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Author: Dialogue India

पूर्वोत्तर के चुनावी परिणामों के संकेत

पूर्वोत्तर के चुनावी परिणामों के संकेत

BREAKING NEWS, Today News, TOP STORIES, राज्य
त्रिपुरा और नगालैंड में भाजपा को पूर्ण बहुमत मिल चुका है, जबकि मेघालय की त्रिशंकु सरकार में वह भागीदारी करेगी. पूर्वोत्तर के तीन राज्यों त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड के चुनावी नतीजों से देश की राजनीति पर बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ता है. तीनों छोटे-छोटे राज्य हैं, जिनमें लोकसभा की सीटें भी बहुत ज्यादा नहीं है. इसके बावजूद बृहस्पतिवार को इन चुनाव परिणामों पर पूरे देश की नजर लगी हुई थी. इसका कारण इन चुनावों में वैचारिक तौर पर एक-दूसरे की धुर विरोधी कांग्रेस और वामपंथी दलों का आपस में गठबंधन बनाना, हिंदुत्व की राजनीति करने वाली भाजपा का ईसाई बहुल मेघालय में अकेले दम पर उतरना और ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस का त्रिपुरा और मेघालय के जरिये पूर्वोत्तर की राजनीति में दस्तक देने का प्रयास था. चुनावी नतीजे अब घोषित हो चुके हैं. भाजपा ने त्रिपुरा और नगालैंड में अपनी सरकार बरकरार रखना तय कर ल...
चुनाव आयोग पर सुप्रीम कोर्ट का दूरगामी  फैसला

चुनाव आयोग पर सुप्रीम कोर्ट का दूरगामी  फैसला

BREAKING NEWS, TOP STORIES, समाचार
चुनाव आयोग पर सुप्रीम कोर्ट का दूरगामी  फैसला, CJI, PM और लोकसभा में नेता विपक्ष की कमेटी करेगी शीर्ष नियुक्तियां चुनाव आयोग में शीर्ष नियुक्तियों पर सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. सर्वोच्च अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि, मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति अब पीएम, चीफ जस्टिस और लोकसभा में नेता विपक्ष की कमेटी करेगी. सुप्रीम कोर्ट की 5 न्यायाधीशों की पीठ ने 5-0 की सर्वसम्मति से दिए फैसले में कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों का चुनाव तीन सदस्यीय समिति की सलाह पर राष्ट्रपति करेंगे. न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा है, यह नियम तब तक जारी रहेगा जब तक संसद इन नियुक्तियों के लिए कानून नहीं बनाती. चुनाव आयोग के संचालन के लिए अलग से फंड बनाने का आदेश मुख्य चुनाव आयुक्त सम्बंधित आज का सुप्रीम कोर्ट का फ़ैस...
जी – 20 विदेश मंत्रियों की बैठक 

जी – 20 विदेश मंत्रियों की बैठक 

Today News
जी 20 देशों की बहुत महत्वपूर्ण बैठक आज से दिल्ली में शुरू हो रही है !अमेरिका , रूस , फ्रांस , ब्रिटेन , जर्मनी और चीन सहित बीस देशों के विदेश मंत्री इस बैठक में भाग ले रहे हैं !रूस यूक्रेन युद्ध को रोकने , कईं देशों के बीच सीमा विवाद का अंतहीन तनाव समाप्त कराने के लिए इस बैठक का बहुत महत्व है ! कूटनीति बनाने और चलाने में माहिर भारत के मेधावी विदेशमंत्री एस जयशंकर इस बैठक के शानदार परिणाम लाने के लिए जी जान से जुटे हुए हैं !यह बैठक अमेरिका , चीन और भारत के त्रिपक्षीय संबंधों को सुधारने की राह में कारगर प्रयास कर सकती है ! सब जानते हैं की जी 20 का अध्यक्ष पद इस वर्ष भारत के पास है । भारत इसे एक मैगा इवेंट के रूप में ले रहा है । खबर है कि अंतरराष्ट्रीय पॉवर ग्रुप जी 20 की अध्यक्षता का वर्ष समाप्त होने तक भारत में जी 20 के अनेक अनुसंगिक संगठनों की करीब 75 बैठकें भारत में हो चुकी होंगी ।...
नेपाल में अस्थिरता का नया दौर

नेपाल में अस्थिरता का नया दौर

TOP STORIES, राष्ट्रीय
*डॉ. वेदप्रताप वैदिक* नेपाल में नई सरकार को बने मुश्किल से दो माह ही हुए हैं और वहां के सत्तारुढ़ गठबंधन में जबर्दस्त उठापटक हो गई है। उठापटक भी जो हुई है, वह दो कम्युनिस्ट पार्टियों के बीच हुई है। ये दोनों कम्युनिस्ट पार्टियां नेपाल में राज कर चुकी हैं। दोनों के नेता अपने आप को तीसमार खां समझते हैं। हालांकि पिछले चुनाव में ये दोनों कम्युनिस्ट पार्टियां नेपाली कांग्रेस के मुकाबले फिसड्डी साबित हुई हैं। नेपाली कांग्रेस को पिछले चुनाव में 89 सीटें मिली थीं. जबकि पुष्पकमल दहल प्रचंड की कम्युनिस्ट पार्टी को सिर्फ 32 और के.पी. ओली की माओवादी कम्युनिस्ट पार्टी को 78 सीटें मिली थीं। दोनों कम्युनिस्ट पार्टियों ने कुछ और छोटी-मोटी पार्टियों को अपने साथ जोड़कर भानमती का कुनबा खड़ा कर लिया। शेर बहादुर देउबा की नेपाली कांग्रेस धरी रह गई लेकिन पिछले दो माह में ही दोनों कम्युनिस्ट पार्टियों में इतने...
फीके पड़ते होली के रंग

फीके पड़ते होली के रंग

BREAKING NEWS, TOP STORIES, संस्कृति और अध्यात्म
पहले की होली और आज की होली में अंतर आ गया है, कुछ साल पहले होली के पर्व को लेकर लोगों को उमंग रहता था, आपस में प्रेम था। किसी के भी प्रति द्वेष भाव नहीं था। आपस में मिल कर लोग प्रेम से होली खेलते थे। मनोरंजन के अन्य साधानों के चलते लोगों की परंपरागत लोक त्यौहारों के प्रति रुचि कम हुई है। इसका कारण लोगों के पास समय कम होना है। होली आने में महज कुछ ही दिन शेष हैं, लेकिन शहर में होली के रंग कहीं नजर नहीं आ रहे हैं। एक माह तो दूर रहा अब तो होली की मस्ती एक-दो दिन भी नहीं रही। मात्र आधे दिन में यह त्योहार सिमट गया है। रंग-गुलाल लगाया और हो गई होली। जैसे-जैसे परंपराएं बदल रही हैं, रिश्‍तों का मिठास खत्‍म होता जा रहा है। -प्रियंका सौरभ होली एक ऐसा रंगबिरंगा त्योहार है, जिसे हर धर्म के लोग पूरे उत्साह और मस्ती के साथ मनाते रहे हैं। होली के दिन सभी बैर-भाव भूलकर एक-दूसरे से परस्पर गले मि...
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हिंदुत्व का विराट दर्शन

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हिंदुत्व का विराट दर्शन

BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण, साहित्य संवाद
हमलोगों को "हिंदू" कब से कहा जाया जाने लगा ये तो ठीक-ठीक नहीं पता पर मेरे ख्याल से ये नाम हमारे लिए सबसे उपयुक्त नाम है क्योंकि ये सर्वसमावेशी नाम है जो हमारी सामूहिक प्रकृति को सबसे ठीक से परिभाषित करती है। महाभारत के बाद से भारत कई अवैदिक मतों की उद्भव स्थली बनी। बौद्ध, जैन और सिख मत जन्में। अगर और ज्यादा विस्तृत रूप में कहें तो हिंदुत्व वो है जिसमें सनातनी, बौद्ध, जैन, निंबार्ककी, सिख (सिखों में भी सहजधारी, केशधारी) लिंगायत, गृहस्थ, संन्यासी, नास्तिक, वैदिक, अवैदिक, अज्ञेयवादी, निरंकारी, प्रकृति पूजक, मशान पूजक, सुधारवादी, जड़वादी, कैवल्य, रामस्नेही सबके सब इस के अंदर समाहित है। दिक्कत ये हुई कि ये सब जो पंथ-उपपंथ-मत- संप्रदाय आदि जन्में इन सबके अपने गुरु, अपने इष्ट, अपने प्रवर्तक और अपने तीर्थंकर हैं। इनके अपने तीर्थ हैं। अपनी परंपराएं हैं। अपने आश्रम और कर्मकांड हैं तो जब तक इन...
भाषाः गुजरात से सीखें सभी प्रांत

भाषाः गुजरात से सीखें सभी प्रांत

BREAKING NEWS, TOP STORIES, संस्कृति और अध्यात्म
डॉ. वेदप्रताप वैदिक गुजरात की विधानसभा ने सर्वसम्मति से जैसा प्रस्ताव पारित किया है, वैसा देश की हर विधानसभा को करना चाहिए। इस प्रस्ताव में कहा गया है कि गुजरात की सभी प्राथमिक कक्षाओं में गुजराती भाषा अनिवार्य होगी। पहली कक्षा से आठवीं कक्षा के छात्रों के लिए गुजराती पढ़ना अनिवार्य होगा। जो स्कूल इस प्रावधान का उल्लंघन करेंगे, उन पर 50 हजार से 2 लाख रु. तक का जुर्माना लगाया जाएगा। जो स्कूल इस नियम का उल्लंघन एक साल तक करेंगे, राज्य सरकार उनकी मान्यता रद्द कर देगी। गुजरात में बाहर से आकर रहनेवाले छात्रों पर उक्त नियम नहीं लागू होगा। मेरी राय यह है कि गैर-गुजराती छात्रों पर भी यह नियम लागू होना चाहिए, क्योंकि भारत के किसी भी प्रांत से आनेवाले छात्र-छात्राओं के लिए गुजराती सीखना बहुत आसान है। उसकी लिपि तो एक-दो दिन में ही सीखी जा सकती है और जहां तक भाषा का सवाल है, वह भी कुछ हफ्तों में ह...
चीनी कर्ज का मकड़जाल

