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Author: Dialogue India

क्यों जरूरी है पर्यावरण आधारित विकास की

क्यों जरूरी है पर्यावरण आधारित विकास की

विश्लेषण, समाचार
ललित गर्ग पर्यावरण एवं प्रकृति की दृष्टि से हम बहुत ही खतरनाक दौर में पहुंच गए हैं क्योंकि संभव है कि मानव की गतिविधियां ही इसके विनाश का कारण बन जाएं। आज के दौर में समस्या प्राकृतिक संसाधनों के नष्ट होने, पर्यावरण विनाश एवं प्राकृतिक आपदाओं की हैं। सरकार की नीतियां, उपेक्षाएं एवं विकास की अवधारणा ने ऐसी स्थितियों को खड़ा कर दिया है कि सरकार की बजाय न्यायालयों को बार-बार अपने डंडें का इस्तेमाल करना पड़ रहा है। जोशीमठ एवं चंडीगढ़ ऐसी ही स्थितियों के ताजे गवाह बने हैं। जोशीमठ की भूमि में पड़ी दरारे एक बड़ी त्रासदी के साथ वहां रहने वाले लोगों के जीवन-संकट का कारण बनी है। यह पर्यावरण एवं प्रकृति की उपेक्षा एवं तथाकथित अनियोजित विकास का परिणाम है, ऐसे ही अनियोजित विकास के कारण चंडीगढ़ जैसे महानगर किसी बड़े संकट को भविष्य में झेलने को विवश न हो, इसके लिये चंडीगढ़ में रिहाइशी इलाकों के स्वरूप...
बने विजेता वो सदा, ऐसा मुझे यकीन। आँखों में आकाश हो, पांवों तले जमीन।।    

बने विजेता वो सदा, ऐसा मुझे यकीन। आँखों में आकाश हो, पांवों तले जमीन।।    

EXCLUSIVE NEWS, साहित्य संवाद
जीवन में सफल होने के लिए धैर्य रखना और अपने सपनों के लिए समर्पित रूप से कड़ी मेहनत करना महत्वपूर्ण है। जीवन में कुछ भी मुफ्त नहीं है, और इसलिए हमें जीवन में बड़ी चीजें हासिल करने के लिए अपने सभी प्रयास करने और अपनी सीमाओं को चरम तक पहुंचाने की जरूरत है। इसके अलावा, असफलताएं और निराशा वास्तव में हर किसी की यात्रा का हिस्सा होती हैं, और हमें उन्हें वैसे ही स्वीकार करना चाहिए जैसे वे आती हैं। हमें हमेशा वर्तमान पर ध्यान देना चाहिए और एक बेहतर और सुखद कल बनाने के लिए इसे पूरी सावधानी और समर्पण के साथ करना चाहिए। हमें बोलना कम और काम ज्यादा करना चाहिए। यह न केवल हमें न्यूनतम संभव समय में अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेगा बल्कि हमारे महत्वपूर्ण कार्यों में निवेश करने के लिए कुछ आवश्यक ऊर्जा भी देगा। -प्रियंका सौरभ दुनिया को केवल इस बात की परवाह है कि हम क्या करते हैं, न कि हम क्...
कुदरत की पीर, जोशीमठ की तस्वीर

कुदरत की पीर, जोशीमठ की तस्वीर

BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
 जोशीमठ की स्थिति यह एक बहुत ही गंभीर चेतावनी है कि लोग पर्यावरण के साथ इस हद तक खिलवाड़ कर रहे हैं कि पुरानी स्थिति को फिर से बहाल कर पाना मुश्किल होगा। जोशीमठ समस्या के दो पहलू हैं। पहला है बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे का विकास, जो हिमालय जैसे बहुत ही नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र में हो रहा है और यह बिना किसी योजना प्रक्रिया के हो रहा है, जहां हम पर्यावरण की रक्षा करने में सक्षम हैं। दूसरा पहलू, जलवायु परिवर्तन एक प्रमुख कारक है। भारत के कुछ पहाड़ी राज्यों में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव दिख रहे हैं। उदाहरण के लिए, 2021 और 2022 उत्तराखंड के लिए आपदा के वर्ष रहे हैं।हमें पहले यह समझना होगा कि ये क्षेत्र बहुत नाजुक हैं और पारिस्थितिकी तंत्र में छोटे परिवर्तन या गड़बड़ी से गंभीर आपदाएं आएंगी, जो हम जोशीमठ में देख रहे हैं। -डॉ सत्यवान सौरभ जोशीमठ में उभरता संकट विकासात्मक परियोजनाओं की योज...
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने यूट्यूब चैनलों पर चलने वाली फर्जी खबरों के विरुद्ध कार्रवाई की

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने यूट्यूब चैनलों पर चलने वाली फर्जी खबरों के विरुद्ध कार्रवाई की

