सभी मंदिरों में चलनी चाहिए “माँ अन्नपूर्णा “ जैसी रसोई – गुरु पवन सिन्हा
मौलिक भारत की “मंदिर संकुल और सेवा योजना” से प्रेरित होकर लक्ष्मीनारायण मंदिर, सेक्टर 56, नोएडा में पिछले एक वर्ष से चल रही माँ अन्नपूर्णा रसोई की पहली वर्षगाँठ पर मुख्य अतिथि व वक्ता प्रख्यात आध्यात्मिक चिंतक श्री गुरु पवन सिन्हा जी ने रसोई की संचालन समिति के कार्य को सराहा व कहा कि परंपरागत रूप से भारत में मंदिर आध्यात्मिक चेतना व पूजन स्थल के साथ साथमंदिर संकुल में देव स्थान, ध्यान कक्ष, मंत्रणा कक्ष, सभा/प्रवचन कक्ष, महंत आवास ,यात्री विश्राम ग्रह, यज्ञशाला, धार्मिक पुस्तकालय, वाचनालय, गुरुकुल, गौशाला, सांस्कृतिक कार्यक्रम कक्ष, चिकित्सालय, व्यायामशाला, रसोई व भोजन कक्ष, अन्न कक्ष, तिजोरी कक्ष, बगिया, कौशल विकास केंद्र सब कुछ होता था और मंदिर पूजा व उपासना के साथ ही राज्य के सलाहकार, अन्न व संपदा के केंद्र ( जिसका प्रयोग राज्य आपात स्थिति में करता था) था। मंदिरसंकुल में शिक्षा हेत...