संघीय ढांचे व लोकतांत्रिक मूल्यों के लिये जरूरी ये फ़ैसले
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजों ने देश की शीर्ष अदालत के उन फ़ैसलों से जनमत को जोड़ा है जो देश में कथित “डबल इंजिन” की सरकार जैसी कल्पनाओं को नकारता हैं। आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव के नतीजे शायद यही संदेश की ओर इशारा करते दिखे कि “जिन मुद्दों को लोकतांत्रिक मूल्यों व सर्वमान्य कायदों के आधार पर सुलझाया जा सकता है, उन्हें राजनीतिक जिद और अहंकार इतना जटिल बना देता है कि उन पर अदालतों को निर्णय देने पड़ते हैं।“ इस सबमें जन कल्याण और विकास पीछे छूट जाता है। देश के बड़े दलों के लिए जनता का कर्नाटक और सुप्रीम कोर्ट के ताजे फ़ैसले मर्गदर्शी सिद्धांत हो सकते हैं।
चुनी हुई सरकार गिराने [महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार] के लिये चले राजनीतिक प्रपंच में राज्यपाल की भूमिका और गुट विशेष की राजनीतिक तिकड़मों पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाये, वहीं एक अन्य फैसले में दिल्ली सरकार को अधिकार देकर दायि...