीबी” शोध से टीबी उपचार सरल बनेगा?

क्या “सिम्प्लिसिटीबी” शोध से टीबी उपचार सरल बनेगा?

Today News, TOP STORIES, विश्लेषण
विश्व स्वास्थ्य संगठन की नवीनतम वैश्विक ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) रिपोर्ट के अनुसार, टीबी दवा प्रतिरोधकता (ड्रग रेजिस्टेंस) अत्यंत चिंताजनक रूप से बढ़ोतरी पर है । यदि किसी दवा से रोगी को प्रतिरोधकता उत्पन्न हो जाए तो वह दवा रोगी के उपचार के लिए निष्फल रहेगी। टीबी के इलाज के लिए प्रभावकारी दवाएँ सीमित हैं। यदि सभी टीबी दवाओं से प्रतिरोधकता उत्पन्न हो जाए तो टीबी लाइलाज तक हो सकती है। हर साल टीबी के 6 लाख नए रोगी टीबी की सबसे प्रभावकारी दवा 'रिफ़ेमपिसिन' से प्रतिरोधक हो जाते हैं और इनमें से 4.9 लाख लोगों को एमडीआर-टीबी होती है (एमडीआर-टीबी यानि कि 'रिफ़ेमपिसिन' और 'आइसोनीयजिड' दोनों दवाओं से प्रतिरोधकता)। दवाएं असरकारी होंगी तभी तो पक्का इलाज होगा! टीबी का पक्का इलाज तो है यदि ऐसी दवाओं से इलाज हो जिनसे प्रतिरोधकता नहीं उत्पन्न हुई हो. स्वास्थ्य अधिकार कार्यकर्ता और सीएनएस (सिटिज़न न्यूज़ स...
भगवान श्रीकृष्ण की उपासना एवं उसका शास्त्रीय आधार

भगवान श्रीकृष्ण की उपासना एवं उसका शास्त्रीय आधार

धर्म
सारणी १. श्रीकृष्णजन्माष्टमीकी तिथिका महत्त्व २. श्रीकृष्णजन्माष्टमीके दिन आकाशमें रंगोंके माध्यमसे श्रीकृष्णके विराट रूपके दर्शन होनेकी अनुभूति होना ३. श्रीकृष्णजन्माष्टमी मनानेकी पद्धति ४. श्रीकृष्णजन्माष्टमी उत्सव ५. श्रीकृष्णजन्माष्टमी व्रत ६. श्रीकृष्णजन्माष्टमी व्रतसंबंधी उपवास ७. श्रीकृष्णजन्माष्टमीके दिन की जानेवाली पूजाकी विधि ८. पूजाका पूर्वायोजन ९. श्रीकृष्णकी पूजाविधिमें अंतर्भूत कृत्योंका शास्त्राधार १. श्रीकृष्णजन्माष्टमी की तिथि का महत्त्व         भगवान श्रीकृष्ण पूर्णावतार हैं । उनकी श्रेष्ठता, कृतज्ञता शब्दोंमें व्यक्त करना हम जैसे सामान्य व्यक्तियोंके लिए असंभवसी बात है । महाभारत, हरिवंश एवं भागवत अनुसार निश्चित की गई कालगणनाके अनुसार, ईसापूर्व ३१८५ वर्षमें, श्रावण कृष्ण अष्टमीकी मध्यरात्रि, रोहिणी नक्षत्रमें भगवान श्रीकृष्णका जन...
मृत्यु को महोत्सव बनाने का विलक्षण उपक्रम है संथारा

मृत्यु को महोत्सव बनाने का विलक्षण उपक्रम है संथारा

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जैन धर्म में संथारा अर्थात संलेखना- ’संन्यास मरण’ या ’वीर मरण’ कहलाता है। यह आत्महत्या नहीं है और यह किसी प्रकार का अपराध भी नहीं है बल्कि यह आत्मशुद्धि का एक धार्मिक कृत्य एवं आत्म समाधि की मिसाल है और मृत्यु को महोत्सव बनाने का अद्भुत एवं विलक्षण उपक्रम है। तेरापंथ धर्मसंघ के वरिष्ठ सन्त ‘शासनश्री’ मुनिश्री सुमेरमलजी ‘सुदर्शन’ ने इसी मृत्यु की कला को स्वीकार करके संथारे के 10वें दिन चैविहार संथारे में दिनांक 4 अगस्त 2018 को सुबह 05.50 बजे देवलोकगमन किया। मुनिश्री ने गत दिनांक 26 अगस्त को सायं 07.43 पर तिविहार संथारे का प्रत्याख्यान किया था। उनको 3 मिनट का चैविहार संथारा आया। मुनिश्री की पार्थिव देह अंतिम दर्शनों हेतु अणुव्रत भवन, 210, दीनदयाल उपाध्याय मार्ग में रखा गया, जहां से उनकी समाधि यात्रा दरियागंज, लालकिला होते हुए निगम बोध घाट पहुंची। हजारों श्रद्धालुजनों सहित अनेक राजनेताओं, साह...
Mother Dairy introduces curd from cow-milk

Mother Dairy introduces curd from cow-milk

TOP STORIES, समाचार
After great success of introducing cow-milk, Mother Dairy has taken welcome step to introduce curd made out of cow-milk. Mother Dairy should also introduce malaidaar curd made out of its Premier-milk with extra fat-contents. However Mother Dairy by introducing 400-gms pack of curd made out of cow-milk has deviated from metric-spirit of packaging. Mother Dairy and other giants in milk-marketing should be directed to pack all their products only in packs of 100, 200 and 500 gms or mltrs and thereafter in packs of 1, 2, 5 and 10 kgs or ltrs as the case may be. However milk should not have one-litre pack because people are compelled to purchase one-litre pack when 500-mltrs packs are not available. Many giants in milk-marketing also have unusual economy packs of six-ltrs, which instead should ...
Steroids mixed in unbranded medicines (powders and syrups)

