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Author: Dialogue India

धानमंत्री ने नायक (सेवानिवृत्त) भैरों सिंह के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया

धानमंत्री ने नायक (सेवानिवृत्त) भैरों सिंह के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया

BREAKING NEWS, TOP STORIES, समाचार
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नायक (सेवानिवृत्त) भैरों सिंह के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। एक ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कहा; "नायक (सेवानिवृत्त) भैरों सिंह जी को राष्ट्र के प्रति उनकी सेवाओं के लिए हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने हमारे देश के इतिहास के महत्वपूर्ण अवसर पर अदम्‍य साहस का प्रदर्शन किया। मैं उनके निधन से बहुत दुखी हूं। दुःख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं। ओम शांति।" ...
इनोवेशन चैलेंज एटीएल-2022-23 मैराथन के लिए आवेदन शुरू

इनोवेशन चैलेंज एटीएल-2022-23 मैराथन के लिए आवेदन शुरू

BREAKING NEWS, TOP STORIES
नवाचार और उद्यमशीलता की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए नीति आयोग द्वारा अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम) संचालित किया जारहा है। एआईएम की ओर से नवाचारी युवाओं से ‘एटीएल मैराथन - 2022-23’ नामक एकप्रतियोगिता के अंतर्गत नवोन्मेषी आइडिया पर आधारित आवेदन आमंत्रित किये गए हैं।एआईएम के अटल टिंकरिंग लैब्स कार्यक्रम के अंतर्गत शुरू की गई ‘एटीएल मैराथन’ भारत केयुवा नवप्रवर्तकों के लिए एक प्रमुख राष्ट्रीय स्तरीय इनोवेशन प्रतियोगिता है। यह प्रतियोगिताउन ऐसे नवोन्मेषी युवाओं को ध्यान में रखकर डिजाइन की गई है, जो अपने आसपास कीसामुदायिक समस्याओं को हल करने और कामकाजी प्रोटोटाइप या न्यूनतम व्यवहार्य उत्पाद(एमवीपी) के रूप में अभिनव समाधान विकसित कर सकते हैं।एटीएल मैराथन के इस संस्करण की थीम "भारत की जी20 प्रेसीडेंसी" है। जैसा कि भारत नेइस वर्ष जी20 की अध्यक्षता ग्रहण की है, तो एआईएम ने फोकस के संबंधित क्षेत्रों मे...
राष्ट्र के विकास की धुरी है किसान

राष्ट्र के विकास की धुरी है किसान

BREAKING NEWS, आर्थिक
या सृष्टि के सौंदर्यीकरण का सूत्रधार है किसान डॉ. शंकर सुवन सिंहभारत एक कृषि प्रधान देश है। भारत की आधी से ज्यादा आबादी खेती पर निर्भर रहती है।किसान अनाज उगाकर अपना जीवन यापन करता है और लोग इसी अनाज को खाकरजीवित रहते हैं। जब किसान अनाज उगाता है तब वह लोगों के थाली में आता है। खेतीसम्बन्धी कार्य को करने वाला व्यक्ति किसान कहलाता है। किसान को कृषक या खेतिहर केनामों से भी पुकारा जाता है। खाद्यान्न के उत्पादन से लेकर विपणन तक की व्यवस्थाकिसानों के जिम्मे होती है। किसान खेत का मालिक हो सकता है। कृषि भूमि के मालिकद्वारा काम पर रखा गया मजदूर भी किसान हो सकता है। श्रम के बिना किसान या श्रमिकहोना असंभव है। अतएव किसान और श्रमिक एक दूसरे के पूरक हैं। कृषक शब्द श्रम से बनाहै। श्रम का मतलब मेहनत होता है। मेहनत दो प्रकार की होती है शारीरिक मेहनत औरमानसिक मेहनत। शारीरिक मेहनत करके आजीविका चलान...