चीनी कर्ज का मकड़जाल

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
बलबीर पुंज मानव सभ्यता चाहे कितना भी विकास कर लें, उसमें व्याप्त राक्षसी प्रवृतियां आज भी जस की तस है। कमजोर राष्ट्रों को पहले भी शक्तिशाली सेना और हथियारों के बल पर रौंदा गया है और अब भी ऐसा होता है। उद्देश्य वही है, केवल उसका स्वरूप बदल गया है। अब देशों को गुलाम बनाने या उनपर अपना प्रभुत्व जमाने के लिए सैन्यबल से अधिक आर्थिक प्रपंचों का सहारा लिया जाता है। वर्तमान समय में ऐसे शोषण का मूर्त प्रतीक चीन के रूप में उभरा है। आज जहरीले सर्प रूपी चीन का काटा, पानी मांगने की स्थिति में भी नहीं रहता है। भारत के पड़ोस में श्रीलंका और पाकिस्तान, साम्राज्यवादी चीन की कुत्सित मानसिकता का नवीनतम शिकार है। यह ठीक है कि पाकिस्तान काफी हद तक अपने कुकर्मों के कारण संकटमयी स्थिति से गुजर रहा है, जहां पेट भरने के लिए रोटी की भारी किल्लत है, चायपत्ती का अकाल है, खाद्य-तेल की कमी है, तो बिजली का गहरा स...
युवा पीढ़ी क्या सीखे, इन बोलवचनों से ?

युवा पीढ़ी क्या सीखे, इन बोलवचनों से ?

TOP STORIES, राष्ट्रीय, सामाजिक
और मध्यप्रदेश में पूर्व मंत्री राजा पटेरिया को दूसरे प्रयास में हाईकोर्ट से ज़मानत मिल गई, दिल्ली में भी एक कांग्रेस प्रवक्ता को हवाई जहाज से उतारकर आनन-फानन में गिरफ्तार करना और सुप्रीम कोर्ट द्वारा राहत देने के इन प्रकरणों ने कई सवालों को जन्म दिया है। कहना कठिन है कि प्रधानमंत्री के खिलाफ की गई टिप्पणी जुबान फिसलने की घटना थी या इरादतन तंज किया गया था, लेकिन असम में दर्ज मुकदमे में दिल्ली पहुंचकर कार्रवाई करने की घटना में पुलिस की मुस्तैदी ने सबको चौंकाया है। सवाल उठा कि क्या अन्य गंभीर मामलों में भी पुलिस इतनी ही तत्परता दिखाती है? ये घटनाक्रम फिर वही मुद्दा उठाते है कि देश में पुलिस सुधारों की आवश्यकता है। बहरहाल, हाल के दिनों में सरकार द्वारा अभिव्यक्ति की आजादी को लेकर जो तल्ख रवैया अपनाया जा रहा है उसकी गूंज अभी राजनीतिक हलकों में शिद्दत से महसूस की जा रही है। कांग्रेस के नेता ...
घर बनता है घरवालों से !

घर बनता है घरवालों से !

EXCLUSIVE NEWS, सामाजिक
रजनीश कपूरमशहूर कवि अशोक चक्रधर की कविता ‘घर बनता है घरवालों से’ हमें सिखाती है कि घर केवल खिड़की दरवाज़ोंसे नहीं बल्कि उसमें रहने वालों से बनता है। मनुष्य का जीवन रिश्तों से जुड़ा रहता है। रिश्ते यदि मधुर रहें तोजीवन सुखी और खुशहाल रहता है। परंतु रिश्तों में खटास आते ही व्यक्ति टूट जाता है। एक छत के नीचे रहने वालेलोग विभिन्न रिश्तों से जुड़े रहते हैं। रिश्ते चाहे खून के हों या न हों उनमें गहराई तभी आती है जब वे दिल से बनतेहैं।पहले के युग में संयुक्त परिवार होते थे, जो साथ में रहते थे। बड़े परिवारों को साथ में रहने के लिए बड़े मकान कीज़रूरत होती थी। ज़माना बदला और ज़माने के साथ परिवार भी बदले। संयुक्त परिवार अब एकल परिवार होनेलग गये। समय की माँग और कामकाज के चलते जो परिवार हमेशा साथ में रहते थे वे अब केवल त्योहारों में हीसाथ नज़र आने लग गये। ऐसे में घर के बड़े बुजुर्गों ने परिवार के लिए ज...