
साहित्य में कालजयी हैं पंडित माखनलाल चतुर्वेदी : अच्युतानंद मिश्र
माखनलाल चतुर्वेदी सदैव अपनी साहित्यिक एवं पत्रकारीय कृतित्व के कारण जनमानस के अवचेतन में मौजूद रहेंगे। पत्रकारिता, राजनीति, साहित्य और शिक्षण के साथ ही उनका राष्ट्रीय दायित्व बोध भी अवलंबित होता है। पंडित माखनलाल की पत्रकारिता एक आंदोलनकारी पत्रकारिता के रूप में थी। सर्कुलेशन बढ़ाने, विज्ञापन छापने तथा धनोपार्जन के लिए पत्रकारिता धर्म से समझौता न करना उनकी प्रवृत्ति थी। उक्त विचार माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के नोएडा परिसर में आयोजित राष्ट्रीय संविमर्श में व्यक्त किए। पं. माखनलाल चतुर्वेदी की 129 वीं जयंती के अवसर पर आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय संविमर्श का विषय ‘पंडित माखनलाल चतुर्वेदी का साहित्यिक और पत्रकारीय अवदान’ था ।
मिश्र ने कहा कि पंडित माखनलाल चतुर्वेदी की पत्रकारिता में सामाजिक न्याय एवं समरसता विद्यमान है। उनकी रचनाधर्मिता राष्ट्रवादी पत्रकार...