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Author: Dialogue India

कांग्रेसः ढाक के वही तीन पात!

कांग्रेसः ढाक के वही तीन पात!

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
डॉ. वेदप्रताप वैदिक कांग्रेस पार्टी का 85 वां अधिवेशन अभी पूरा नहीं हुआ है लेकिन अभी तक रायपुर में जो कुछ हुआ है, उसके बारे में क्या कहें? ढाक के वही तीन पात! इंदिरा गांधी के ज़माने से देश की इस महान पार्टी के आकाश से आतंरिक लोकतंत्र का जो सूर्य अस्त हुआ था, वह अब भी अस्त ही है। इसमें कांग्रेेस के वर्तमान नेतृत्व का दोष उतना नहीं है, जितना उसके अनुयायिओं का है। राहुल गांधी का तो मानना है कि कांग्रेस की कार्यसमिति चुनाव के द्वारा नियुक्त होनी चाहिए लेकिन रायपुर अधिवेशन में पार्टी की संचालन समिति ने सर्वसम्मति से तय किया है कि यह नियुक्ति कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ही करेंगे। जिन दो-तीन नेताओं ने शुरू में थोड़ी हिम्मत की और बोला कि कार्यसमिति के लिए चुनाव करवाए जाएं, उन्होंने भी झुण्ड के आगे मुण्ड झुका दिया। खड़गे ने भी कह दिया कि वह सोनिया, राहुल और प्रियंका से सलाह करके कार्यस...
लचर क़ानून व्यवस्था का प्रमाण है अपराध

लचर क़ानून व्यवस्था का प्रमाण है अपराध

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, विश्लेषण
डॉ. शंकर सुवन सिंहभारत जैसे देश में आए दिन अपराध जैसे हत्या,लूट, छिनैती, बलात्कार,धार्मिक उन्माद आदिहोते रहते हैं। अपराध के मामलों में उत्तर प्रदेश भी शिखर पर है। प्रयागराज के नैनी स्थितहुक्का बार में 14 फरवरी 2023 को एक बालू कारोबारी की हत्या कर दी जाती है। अभीहाल ही में 24 फरवरी 2023 को राजू पाल हत्याकांड में मुख्य गवाह उमेश पाल कोदिनदहाड़े सरेआम गोलियाँ और बम से भून दिया जाता है। इस हत्याकांड में उमेश पाल केगनर को भी अपराधी दौड़ाकर गोलियों से भून देते हैं। इस घटना से उत्तर प्रदेश के पुलिसप्रशासन और क़ानून व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह उठना स्वाभाविक है। इस घटना का मुख्यकारण न्याय मिलने में विलम्ब होना और क़ानून व्यवस्था का लचर होना है। उधर पंजाब मेंभारत के अमृतकाल के लिए अमृतपाल कहर बनता जा रहा है। पंजाब में खालिस्तानीसंगठन (वारिस पंजाब दे) का मुखिया अमृतपाल सिंह और उसके गुंडों ने अमृतसर केअजना...
कब खरीदकर पढ़ी जाएंगी किताबें ?

कब खरीदकर पढ़ी जाएंगी किताबें ?

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, सामाजिक
आर.के. सिन्हा आप जब इन पंक्तियों को पढ़ रहे होंगे तब राजधानी में विश्व पुस्तक मेला शुरू हो गया होगा। कोरोना के कारण विश्व पुस्तक मेला बीते कुछ सालों से आयोजित नहीं हो पा रहा था। जाहिर है कि पुस्तक मेले के फिर से आयोजन से शब्दों के शैदाइयों के चेहरे खिले हुए हैं। वे अपने मन-पसंद की किताबें सस्ते दामों पर खरीदेंगे। पर ये भी सच है कि इस डिजिटल दौर में किताबों से पाठकों की दूरियां निश्चित रूप से बढ़ी हैं। बहुत बड़ी संख्या में पाठक अपने मोबाइल पर ही अपनी दिलचस्पी की सामग्री पढ़कर संतुष्ट हो जाते हैं। वे किताबें खरीदने की जरूरत ही नहीं महसूस करते। बेशक, किताबों को फिर से प्रासंगिक तो बनाना ही होगा। वह कितना अज्ञानी समाज होता है जहां पर किताबों के महत्व को सही ढंग से नहीं समझा जाता। आमतौर पर हमारे यहां कहानियों, कविताओं,उपन्यासों, जीवनियों से जुड़ी किताबें बहुतायत में छपती ह...
ख़तरा : जिसके बारे में सबको, सोचना है

