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Author: Dialogue India

आपदा जोखिम की जड़ें कहीं? अंकुर कहीं।

आपदा जोखिम की जड़ें कहीं? अंकुर कहीं।

TOP STORIES, सामाजिक
अनियंत्रित शहरीकरण, भूकंपीय क्षेत्रों में निर्माण, तेजी से कटाव की गतिविधि ने इस क्षेत्र में गंभीर बाढ़ ला दी है। सरकार को इस प्रक्रिया को समाप्त करने के लिए कार्यप्रणाली विकसित करने की आवश्यकता है। नदियों को आपस में जोड़ने जैसी पहलों का स्वागत किया जाता है और इन्हें पूरी गति से आगे बढ़ाने की जरूरत है। ड्रेनेज सिस्टम को उचित और शहरी आवास योजनाओं के अनुरूप होना चाहिए। तैयारियों के संदर्भ में, मौसम पूर्वानुमान को मजबूत और टिकाऊ बनाए जाने की जरूरत है, विकास की पहल को और प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। आपदाओं की अनिश्चितता और तत्परता को ध्यान में रखते हुए, लचीलेपन को मजबूत करने के लिए तंत्र बनाने की तत्काल आवश्यकता है। बेशक सरकार इस दिशा में काम कर रही है लेकिन सामुदायिक भागीदारी की भी आवश्यकता है। -प्रियंका सौरभ प्राकृतिक आपदाएँ एक प्रमुख कारण हैं जो किसी राष्ट्र के जीवन और संपत्ति पर...
गंभीर घाव वाली टीवी बहसों पर रोक जरूरी

गंभीर घाव वाली टीवी बहसों पर रोक जरूरी

विश्लेषण, सामाजिक
 ललित गर्ग  समाज एवं राष्ट्र-निर्माण की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाने वाला मीडिया विशेषतः इलेक्ट्रोनिक मीडिया आजकल बहस के ऐसे अखाडे़ बन गये हैं, जहां राष्ट्र-विरोधी, नफरत एवं द्वेषभरी चर्चाओं ने समाज एवं राष्ट्र में जहर घोलने का काम किया है। युगयात्रा की आवाज बनने वाले टेलीविजन चैनलों का प्रभाव जैसे-जैसे बढ़ा है, वैसे-वैसे इस जिम्मेदारी को लेकर कोताही, लापरवाही एवं गैर-जिम्मेदाराने रवैये बढ़े हैं और अपने चैनल को अधिक आक्रामक बनाने के चलते बहसों का स्तर दिन-ब-दिन गिरता जा रहा है। यह एक राष्ट्रीय चिन्ता का विषय बन रहा है, सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे टीवी चैनलों के काम करने के तरीकों लेकर गहरी एवं गंभीर चिंता जताई और कहा कि घृणा भाषण एक खतरा बन गया है, उसे रोकना होगा। निश्चित ही मन की भड़ास निकालने, टीआरपी के लिए समाज में विभाजनकारी और हिंसक प्रवृत्ति पैदा करने वाले इन मंचों को नियंत्रित किया ज...
India’s electric vehicle industry needs a regulatory mandate for production and sale of e-vehicles, says new assessment from CSE

India’s electric vehicle industry needs a regulatory mandate for production and sale of e-vehicles, says new assessment from CSE

आर्थिक
This will help vehicle manufacturers increase supply anddiversify e-vehicle models Incentive schemes for e-vehicles may have increased annual sales,but share in new registrations remains less than 5 per cent More policy instruments needed to scale up the market, build ambition    Zero Emissions Vehicle (ZEV) mandate that sets targets for a percentage of annual production and sales of EVs needed CSE’s consultation with the industry representatives and other target groups highlights varying degree of support for this strategy; stronger support from two-/three-wheeler industry Doable, as the industry expects faster growth in EV market in next five years Possible to start with a mandate for a small percentage share in 2025 and ramp it up to meet higher share ...
पराक्रम के पुरोधा थे नेता जी