TOP STORIES, घोटाला, सामाजिक
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की पीआईबी फैक्ट चेक यूनिट (एफसीयू) ने छह यूट्यूब चैनलों का भंडाफोड़ किया, जो भारत में समन्वित तरीके से काम कर रहे थे और गलत जानकारी फैला रहे थे। फैक्ट चेक यूनिट ने इन चैनलों द्वारा फैलाई जा रही फर्जी खबरों का मुकाबला करने के लिए 100 से ज्यादा फैक्ट चेक वाले छह अलग-अलग ट्विटर थ्रेड जारी किए। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के तहत यूनिट की ओर से यह दूसरी ऐसी कार्रवाई है जहां पूरे चैनलों का भंडाफो...
सीएमपीडीआईएल ने नई धूल नियंत्रण प्रौद्योगिकी का आविष्कार किया

सीएमपीडीआईएल ने नई धूल नियंत्रण प्रौद्योगिकी का आविष्कार किया

TOP STORIES, राष्ट्रीय
खनन क्षेत्रों में उड़ने वाली धूल को कम करने और उसे नियंत्रित करने के लिए सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिज़ाइन इंस्टीट्यूट लिमिटेड (सीएमपीडीआईएल), रांची (कोल इंडिया लिमिटेड की एक सलाहकार सहायक कंपनी) ने उड़ने वाली धूल के उत्पादन और उसे नियंत्रित करने के लिए सिस्टम एवं मेथड का आविष्कार किया है और इसे दिसंबर, 2022 में पेटेंट मिला है (पेटेंट संख्या 416055)। इस प्रणाली का उपयोग खदानों, ताप विद्युत संयंत्रों, रेलवे साइडिंग, बंदरगाहों, निर्माण स्थलों में इस्तेमाल किया जा सकता है जहां कोयला तथा अन्य खनिज तथा फ्यूजिटिव सामग्री खुले में संग्रहित रहती है। यह प्रणाली खुले स्रोतों से धूल उत्पादन को कम करने के अतिरिक्त शोर को कम करेगी। कोयला मंत्रालय के अंतर्गत कोयला/लिग्नाइट सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्यावरणीय रूप से उत्तरदायी तरीके से गुणवत्तापूर्ण उत्प...
IISF 2022: Startup Conclave to focus on Biotech Innovation Ecosystem

IISF 2022: Startup Conclave to focus on Biotech Innovation Ecosystem

EXCLUSIVE NEWS, राष्ट्रीय
New Delhi, January 12 (India Science Wire): India has become the third-largest startupecosystem in the world after the US and China. During the last 2 years, 65 Indianstartups achieved unicorn status, taking the overall tally of startup unicorns in India to Startup India, an initiative of the Government of India, projects a YoY growth of12-15%.The 8 th edition of India International Science Festival (IISF2022), which will be organisedfrom 21-24 January 2023, at Maulana Azad National Institute of Technology (MANIT),Bhopal, has an exclusive event titled ‘Startup Conclave’. The conclave would have aparticular focus on the Biotech Innovation ecosystem championed by the Departmentof Biotechnology (DBT) and the Biotechnology Industry Research Assistance Council(BIRAC), an Interface Agency, ...
भारतीय आर्थिक चिंतन के सहारे मुद्रा स्फीति शीघ्र ही नियंत्रण में लाई जा सकती है

भारतीय आर्थिक चिंतन के सहारे मुद्रा स्फीति शीघ्र ही नियंत्रण में लाई जा सकती है

EXCLUSIVE NEWS, आर्थिक, विश्लेषण
भारतीय आर्थिक चिंतन के सहारे मुद्रा स्फीति शीघ्र ही नियंत्रण में लाई जा सकती हैलगातार बढ़ रही मुद्रा स्फीति की परेशानी पूरा विश्व ही महसूस कर रहा है। परंतु, भारत नेअपने आर्थिक चिंतन के सहारे मुद्रा स्फीति को नियंत्रित करने में सबसे पहिले सफलताहासिल कर ली है। दिसम्बर 2022 माह में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रा स्फीतिकी दर पिछले 12 माह के न्यूनतम स्तर 5.72 प्रतिशत पर आ गई है। यह मुख्य रूप सेसब्जियों की दरों में आई कमी के चलते सम्भव हो सका है। सब्जियों की महंगाई दर15.08 प्रतिशत से कम हुई है एवं फलों की महंगाई दर केवल 2 प्रतिशत से बढ़ी है, तेलएवं शक्कर की महंगाई दर लगभग शून्य रही है। राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय द्वारा जारीकिये गए आंकड़ों के अनुसार, खाद्य पदार्थों में महंगाई दर दिसम्बर 2022 में 4.19प्रतिशत की रही है जो नवम्बर 2022 माह में 4.67 प्रतिशत थी एवं दिसम्बर 2021 में4.05 प्रतिश...
स्वामी जी की पावन स्मृतियाँ और चंद सवाल

