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Author: Dialogue India

भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग एवं व्यापार समझौता: भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों के लिए लाभप्रद स्थिति

भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग एवं व्यापार समझौता: भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों के लिए लाभप्रद स्थिति

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क्या आप जानते हैं कि भारत और ऑस्ट्रेलिया ने एक आर्थिक सहयोग एवं व्यापार समझौता किया है? हां, #IndAusECTA पर पिछले साल 2 अप्रैल, 2022 को हस्ताक्षर किए गए थे; अनुसमर्थन और लिखित उपकरणों के आदान-प्रदान के बाद, समझौता 29 दिसंबर, 2022 को प्रभावी हो गया है। भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों के लिए लाभप्रद स्थिति ऑस्ट्रेलिया, भारत को मुख्‍य रूप से कच्चे माल का निर्यात करता है, जबकि भारत परिष्‍कृत माल का निर्यात करता है। ईसीटीए इस संपूरकता पर आधारित है, जिससे दोनों देशों के लिए लाभप्रद अवसरों का निर्माण होता है। वाणिज्य और उद्योग विभाग के अपर सचिव श्री राजेश अग्रवाल ने कहा "वाणिज्य विभाग ने इस साल दो व्यापार समझौतों - भारत यूएई एफटीए और इंड-ऑस्ट्रेलिया ईसीटीए को प्रचालनगत करने का अनूठा गौरव अर्जित किया है। इंड-ऑस्ट्रेलिया ईसीटीए के लागू होने से दुनिया की दो प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं एक साथ आ गई हैं - भारत ...
भारत के पहले समावेश महोत्सव, पर्पल फेस्ट समारोह की शानदार शुरूआत गोवा में हुई

भारत के पहले समावेश महोत्सव, पर्पल फेस्ट समारोह की शानदार शुरूआत गोवा में हुई

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भारत में अपने प्रकार का पहला समावेश महोत्सव 'पर्पल फेस्ट: सेलिब्रेटिंग डाइवर्सिटी' की शुरुआत आज गोवा में एक शानदार समारोह के साथ हुई। इस अवसर पर केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री, डॉ. वीरेंद्र कुमार, गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत, गोवा सरकार के समाज कल्याण मंत्री सुभाष फलदेसाई भी उपस्थित हुए। इस महोत्सव का उद्देश्य यह दिखाना है कि किस प्रकार से हम एक स्वागत योग्य और समावेशी दुनिया का निर्माण करने के लिए एक साथ मिलकर काम कर सकते हैं। केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री, डॉ. वीरेंद्र कुमार ने दिव्यांगजनों द्वारा उत्पादों की एक प्रदर्शनी सह बिक्री का दौरा किया और प्रतिभागियों के साथ बातचीत भी की। वह भारत में अपनी तरह के पहले समावेशी उत्सव पर्पल फेस्ट के भव्य उद्घाटन के प्रत्यक्षदर्शी बनें, जो देश में अपनी तरह का पहला समावेशी उत्सव है। महोत्सव का उद्देश...
गांधी की याद में प्रवासी भारतीय दिवस 

गांधी की याद में प्रवासी भारतीय दिवस 

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मनोज कुमार इंदौर में आयोजित सत्रहवां प्रवासी भारतीय दिवस तारीख 9 जनवरी के महत्व को दर्शाता है. 9 जनवरी महज कैलेंडर की तारीख नहीं बल्कि इतिहास बदलने की तारीख है जिसका श्रेय महात्मा गांधी को जाता है. आज ही के दिन 1915 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी अपनी पत्नी कस्तूरबा गांधी के साथ भारत वापस लौटे थे. 09 जनवरी 1915 की सुबह बंबई (अब मुंबई) के अपोलो बंदरगाह पर गांधी जी और कस्तूरबा पहुंचे तो वहां मौजूद हजारों कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने शानदार तौर तरीके से उनका इस्तकबाल किया था. अब महात्मा गांधी के वापसी के दिन को हर साल भारत में प्रवासी दिवस के तौर पर मनाया जाता है. इस दिन हर साल भारत के विकास में प्रवासी भारतीय समुदाय के योगदान को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है. महात्मा गांधी ने साल 1893 में 24 साल की उम्र में वकालत के लिए साउथ अफ्रीका का रुख किया था. वह वहां 21 साल तक मुकीम रहे. इस दौरा...
प्रवासी सम्मेलन- भारत की जान बसती भारतवंशियों में

