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Author: Dialogue India

भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होगी

भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होगी

राष्ट्रीय
पूरे विश्व में सभी देशों का सकल घरेलू उत्पाद कुल मिलाकर लगभग 100 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर है। इसमें भारत का हिस्सा मात्र 3.50 प्रतिशत है अर्थात भारत का सकल घरेलू उत्पाद लगभग 3.50 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर है। जबकि, पूरे विश्व के 17.5 प्रतिशत से अधिक लोग भारत में निवास करते हैं। जनसंख्या की दृष्टि से तुलना की जाय तो भारत का सकल घरेलू उत्पाद बहुत कम है, जिसे केंद्र सरकार एवं कई राज्य सरकारें मिलकर अब इसे बहुत आगे ले जाने के कार्य में पूरे मनोयोग से कार्य करती दिखाई दे रही हैं। हालांकि, पूरे विश्व में सकल घरेलू उत्पाद के मामले में भारत पांचवे स्थान पर आ गया है एवं अब भारत से आगे केवल अमेरिका, चीन, जापान एवं जर्मनी जैसे देश हैं। परंतु, अधिक जनसंख्या होने के कारण भारत में प्रति व्यक्ति आय अन्य कई देशों की तुलना में बहुत कम है। प्रत्येक भारतीय की औसत आय 2,200 अमेरिकी डॉलर प्रति वर्ष है जबकि अमेर...
श्रद्धा जैसे एक और कांड से रूह कांप गयी

श्रद्धा जैसे एक और कांड से रूह कांप गयी

TOP STORIES, विश्लेषण, सामाजिक
- ललित गर्ग-राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में फिर एक और श्रद्धा हत्याकांड जैसा त्रासद, अमानवीय एवं खौफनाक मामला सामने आया है। दिल्ली के नजफगढ़ इलाके में एक युवती निक्की यादव की उसी के प्रेमी साहिल गहलोत द्वारा हत्या कर उसका शव ढाबे के फ्रिज में छुपाने के मामले ने रोंगटे खड़े कर दिये, रूह को कंपा दिया। समाज में बढ़ती हिंसक वृत्ति, क्रूरता एवं संवेदनहीनता से केवल महिलाएं ही नहीं बल्कि हर इंसान खौफ में है। मानवीय संबंधों में जिस तरह से महिलाओं की निर्मम हत्याएं हो रही हैं उसे लेकर बहुत सारे सवाल उठ खड़े हुए हैं। विडंबना यह है कि समाज का दायरा जैसे-जैसे उदार एवं आधुनिक होता जा रहा है, जड़ताओं को तोड़ कर युवा वर्ग नई एवं स्वच्छन्द दुनिया में अलग-अलग तरीके से जी रहा है, संबंधों के नए आयाम खुल रहे हैं, उसी में कई बार कुछ युवक अपने लिए बेलगाम जीवन सुविधाओं को अपना हक समझ कर ऐसी हिंसक एवं अमानवीय घटनाओ...
रामकृष्ण परमहंस ब्रह्मर्षि और देवर्षि थे- ललित गर्ग-

रामकृष्ण परमहंस ब्रह्मर्षि और देवर्षि थे- ललित गर्ग-

TOP STORIES, संस्कृति और अध्यात्म
भारत का जन-जन एवं कण-कण रामकृष्ण परमहंस की परमहंसी साधना का साक्षी है, उनकी गहन तपस्या के परमाणुओं से अभिषिक्त है। यहां की माटी और हवाएं धन्य हैं जो इस भक्ति और साधना के शिखरपुरुष के योग से आप्लावित है। वे संसार के पूर्णत्व को जो प्राप्त हैं, उनका जीवन ज्ञानयोग, कर्मयोग एवं भक्तियोग का समन्वय था। वे एक महान संत, शक्ति साधक तथा समाज सुधारक थे। इन्होंने अपना सारा जीवन निःस्वार्थ मानव सेवा के लिये व्यतीत किया, इनके विचारों का न केवल बंगाल के बल्कि सम्पूर्ण राष्ट्र के बुद्धिजीवियों पर गहरा सकारात्मक असर पड़ा तथा वे सभी इन्हीं की राह पर चल पड़े। उन्होंने भाग्य की रेखाएं स्वयं निर्मित करने की जागृत प्रेरणा दी। स्वयं की अनन्त शक्तियों पर भरोसा और आस्था जागृत की। अध्यात्म और संस्कृति के वे प्रतीकपुरुष हैं। जिन्होंने एक नया जीवन-दर्शन दिया, जीने की कला सिखलाई।श्री रामकृष्ण परमहंस का जन्म 18 फरवरी ...
जानकार बनें और सुरक्षित रहें

जानकार बनें और सुरक्षित रहें

TOP STORIES, घोटाला, विश्लेषण
*रजनीश कपूरसाइबर अपराधों में लिप्त अपराधी हर दिन नये-नये ढंग से अपने शिकारों को फँसाने के तरीक़े खोजते रहते हैं। यदिआप जागरूक हैं तो आप इनके जाल में फँसने से बच सकते हैं। यदि आप घबराहट में कुछ ऐसा-वैसा कर बैठते हैं तोआप इनके जाल में आसानी फँस सकते हैं। आज इस कॉलम में एक ऐसे ही शिकार के बारे में बात करेंगे जो इनसाइबर अपराधियों के जाल में फँसते-फँसते बचा।पिछले सप्ताह मुझे मेरे मित्र विभव का घबराहट में फ़ोन आया। उसकी घबराहट का कारण एक सीबीआईअधिकारी का उसे फ़ोन पर धमकाना था। उसने मुझे फ़ोन पर अपनी जो परेशानी बताई तो पहले तो मुझे हंसी आईफिर मैंने ख़ुद को उसकी जगह में सोच कर उसे क़ानून के कुछ अहम पहलू बताए। मेरी सलाह सुन विभव शांत हुआऔर अपने काम में जुट गया। परंतु जो कुछ उसके साथ दो दिनों में हुआ वो आपके साथ साझा करना आवश्यक है ।उगाही के इस ढंग को यदि आप जान लेंगे तो शायद आप भी इन जालसाज़ों का ...
क्या रेपो दरों में बढ़ोतरी से महंगाई नियंत्रित हो पायेगी?

क्या रेपो दरों में बढ़ोतरी से महंगाई नियंत्रित हो पायेगी?

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, आर्थिक
ललित गर्ग- वह चाहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषण हो, चाहे जन प्रतिनिधियों का मंच हो या सरकारी विज्ञप्तियां या फिर सत्तापक्ष के सांसदों-मंत्रियों के बयान, बार-बार उपलब्धियों के चमकदार आंकड़े देश के आर्थिक दृष्टि से शक्तिशाली होने, दुनिया की महाशक्ति बनने एवं विकास के नये आयामों के सृजन की बातें कर रहे हैं। निश्चित ही देश आजादी के अमृत-काल में बेहतर हुआ है और लगातार बेहतर हो रहा है। इस बात पर खुशी प्रकट की जा सकती है कि जब दुनिया की बड़ी आर्थिक शक्तियों दम तोड़ रही है, तब भारत तमाम विपरीत स्थितियों में स्वयं को न केवल संभाले हुए है बल्कि विकास एवं आर्थिक उन्नति के नये मानक गढ़ रहा है। जिस देश के हम गुलाम रहे, उसे पछाड़ कर हमने दुनिया में पांचवां दर्जा हासिल कर लिया और बहुत जल्दी आशावादी देश-निर्माताओं के अनुसार हम दुनिया में तीसरे नंबर की आर्थिक ताकत होने जा रहे हैं। लेकिन इन सुनहरे...
कैसे बनी हिंदी विश्व भाषा

कैसे बनी हिंदी विश्व भाषा

EXCLUSIVE NEWS, साहित्य संवाद
आर.के. सिन्हा भारत से दूर प्रशांत महासागर के द्वीप लघु भारत फीजी में 12 वां विश्व हिन्दी सम्मेलन वैदिक मंत्रोच्चार के बीच विधिवत उद्घाटन फिजी के राष्ट्रपति रातू विनिमाये कोटो निवरी और भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संयुक्त रूप से किया I इस अवसर पर विश्व के पचासों देशों के हिंदी के विद्वान हिंदी प्रेमी सम्मलेन में भाग लेने के लिए एकत्र होकर इसके विश्व स्तरीय प्रसार-प्रचार पर चर्चा कर रहे हैं। वहां पर अनेकों शोध पत्र पढ़े जा रहे हैं तथा सारगर्भित चर्चाएं हो रही हैं। पर हिन्दी तो अब विश्व भाषा बन चुकी है। अंग्रेजी और चीनी (मैंडरिन) के बाद  हिंदी ही एक वडी और लोकप्रिय भाषा के रूप में उभरी है I फ्रेंच, जर्मन और स्पेनिश को पीछे छोड़ते हुए हिंदी लगातार आगे बढ़ रही है I आप दुबई, सिंगापुर, न्यूयार्क, सिडनी, लंदन जैसे...
महिलाओं की तुलना में पुरुषों को ज्यादा बीमारियां होने की संभावना, जानें कारण

महिलाओं की तुलना में पुरुषों को ज्यादा बीमारियां होने की संभावना, जानें कारण

TOP STORIES, राष्ट्रीय, सामाजिक
डॉ.गौरव जैनसीनियर कंसल्टेंट, इंटरनल मेडिसिन,धर्मशिला नारायणा सुपरस्पेशलिटी अस्पताल क्या आप जानते हैं कि औरतों की तुलना में मर्द ज्यादातर बीमारियों की चपेट में आते हैं। यदि बुजुर्ग पुरुषों और महिलाओं की तुलना की जाए, तो महिलाओं के बजाए पुरुषों में ज्यादा जीवन जीने की संभावना कम रहती है, क्योंकि उन्हें कई प्रकार की बीमारियां घेर लेती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, साल 2016 में महिलाओं की वैश्विक आबादी की औसत उम्र 72 साल थी। लेकिन लैंगिक आधार पर महिलाओं की औसत उम्र 74 साल दो महीने थी। वहीं, पुरुषों की औसत उम्र 69 साल आठ महीने थी। ह्यूमन मॉर्टेलिटी इंडेक्स के पास इस समय 40 देशों से जुड़े आंकड़े मौजूद हैं। इनमें स्वीडन और फ्रांस जैसे देशों के 1751 और 1816 के आंकड़े शामिल हैं। लेकिन रूस और जापान जैसे देशों के आंकड़े सिर्फ 20 वीं शताब्दी के उपलब्ध हैं। लेकिन इस डेटाबेस में हर साल महिल...
गूढ़ार्थ के पर्यायवाची – भगवान शिवशंकर

