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Author: Dialogue India

समग्र विकास को लक्षित बजट

समग्र विकास को लक्षित बजट

TOP STORIES, आर्थिक, समाचार
अवधेश कुमार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत बजट में आयकर सीमा की वृद्धि तथा स्लैब में परिवर्तन सबसे ज्यादा सुर्खियां पाया है। किंतु बजट को संपूर्णता में समझने के लिए उनके बजट भाषण के आरंभिक अंश का उल्लेख आवश्यक है। बजट भाषण का आरंभ करते हुए उन्होंने कहा कि अमृत काल का यह पहला बजट आजादी के 100 साल बाद भारत की परिकल्पना का बजट है। इसके बाद उन्होंने इस बजट के सात आधार बताएं और इसे सप्तर्षी नाम दिया। यह साफ आधार है 1. समावेशी विकास, 2. वंचितों को वरीयता, 3. बुनियादी ढांचे और निवेश, 4. क्षमता विस्तार 5. हरित विकास, 6. युवा शक्ति, एवं 7. वित्तीय क्षेत्र। सप्तर्षी के विवरण के साथ उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि बजट यानी सरकार का आर्थिक एजेंडा नागरिकों के लिए अवसरों को सुविधाजनक बनाने, विकास और रोज़गार सृजन को तेज़ गति प्रदान करने और व्यापक आर्थिक स्थिरता को मजबूत करने पर केंद्रित ह...
समग्र विकास व बदलाव लाने का बजट

समग्र विकास व बदलाव लाने का बजट

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
गांव, गरीब, किसान, युवा और महिलाओं के लिए कल्याणकारीमृत्युंजय दीक्षितप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा गठबंधन सरकार की सशक्त वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम पूर्ण बजट विगत एक फरवरी को प्रस्तुत कर दिया। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का यह बजट कई मायने में ऐतिहासिक बजट है क्योंकि भारत के राजनैतिक व आर्थिक विश्लेषक बजट प्रस्तुत होने के पूर्व इस तरह के अनुमान लगा रहे थे कि यह एक चुनावी बजट होगा और इसमें मोदी सरकार लोकलुभावन योजनाओं की घोषणा कर चुनावी शंखनाद कर सकती है लेकिन ऐसा फिलहाल कुछ भी नहीं हुआ है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण इस बजट को अमृत काल का प्रथम बजट बता रहे हैं जो देश की नींव को मजबूत करेगा और आगामी 2047 तक भारत को भ्रष्टाचार से मुक्त, मजबूत विकसित राष्ट्र बनाने का मार्ग प्रशस्त करेगा।बदलते वैश्विक परिदृ...
कैंसर बढ़ाने वाले कारणों पर बिना विराम लगाये कैसे होगी कैंसर रोकधाम?

कैंसर बढ़ाने वाले कारणों पर बिना विराम लगाये कैसे होगी कैंसर रोकधाम?

BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
बॉबी रमाकांत – सीएनएस भारत समेत दुनिया के सभी देशों ने वादा किया है कि 2025 तक कैंसर दरों में 25% गिरावट आएगी परंतु हर साल विभिन्न प्रकार के कैंसर से ग्रसित होने वाले लोगों की संख्या और कैंसर मृत्यु दर में बढ़ोतरी होती जा रही है। कैंसर बढ़ेंगे क्यों नहीं जब कैंसर का ख़तरा बढ़ाने वाले कारणों पर विराम नहीं लग रहा है। अनेक कैंसर जनने वाले कारण ऐसे हैं जिनपर रोक के बजाय उनमें बढ़ोतरी हो रही है। संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य में दुनिया की सभी सरकारों ने वादा किया है कि कैंसर समेत अन्य ग़ैर-संक्रामक रोगों के दर और मृत्यु दर में 2030 तक 33% गिरावट और 2025 तक 25% गिरावट आएगी। भारत की राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 भी इन्हीं लक्ष्यों को दोहराती है। पर विभिन्न कैंसर दर हर साल बढ़ते चले जा रहे हैं। एक ओर सरकारें तम्बाकू नियंत्रण कर रही हैं परंतु तम्बाकू उद्योग के मुनाफ़े में फिर कैसे ...
आरक्षण से 75 साल में नहीं बल्कि 7500 साल में भी सबको समान अवसर नहीं मिलेगा