पराक्रम के पुरोधा थे नेता जी

TOP STORIES, राष्ट्रीय
पराक्रम के पुरोधा थे नेता जी या पराक्रम के प्रेरणापुंज थे नेता जी पराक्रम का शाब्दिक अर्थ है शौर्य या बल। पराक्रम (परा +क्रम) में परा उपसर्ग और क्रम मूलशब्द है। परा अर्थात नाश और क्रम अर्थात स्थिति या व्यवस्था। किसी स्थिति या व्यवस्थाका नाश ही पराक्रम कहलाता है। यहां स्थिति या व्यवस्था का तात्पर्य गुलामी से है।पराक्रम, स्वतंत्रता को इंगित करता है। ऐसा बल जो आपको गुलाम परिस्थितियों से स्वतंत्रकर दे वो ही पराक्रम कहलाता है। भारत का गुलामी की जंजीरों से स्वतंत्र होना ही नेता जीके पराक्रम की निशानी थी। सुभाष चंद्र बोस पराक्रमी पुरुष थे। उन्होंने अपने पराक्रम सेआज़ादी की जंग को नई ऊर्जा प्रदान की थी। भारत को वीर भूमि का देश कहा जाता है।वीर भूमि की वीरता को जब -जब आक्रांताओं ने चुनौती दी तब तब भारत की माता रूपीभूमि की कोख से वीर सपूतों ने जन्म लिया। इन वीर सपूतों में सुभाष चंद्र बोस भी थे। जय...
पाक हाई कमीशन- पहले जासूसी, अब यौन उत्पीड़न

पाक हाई कमीशन- पहले जासूसी, अब यौन उत्पीड़न

TOP STORIES, विश्लेषण
आर.के. सिन्हा राजधानी का डिप्लोमेटिक एरिया चाणक्यपुरी आजकल एकबार फिर खबरों में है। वजह यह है कि वहां पर स्थित पाकिस्तान के हाई कमिशन में एक भारतीय महिला प्रोफेसर के साथ यौन उत्पीड़न का केस सामने आया है। वह वहां पर पाकिस्तान जाने के लिए वीजा लेने के लिए गईं थीं। अफसोस कि पाकिस्तान हाई कमीशन में कभी कोई सार्थक और रचनात्मक गतिविधियां नहीं हुईं। वहां पर पाकिस्तान के स्वाधीनता दिवस पर बिरयानी की दावत जरूर आयोजित होती थी। पर यह जगह मात्र भारत की जासूसी का अड्डा बना रहा। यहां पर जम्मू-कश्मीर के पृथकतावादी और आतंकवादी नेताओं को दामादों की तरह से सम्मान मिलता ही रहा।  भारत सरकार ने 1950 के दशक में चाणक्यपुरी में विभिन्न देशों को भू-भाग आवंटित किये थे। पाकिस्तान को भी इस आशा के साथ बेहतरीन जगह पर अन्य देशों की अपेक्षा बड़ा प्लाट दिया गया था कि वह भारत से अपने संबंधों को मधुर बनाएगा। पर प...
जीवन के संध्यकाल में बुजुर्गों की न हो अनदेखी

जीवन के संध्यकाल में बुजुर्गों की न हो अनदेखी

सामाजिक
आर.के. सिन्हा राजधानी दिल्ली का पॉश ग्रेटर कैलाश इलाका।  यहां समाज के सबसे सफल, असरदार और धनी समझे जाने वाले लोग ही रहते हैं। बड़ी-बड़ी कोठियों के उनके अंदर-बाहर लक्जरी कारें खड़ी होती हैं। लगता है, मानो इधर किसी को कोई कष्ट या परेशानी नहीं है। पर यह पूरा सच नहीं है। अभी हाल ही में यहां के एक बुजुर्गों के बसेरे, जिसे वृद्धाश्रम या “एज ओल्ड होम” भी कहते हैं, में आग लगने के कारण क्रमश: 86 और 92 वर्षों के दो वयोवद्ध नागरिकों की जान चली गई। जरा सोचिए, कि इस कड़ाके की सर्दी में उन्होंने कितने कष्ट में प्राण त्यागे होंगे। इस वृद्धाश्रम में रहने वाले हरेक व्यक्ति को हर माह सवा लाख रुपये से अधिक देना होता है। यानी यहां पर सिर्फ धनी-सम्पन्न परिवारों के बुजुर्गों को ही रख सकते हैं। अफसोस कि इन बुजुर्गों को इनके घर वालों ने इनके जीवन के संध्याकाल ...
गंगा विलास नहीं, नदी तीर्थ : तीर्थ गांव