Meet India’s most respected Christians

BREAKING NEWS
Meet India’s most respected Christians Vivek Shukla As Christmas is just around, the festive mood is visible all around. Churches and Christian homes would be lit from Bandra in Mumbai to Civil Lines in Delhi and across India as well soon. And this is a perfect time when we celebrate the life and times of some of the most respectable names from the Christian community that is making its presence felt in their respective fields. Let’s start with veteran Supreme Court Advocate Harish Salve. He  grew up in a multi-religious family with a liberal secularism at his home.He did his schooling in Nagpur. Salve  completed his Chartered Accountancy from ICAI and LLB from Nagpur University. The former chief Justice of India Sharad Arvind Bobde was his classmate in school. Before he b...
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पूरब भाग के प्रचार विभाग द्वारा सोशल मीडिया मीट 2022

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पूरब भाग के प्रचार विभाग द्वारा सोशल मीडिया मीट 2022

प्रेस विज्ञप्ति
आज दिनांक 18/12/2022 को उत्तर प्रदेश पर्यटन भवन लखनऊ के प्रेक्षागृह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पूरब भाग के प्रचार विभाग द्वारा सोशल मीडिया मीट 2022 का कार्यक्रम आयोजित किया गया कार्यक्रम का शुभारंभ भारत माता आद्य पत्रकार देवर्षि नारद के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम के प्रथम सत्र सोशल मीडिया का सामाजिक दायित्व एवं चुनौतियां विषय पर राष्ट्रीय स्वंसेवक संघ के सह क्षेत्र प्रचार प्रमुख मनोजकांत ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारत में संचार माध्यमों का सर्वप्रथम अविष्कार हुआ था. देवऋषि नारदजी को आद्य पत्रकार माना जाता है. उन्होने जो सूत्र निर्धारित किए वह आज भी प्रासंगिक हैं. इसके अंतर्गत सोशल मीडिया भी शामिल है। मुख्य वक्ता संघ के सह क्षेत्र प्रचार प्रमुख डॉ मनोजकांत ने कहा कि मीडिया या सोशल मीडिया को लेकर अनेक प्रश्न उभरते हैं. इसके कई प्रकार हैं. वर्तमान समय मे...
सार्वजनिक बहसों का गिरता स्तर

सार्वजनिक बहसों का गिरता स्तर

BREAKING NEWS, TOP STORIES
ह्रदय नारायण दीक्षित सतत् संवाद लोकतंत्र का प्राण हैं। संवादरत समाज गतिशील होते हैं। संवाद से सामाजिक परिवर्तन होते हैं। संवाद का मुख्य उपकरण भाषा है। प्रख्यात भाषाविद मोलनीविसी ने 1923 में कहा था कि ‘‘भाषा सामाजिक संगठन का काम करती है।‘‘ दुनिया के सभी समाज भाषा के सदुपयोग द्वारा ही गढ़े गए हैं। ज्ञान, विज्ञान, इतिहास और दर्शन भाषा के कारण सार्वजनिक सम्पदा बनते हैं। इसके लिए सार्वजनिक बहसों की गुणवत्ता जरूरी होती है। लेकिन भारतीय राजनीति में सार्वजनिक बहसों का स्तर लगातार गिर रहा है। सर्वोच्च न्यायपीठ ने भी सार्वजनिक बहस के गिरते स्तर पर बेबाक टिप्पणी की है। न्यायालय ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए बीते सोमवार को कहा, ‘‘यदि आप सार्वजनिक बहस को इस स्तर तक गिरा देंगे तो आपको अंजाम भुगतने होंगे।‘‘ सिसोदिया ने प्रेस वार्ता में असम के मुख्यमंत्री व...
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों में आत्महत्या के बढ़ते मामले।

प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों में आत्महत्या के बढ़ते मामले।

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
जब तक देश की परीक्षा संस्कृति से इस कुत्सित व्यवस्था को समाप्त नहीं किया जाता है, तब तक छात्रों में आत्महत्या की दर को रोकने के मामले में कोई प्रत्यक्ष परिवर्तन नहीं देखा जाएगा। सरकार को इस मुद्दे पर संज्ञान लेना चाहिए, अगर वास्तव में हम सोचते है कि "आज के बच्चे कल के भविष्य हैं। जबरन करियर विकल्प देने से कई छात्र बहुत अधिक मात्रा में दबाव के आगे झुक जाते हैं, खासकर उनके परिवार और शिक्षकों से उनके करियर विकल्पों और पढ़ाई के मामले में। शैक्षिक संस्थानों से समर्थन की कमी के चलते बच्चों और किशोरों के मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों से निपटने के लिए सुसज्जित नहीं है और मार्गदर्शन और परामर्श के लिए केंद्रों और प्रशिक्षित मानव संसाधन की कमी है। प्रारंभिक पाठ्यक्रमों और तृतीयक शिक्षा की अत्यधिक लागत छात्रों पर बोझ के रूप में कार्य करती है और उन पर जबरदस्त दबाव डालती है। -प्रियंका सौरभ नेशन...
ठाकुर रोशन सिंह का बलिदान 