प्रवासी सम्मेलन- भारत की जान बसती भारतवंशियों में

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आर.के. सिन्हा पिछले दो सालों से कोरोना के कारण आयोजित नहीं हो पा रहा प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) सम्मेलन आगामी 8-10 जनवरी को इंदौर में होने जा रहा है। यह सुखद संयोग ही है। प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के अंतिम दिन तीन देशों के राष्ट्रपति एक साथ इंदौर में मौजूद रहेंगे। भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी और गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली भी अतिथि के रूप में रहेंगे। भारत की राष्ट्रपति दोनों राष्ट्राध्यक्षों के साथ अलग-अलग मुलाकातें भी करेंगी। 17वें प्रवासी भारतीय दिवस के आयोजन का सिलसिला 8 जनवरी से शुरू होगा। इस दिन अतिथि के रूप में आस्ट्रेलिया की सांसद जेनेटा मेस्क्रेंहेंस मंच पर देश के विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ मौजूद रहेंगी। दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, दोनों प्रवासी विदेशी राष्ट्रा...
पाकिस्तान हुआ बदहाल घर में नहीं दाने, भारत को चला हड़काने 

पाकिस्तान हुआ बदहाल घर में नहीं दाने, भारत को चला हड़काने 

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मृत्युंजय दीक्षित  दुनियाभर के आतंकवादियों की शरणस्थली बना पाकिस्तान, भारत की कूटनीति के आगे पूरी तरह से पस्त हो चुका है लेकिन बड़बोलेपन से बाज नहीं आ रहा।आज पाकिस्तान की हालत यह हो गई है कि रेलों का संचालन बंद होने के कगार पर है, बिजली संकट इतना गहरा गया है कि बाजारों और मैरिज हालों को जल्द बंद कराने के निर्देश जारी किये गये हैं। पाकिस्तान सरकार ने बिजली की खपत को कम करने और सरकारी खजाने पर वित्तीय भार को कम करने के लिए कई योजनाओं की घोषणा की है लेकिन ये उपाय ऐसे हैं कि जिन्हें सुनकर हर कोई हंस  रहा है। इस बीच पाकिस्तान के रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ ने जनसंख्या नियंत्रण को लेकर अलग ही तर्क दिया है जो खूब वायरल हो रहा है। इन तर्कों से यह पता चल रहा है कि मदरसों में आतंकियों  को पढ़ाने वाले व पालने वाले पाकिस्तानियों के विचार किस हद तक नीचे जा चुके हैं जिन पर केवल अपना माथा पकड़ा...
शिक्षा में विदेशी दखल: इसके खतरे भी हैं ?

शिक्षा में विदेशी दखल: इसके खतरे भी हैं ?

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डॉ. वेदप्रताप वैदिक विश्व विद्यालय अनुदान आयोग ने एक जबर्दस्त नई पहल की है। उसने दुनिया के 500 श्रेष्ठ विश्वविद्यालयों के लिए भारत के दरवाजे खोल दिए हैं। वे अब भारत में अपने परिसर स्थापित कर सकेंगे। इस साल भारत के लगभग 5 लाख विद्यार्थी विदेशों में पढ़ने के लिए पहुंच चुके हैं। विदेशी पढ़ाई भारत के मुकाबले कई गुनी मंहगी है। भारत के लोग अपनी कड़ी मेहनत की करोड़ों डाॅलरों की कमाई भी अपने बच्चों की इस पढ़ाई पर खर्च करने को मजबूर हो जाते हैं। इन लाखों छात्रों में से ज्यादातर छात्रों की कोशिश होती है कि विदेशों में ही रह जाएं और वहां रहकर वे मोटा पैसा बनाएं। भारत से प्रतिभा पलायन का यह मूल स्त्रोत बन जाता है। अब जबकि विदेशी विश्वविद्यालय भारत में खुल जाएंगे तो निश्चय ही यह प्रतिभा-पलायन घटेगा और देश का पैसा भी बचेगा। इसके अलावा वि.वि.अ. आयोग की मान्यता है कि दुनिया की सर्वश्रेष्ठ शिक्षा-पद्धत...
नया साल नया जीवन : कहीं आप भी तो नहीं हैं गॉब्लिन मोड का शिकार? इसकी गिरफ्त में हैं या नहीं, ये भी जान लीजिए

नया साल नया जीवन : कहीं आप भी तो नहीं हैं गॉब्लिन मोड का शिकार? इसकी गिरफ्त में हैं या नहीं, ये भी जान लीजिए