आरक्षण से 75 साल में नहीं बल्कि 7500 साल में भी सबको समान अवसर नहीं मिलेगा

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, सामाजिक
*सबको समान अवसर उपलब्ध कराना है तो 12वीं तक समान शिक्षा (एक देश एक शिक्षा बोर्ड और एक देश एक पाठ्यक्रम) लागू करिए* *बंगाल का युवा बंगाली में पढ़े और गुजरात का युवा गुजराती में लेकिन सिलेबस समान होना चाहिए* *स्कूल माफियाओं के दबाव में 12वीं तक एक देश एक शिक्षा बोर्ड लागू नहीं हुआ* *कोचिंग माफियाओं के दबाव में 12वीं तक एक देश एक पाठ्यक्रम लागू नहीं हुआ* *किताब माफियाओं के दबाव में हिंदी अंग्रेजी संस्कृत गणित भौतिक विज्ञान रसायन रसायन जीव विज्ञान वनस्पति विज्ञान की एक किताब लागू नहीं हुई* *समान शिक्षा बिना समता-समरसता मूलक समाज की स्थापना नामुमकिन है* *वर्तमान समय में स्कूलों की पांच कैटेगरी है और किताब भी पांच प्रकार की है। आर्थिक रूप से कमजोर और गरीबी रेखा से नीचे के बच्चों की किताब और सिलेबस अलग है, निम्न आय वर्ग के बच्चों की किताब और सिलेबस अलग है, मध्यम आय वर्ग के ...
विकास मजबूरी – संतुलन जरूरी : अनुज अग्रवाल

विकास मजबूरी – संतुलन जरूरी : अनुज अग्रवाल

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
कुछ न होने वाला, डराओ मत, हमेशा नकारात्मक ही क्यों सोचते व बोलते हो, प्रकृति के पास अपार संसाधन हैं इसलिए उनके उपयोग पर रोक टोक न लगाओ आदि आदि। प्रकृति प्रेमी और पर्यावरणविद् अधिकांश: इसी तरह के जुमले सुनने के आदि होते हैं। जब प्राकृतिक आपदाएं आती हैं और हादसे होते हैं तब कुछ समय के लिए उनकी बातो पर चर्चा होती है किंतु शीघ्र ही विकासवादी उतावलेपन का शिकार हो जाते हैं और संतुलन खो, अनियंत्रित विकास और आपाधापी का शिकार हो जाते हैं। भौतिक जीवन के सुख पाने के लिए आवश्यक संसाधनों की होड़ के बीच आम आदमी तो उतावला हो ही जाता है । उसके इन उतावलेपन व ललक को नेता, नौकरशाह व कारपोरेट घराने भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ते और अनियंत्रित व अनियोजित विकास का अंबार खड़ा कर देते हैं। बिना योजना व संवेदनशीलता से भरा यह नींव हीन विकास शेने शेने बिखरने लगता है और अंततः जोशीमठ के दरकने के रूप में सामने आता...
अंतरिक्ष कचरे से संबंधित अध्ययन कर रहा है इसरो

अंतरिक्ष कचरे से संबंधित अध्ययन कर रहा है इसरो

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
अंतरिक्ष में परित्यक्त अथवा निष्क्रिय अंतरिक्ष यानों और उनके लॉन्च वाहनों का कचरा बड़े पैमाने पर फैला हुआ है। किसी अंतरिक्ष यान की तरह यह कचरा भी पृथ्वी की निचली कक्षा में बेहद तीव्र गति से परिक्रमा कर रहा है। आकार में बेहद छोटा होने के बावजूद अंतरिक्ष कचरा अंतरिक्ष यानों और रोबोटिक मिशनों को खतरे में डाल सकता है। इस चुनौती से निपटने के लिए इसरो अंतरिक्ष में बढ़ते मलबे के प्रभावों पर कई अध्ययन कर रहा है। केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी; राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पृथ्वी विज्ञान; एमओएस पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष, डॉ जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी प्रदान की है। यूएस स्पेस डॉट कॉम पर सूचीबद्ध अंतरिक्ष कचरे और स्पेस ट्रैक वेबसाइट का हवाला देते हुए डॉ सिंह ने सदन को बताया कि 20...
मुसलमानों को मुसलमान मार रहे

मुसलमानों को मुसलमान मार रहे

TOP STORIES, राष्ट्रीय, सामाजिक
डॉ. वेदप्रताप वैदिक पाकिस्तान के शहर पेशावर में हुए विस्फोट ने पूरे देश और सरकार को हिलाकर रख दिया है। शाहबाज़ सरकार आर्थिक संकट से पहले ही जूझ रही है, अब इस विस्फोट ने जले पर नमक छिड़क दिया है। इस विस्फोट में हताहतों की संख्या बढ़ती जा रही है। लगभग 100 लोग तो मर चुके हैं और डेढ़ सौ लोग बुरी तरह से घायल हो गए हैं। यह विस्फोट भी कहां हुआ है? पेशावर की एक मस्जिद में। और वह किस वक्त हुआ है? दोपहर की नमाज के वक्त! दूसरे शब्दों में तहरीके-तालिबान के आतंकवादियों ने इस्लाम का भी अपमान कर दिया है। वे लोग अपने को कट्टर इस्लामी कहते हैं और उन्होंने मस्जिद में ही विस्फोट करवा दिया। इस्लामी राष्ट्र होने का दावा करनेवाला पाकिस्तान इस घटना से कोई सबक सीखेगा या नहीं? उसने आतंकवाद को इसलिए बढ़ावा दिया कि वह भारत से कश्मीर छीन सकेगा। उसने भारत से लड़े युद्धों में विफल होने के बाद आतंकवाद को ही अपना...
चीन एक ‘अलग-थलग’ और ‘मित्रविहीन’ भारत चाहता है