ख़तरा : जिसके बारे में सबको, सोचना है

BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
यह तथ्य चौंकाने वाला नहीं, परेशान करने वाला है कि महासागरों का औसत तल वर्ष 1993 के बाद से प्रतिवर्ष 3.2 मिलीमीटर की दर से बढ़ चुका है। वर्ष 2015 से 2019 के बीच तो यह बढ़ोत्तरी 5 मिलीमीटर प्रतिवर्ष तक रही है जबकि वर्ष 2007 से बढ़ोतरी का औसत 4 मिलीमीटर प्रतिवर्ष रहा है। इसका सीधा सा मतलब है कि साल-दर-साल महासागरों के औसत तल में पहले से अधिक बढ़ोत्तरी होती जा रही है। इसके प्रभाव से आबादी का बहुत बड़े पैमाने पर विस्थापन होगा। यह वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा होगा क्योंकि एक बड़ी आबादी का घर और व्यवसाय छूट जाएगा, ठिकाना बदल जाएगा। इसके प्रभाव से अनेक देश भी डूब जायेंगे, जिससे एक बड़ी आबादी ऐसी होगी, जिसका कोई देश नहीं होगा। दुनिया के अधिकतर महानगर महासागरों के किनारे स्थित हैं और जैसे-जैसे महासागरों का तल बढ़ रहा है, पृथ्वी का भूगोल भी बदल रहा है - पानी का क्षेत्र बढ़ता जा ...
अमृतपाल सिंह पर भेजी गई पीएम मोदी की सीक्रेट रिपोर्ट पर अमल क्यों नहीं हुआ ?

अमृतपाल सिंह पर भेजी गई पीएम मोदी की सीक्रेट रिपोर्ट पर अमल क्यों नहीं हुआ ?

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
अमृतपाल सिंह पर भेजी गई पीएम मोदी की सीक्रेट रिपोर्ट पर अमल क्यों नहीं हुआ ?* -देश की एकता और अखंडता को एक बार फिर खतरा पैदा हो रहा है क्योंकि पंजाब में मौजूद केजरीवाल की सरकार खालिस्तानी अलगाववादी तत्वों के प्रति नरम रुख अपना रही है बल्कि उनका तुष्टीकरण भी कर रही है । मीडिया में  शीर्षक के साथ एक खबर प्रकाशित हुई थी... "खालिस्तान समर्थक अमृतपाल पर कार्रवाई ना होने से उठ रहे हैं सवाल" । अमृतपाल को लेकर खुफिया एजेंसियों ने एक रिपोर्ट मोदी सरकार और गृहमंत्री अमित शाह को दी थी जो पंजाब के पुलिस विभाग से शेयर भी की गई थी लेकिन इसके बावजूद भी भगवंत मान ने अमृतपाल और उसके साथी खालिस्तानी तत्वों के सामने सरेंडर कर रखा है -अमृतपाल के समर्थक लवप्रीत ने अमृतपाल पर सोशल मीडिया पोस्ट लिखने वाले एक शक्स को किडनैप करके पीटा था । इस पर पुलिस ने लवप्रीत समेत 30 को आरोपी बनाया था लेकिन 23 फर...
हिण्डनबर्ग का जलवा

हिण्डनबर्ग का जलवा

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अमेरिका में पाँच व्यक्तियों के समूह से निर्मित, एक ऐसी संस्था जिसका मुखिया कभी एक एम्बुलेंस का ड्राइवर हुआ करता था, उन्होंने अपनी सृजनात्मकता और कार्य के प्रति समर्पण की भावना से आज सम्पूर्ण विश्व में अपनी लोकप्रियता का परचम लहराया है। भारतीय दृष्टिकोण के आधार पर यदि इस संस्था का आंकलन किया जाए तो वह विश्व की कम्पनियों का लेखापरीक्षा करने में स्वयं को पूर्णतया ईमानदार और निष्पक्ष सिद्ध कर रही है। यह संस्था सोशल मीडिया से प्राप्त आंकड़ो के आधार पर ही किसी भी कम्पनी का ऑडिट करती है, जिसके अन्तर्गत इस संस्था के सदस्य निरन्तर कम्प्यूटर पर कार्य करते हुए अपनी रिपोर्ट तैयार करते हैं। आज विश्व के निवेशकों का इस संस्था की कार्यप्रणाली पर एक अटूट विश्वास बन चुका है।कोरोनाकाल में भारत की कम्पनियों का प्रदर्शन सम्पूर्ण विश्व की तुलना में सर्वाधिक रहा है। सम्पूर्ण विश्व की दृष्टि, भारत की अचम्भित...
बाइडन की यूक्रेन-यात्रा