स्वामी जी की पावन स्मृतियाँ और चंद सवाल

BREAKING NEWS, TOP STORIES, धर्म
12 जनवरी, स्वामी विवेकानंद जी की जयंती पर....... यह कहना अनुचित नहीं होगा कि जहाँ आदि शंकराचार्य ने संपूर्ण भारतवर्ष को सांस्कृतिक एकता के मज़बूत सूत्र में पिरोया, वहीं स्वामी विवेकानंद ने आधुनिक भारत को उसके स्वत्व एवं गौरव का बोध कराया। बल्कि यह कहना चाहिए कि उन्होंने भारत का भारत से साक्षात्कार करा उसे आत्मविस्मृति के गर्त्त से बाहर निकाला। लंबी गुलामी से उपजी औपनिवेशिक मानसिकता एवं औद्योगिक क्रांति के बाद पश्चिम से आई भौतिकता की आँधी का व्यापक प्रभाव भारतीय जन-मन पर भी पड़ा। पराभव और परतंत्रता ने हममें हीनता-ग्रंथि विकसित कर दी। हमारी सामाजिक-सांस्कृतिक-राजनीतिक चेतना मृतप्राय अवस्था को प्राप्त हो चुकी थी। नस्लभेदी मानसिकता के कारण पश्चिमी देशों ने न केवल हमारी घनघोर उपेक्षा की, अपितु हमारे संदर्भ में तर्कों-तथ्यों से परे नितांत अनैतिहासिक-पूर्वाग्रहग्रस्त-मनगढ़ंत स्थापनाएँ भी दीं।...
आज पाकिस्तान का पाकिस्तान से ही सामना

आज पाकिस्तान का पाकिस्तान से ही सामना

BREAKING NEWS, TOP STORIES, समाचार
बलबीर पुंज भारत को 1947 में विभाजित करके उभरा पाकिस्तान बदहाल क्यों है? वर्ष 1971 में पाकिस्तान जहां दो टुकड़ों में बंट गया, वही आज ब्लूचिस्तान, पख़्तूनिस्तान और सिंध में अलगाववाद के स्वर चरम पर है। आर्थिक रूप से यह इस्लामी राष्ट्र न केवल खोखला हो चुका है, अपितु अपनी देनदारी चुकाने या आतंरिक समस्याओं से निपटने हेतु दयनीय भिखारी के रूप में विश्वभर में इधर-उधर याचना कर रहा है। अमेरिका आदि देशों सहित कई अंतरराष्ट्रीय समुदायों ने लगभग 10 अरब डॉलर के रूप में बाढ़ से बेहाल पाकिस्तान की झोली भरने का वादा किया है। स्थिति ऐसी है कि पाकिस्तानी नागरिक या तो बिजली से लेकर चायपत्ती, आटा, सब्जियों और अन्य खाद्य-पदार्थों के लिए जूझ रहे है या फिर अनियंत्रित महंगाई और कालाबाजारी के शिकार है। बिजली बचाने के लिए शरीफ सरकार ने संध्या 8:30 बजे बाजारों, तो रात 10 बजे तक विवाहस्थलों को बंद करने का आदेश दिया ...
उत्तर प्रदेश में धार्मिक केंद्रों के विकास पर बल और तीर्थ यात्राओं को बढ़ावा 

उत्तर प्रदेश में धार्मिक केंद्रों के विकास पर बल और तीर्थ यात्राओं को बढ़ावा 

BREAKING NEWS, TOP STORIES
मृत्युंजय दीक्षित  अयोध्या और काशी के बाद अब प्रदेश सरकार मथुरा, वृंदावन में भी भव्य कॉरिडोर बनाने की ओर अग्रसर है इसके साथ ही प्रदेश में तीर्थयात्राओं को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के सभी छोटे व स्थानीय महत्व के धार्मिक स्थलों का विकास भी किया जा रहा है, जिससे तीर्थ यात्राओं को बढ़ावा तो मिलेगा ही रोजागर के नए अवसर भी उपलब्ध होंगे। प्रदेश सरकार निवेश लाने के लिए जो अभियान चला रही है उसके केंद्र बिंदु में तीर्थ पर्यटन एक महत्वपूर्ण बिंदु रखा गया है जिसके कारण निवेशक बड़ी संख्या में पर्यटन के क्षेत्र में निवेश के लिए आगे आ रहे हैं। यह प्रदेश सरकार की मेहनत का ही परिणाम है कि इस बार आंग्ल नववर्ष पर प्रदेश के सभी प्रमुख मंदिरों व धार्मिक केंद्रो पर भारी भीड़ उमड़ी।प्रदेश के प्रमुख आस्था केन्द्रों अयोध्या, मथुरा, काशी सहित तमाम छोटे बड़े आस्था केंद्रों पर भक्तों का अभूतपूर्व आगमन देखा गय...