चीन एक ‘अलग-थलग’ और ‘मित्रविहीन’ भारत चाहता है

TOP STORIES, राष्ट्रीय, समाचार
बलबीर पुंज क्या भारत, चीन से निपट सकता है? यह प्रश्न बीते छह दशकों से प्रासंगिक है। क्या इस संकट का समाधान उन नीतियों में छिपा है, जिसका अनुसरण मई 2014 से पहले 13 पूर्ववर्ती प्रधानमंत्री कर चुके है?— इसके परिणामस्वरूप ही आज भी 38 हजार वर्ग कि.मी. भारतीय भूखंड पर चीनी कब्जा है। चीन से व्यापारिक संबंध में प्रतिवर्ष लाखों करोड़ रुपयों का घाटा हो रहा है। चीन वर्ष 1959, 1962, 1967, 1975, 1987, 2013, 2017, 2020-21 और 2022 में बिना उकसावे के आक्रामकता दिखा रहा है। 'काफिर' भारत के खिलाफ पाकिस्तान के घोषित जिहाद में चीन प्रत्यक्ष-परोक्ष सहयोग दे रहा है। नेपाल— जिसके भारत से सांस्कृतिक-पारिवारिक संबंध है, वह चीनी हाथों में खेलकर यदा-कदा भारत विरोधी नीतियां बना रहा है। यह तनाव केवल सीमा तक सीमित नहीं। देश में कुछ चीनपरस्त राजनीति दल और संगठन द्वारा इसपर विकृत विमर्श बनाया जा रहा है। इस पृष्ठभूमि ...
हमारी न्याय व्यवस्था पर बीबीसी का प्रहार

हमारी न्याय व्यवस्था पर बीबीसी का प्रहार

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, समाचार
बलबीर पुंज गुजरात दंगे को लेकर यूनाइटेड किंगडम के राष्ट्रीय प्रसारक— बीबीसी की वृत्तचित्र को किस श्रेणी में रखेंगे? क्या इसे पत्रकारिता कहेंगे या फिर भारत के प्रति घृणा? इस घटनाक्रम में भारत सरकार की जो प्रतिक्रिया आई है, उसपर अलग से विस्तृत चर्चा हो सकती है। यह पहली बार नहीं, जब वामपंथ केंद्रित बीबीसी ने कोई भारत-विरोधी रिपोर्ट या वृत्तचित्र तैयार की हो और भारत सरकार ने उसपर प्रतिबंध लगाया हो। 1968-71 में तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार द्वारा बीबीसी पर लगाई पाबंदी— इसका प्रमाण है। स्वयं ब्रितानी सरकारों-राजनीतिज्ञों (मारग्रेटा थैचर सहित) के साथ भी बीबीसी का पुराना विवाद रहा है। इस पृष्ठभूमि में जिस प्रकार बीबीसी ने 20 वर्ष पुराने प्रकरण पर विकृत रिपोर्ट को प्रस्तुत किया है, वह उस औपनिवेशिक ब्रितानी अधिष्ठान से प्रेरित है, जिसने 19वीं शताब्दी में कमजोर कड़ियों को ढूंढकर कालांतर में वामपंथ...
सपा व राजद की शिकायत चुनाव आयोग से करेंगे: विहिप

सपा व राजद की शिकायत चुनाव आयोग से करेंगे: विहिप

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VHP to meet CEC for de-recognising SP & RJD Shri Alok Kumar, Central Working President of the Vishva Hindu Parishad has sought an appointment with the Chief Election Commissioner of India to request that the registration of the Samajwadi Party (SP) and Rashtriya Janta Dal (RJD) be cancelled. The VHP wishes to draw the attention of the CEC to Section 29A of the Representation of the People Act 1951 which requires that the memorandum of each registered political party to have a specific provision that the party shall bear true faith and allegiance including to the principles of secularism and democracy. The recent statements of Shri Swami Prasad Maurya of SP disparaging the Ramcharitmanas and the burning of its pages are deliberate and malicious acts of outraging the religious ...