ठाकुर रोशन सिंह का बलिदान 

TOP STORIES, सामाजिक
19 दिसम्बर 1927 : क्रांतिकारी रामप्रसाद  विस्मल, अशफ़ाकउल्ला और  ठाकुर रोशन सिंह का बलिदान  काॅकोरी कांड में मिली थी फाँसी  --रमेश शर्मा  भारत की स्वतंत्रता के लिये कितने बलिदान हुये, कितने क्राँतिकारियों ने अपने प्राणों की आहुति दी इसका समूचा विवरण इतिहास की पुस्तकों से भी नहीं मिलता । अंग्रेजों के सामूहिक अत्याचार से बलिदान हुये निर्दोष नागरिकों के आकड़े निकाल दें तब भी अंग्रेजों ने जिन्हें फाँसी पर चढ़ाया उनकी संख्या हजारों में है । ऐसे ही बलिदानी हैं क्राँतिकारी राम प्रसाद बिस्मिल, ठाकुर रोशन सिंह, अशफाक उल्ला खान और राजेंद्र लाहिड़ी । इन चारों क्राँतिकारियों  को काॅकोरी कांड में फाँसी की सजा सुनाईं गयी, लेकिन क्राँतिकारी राजेन्द्र लाहिड़ी को निर्धारित तिथि के दो दिन पहले ही गौंडा जेल में फाँसी दे दी गयी । जबकि तीन क्राँतिकारियों राम प्रसाद बिस्मिल, ठाकुर ...
आयुर्वेद और हम

आयुर्वेद और हम

EXCLUSIVE NEWS, विश्लेषण
ह्रदय नारायण दीक्षित प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि दुनिया रोग उपचार के लिए आयुर्वेद की प्राचीन पद्धति की ओर लौट रही है। आयुर्वेद भारत का प्राचीन स्वास्थ्य विज्ञान है। बीते सप्ताह गोवा में विश्व आयुर्वेदिक कांग्रेस में अनेक विशेषज्ञों ने आयुर्वेद के सूत्रों पर व्यापक चर्चा की है। सम्मेलन में ‘औषधीय पौधों के संरक्षण की जरूरतें‘ विषय पर एक सत्र हुआ। कहा गया है कि भारत में 900 प्रमुख औषधीय पौधों के 10 प्रतिशत खतरे कि श्रेणी में हैं। पृथ्वी हर 2 साल में एक संभावित औषधि खो रही है। इसके विलुप्त हो जाने की दर सामान्य प्राकृतिक प्रक्रिया के सापेक्ष 100 गुना तेज है। यह चिंता का विषय है। भारत का स्वास्थ्य विज्ञान कम से कम ई०पू० 2500 से 1500 वर्ष प्राचीन है। ऋग्वेद में तमाम उपचारों व औषधियों का उल्लेख है। ऋग्वेद (10-97) में कहते हैं कि औषधियों का ज्ञान तीन युग पहले से है। यहाँ युग शब्द क...
इस देश में ‘राज्यपाल’ कैसे हों ?

इस देश में ‘राज्यपाल’ कैसे हों ?

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
केंद्र सरकार के इशारों  पर चलती “राज्यपाल” नामक संस्था हमेशा विवादों में रही है | कभी उसकी राज्य सरकार के साथ पटरी नहीं बैठती तो कभी वो समाज के मुद्दों पर केंद्र से भी दो-दो हाथ करने से गुरेज नहीं करते | इन दिनों  अब महाराष्ट्र के राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी की देश के गृहमंत्री अमित शाह को लिखी एक चिट्ठी चर्चा में है। इस चिट्ठी में उन्होंने गृहमंत्री से ‘मार्गदर्शन’ मांगा है। आरिफ मोहम्मद खान,जगदीप धनखड़, अपने राज्य की सरकार से टकरा चुके हैं | मेघालय,  और अरुणाचल के राजभवनों की दस्तान भी जग जाहिर है | वैसे पश्चिम बंगाल, केरल, मेघालय आदि के राज्यपाल इतर कारणों से भी चर्चा में रहे हैं। केंद्रशासित राज्यों के लेफ्टिनेंट गवर्नर भी चुनी हुई सरकारों के निर्णयों में बाधा डालने के लिए आलोचना के शिकार होते रहे हैं। जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी और अधिकांश राज्यों में भी का...