गूढ़ार्थ के पर्यायवाची – भगवान शिवशंकर

धर्म
प्रशांत पोळ सृष्टि में असीम आनंद का वातावरण हैं. वसंत की उत्फुल्लता चहुं ओर दृष्टिगोचर हो रही हैं. ऋतुओं के संधिकाल का यह महापर्व अपने पूरे यौवन पर हैं. वातावरण में बाबा भोलेनाथ के जयकारों की गूंज हैं. ‘कंकर – कंकर में शंकर’ की उक्ति पर दृढ़ श्रध्दा रखनेवाला हिन्दू समाज, उत्सव की मुद्रा में हैं. कल महाशिवरात्रि हैं..! *सृष्टि के आरंभ का दिन. सृष्टि के सृजन का दिन. भगवान शिव – पार्वती के विवाह का दिन. प्रत्यक्ष ब्रह्म से साक्षात्कार का दिन !* हिन्दू धर्म का सौन्दर्य हैं की यह धर्म एकेश्वरवादी धर्म नहीं हैं. ‘ईश्वर एक हैं’ यह तो मान्यता हैं. किन्तु इस एक ईश्वर के अनेक रूप हैं, यह पक्की आस्था हैं. इन्ही रूपों में से एक महत्व का स्वरूप हैं, ‘भगवान शंकर’ का. सृष्टि के विनाश के प्रतीक का. सृष्टि की ऊर्जा के स्रोत का. ईश्वर के सभी रूपों में सबसे गूढ और रहस्यमय स्वरूप यदि किसी का होगा...
शिवरात्रि है शिव की आराधना का महापर्व

शिवरात्रि है शिव की आराधना का महापर्व

BREAKING NEWS, TOP STORIES, धर्म, संस्कृति और अध्यात्म
महाशिवरात्रि- 18 फरवरी 2023 पर विशेषललित गर्ग :- भगवान शिव भोले भण्डारी है और जग का कल्याण करने वाले हैं। भगवान शिव आदिदेव है, देवों के देव है, महादेव हैं। सभी देवताओं में वे सर्वोच्च हैं, महानतम हैं, दुःखों को हरने वाले हैं। वे कल्याणकारी हैं तो संहारकर्ता भी हैं। प्रतिवर्ष महाशिवरात्रि का पर्व फाल्गुण मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है, जो शिवत्व का जन्म दिवस है। यह शिव से मिलन की रात्रि का सुअवसर है। इसी दिन निशीथ अर्धरात्रि में शिवलिंग का प्रादुर्भाव हुआ था। इसीलिये यह पुनीत पर्व सम्पूर्ण देश एवं दुनिया में उल्लास और उमंग के साथ मनाया जाता है। यह पर्व सांस्कृतिक एवं धार्मिक चेतना की ज्योति किरण है। इससे हमारी चेतना जाग्रत होती है, जीवन एवं जगत में प्रसन्नता, गति, संगति, सौहार्द, ऊर्जा, आत्मशुद्धि एवं नवप्रेरणा का प्रकाश परिव्याप्त होता है। यह पर्व जीवन के श्रेष्ठ एवं मं...

आम चुनाव के पहले इस सवाल का जवाब चाहिए?

EXCLUSIVE NEWS, विश्लेषण, समाचार
प्याज़ की परतों की तरह अदाणी मामले से उतरती परतें साफ़ कर रही हैं कि केंद्र या राज्य स्तर की कोई भी सरकार और न ही कोई नियामक यह दावा कर सकता है कि वह कारोबार और राजनीति के गठजोड़ के मामलों में पूरी तरह परहेज बरतता है।कांग्रेस, राहुल गांधी और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग)के कुछ धड़े यह सोच रहे थे कि राजनीतिक दृष्टि से उनके हाथ एक सही मुद्दा लगा है, लेकिन वास्तव में वे विरोध करने की स्थिति में नहीं है। अभी तक राजनीतिक विचारधारा के आधार पर ही अदाणी मामले को लेकर अलग-अलग लोगों में गुस्सा, खुशी, व्याकुलता और शर्मिंदगी जैसे अलग-अलग भाव देखने को मिले। “देश प्रथम” जैसा भाव कहीं भी देखने को नज़र नहीं आया। सबसे पहले कांग्रेस, देश की सबसे पुरानी पार्टी और राहुल गांधी समझते थे एक सहज मुद्दा मिल गया जिसके आधार पर वे अपनी छवि को मजबूत कर सकते थे, लेकिन उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि यह मुद्दा सं...