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डॉ. चीनू अग्रवाल साल गुज़र जाते हैं, लेकिन अपने दौर को किसी न किसी रूप में कहीं दर्ज ज़रूर कराते जाते हैं। 2022 में लोगों की सोच की एक झलक इस साल के ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस द्वारा चुने शब्द में देखी जा सकती है- गॉब्लिन मोड। साल बीते उससे पहले आइए इस शब्द की पड़ताल करें। शायद नए साल में जीने का तरीक़ा भी मिल जाए! पिछले महीने एक डॉक्टर दंपती बड़ा चिंतित होकर अपनी 15 वर्षीय बिटिया की काउंसलिंग करवाने आया। अभिभावकों ने बताया कि बेटी बहुत होशियार रही है, नवीं कक्षा में पढ़ती है, थोड़ा कम बोलती है पर वैसे हंसमुख और मिलनसार है। इधर कुछ हफ़्तों से न स्कूल जाती है, न पढ़ती है, न नहाती है। बस सोफ़े पर पड़े-पड़े सारा दिन निकाल देती है। ‘डॉक्टर, हम बहुत चिंतित हैं, लगता है जैसे डिप्रेशन के लक्षण हों।’ मैंने जब माता-पिता को बाहर बिठाकर बेटी से बात करनी चाही तो उसने एक गहरी सांस भरी और अंग...
What does 2023 hold for India?

What does 2023 hold for India?

TOP STORIES
By Balbir Punj It’s a confident India that has walked into 2023. Defying prophets of doom, the economy is doing well, the two hostile neighbours - Pakistan and China are in difficulties, mostly of their own making , and India’s stature in the comity of nations is on the ascend. The current Year will be marked by India’s most important international assignment in three decades – the presidency of the G 20 – which will provide India with yet another opportunity to play an important role in global affairs when the world is faced with unpredictable turns on the Eurasian battlefield, and their ripple effect on global supply chains and energy markets. It’s indeed a crucial year for India. The United Nations (UN) estimates that India may surpass China as the most populous country on Apr...
भारत में बढ़ती बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था पर भारी 

भारत में बढ़ती बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था पर भारी 

आर्थिक
स्वास्थ्य देखभाल के बुनियादी ढांचे में सुधार से युवा श्रम शक्ति के लिए अधिक उत्पादक दिवस सुनिश्चित होंगे, इस प्रकार अर्थव्यवस्था की उत्पादकता में वृद्धि होगी। आयुष्मान भारत और राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (एनएचपीएस) जैसी योजनाओं की सफलता जरूरी है। साथ ही एकीकृत बाल विकास (आईसीडीएस) कार्यक्रम के प्रभावी कार्यान्वयन के साथ महिलाओं और बच्चों में पोषण स्तर पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। कार्यबल में युवा लोगों को जोड़ने के लिए राष्ट्र को प्रति वर्ष दस मिलियन रोजगार सृजित करने की आवश्यकता है। व्यवसायों के हितों और उद्यमिता को बढ़ावा देने से बड़े कार्यबल को रोजगार प्रदान करने के लिए रोजगार सृजन में मदद मिलेगी। -डॉ सत्यवान सौरभ  सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी  के आंकड़ों से पता चलता है कि दिसंबर में भारत की बेरोजगारी दर बढ़कर 8.30% हो गई, जो पिछले महीने के 8.00% से 1...
मध्यप्रदेश : मतदाताओं को बांटते ये राजनीतिक  मंसूबे

मध्यप्रदेश : मतदाताओं को बांटते ये राजनीतिक  मंसूबे

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मध्यप्रदेश में मतदाताओं को बाँट कर चुनाव जीतने की कोशिशें शुरू हो गई है |देश के संविधान की भावना के तहत चुनाव  करानेवाली मशीनरी भले ही मतदाताओ का वर्गीकरण  नैसर्गिक आधार पर करती हो, राजनीतिक दल यह विभाजन जातिगत आधार पर करने लगे हैं | यह सब प्रदेश के हित में नहीं है | मध्यप्रदेश की चुनावी मशीनरी के हिसाब से मध्यप्रदेश में कुल 5,40,63,815 मतदाता हैं |जिनमें 27962711 पुरुष और 26023733महिला  और 1432 थर्ड जेंडर के मतदाता है | इसके विपरीत राजनीतिक दलों को इनमें सवर्ण, ओबीसी से लेकर और बहुत से विभाजन दिखाई देने लगे हैं | कांग्रेस हो या भाजपा दोनों के बड़े नेता अपने बयानों में इस विभाजन का प्रचार शुरू कर चुके हैं |चुनाव यदि मतदाताओं को उनकी जातिगत पहचान बता कर जीतना ही इनका लक्ष्य है, तो यह देश के संविधान की मूल भावना के विपरीत है |प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमं...