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Author: Dialogue India

आनुवंशिक फसलों की व्यावसायिक खेती ?

आनुवंशिक फसलों की व्यावसायिक खेती ?

EXCLUSIVE NEWS, आर्थिक
आनुवंशिक फसलों की व्यावसायिक खेती ?* कृषि प्रधान देश कहा  जाने वाला  भारत आज भी दुनिया का सबसे बड़ा खाद्य तेल का आयातक है। देश में आनुवंशिक फसलों की व्यावसायिक खेती की अनुमति को लेकर पिछले दो दशक से विभिन्न मंचों पर बहस जारी है। एक –दो मुकदमे भी देश के सर्वोच्च न्यायालय में लम्बित हैं |देश के अधिकांश पर्यावरणविद और कृषि विशेषज्ञ आनुवंशिक परिवर्तित खेती में फायदा कम, नुकसान अधिक मानते आए हैं। फिर भी  सरकार ने इसके उत्पादन की मौन स्वीकृति दे दी । इसे विकसित करने वाले संस्थान ने प्रयोग के लिए बीज भी उपलब्ध करा दिया । विवाद होने के बाद भी यह खयाल नहीं रखा गया कि उत्पादन संबंधी प्रयोग खुले में करने के बजाय ग्रीन हाउस में किया जाए। देश में पिछले बीस वर्षों से जीएम सरसों के पर्यावरण पर पड़ने वाले कुप्रभाव को लेकर विरोध हो रहा है। सन 2002 में भारत में इसके बीज की  भारतीय...
विदेश पलायन : मेले नहीं, साफ नीति चाहिए

विदेश पलायन : मेले नहीं, साफ नीति चाहिए

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, समाचार
देश और राज्यों की सरकारें  यूरोपियन यूनियन के देशों में अप्रवासी भारतीयों की  अधिक गिनती  होने से खुश हैं |अप्रवासी भारतीयों की संख्या हर दिन बढ़ रही है है। इली के राजदूत के इस तमगे के बाद तो सरकार के पांव जमीन पर नहीं ठहर रहे हैं कि“भारतीय कामगारों का योगदान इटली की आर्थिकी में अभिन्न है, खासकर कृषि और डेयरी क्षेत्र में।“ ऐसी ही बातें अन्य देशों से भी आती है | देश आयर राज्यों की सरकारों से प्रश्न यह है कि भारत से इतना पलायन क्यों ? और देश में रोजगार के हालात कब सुधरेंगे ? सिर्फ इटली में अप्रवासियों की संख्या में दस गुणा से अधिक वृद्धि हुई है, जो कि वर्ष 1991 में महज 20 हजार से बढ़कर इस साल 2.1 लाख हो चुकी है। भारतीयों का पलायन इटली के अलावा कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, यूके, यूएसए इत्यादि अन्य देशों की  ओर भी हो रहा है। वीसा चाहने वालों  की लंबी पंक्ति दूतावास के ब...
सीबीडी कॉप-15: साल 2030 तक के लिए तय किए गए 23 लक्ष्य

सीबीडी कॉप-15: साल 2030 तक के लिए तय किए गए 23 लक्ष्य

BREAKING NEWS, TOP STORIES
23 लक्ष्यों में कृषि सब्सिडी को कम करना, व्यवसायों को उनके जैव विविधता प्रभावों का आकलन और आक्रामक प्रजातियों के संकट से निपटना शामिल है By Dayanidhi जैव विविधता पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (सीबीडी) के पक्षकारों के 15वें सम्मेलन (कॉप 15) समाप्त हो गया। इस सम्मेलन में 2030 तक कम से कम 30 प्रतिशत धरती की रक्षा करने का लक्ष्य तय किया गया। की बात कही गई है। कुल मिलाकर 23 लक्ष्य तय किए गए, जिन्हें दुनिया को 2030 तक हासिल करना है। सम्मेलन में यह भी प्रस्ताव पारित किया गया कि अमीर देश, विकासशील देशों को हर साल 30 बिलियन डॉलर की सहायता देंगे, ताकि उनके पारिस्थितिक तंत्र को बचाया जा सके।   यह प्रस्ताव शिखर सम्मेलन में प्रतिनिधित्व कर रहे देश चीन ने प्रस्तुत किया। वैज्ञानिकों का कहना है कि एक लाख प्रजातियां खतरे में हैं, इन सब को बचाने के लिए अगले दशक की का...
प्रधानमंत्री ने गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई से मुलाकात की

प्रधानमंत्री ने गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई से मुलाकात की

BREAKING NEWS, TOP STORIES
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गूगल के सीईओ श्री सुंदर पिचाई से मुलाकात की और अन्य बातों के अलावा नवाचार और प्रौद्योगिकी के बारे में चर्चा की। सुंदर पिचाई के एक ट्वीट के जवाब में, प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया; “सुंदर पिचाई, आप से मिलकर और नवाचार, प्रौद्योगिकी एवं कई अन्य बातों पर चर्चा करके खुशी हुई। यह बेहद महत्वपूर्ण है कि दुनिया मानव समृद्धि और सतत विकास के लिए तकनीक का लाभ उठाने हेतु मिलकर काम करना जारी रखे। ***** एमजी/एएम/आर ...
भारत सरकार ने यूट्यूब पर व्यापक पैमाने पर फैली फर्जी खबरों पर हमला बोला

भारत सरकार ने यूट्यूब पर व्यापक पैमाने पर फैली फर्जी खबरों पर हमला बोला

BREAKING NEWS, TOP STORIES, समाचार
चालीस से अधिक फैक्ट-चेक श्रृंखला के क्रम में पत्र सूचना कार्यालय की फैक्ट-चेक इकाई (एफसीयू) ने यूट्यूब के ऐसे तीन चैनलों का भंडाफोड़ किया है, जो भारत में फर्जी खबरें फैला रहे थे। इन यूट्यूब चैनलों के लगभग 33 लाख सब्सक्राइबर थे। इनके लगभग सभी वीडियो फर्जी निकले; बहरहाल इन्हें 30 करोड़ से अधिक बार देखा गया है। यह पहली बार है जब पत्र सूचना कार्यालय ने सोशल मीडिया पर व्यक्तियों द्वारा झूठी बातें फैलाने को मद्देनजर रखते हुए सभी यूट्यूब चैनलों की कलई खोलकर रख दी है। पत्र सूचना कार्यालय ने तथ्यों की जो पड़ताल की है, उसका विवरण इस प्रकार हैः क्र.सं.यूट्यूब चैनल का नामसब्सक्राइबरों की संख्याकितनी बार देखा गया न्यूज हेडलाइन्स9.67 लाख31,75,32,290 सरकारी अपडेट22.6 लाख8,83,594 आज तक LIVE65.6 हजार1,25,04,177 यूट्यूब के उपरोक्त चैनल माननीय सर्वोच्च न्यायालय, माननीय मुख्य न्या...
टुकड़ों में कटता प्रेम और रिश्तों का संबंध – सिद्गार्थ शंकर गौतम

टुकड़ों में कटता प्रेम और रिश्तों का संबंध – सिद्गार्थ शंकर गौतम

TOP STORIES, सामाजिक
इन दिनों एक से एक वीभत्स हत्याओं की खबर आ रही हैं। ऐसी घटनाओं में हत्या ही नहीं की जा रही बल्कि हत्या के बाद वीभत्स तरीके से शवों को ठिकाने भी लगाया जा रहा है। नई दिल्ली में प्रेमी आफताब पूनावाला द्वारा श्रद्धा वॉकर की निर्ममतापूर्ण हत्या के बाद शरीर के टुकड़े-टुकड़े करके फेंकने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि झारखण्ड के साहिबगंज में दिलदार अंसारी ने आदिवासी लड़की रुबिका पहाड़ी की हत्या कर शव के 50 टुकड़े किए और उन्हें जंगलों में फेंक दिया। उधर जयपुर में एक भतीजे ने अपनी चाची का खून किया और उनके शव को 10 टुकड़ों में काटकर उसे सूटकेस में भरकर जंगलों में फेंक आया। इससे पहले उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के मोदी नगर इलाके में मकान मालिक उमेश ने अपने किरायेदार पीएचडी स्कॉलर अंकित खोकर की गला दबाकर हत्या करने के बाद उसके शव को टुकड़ों में काट कर फेंक दिया। दिल्ली में ही एक महिला प...
तालिबानः मियाँ की जूतियाँ मियाँ के सिर

तालिबानः मियाँ की जूतियाँ मियाँ के सिर

TOP STORIES
*डॉ. वेदप्रताप वैदिक* काबुल में पिछले साल तालिबान की सरकार क्या कायम हुई, पाकिस्तान समझने लगा कि उसकी पौ-बारह हो गई, क्योंकि पिछले दो-ढाई दशक से तालिबान और उसके पहले अफगान मुजाहिदीन को शै देनेवाला पाकिस्तान ही था। तालिबान ने पहले अपने हिमायती अमेरिका को सबक सिखाया और अब वह पाकिस्तान के छक्के छुड़ा रहा है। आए दिन तालिबानी और पाकिस्तानी सीमा-रक्षकों के बीच गोलीबारी की खबरें आती रहती हैं। अफगानिस्तान और ब्रिटिश भारत के बीच जब सर मोर्टिमोर डूंरेड ने 1893 में डूंरेड-रेखा खींची थी, तभी से एक के बाद एक अफगान सरकारों ने उसे मानने से मना कर दिया था। अब जबकि पाक-सरकार 2700 किमी की इस डूंरेड रेखा पर खंभे गाड़ने की कोशिश कर रही है, तालिबान सरकार उसका विरोध कर रही है। हजारों अफगान और पाकिस्तानी नागरिक पासपोर्ट और वीज़ा के बिना एक-दूसरे के देश में रोज आते-जाते हैं। दोनों देशों के बीच तनाव इतना बढ़ ग...
सोशल मीडिया के अमेरिकी भेड़ियों की दादागिरी

सोशल मीडिया के अमेरिकी भेड़ियों की दादागिरी

EXCLUSIVE NEWS, विश्लेषण
========== 17 दिसंबर को इलोन मस्क महोदय ने mestadone और koo को अपना भविष्य का प्रतिस्पर्धी मानते हुए ट्विटर से बैन कर दिया। लगभग एक माह पहले 21 नवंबर को सोशल मीडिया पर मैंने एक पोस्ट लिखा था, "ट्विटर के घाटे व अनिश्चित भविष्य से दुनिया भर में जर्मनी का Mastodone सोशल मीडिया मंच जबरदस्त लोकप्रिय हो रहा है। ट्विटर और फेसबुक का अहंकार भारत में स्वदेशी Koo तोड़ेगा।" यह अनायास ही नहीं लिखा था।  Koo के अल्गोरिथम और सेवा सुरक्षा के उत्कृष्ट मानकों के कारण ट्विटर और फेसबुक की हालत ख़राब है। यकीं मानिये भारत के देश भक्तों की, राष्ट्रवादियों की एक किक मिलने की देर है ...... बस  यह बैन लगाना इंटरनेट विश्व और सोशल मीडिया पर यह पहली इस तरह की घटना है। ट्विटर के नए मालिक ने संसार भर में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का ढिंढोरा पीटने वाले इंटरनेट विश्व में एक नया निम्न स्थापित किया है। इस ...
क्या आरटीआई अधिनियम अपने उद्देश्य को पूरा कर रहा है?

क्या आरटीआई अधिनियम अपने उद्देश्य को पूरा कर रहा है?

EXCLUSIVE NEWS
सरकार से पर्याप्त धन प्राप्त करने वाले कई निकायों के साथ-साथ सभी सरकारी विभागों को आरटीआई मुद्दों के तहत लाया गया है। इस अधिनियम की सुंदरता इसकी सादगी है। लेकिन, कुछ राज्यों में जटिल प्रारूप या नियम लोगों के लिए बाधा उत्पन्न करते हैं। सूचना आयोगों में बड़ी संख्या में रिक्तियां हैं, जिसका अर्थ है कि अपील और शिकायतें लंबित रहती हैं। अप्रशिक्षित कर्मचारी और जन सूचना अधिकारियों (पीआईओ) का असहयोगी समूह। कई आयुक्त खुलकर अपने राजनीतिक झुकाव का इजहार करते देखे गए हैं। यह याचिकाकर्ताओं के बीच पक्षपात की भावना पैदा करता है। अधिनियम के अंतर्गत सभी संस्थानों को शामिल नहीं किया जा रहा है। आरटीआई के बारे में जागरूकता अभी बहुत कम है। जागरूकता का स्तर विशेष रूप से वंचित समुदायों जैसे महिला ग्रामीण आबादी, ओबीसी/एससी/एसटी आबादी के बीच कम है। आरटीआई शासन के फलने-फूलने के लिए एक मजबूत राजनीतिक व्यवस्...
भारत सक्षम है मानव-एकता को बल देने में

भारत सक्षम है मानव-एकता को बल देने में

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, सामाजिक
-ः ललित गर्ग:- अंतरराष्ट्रीय मानव एकता दिवस हर साल 20 दिसंबर को मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों के बीच मानवीय एकता के महत्व को बताने के लिए, गरीबी पर अंकुश लगाना और विकासशील देशों में मानव और सामाजिक विकास को बढ़ावा देना है। संयुक्त राष्ट्र ने 22 दिसंबर 2005 को यह दिवस मनाने की घोषणा की थी। इस दिवस को विश्व एकजुटता कोष और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम द्वारा बढ़ावा दिया जाता है, जो दुनियाभर में गरीबी उन्मूलन के लिए निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने पर केंद्रित हैं। इस दिवस को मनाते हुए हर व्यक्ति शिक्षा में योगदान देकर, गरीबों या शारीरिक या मानसिक रूप से अक्षम लोगों की मदद करके अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इस दिवस के माध्यम से सरकारों को सतत विकास लक्ष्य के गरीबी और अन्य सामाजिक बाधाओं का जवाब देने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। विविधता में एकता दर्शाने, विभिन्न स...