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Author: Dialogue India

भारत की प्रतिष्ठा धूमिल करने के राहुली प्रयास

भारत की प्रतिष्ठा धूमिल करने के राहुली प्रयास

TOP STORIES, विश्लेषण, समाचार
-ललित गर्ग - देश पर सर्वाधिक समय शासन करने वाली कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर विदेशी की धरती पर होहल्ला मचाते हुए भारत की छवि को धूमिल करने का घृणित एवं गैरजिम्मेदाराना काम किया है। गांधी ने लंदन की कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में पेगासस को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। वह देश में इस तरह की बातें करते ही रहे हैं कि मोदी सरकार के चलते भारतीय लोकतंत्र खतरे में है और सरकार से असहमत लोगों के साथ विपक्ष की आवाज दबाई जा रही है। वह वहां यह भी कह गए कि भारत की सभी संस्थाओं और यहां तक कि न्यायालयों पर भी सरकार का कब्जा है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं उनके सरकार चलाने के तौर-तरीकों की तीव्र आलोचना की, जो महज खिसियाहट भरी अभद्र राजनीति का ही परिचायक नहीं था, बल्कि इसका भी प्रमाण था कि संकीर्ण राजनीतिक स्वार्थों के लिए कोई किस हद तक जा सकता है, देश के गौरव को दाव पर लगा स...
कैसे मिली होली को अखिल भारतीय पहचान

कैसे मिली होली को अखिल भारतीय पहचान

TOP STORIES, राष्ट्रीय, सामाजिक
 आर.के. सिन्हा कोरोना के कारण दो-तीन सालों तक जन धड़कन के पर्व होली का रंग फीका सा पड़ने लगा था। होली मिलन समारोहों पर भी विराम सा लग गया था। पर इस बार लगता है कि देश रंगोत्सव को पुराने अंदाज में मनाने जा रहा है। होली के रंग फिजाओं में बिखरे हैं। कहीं गुलाल और गुजिया की खुशबू को तो कहीं दही बड़ा और मालपुआ के अनोखे स्वाद को हर तरफ महसूस किया जा रहा है। होली मिलन समारोहों की भी वापसी हो चुकी है। इनके आयोजन लखनऊ से रायपुर, मुम्बई तथा पटना से दिल्ली वगैरह में सभी जगह हो रहे हैं। सब एक-दूसरे से गले मिल रहे हैं। गिले-शिकवे भुलाए जा रहे हैं। यही मौका है कि जब विभिन्न दलों के तमाम राजनीतिक नेता भी अपने मतभेद भुलाकर एक साथ होली खेलें और राष्ट्र निर्माण में लग जाएं। आखिर यह देश तो सबका है। राष्ट्र के प्रति जिम्मेवारी भी सबकी ही है I एक दौर था जब होली पर अटल बिहारी वाजपेयी के आवास पर भव्य...
LESSONS FROM ERODE BY ELECTION  IN TAMIL NADU – FINDINGS OF THE STUDY

LESSONS FROM ERODE BY ELECTION  IN TAMIL NADU – FINDINGS OF THE STUDY

राज्य
Nandini Voice for the Deprived, a Chennai based  not for profit organization , sought the views of the cross section of people  about the lessons from Erode by election. The contacted persons  included  retired government officials, representatives of NGOs, educationists and senior citizens. Highlights  of the  study is given below Tamil Nadu’s dubious distinction Certainly , it does not enhance the reputation of Tamil Nadu when one has to admit the fact that Tamil Nadu has become notorious for malpractices in the by elections . In the past, Tamil Nadu had the dubious distinction of evolving malpractice models , which are now widely known as  “Thirumangalam formula” , “Aravakurichi formula”  and so many others . Now,  it appe...
सुप्रीम कोर्ट का यह “न्यायिक आतंकवाद” 

सुप्रीम कोर्ट का यह “न्यायिक आतंकवाद” 

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES
चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति का फैसला ख़ारिज कर कूड़ेदान में डाल दो -बेशर्मी और निर्लज्जता की पराकाष्ठा दिखाता है यह फैसला -प्रधानमंत्री के हाथ काटने की कोशिश - आतंकवाद गतिविधि को अंजाम देने के लिए आतंकवादी दूसरे के घर, शहर, या मुल्क में घुसकर हमला करते हैं और आज ऐसा ही हमला सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के घर में घुसकर किया है - चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए “कॉलेजियम” बनाने का फैसला देश में अराजकता फैलाने का काम करेगा क्योंकि इस कॉलेजियम में प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और CJI होंगे - यानी 3 सदस्यों के पैनल में प्रधानमंत्री के खिलाफ जब 2 व्यक्ति होंगे तो चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति असंभव ही हो जाएगी क्योंकि ये दोनों व्यक्ति तो सरकार और मोदी विरोधी ही होंगे जिनमें Genes तो एक जैसे ही हैं और यह अराजकता का कारण बनेगा - जस्टिस केएम जोसेफ ने नवम्बर, 2022 में अपने इरादे स्पष्ट कर दिए थ...
अंगदान न होने से देश में हर साल पांच लाख मौतें

अंगदान न होने से देश में हर साल पांच लाख मौतें

TOP STORIES, विश्लेषण, सामाजिक
दुर्भाग्य ! देश में 640 चिकित्सा महाविद्यालय और अस्पताल हैं, जिनमें अंग प्रत्यारोपण और स्तंभ कोशिका से उत्पादन का काम किया जा सकता है, लेकिन चंद चिकित्सा संस्थानों में ही अंग प्रत्यारोपण व उत्सर्जन की शल्य क्रिया सुविधा उपलब्ध है। अब इनमें अंग प्रत्यारोपण व उत्सर्जन के पाठ्यक्रम भी नवीन चिकित्सा शिक्षा में जोडे गए हैं। चौंकिए मत ! देश में अंगों की अनुपलब्धता के कारण हर साल पांच लाख लोगों की मौत हो जाती है। इसके मुकाबले वर्ष 2022 में पंद्रह हजार अंगों का प्रत्यारोपण ही हो सका है। लोगों की जान बचाने के लिए जरूरत और उपलब्धता के बीच की इस खाई को पाटना जरूरी है। इसके दो ही उपाय हैं। पहला,अंगदान के लिए लोगों को जागरूक किया जाए और दूसरा, स्तंभ कोशिकाओं यानी स्टेम सेल के जरिए अंगों का उत्पादन बढ़ाया जाए।इस प्रक्रिया को सरल और सुलभ बनाने के लिए भारत सरकार ‘एक राष्ट्र-एक नीति’ लागू करने जा रही ह...
ध्यान देने लायक चार घटनाएं

ध्यान देने लायक चार घटनाएं

EXCLUSIVE NEWS, राष्ट्रीय
डॉ. वेदप्रताप वैदिक कल भारत में घटी चार घटनाओं ने विशेष ध्यान खींचा। पूर्वोत्तर के तीन राज्यों के चुनाव परिणाम, चुनाव आयोग की नियुक्ति, अडानी-हिंडनबर्ग विवाद की जांच और जी-20 का विदेश मंत्री सम्मेलन। यह सम्मेलन पिछली तीनों घटनाओं के मुकाबले कम ध्यान आकर्षित कर सका लेकिन इसमें भारत के द्विपक्षीय हितों का उत्तम संपादन हो सका। यूक्रेन का मामला छाया रहा, कोई संयुक्त वक्तव्य जारी नहीं हुआ लेकिन पहली बार रूस और अमेरिका के विदेश मंत्री मिले। भारत के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री से कई विदेशी नेताओं की आपसी भेंट में कई नए समीकरण बने। जहां तक त्रिपुरा, नगालैंड और मणिपुर के चुनावों का सवाल है, तीनों राज्यों में भाजपा का बोलबाला हो गया है। मणिपुर में भी भाजपा सत्ता में शामिल हो जाएगी। दूसरे शब्दों में पूर्वोत्तर में भाजपा का बढ़ता हुआ वर्चस्व राष्ट्रीय एकता के लिए शुभ-संकेत है। एक तो पूर्वोत्तर के...
जन्मदिन के साथ ‘भाई-दूज’ मनाएंगी शिवराजसिंह की लाड़ली बहना

जन्मदिन के साथ ‘भाई-दूज’ मनाएंगी शिवराजसिंह की लाड़ली बहना

EXCLUSIVE NEWS, राज्य, सामाजिक
5 मार्च जन्मदिन पर विशेषजन्मदिन के साथ ‘भाई-दूज’ मनाएंगी शिवराजसिंह की लाड़ली बहनामनोज कुमारकल 5 मार्च को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की उम्र में एक वर्ष का और इजाफा हो जाएगा। इस बार उन्होंने अपना जन्मदिन नहीं मनाने का ऐलान किया है लेकिन यह पहला अवसर होगा जब उनके जन्मदिन के साथ प्रदेश भर में उनकी लाडली बहना ‘भाईदूज’ भी मनाएंगी। ‘भाईदूज’ भारतीय संस्कृति का एक ऐसा पवित्र संस्कार है जिसमें भाई अपनी बहनों की सुरक्षा और समृद्धि का वचन देता है। मातृशक्ति का आंचल शिवराजसिंह के लिए मंगल कामनाओं से भरा-पूरा है। लाडली बहना शिवराजसिंह चौहान के लिए आशीष और उनकी कामयाबी के लिए ईश्वर से प्रार्थना करेंगी। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान वैसे भी स्त्री समाज की बेहतरी के लिए हमेशा से चिंतित और सक्रिय रहे हैं। इस क्रम में उन्होंने हाल ही में ‘लाडली बहना’ योजना का ऐलान किया है और संयोग से इस योजना का आरंभ कल ...
विदेश नीतिः दोनों से दोस्ती

