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Author: Dialogue India

कहां होंगे लापिएर- फिशर जैसे भारत प्रेमी लेखक

कहां होंगे लापिएर- फिशर जैसे भारत प्रेमी लेखक

साहित्य संवाद
आर.के. सिन्हा गांधी फिल्म को पिछली 30 नवंबर को रिलीज हुए चालीस साल हो गए। गांधी फिल्म बनी थी, अमेरिका में बसे महान यहुदी लेखक लुई फिशर द्वारा लिखी गांधी जी की जीवनी से प्रभावित और प्रेरित होकर। उनकी पुस्तक को गांधी जी की सर्वश्रेष्ठ जीवनी ग्रंथों में एक माना जाता है। वैसे तो गांधी जी की सैकड़ों जीवनियां लिखी जा चुकी हैं। गांधी फिल्म के रिलीज होने के चंद दिनों के बाद फ्रीडम एट मिडनाइट, फाइव पास्ट मिडनाइट इन भोपाल, सिटी ऑफ जॉय, 'ओ'जेरूसलम' और 'इज पेरिस बर्निंग' जैसी किताबों के रचयिता डोमिनिक लापिएर चल बसे। आप पूछ सकते हैं कि गांधी फिल्म, लुई फिशर और लापिएर का क्या संबंध है? आपका सवाल वाजिब है। लुई फिशर तथा लापिएर जैसे विदेशी लेखकों का भारत प्रेम उन्हें खास बनाता है। वे भारत से हजारों मील दूर रहने पर भी भारत से सम्बंधित पर श्रेष्ठ रचनाएं लिखते ...
एमसीडी चुनाव : आप की फीकी जीत बनाम बीजेपी की कड़वी हार

एमसीडी चुनाव : आप की फीकी जीत बनाम बीजेपी की कड़वी हार

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दिल्ली म्यूनिसिपल कारपोरेशन के चुनाव परिणामों की समीक्षा करते हुए इन तथ्यों का भी ध्यान रखिए. दिल्ली म्यूनिसिपल कारपोरेशन के चुनाव में जनता ने भ्रष्टाचारियों को बख्शा नहीं है. मुफ्त रेवड़ी की सच्चाइयों को भी जनता ने याद रखा है. यही कारण है कि 42% वोट के साथ केजरीवाल ने 134 सीट जीती तो भाजपा ने 39% वोट के साथ 104 सीट जीती है. भ्रष्टाचारियों का हाल यह रहा कि तिहाड़ जेल में बंद और वहीं मसाज सेंटर चला रहे सत्येंद्र जैन की शकूर बस्ती विधानसभा के सारे वार्ड पर बीजेपी ने कब्जा कर लिया तो एमसीडी के टिकट बेचने के आरोपी अखिलेश पति त्रिपाठी और चर्चित आप नेता आतिशी के क्षेत्र से आम आदमी पार्टी का एक भी पार्षद नहीं जीत सका. इसी तरह दिल्ली की गली गली में दारू का ठेका खोलने वाले मनीष सिसोदिया के पटपड़गंज विधानसभा क्षेत्र, दिलीप पांडे, अमानुल्ला खां, गोपाल राय के क्षेत्र से महज एक एक सीट ही आम आ...
काबुलः भारत नई पहल करे

काबुलः भारत नई पहल करे

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*डॉ. वेदप्रताप वैदिक* पिछले साल काबुल पर तालिबान का कब्जा होते ही भारत सरकार बिल्कुल हतप्रभ हो गई थी। उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करे? हमारे विदेश मंत्री ने कहा था कि हम बैठे हैं और देख रहे हैं। उसी समय मैंने तालिबान के कब्जे के एक-दो दिन पहले ही लिखा था कि भारत सरकार को अत्यंत सतर्क रहने की जरुरत है लेकिन मुझे खुशी है कि हमारे कुछ अनुभवी अफसरों की पहल पर भारत सरकार ने ठीक रास्ता पकड़ लिया। उसने दोहा (क़तर) में स्थित तालिबानी तत्वों से संपर्क बढ़ाया, अफगानिस्तान को हजारों टन गेहूं और दवाइयां भेजने की घोषणा की और तालिबान सरकार से भी संवाद किया। काबुल स्थित अपने दूतावास को भी सक्रिय कर दिया। उधर तालिबान नेताओं और प्रवक्ता ने भारत की मदद का आभार माना, हालांकि भारत सरकार ने उनकी सरकार को कोई मान्यता नहीं दी है। इस बीच इस साल जनवरी में प्रधानमंत्री मोदी ने मध्य एशिया के पांचों गणतं...
समाज के उत्थान और सुधार में स्कूल और धार्मिक संस्थान 