गंगा विलास नहीं, नदी तीर्थ : तीर्थ गांव

EXCLUSIVE NEWS, धर्म
चारधाम सड़क परियोजना, चारधाम रेल प्रस्ताव, सम्मेद शिखर और अब गंगा विलास - तीर्थों को पर्यटकों के लिए खोलने का उत्साह पर्यावरणीय पैमाने पर खतरनाक साबित हो सकता है। क्या करें ? आइए, मंथन करें।गंगा विलास नहीं, नदी तीर्थ : तीर्थ गांव लेखक: अरुण तिवारी दिलचस्प है कि हमारा घूमना-घुमाना, आज दुनिया के देशों को सबसे अधिक विदेशी मुद्रा कमाकर देने वाला उद्योग बन गया है। विश्व आर्थिक फोरम का निष्कर्ष है कि भारतीय पर्यटन उद्योग में भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 25 फीसदी तक योगदान करने की क्षमता है; वह भी गांवों के भरोसे। फोरम मानता है कि भारत के गांव विरासत, संस्कृति और अनुभवों के ऐसे महासागर है, जिन तक पर्यटकों की पहुंच अभी शेष है। गांव आधारित प्रभावी पर्यटन को गति देकर, भारत वर्ष 2027 तक प्रति वर्ष 150 लाख अतिरिक्त पर्यटकों को आकर्षित करने की क्षमता हासिल कर सकता है। इस तरह वह 25 अरब अमेरि...
राष्ट्रपति छह श्रेणियों में असाधारण उपलब्धि हासिल करने वाले 11 बच्चों को कल प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2023 प्रदान करेंगी

राष्ट्रपति छह श्रेणियों में असाधारण उपलब्धि हासिल करने वाले 11 बच्चों को कल प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2023 प्रदान करेंगी

BREAKING NEWS, Today News, समाचार, सामाजिक
राष्ट्रपति छह श्रेणियों में असाधारण उपलब्धि हासिल करने वाले 11 बच्चों को कल प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2023 प्रदान करेंगी राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू कल यानी 23 जनवरी, 2023 को विज्ञान भवन में पुरस्कार वितरण समारोह में 11 असाधारण बच्चों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार, 2023 प्रदान करेंगी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 24 जनवरी, 2023 को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेताओं के साथ बातचीत करेंगे। महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी 24 जनवरी, 2023 को राज्य मंत्री डॉ.&nbs...
निर्वाचन आयोग ‘चुनाव निष्ठा पर समूह’ के नेतृत्वकर्ता के रूप में ‘प्रौद्योगिकी का उपयोग और चुनाव निष्ठा’ पर दूसरे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी करेगा

निर्वाचन आयोग ‘चुनाव निष्ठा पर समूह’ के नेतृत्वकर्ता के रूप में ‘प्रौद्योगिकी का उपयोग और चुनाव निष्ठा’ पर दूसरे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी करेगा

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, समाचार
भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) 23-24 जनवरी, 2023 को नई दिल्ली में 'प्रौद्योगिकी का उपयोग और चुनाव निष्ठा' विषय पर दूसरे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। दिसंबर, 2021 में वर्चुअल रूप में आयोजित 'लोकतंत्र के लिए शिखर सम्मेलन' के बाद 'चुनाव निष्ठा' की स्थापना की गयी थी, जिसके समूह का नेतृत्व ईसीआई कर रहा है। इस समूह का पहला अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन 31 अक्टूबर - 01 नवंबर, 2022 को नई दिल्ली में 'चुनाव प्रबंधन निकायों की भूमिका, रूपरेखा और क्षमता' विषय पर आयोजित किया गया था, जिसमें 11 देशों के चुनाव प्रबंधन निकायों (ईएमबी) के लगभग 50 प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त श्री राजीव कुमार इस दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। समाप...
Science-rich cinema empowers the nation and people”

Science-rich cinema empowers the nation and people”

EXCLUSIVE NEWS, विश्लेषण
By Umashankar Mishra ): Science-rich cinema strengthens society and is an effective tool to empower the nation, said, Dr Chandra Mohan Nautiyal, Consultant, Science Communication, at Indian National Science Academy (INSA), New Delhi. He was speaking as a keynote speaker at the three-day International Science Film Festival of India (ISFFI), conducted as a part of the India International Science Festival (IISF) 2022.   A renowned scientist, Dr Nautiyal delivered his keynote address on “Films to Reflect India’s Emergence as Science & Technology Leader” in special context of Science-20 (S-20), one of the working groups of G-20 being presided over by India in 2023. It was addressed to a gathering of science filmmakers and science film enthusiasts assembled at Rajat Jayanti Audit...