Steroids mixed in unbranded medicines (powders and syrups)

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There are reports that many a times some medical-practitioners including in unani, ayurvedic and homeopathic fields mix strong doses of steroids in unbranded medicines like powders and syrups in a bid to exhibit their self-acclaimed expertise in curing diseases. Central government should formulate some effective remedy to overcome the problem. Even though remedy lies in banning unbranded medicines, but the step is liable to open a pathway for minting money for drug manufacturers. Best remedy is that Central government may establish its own production units for all types of medicines including allopathic, unani, homeopathic and ayurvedic like once it had Indian Drugs & Pharmaceuticals Limited (IDPL) to provide cheaper branded medicines in all fields of medicines so that it may be fea...
Kolkata 50-years old bridge-collapse – case of murder not of mere accident

Kolkata 50-years old bridge-collapse – case of murder not of mere accident

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Sudden day-light collapse of just 50-years old Majherhat-bridge in Kolkata on 04.09.2018, third such incident in past six years, is a clear-cut case of corruption and negligence in public-projects. Bridges built during British regime in India including nearby Howrah bridge are much more reliable and strong even after more than a century of their completion. Any enquiry into corruption in building the collapsed bridge may now lead to nowhere because those found guilty might have been dead by now. However a fast-track enquiry by a Special Investigation Team under supervision of Kolkata High Court with wide-ranging terms for enquiry including suggesting ways to check corruption and malpractices in public-projects may perhaps tend to check such future accidents. Case of murder and not mere acc...
Public being looted in name of notarization of documents

Public being looted in name of notarization of documents

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System allows a fixed fees for getting any document duly attested and notarized by persons authorized as Notary-Public, by recording complete details in the registers required to be maintained by persons authorized as Notary-Public. Similar may be system for Oath-Commissioners. But it is common practice in Delhi that many persons charge fees as Notary-Public by simply putting a round rubber-stamp on documents without even having a register where complete details about documents are to be recorded and numbered to be endorsed on notarized documents also. There is no provision to check authenticity of such persons acting as Notary Public. It is a common practice that many authorized Notary Public maintaining proper registers for keeping record of notarized documents charge heavily in tunes of...
Computerisation in medical profession should be compulsory

Computerisation in medical profession should be compulsory

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It should be made mandatory for new-age medical practitioners to issue prescriptions direct from the computer after storing medical history of patients in their computers. Many medical practitioners especially in lower-income localities give their own-prepared medicinal syrups and powder-capsules without letting patients know about the medicines being administered to them. In emergency-era of 1975-1977, such unhealthy practice was effectively checked by making all medical practitioners to compulsorily maintain record of each patient visiting them and also binding every medical practitioner to compulsorily give a copy of prescription of administered or prescribed medicines even though given by the medical practitioner. Such medical discipline should be restored in larger public interest. Ho...
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आरक्षण आस या फांस भारत की एकता और अखंडता को बरकरार रखने के क्रम में विभाजनकारी ताकतों से देश को बचाये रखना एक बड़ी चुनौती है। विदेशी ताकतों के द्वारा लगातार भारत को कमजोर करने और विभाजित करने का षड्यंत्र होता रहा है। भारत की सीमाओं पर पाकिस्तान और चीन लगातार देश को अस्थिर करने की कोशिश करते हैं तो बांग्लादेश सीमा से घुसपैठ एक बड़ा सरदर्द बन गया है। असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के बाद लाखों की संख्या में बांग्लादेशी घुसपैठियों की सरकारी पुष्टि हो चुकी है। रोहिंग्या का विषय अभी तक सुलझा नहीं है। विपक्षी दल गठबंधन की आड़ में राष्ट्रविरोधी ताकतों को प्रश्रय देने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। 2014 की प्रचंड जीत के बाद जिस तरह राज्यों में मोदी का जादू फैलता गया और उसके द्वारा हिन्दू वोट बैंक एकजुट होता गया, उसके बाद षड्यंत्रकारी ताकतों के द्वारा मोदी विरोध के नए नए पैंतरे खेले जाने लगे। ...
जर्मनी से राहुल का मोदी पर हमला?

जर्मनी से राहुल का मोदी पर हमला?

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  मॉब लिंचिग के पीछे है बेरोजगारी का दर्द भारत में इन दिनों मॉब लिंचिंग की घटनाओं ने सत्ता से लेकर समाज तक सभी को परेशान कर रखा है। कोई नहीं जानता है कि कब किसकी मौत किसके हाथों हो जाए। कभी गाय की हत्या करने पर, कभी किसी जाति विशेष का होने पर या फिर कभी किसी भी छोटे से विवाद के बदले अब लोग पीटपीटकर मार देने को ?ही इंसाफ समझ रहे हैं। पर राहुल गांधी का कहना है कि यह सब बेरोजगारों के कारण हो रहा है। वे दुखी हैं, परेशान हैं और इसलिए मॉब लिंचिंग की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। यह तर्क कितना सच है यह तो देश जानता है पर इस मसले की आड़ लेकर उन्होंने पीएम मोदी को निशाने पर लिया है। राहुल गांधी ने जर्मनी से इंटरनेशनल मीडिया के सामने पीएम मोदी के खिलाफ बयानबाजी की। उन्होंने जर्मनी के हैम्बर्ग में कहा कि भारत में भीड़ द्वारा लोगों की पीट-पीटकर हत्या (मॉब लिंचिंग) किये जाने की घटनाएं बे...