बाइडन की यूक्रेन-यात्रा

TOP STORIES, राष्ट्रीय
डॉ. वेदप्रताप वैदिक अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की यूक्रेन-यात्रा ने सारी दुनिया को आश्चर्यचकित कर दिया है। वैसे पहले भी कई अमेरिकी राष्ट्रपति जैसे जाॅर्ज बुश, बराक ओबामा और डोनाल्ड ट्रंप एराक और अफगानिस्तान में गए हैं लेकिन उस समय तक इन देशों में अमेरिकी फौजों का वर्चस्व कायम हो चुका था लेकिन यूक्रेन में न तो अमेरिकी फौजें हैं और न ही वहां युद्ध बंद हुआ है। वहां अभी रूसी हमला जारी है। दोनों देशों के डेढ़ लाख से ज्यादा सैनिक मर चुके हैं। हजारों मकान ढह चुके हैं और लाखों लोग देश छोड़कर परदेश भागे चले जा रहे हैं। यूक्रेन फिर भी रूस के सामने डटा हुआ है। आत्म-समर्पण नहीं कर रहा है। इसका मूल कारण अमेरिका का यूक्रेन को खुला समर्थन है। अमेरिका के समर्थन का अर्थ यही नहीं है कि अमेरिका सिर्फ डाॅलर और हथियार यूक्रेन को दे रहा है, उसकी पहल पर यूरोप के 27 नाटो राष्ट्र भी यूक्रेन की रक्षा के लिए कम...
वैदिक साहित्य में सामाजिक समरसता

वैदिक साहित्य में सामाजिक समरसता

TOP STORIES, संस्कृति और अध्यात्म
~~~~~~~~~ भारतीय साहित्य का जहाँ से उद्गम हुआ, वह स्रोत निर्विवाद रूप से वेद है। वेद आर्ष काव्य की श्रेणी में आते हैं। हमारे प्राचीन ऋषि मनुष्य थे, समाज के साथ थे। वे आपसी प्रेम और सद्भाव को सबसे अधिक मूल्यवान समझते थे। इसीलिए मनुष्य की जिजीविषा, उसके सामाजिक सरोकार और समाजिक जीवन की योजनाओं के सुंदर चित्र वेदों में से बार-बार झाँकते हुए दिखाई पड़ते हैं। सर्वप्रथम वैदिक ऋषियों ने ही उस सामाजिक समरसता की परिकल्पना की, जो परवर्तीकाल में हमें भारतीय साहित्य की आत्मा के रूप में पहचान में आती है। ऋग्वेद के सबसे अंत में जो समापन-गीत है, उस पर हमारा ध्यान जाता है। यह सामाजिक समरसता का पहला गीत है, जो सदियों से समवेत स्वर में गाया जाता है। गीत इस प्रकार है- सं गच्छध्वं सं वदध्वं सं वो मनांसि जानताम्।देवा भागं यथा पूर्वे संजानाना उपासते।।समानो मन्त्र: समिति: समानीसमानं मनः सह चित्तमेषाम्।समा...
Despite high-profile anti-corruption drives, corruption is rampant across India

Despite high-profile anti-corruption drives, corruption is rampant across India

घोटाला
While campaigns for honesty in public and private life by various sources have been taking place for a long time in the country, this has not seen any reduction in the level of corruption in India. The repeated catching of corrupt persons by the vigilance department has also not yielded many benefits as they are only the proverbial tip of the iceberg.  By N S Venkataraman  Representational PhotoIn the last nine years after Narendra Modi assumed office as Prime Minister of India, there is no doubt that India has achieved significant progress and has made rapid strides in multiple directions. Several infrastructure projects, welfare programes, proactive policies toward industrial development, and a number of reform measures have been implemented.   However, one area whe...
पाकिस्तान सम्भले अन्यथा आत्मविस्फोट निश्चित है

पाकिस्तान सम्भले अन्यथा आत्मविस्फोट निश्चित है

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
-ः ललित गर्ग :- पाकिस्तान और चीन दुनिया के दो ऐसे विध्वंसक देश है, जिन्होंने आतंकवाद, युद्ध एवं पडोसी देशों में अशांति फैलाने की राहों को चुनते हुए अपनी बर्बादी की कहानी खुद लिखी है। पाकिस्तानी नेतृत्व ने ही भारत में आतंकवाद फैला कर लिखी अपनी बर्बादी की दास्तां, जिसे अब अब जनता झेल रही है।  रोटी, सब्जी, घी, तेल, दूध की महंगाई, बिजली, पानी, पेट्रोल, यातायात के आसमान छूते दामों ने पाकिस्तानियों के मुंह से निवाला ही नहीं छीना है, बल्कि उन्हें देश छोड़ने पर विवश कर दिया है। पाकिस्तान की हुकूमत दिवालिया होने से बचने के लिए अपनी अधिकतम कोशिशें करते हुए दुनिया के लगभग सभी के आगे हाथ फैला चुकी है, अब आगे रास्ता नजर नहीं आता। संभवतः पाकिस्तान के हालात सुधरने के बजाय दिनोंदिन बिगड़ते ही जा रहे हैं, कहीं से कोई आशा की उम्मीद दिखायी नहीं देती है। भारत ने कई बार दोहराया है कि आतंकवाद को बढ़ावा...