समाज के उत्थान और सुधार में स्कूल और धार्मिक संस्थान 

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कुछ धार्मिक संस्थान आधुनिक मन के लिए प्रवचनों और प्रकाशनों के माध्यम से "धर्मी" मूल्य प्रणाली को साझा करने के लिए एक  मंच प्रदान करने में उपयोगी होते हैं। यह समाज को सामूहिक रूप से सही मूल्य प्रणाली को विकसित करने, साझा करने और अभ्यास करने में मदद करता है। यह बदले में समाज के उत्थान और सुधार में और अनिवार्य रूप से चरित्र और राष्ट्र निर्माण के प्रयासों में मदद करता है। सभी धर्म व्यक्ति को अच्छे कर्म करने, दूसरों की देखभाल करने और सही या नैतिक कार्य करने का आदेश देते हैं। हमारी एक लंबी परंपरा रही है जहां भारत में व्यक्ति और उद्योग "समाज की देखभाल" को उतना ही प्रोत्साहित करते हैं जितना कि व्यवसाय और अर्थव्यवस्था के भविष्य के विस्तार के लिए धन का सृजन करना। -डॉ सत्यवान सौरभ  मूल्य ऐसे विश्वास हैं जो धारक के लिए उपयोगिता या महत्व में निहित हैं, "या" सिद्धांत, मानक, या गुण सार्थक या ...
मृदा क्षरण के मानव और पारिस्थितिक तंत्र के स्वास्थ्य पर अपूरणीय परिणाम

मृदा क्षरण के मानव और पारिस्थितिक तंत्र के स्वास्थ्य पर अपूरणीय परिणाम

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
मृदा क्षरण का मानव और पारिस्थितिक तंत्र स्वास्थ्य दोनों पर अपूरणीय प्रभाव पड़ सकता है। भारत ने इस दिशा में कई पहलें की हैं जिन्हें स्वस्थ मृदा और अंततः एक स्वस्थ ग्रह सुनिश्चित करने के लिए स्थायी तौर पर जारी रखा जाना चाहिए और उनमें निरंतर सुधार करते रहने आवशयक हैं। क्षरित मृदा के प्रबंधन और बहाली के लिए सभी हितधारकों के बीच संचार लिंक को मजबूत किया जाना चाहिए। साक्ष्य-आधारित जानकारी का समय पर प्रसार भी आवश्यक है। सभी लक्षित लाभार्थियों को सफल संरक्षण प्रथाएं और स्वच्छ तथा टिकाऊ प्रौद्योगिकियां प्रदान की जानी चाहिए। नागरिक पेड़ लगाकर, किचन गार्डन का विकास तथा रख-रखाव करके और मौसमी तथा स्थानीय रूप से प्राप्त भोजन का सेवन करके योगदान दे सकते हैं। -प्रियंका सौरभ  भारत में 145 मिलियन हेक्टेयर में मिट्टी का क्षरण हो रहा है, यह अनुमान है कि 96.40 मिलियन हेक्टेयर (कुल भौगोलिक क्षेत्र क...
शीतकालीन सत्र सार्थक संवाद का माध्यम बने

शीतकालीन सत्र सार्थक संवाद का माध्यम बने

Today News
-ः ललित गर्ग:- लोकतंत्र में सफलता की कसौटी है- संसद की कार्रवाही का निर्विघ्न संचालित होना।  संसद के शीतकालीन सत्र शुरु होने से पूर्व ही हंगामा होने के आसार दिखाई दे रहे हैं। यह कोई नई-अनोखी बात नहीं है। क्योंकि समूचे विपक्ष ने इस सत्र को हंगामेदार करने की ठान ली है। जहां तक महंगाई, बेरोजगारी, चीन सीमा, सरकारी प्रतिष्ठानों एवं एजेन्सियों के कथित दुरुपयोग, कॉलेजियम जैसे मुद्दों को उठाने एवं इन विषयों पर सरकार से जबाव मांगने का प्रश्न है, यह स्वस्थ एवं जागरूक लोकतंत्र की निशानी है। लेकिन इन्हीं मुद्दों को आधार बनाकर जहां संसद की कार्रवाई को बाधित करने की स्थितियां हैं, यह अलोकतांत्रिक है, अमर्यादित है। शीतकालीन सत्र लोकतांत्रिक समझौते के साथ समझ को विकसित करने का उदाहरण बने, यह अपेक्षित है। समझौते में शर्तें व दवाब होते हैं जबकि समझ नैसर्गिक होती है। इन्हीं दो स्थितियों में जीवन का ...
चेक बाउंस मामलों पर सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला

चेक बाउंस मामलों पर सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला

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रजनीश कपूरदेश की सर्वोच्च अदालत ने चेक बाउंस के एक मामले की सुनवाई करते हुए एक महत्वपूर्ण फैसला दिया है। इस फ़ैसले से देशभर की अदालतों में लंबित पड़े 33 लाख मामलों पर प्रभाव पड़ेगा। इसके साथ ही चेक बाउंस के नाजायज़ केसों में भीकटौती हो सकेगी।दुनिया के कई देशों की तरह हमारे देश में भी चेक बाउंस होना एक अपराध माना जाता है। नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट,1881 के मुताबिक चेक बाउंस होने की स्थिति में चेक जारी करने वाले व्यक्ति पर मुकदमा चलाया जा सकता है। क़ानून केमुताबिक़ उसे 2 साल तक की जेल या चेक में भरी राशि का दोगुना जुर्माना या दोनों लगाया जा सकता है।मुख्य न्यायाधीश का पदभार सँभालने से कुछ हफ़्ते पहले, जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने अपनी सहयोगी जज जस्टिस हिमाकोहली के साथ एक खंडपीठ में अक्तूबर 2022 को दिये इस फ़ैसले में इस क़ानून की एक धारा के सही उपयोग को स्पष्टकिया है। कोर्ट ने कहा कि जिस व्यक्...
नेपाल में नई सरकार

नेपाल में नई सरकार

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*डॉ. वेदप्रताप वैदिक* नेपाल में हुए आम चुनावों में जिन सत्तारुढ़ पार्टियां ने पहले से गठबंधन सरकार बनाई हुई थीं, वे फिर से जीत गई हैं। उन्हें 165 में से 90 सीटें मिल गई हैं। अब नेपाली कांग्रेस के नेता शेर बहादुर देउबा फिर प्रधानमंत्री बन जाएंगे। हालांकि उनकी पार्टी को 57 सीटें मिली हैं और प्रंचड की कम्युनिस्ट पार्टी को सिर्फ 18 सीटें मिली हैं लेकिन जहां तक वोटों का सवाल है, प्रचंड की पार्टी को 27,91,734 वोट मिले हैं जबकि नेपाली कांग्रेस को सिर्फ 26,66,262 वोट ही मिल पाए। इसका अर्थ क्या हुआ? अब कम्युनिस्ट पार्टी का असर ज्यादा मजबूत रहेगा। अब देउबा की सरकार में कम्युनिस्ट पार्टी का सिक्का ज़रा तेज दौड़ेगा। देउबा प्रधानमंत्री तो दुबारा बन जाएंगे लेकिन उन्हें अब उन कम्युनिस्टों की बात पर ज्यादा ध्यान देना होगा, जो कभी नेपाली कांग्रेस के कट्टर विरोधी रह चुके हैं। उन्होंने अपनी बगावत के ...
समुद्री लहरों से बिजली पैदा करने की नई तकनीक

समुद्री लहरों से बिजली पैदा करने की नई तकनीक

TOP STORIES, विश्लेषण
नई दिल्ली, 06 दिसंबर (इंडिया साइंस वायर): दुनियाभर में ऊर्जा संकट एक नई चुनौती बनकर उभरा है। इससे लड़ने के लिए वैज्ञानिक नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से बिजली उत्पादन के तरीके खोजने का प्रयास कर रहे हैं। इसी दिशा में कार्य करते हुए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास के शोधकर्ताओं ने एक ऐसी तकनीक विकसित की है, जिससे समुद्री तरंगों से बिजली उत्पन्न हो सकती है। समुद्री तरंगों से बिजली उत्पादन की यह तकनीक आईआईटी मद्रास द्वारा विकसित ‘ओशन वेव एनर्जी कन्वर्टर’ नामक उपकरण के कारण संभव हो सका है। इस उपकरण का परीक्षण पिछले महीने सफलतापूर्वक किया गया है। इस उपकरण को तमिलनाडु के तूतीकोरिन तट से लगभग छह किलोमीटर दूर 20 मीटर गहरे स्थान पर तैनात किया गया है। इस उपकरण से अगले तीन वर्षों में समुद्र की लहरों से एक मेगावाट बिजली पैदा करने का लक्ष्य है। ‘सिंधुजा-1’ नामक इस परियोजना के तहत स्थाप...
Church – Façade & Reality

Church – Façade & Reality

TOP STORIES, सामाजिक
By Balbir Punj Is Church in India a religious organisation wedded to spiritual upliftment of the laity, or an outfit with its own socio-political agenda? This issue has been brought to fore once again following a violent turn in the Church led agitation, going on for nearly 140 days in Kerala against the construction of Vizhinjam International Sea Port, in Thiruvananthapuram. It was fire and brimstone at Vizhinjam on November 27.  The agitators, led by the Latin Catholic Church against the Rs 7,525 crore international sea port project in Thiruvananthapuram, allegedly vandalised the local police station and thrashed 27 police personnel, three of them seriously. Police allege the violence was planned. “They (protesters) had done detailed planning. Two youths, wearing masks, ha...