विदेश नीतिः दोनों से दोस्ती

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
डॉ. वेदप्रताप वैदिक जी-20 और क्वाड के सम्मेलन भारत में संपन्न हुए। इनसे हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत की छवि तो खूब चमकी और भारत के कई राष्ट्रों के साथ आपसी संबंध भी बेहतर हुए लेकिन जी-20 ने कोई खास फैसले किए हों, ऐसा नहीं लगता। वह रूस-यूक्रेन युद्ध रूकवाने में सफल नहीं हो सका। आतंकवाद और सरकारी भ्रष्टाचार को रोकने पर दो अलग-अलग बैठकों में विस्तार से चर्चा हुई लेकिन उसका नतीजा क्या निकला? शायद कुछ नहीं। सभी देशों के वित्तमंत्रियों और विदेश मंत्रियों ने दोनों मुद्दों पर जमकर भाषण झाड़े लेकिन उन्होंने क्या कोई ऐसी ठोस पहल की, जिससे आतंकवाद और भ्रष्टाचार खत्म हो सके या उन पर कुछ काबू पाया जा सके? इन दोनों मुद्दों पर रटी-रटाई इबारत फिर से पढ़ दी गई। क्या दुनिया के किसी देश में ऐसी सरकार हैं, जिसके नेता ये दावा कर सकें कि वे सत्ता में आने और बने रहने के लिए साम, दाम, दंड, भेद का स...
मुद्रा स्फीति पर अंकुश क्यों जरूरी

मुद्रा स्फीति पर अंकुश क्यों जरूरी

BREAKING NEWS, TOP STORIES, आर्थिक, विश्लेषण
कोरोना महामारी के बाद से पूरे विश्व में मुद्रा स्फीति बहुत तेजी से बढ़ी है। भारत में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रा स्फीति 7 प्रतिशत के ऊपर एवं थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रा स्फीति 13 प्रतिशत के ऊपर निकल गई थी। कई विकसित देशों में तो उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रा स्फीति 10 प्रतिशत से भी ऊपर पहुंची थी जो कि पिछले 50 वर्षों की अवधि में सबसे अधिक महंगाई की दर है। मुद्रा स्फीति से आश्य वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि एवं मुद्रा की क्रय शक्ति में कमी होने से है। मुद्रा स्फीति विशेष रूप से समाज के गरीब एवं निचले तबके तथा मध्यम वर्ग के लोगों को बहुत अधिक प्रभावित करती है। क्योंकि, इस वर्ग की आय एक निश्चित सीमा में रहती है एवं इसका बहुत बड़ा भाग उनके खान-पान पर ही खर्च हो जाता है। यदि मुद्रा स्फीति तेज बनी रहे तो इस वर्ग के खान-पान पर भी विपरीत प्रभाव पड़ने लगता है। अतः, मुद्रा स्फ...
पक्ष – विपक्ष के झगड़े – अनुज अग्रवाल

पक्ष – विपक्ष के झगड़े – अनुज अग्रवाल

BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
Anuj Agarwal संसद सत्र में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के प्रधानमंत्री मोदी पर अदाणी को लेकर तीखे व अपमानजनक आरोपों के बाद प्रधानमंत्री मोदी पर कांग्रेसी नेताओं की अपमानजनक टिप्पणियों का एक सिलसिला सा चल पड़ा।कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा को जब इसी मामले में पुलिस में धरा तो बड़े हंगामे व नाटकों के बाद उनको माफ़ी माँगनी पड़ी। राहुल गाँधी इधर विदेशों में अपने भाषणों में भारत में लोकतंत्र ख़तरे में है, जाँच एजेंसियों का दुरपयोग हो रहा है व संवैधानिक संस्थाओं की स्वतंत्रता छिन गई है जैसे आरोप लगा अपनी व देश की मज़ाक़ बनवा रहे हैं।इधर कुछ दिन पूर्व एक पूर्व बसपाई व भाजपाई नेता जो अब समाजवादी पार्टी में हैं कि रामचरितमानस को लेकर की गई विवादास्पद टिप्पणी एक घटिया राजनीतिक बहस में बदल गयी और राम व रामचरितमानस पर श्रद्धा व विश्वास करने वाले वोट के इन लालची नेताओं की गिरी हुई हरकतों को देख ठगे ...