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Author: Dialogue India

लोक सभा में हास्य, विनोद, कविता और शायरी

लोक सभा में हास्य, विनोद, कविता और शायरी

TOP STORIES, साहित्य संवाद
संसदीय व्यवस्था अन्य तंत्रों की अपेक्षा अधिक सुसभ्य और सुसंस्कृत है क्योंकि इसमें लोग संसद में मिल-बैठ कर बातचीत के द्वारा अपने मतभेदों का हल खोजने का प्रयास करते हैं तथा राजनीतिक शक्ति के लिए सतत संघर्ष भी या तो आम चुनावों के समय मतपेटियों के माध्यम से होता है या फिर संसद के सदनों में वाद-विवाद।  संसदीय व्यवस्था का मूलमंत्र यही है कि स्वतंत्र चर्चा हो। हर राष्ट्रीय महत्त्व के मामले पर खुले आम बहस हो, आलोचना की पूरी छूट हो और विभिन्न मतों में टकराव, सभी पक्षों द्वारा आपसी बातचीत और वाद-विवाद के बाद देश हित में निर्णय लिए जाए। कई बार लोक सभा में सांसदगण हास्य विनोद, कविता और शेरो-शायरी के जरिए अपनी बात मुखरता से कहते हुए दिखते हैं। हास्य-विनोद से ना केवल माहौल का तनाव कम होता है बल्कि अन्य वक्ताओं की बोलने की इच्छा का भी संवर्धन होता है। एक शेर के जवाब में दूसरा वक्ता भी अपनी बात श...
महिला प्रतिनिधित्व की स्थिति दयनीय क्यों?

महिला प्रतिनिधित्व की स्थिति दयनीय क्यों?

TOP STORIES, विश्लेषण
- ललित गर्ग - आज़ादी का अमृत महोत्सव मना चुके राष्ट्र में विधायी संस्थानों लोकसभा एवं विधानसभाओं में महिला प्रतिनिधियों की संख्या दयनीय है, नगण्य है। 75 वर्षों में लोकसभा में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 10 प्रतिशत तक भी नहीं बढ़ा है जबकि विधानसभाओं में यह स्थिति और भी चिन्तनीय है, वहां 9 प्रतिशत ही महिला प्रतिनिधि है। इस बार हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद यह मुद्दा फिर सुर्खियों में है कि वहां अड़सठ सदस्यीय विधानसभा में सिर्फ एक महिला विधायक होगी। हालांकि इस बार के चुनाव में वहां अलग-अलग दलों की ओर से कुल चौबीस महिला प्रत्याशी थीं। मुख्यधारा की राजनीति में महिलाओं का प्रतिनिधित्व क्यों नहीं बढ़ रहा है, क्यों राजनीतिक दल महिलाओं को प्रतिनिधित्व देने के नाम पर उदासीन है? आखिर क्या वजह है कि जब संसद में बिना बहस के भी कई विधेयक पारित हो जाते हैं, तब भी संसद और विधानसभाओं में महिला...
विपक्ष का एकजुट होना लोकतंत्र के लिए ज़रूरी

विपक्ष का एकजुट होना लोकतंत्र के लिए ज़रूरी

TOP STORIES, विश्लेषण
रजनीश कपूरहाल ही के चुनावों में मिले-जुले परिणाम आए हैं। दिल्ली, गुजरात और हिमाचल में जो नतीजे आए हैं उनका अनुमान लगारहे राजनैतिक पंडितों की भविष्यवाणी काफ़ी हद तक सही साबित हुई। विपक्षी दलों ने जिस तरह कमर कस कर इन चुनावोंमें पहले के मुक़ाबले बेहतर प्रदर्शन किया है, उससे अब यह बात तो स्पष्ट है कि विपक्षी दल 2024 के लोकसभा चुनावों सेपहले 2023 में नौ राज्यों में होने वाले विधान सभा चुनावों को काफ़ी गंभीरता से ले रहे हैं। बिखरा हुआ विपक्ष किसी भीलोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं होता। शायद इसीलिए तमाम क्षेत्रीय दलों के नेता एक दूसरे के साथ बैठकें कर रहे हैं और आगेकी योजना बना रहे हैं।गुजरात में भाजपा ने जीत का नया कीर्तिमान स्थापित किया है। वहाँ प्रधान मंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की कड़ीमेहनत रंग लाई। पर हिमाचल और दिल्ली में शिकस्त के बाद, भाजपा के नेतृत्व को आने वाले चुनावों की तैयारी में ...
स्त्री अत्याचारों से जुड़ी चिन्ताओं की टंकार

स्त्री अत्याचारों से जुड़ी चिन्ताओं की टंकार

TOP STORIES, विश्लेषण, साहित्य संवाद
- ललित गर्ग - इनदिनों स्त्रियों के घरेलू जीवन में उन पर अत्याचार बढ़ते जा रहे हैं। विशेषतः कोरोना महामारी के लॉकडाउन के दौरान एवं उसके बाद महिलाओं पर हिंसा, मारपीट एवं प्रताड़ना की घटनाएं बढ़ी हैं। ऐसी ही पीलीभीत की एक घटना ने रोंगटे खड़े कर दिये। खाने में बाल निकलने के बाद पत्नी को पीलीभीत के युवक जहीरुद्दीन ने जिस बेरहमी, बर्बरता एवं क्रूरता से मारा, जमीन पर गिरा दिया, घर में रखी बाल काटने वाली मशीन (ट्रिमर) को पत्नी के सिर पर चला दिया, इन दुभाग्यपूर्ण एवं शर्मसार करने वाली नृशंसता की घटना की जितनी निन्दा की जाये, कम है। स्त्री को समानता का अधिकार देने और उसके स्त्रीत्व के प्रति आदर भाव रखने के मामले में आज भी पुरुषवादी सोच किस कदर समाज में हावी है,क इसकी पीलीभीत की यह ताजा घटना निन्दनीय एवं क्रूरतम निष्पत्ति है। दुभाग्यपूर्ण पहलू यह है कि जब एक स्त्री पर यह अनाचार हो रहा था तो दूसरी...
संसद के प्रति कार्यपालिकाओं की जवाबदेही

संसद के प्रति कार्यपालिकाओं की जवाबदेही

राष्ट्रीय, समाचार
एक संसदीय लोकतंत्र में, संसद लोगों की इच्छा का प्रतीक है और इसलिए, सार्वजनिक नीति को लागू करने के तरीके की निगरानी करने में सक्षम होना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह सामाजिक-आर्थिक प्रगति के उद्देश्यों के अनुरूप है, प्रशासन और समग्र रूप से लोगों की आकांक्षाएं के लिए कुशल है। संक्षेप में, यह प्रशासन की संसदीय निगरानी का कारण है। संसद को प्रशासन के व्यवहार पर नजर रखनी होती है। यह कार्योत्तर पूछताछ और जांच कर सकता है कि क्या प्रशासन ने अनुमोदित नीतियों के तहत अपने दायित्वों के अनुरूप कार्य किया है और उसे प्रदत्त शक्तियों का उपयोग उन उद्देश्यों के लिए किया है जिनके लिए उनका इरादा था और क्या खर्च किया गया पैसा संसदीय मंजूरी के अनुसार था। यह सुनिश्चित करता है कि अधिकारी इस तथ्य से अवगत रहें कि वे अंततः संसदीय जांच के अधीन होंगे और वे जो करते हैं या करने में विफल होते हैं, उसके लिए जव...
पंजाब में आतंकी दुस्साहस एवं हिंसा का बेकाबू होना

पंजाब में आतंकी दुस्साहस एवं हिंसा का बेकाबू होना

TOP STORIES, राज्य
-ललित गर्ग- पंजाब में हिंसा, आतंकवाद एवं नशे की बढ़ती घटनाएं चिन्ता का कारण बनती जा रही है। जबसे आम आदमी पार्टी की सरकार बनी है, हिंसा, हथियारों एवं नशे की उर्वरा भूमि बनकर पंजाब के जीवन की शांति पर कहर ढहा रही है। आतंकवादी घटनाओं का बढ़ना न केवल पंजाब बल्कि पूरे राष्ट्र के लिये संकट का संकेत हैं। ऐसा ही एक ताजा संकेत तरनतारन के एक थाने में राकेट लांचर से हमला से मिला है, जिसे अतिवादी-आतंकी तत्वों के दुस्साहस का नया प्रमाण कहा जा सकता है। इस हमले ने कुछ माह पहले मोहाली में खुफिया विभाग के मुख्यालय पर हुए राकेट हमले की याद दिला दी। इस हमले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी की ओर से यह मानकर की जा रही है कि यह आतंकी हमला है। प्रांत में लगातार सिर उठा रही आतंकवादी घटनाएं, नशे का बढ़ता प्रचलन एवं बन्दूक संस्कृति इस प्रांत के अशांत एवं अस्थिर होने की आधारभूमि कही जा सकती है।पंजाब में इनदिनों हु...
महिलाओं की श्रम शक्ति भागीदारी में बाधाएं

महिलाओं की श्रम शक्ति भागीदारी में बाधाएं

BREAKING NEWS, EXCLUSIVE NEWS, विश्लेषण
मौजूदा पितृसत्तात्मक मानदंड सार्वजनिक या बाजार सेवाओं को लेने में एक महत्वपूर्ण बाधा उत्पन्न करते हैं। चाइल्डकैअर और लचीले काम के मुद्दे को संबोधित करने से सकारात्मक सामाजिक मानदंडों को शुरू करने में मदद मिल सकती है जो अवैतनिक देखभाल और घरेलू काम के बोझ के पुनर्वितरण को प्रोत्साहित करते हैं। महिलाओं के कुशल लेकिन अवैतनिक कार्यों का एक बड़ा स्पेक्ट्रम अर्थव्यवस्था में सीधे योगदान देता है। फिर भी, 'काम' के लिए जिम्मेदार नहीं होने के कारण इसका अवमूल्यन महिलाओं की स्थिति को कमजोर करता है, जिससे उनकी भेद्यता बढ़ जाती है। सार्वजनिक सेवाओं में अवसर की समानता सुनिश्चित करके लैंगिक समानता को बढ़ावा देने में सरकार की महत्वपूर्ण भूमिका है। हालाँकि, इन समाधानों का एक सीमित प्रभाव होगा जब तक कि प्रत्येक व्यक्ति के व्यवहार परिवर्तन को लक्षित न किया जाए। -प्रियंका सौरभ जबकि शिक्षा और पोषण में लैंग...
रोको नौनिहालों को खुदकुशी करने से

रोको नौनिहालों को खुदकुशी करने से

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, सामाजिक
आर.के. सिन्हा राजस्थान के कोटा में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए अन्य राज्यों से आए तीन नौजवानों के आत्महत्या करने की घटना को सुनकर दिल दहल जाता है। जिन बच्चों का अभी सारा जीवन संभावनाओं से भरा पड़ा हुआ था, उन्होंने अपनी जीवन लीला को यूँ ही एक झटके में खत्म कर लिया। मृतक छात्रों में दो बिहार और एक मध्यप्रदेश के रहने वाले थे, जिनकी उम्र 16, 17 और 18 साल थी। मृतक छात्रों में बिहार के रहने वाले दोनों छात्र अंकुश और उज्जवल एक ही हॉस्टल में रहते थे। एक इंजीनियरिंग की कोचिंग कर रहा था, वहीं दूसरा मेडिकल की तैयारी करता था। मध्यप्रदेश का छात्र प्रणव नीट की तैयारी करता था। कोटा या देश के अन्य भाग में नौजवानों द्वारा आत्म हत्या करने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। कुछ समय पहले कोटा में ही नीट की तैयारी कर रहे कोचिंग स्टूडेंट ने फंदा लगाकर खुदखुशी कर ली थी। उसके ...
New CSE analysis says air pollution levels

New CSE analysis says air pollution levels

प्रेस विज्ञप्ति
Delhi-NCR winter pollution levels down inOctober-November, says CSE analysis First phase of 2022 winter is least polluted in the last eight years.Smog-free phase; major cities record lower pollution levels Five good air days recorded – highest in last five years Farm stubble fires just half the levels of previous year Rainfall in October and local wind speed have helped disperse local pollution But despite reduction, Delhi remains the most polluted among its peers in the region; also has the most polluted locations in NCR Early signs of bending of the winter pollution curve needs to be sustained with very stringent implementation strategy to curb pollution from vehicles, industry, power plants, waste burning, construction, household fuels and dust sources throughout the...
राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस पर राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार प्रदान किए

राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस पर राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार प्रदान किए

BREAKING NEWS, EXCLUSIVE NEWS
President presents National Energy Conservation Awards on National Energy Conservation Day राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस पर राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार प्रदान किए राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस के अवसर पर आज (14 दिसंबर, 2022) नई दिल्ली में राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार, राष्ट्रीय ऊर्जा दक्षता नवाचार पुरस्कार और राष्ट्रीय चित्रकला प्रतियोगिता पुरस्कार प्रदान किए। उन्होंने इस अवसर पर 'ईवी-यात्रा पोर्टल' का भी शुभारंभ किया। ऊर्जा दक्षता ब्यूरो द्वारा निकटतम सार्वजनिक ईवी चार्जर के लिए इन-व्हीकल नेविगेशन की सुविधा के लिए 'ईवी-यात्रा पोर्टल' विकसित किया गया है। उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि यह सुनिश्चित करना हम सभी के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है कि आने वाली पीढ़ियां प्र...