आपदा जोखिम की जड़ें कहीं और अंकुर कहीं।
अनियंत्रित शहरीकरण, भूकंपीय क्षेत्रों में निर्माण, तेजी से कटाव की गतिविधि ने इस क्षेत्र में गंभीर बाढ़ ला दी है। सरकार को इस प्रक्रिया को समाप्त करने के लिए कार्यप्रणाली विकसित करने की आवश्यकता है। नदियों को आपस में जोड़ने जैसी पहलों का स्वागत किया जाता है और इन्हें पूरी गति से आगे बढ़ाने की जरूरत है। ड्रेनेज सिस्टम को उचित और शहरी आवास योजनाओं के अनुरूप होना चाहिए। तैयारियों के संदर्भ में, मौसम पूर्वानुमान को मजबूत और टिकाऊ बनाए जाने की जरूरत है, विकास की पहल को और प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। आपदाओं की अनिश्चितता और तत्परता को ध्यान में रखते हुए, लचीलेपन को मजबूत करने के लिए तंत्र बनाने की तत्काल आवश्यकता है। बेशक सरकार इस दिशा में काम कर रही है लेकिन सामुदायिक भागीदारी की भी आवश्यकता है।
-प्रियंका सौरभ
प्राकृतिक आपदाएँ एक प्रमुख कारण हैं जो किसी राष्ट्र के जीवन और संपत्ति पर...