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यह कूटनीतिक आक्रामकता व सौदेबाजी

यह कूटनीतिक आक्रामकता व सौदेबाजी

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रत व दुनिया के राजनय व कूटनीति में यह अकल्पनीय व अभिनव मोड़ है। 'खुली कूटनीति’ की नई धार जो गति पकड़ रही है उसमें स्थापित मापदंड टूटकर बिखर गए हैं। 'हाउडी मोदी’ नाम का शो दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका के कूटनीतिक इतिहास में लंबे समय तक विवाद का विषय रह सकता है मगर भारतीय कूटनीति के इतिहास की सबसे बड़ी सफलता व मील का पत्थर बन चुका है। अमेरिका व चीन के विकराल व्यापारिक युद्ध व करेंसी वार, हांगकांग में चल रहे आजादी के आंदोलन और अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उतावलेपन के बीच दक्षिण एशिया व एशियाई देशों के स्थापित सत्ता संतुलन बिखर चुके हैं। रिपब्लिकन राष्ट्रपति ट्रंप ने जिस राष्ट्रवाद की लहर चला अमेरिका में सत्ता हथियाई थी उस मुद्दे व विचारधारा को उन्होंने व्यवहार में उतारकर भूमंडलीकरण के खोखलेपन को दुनिया के सामने स्थापित कर दिया है। अब इसी ...
अभिव्यक्ति की आजादी

अभिव्यक्ति की आजादी

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सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता ने हाल ही में कहा है कि भारत के नागरिकों को सरकार की आलोचना करने का अधिकार है। उनकी कही यह बात एक महत्वपूर्ण मुददे पर सोच विचार के लिए प्रेरित कर रही है। सरकार की आलोचना नई बात नहीं है। राजनीतिक व्यवस्थाओं का इतिहास जितना पुराना है उतना ही पुराना यह विषय भी है। तरह तरह की राजव्यवस्थाओं की आलोचना और समीक्षा करते करते ही आज दुनिया में लोकतंत्र जैसी नायाब राजव्यवस्था का जन्म हो पाया है। जाहिर है कि न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता के कथन ने लोकतंत्र के गुणों पर नज़र डालने का मौका दिया है। सरकार की आलोचना को अगर नैतिकता अनैतिकता की कसौटी पर कसा जाएगा तो लोकतंत्र के मूल गुण की बात सबसे पहले करनी पड़ेगी। विद्वा...
ड्रोन से पहली बार होगी पूरे देश की डिजिटल मैपिंग

ड्रोन से पहली बार होगी पूरे देश की डिजिटल मैपिंग

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बदलते वक्त के साथ भारत में बुनियादी ढांचे के विकास की आवश्यकता बढ़ रही है, जिसके लिए सटीक मानचित्रों की जरूरत पड़ती है। इस मांग को पूरा करने के लिए भारत का 252 साल पुराना वैज्ञानिक संस्थान सर्वे ऑफ इंडिया पहली बार ड्रोन्स की मदद से देश का डिजिटल मानचित्र बनाने जा रहा है।  अभी उपलब्ध मानचित्रों में वास्तविक और दर्शायी गई दूरी का अनुपात दस लाख से पचास लाख तक होता है। नए डिजिटल मानचित्रों में यह अनुपात 1:500 होगा। इसका मतलब है कि मानचित्र पर एक सेंटीमीटर दूरी 500 सेंटीमीटर को दर्शाएगी। डिजिटल मैपिंग परियोजना के तहत बनाए जाने वाले ये उच्च-रिजॉल्यूशन के 3डी मानचित्र होंगे, जिन्हें अगले दो वर्षों में तैयार किया जाना है। इस परियोजना में करीब 300 ड्रोन्स का उपयोग किया जाएगा और भारत के कुल 32 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में से 24 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र की मैपिंग की जाएगी।  विज्ञान और प्रौद्य...
विकिपीडिया पर हिंदी में विज्ञान सामग्री बढ़ाने के लिए नई परियोजना

विकिपीडिया पर हिंदी में विज्ञान सामग्री बढ़ाने के लिए नई परियोजना

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विज्ञान संबंधी विषयों के प्रचार-प्रसार और वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने में सबसे बड़ी बाधा गुणवत्तापूर्ण विज्ञान साहित्य की भारतीय भाषाओं में कमी है। विकीपीडिया पर भी विज्ञान आधारित अधिकतर सामग्री अंग्रेजी में ही उपलब्ध है। विकीपीडिया पर हिंदी आलेखों की इस कमी को दूर करने के लिए अब एक नई परियोजना शुरू की जा रही है।  विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित सॉफ्टवेयर, कुशल अनुवादकों और वैज्ञानिक विशेषज्ञों को मिलाकर एक ऐसी पहल करने जा रहा है, जिससे विकीपीडिया पर हिंदी में उच्च गुणवत्ता की विज्ञान सामग्री बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर अनुवाद कार्य किया जाएगा। अंग्रेजी विज्ञान लेखों के अनुवाद के साथ-साथ हिंदी में लिखे गए नए आलेख भी विकीपीडिया पर अपलोड किए जाएंगे। विभाग के सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने इंडिया साइंस वायर को बताया कि “अंग्रेजी में लगभ...
संयुक्त राष्ट्र संघ में हिन्दी भाषा को आधिकारिक भाषा बनाने की मांग जोरदार तरीके से भारत को उठानी चाहिए!

संयुक्त राष्ट्र संघ में हिन्दी भाषा को आधिकारिक भाषा बनाने की मांग जोरदार तरीके से भारत को उठानी चाहिए!

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14 सितम्बर - हिन्दी दिवस पर सभी 135 करोड़ भारतीयों को हार्दिक बधाइयाँ!   देश की आजादी के पश्चात 14 सितंबर, 1949 को भारतीय संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में लिखी हिन्दी को अंग्रेजी के साथ राष्ट्र की आधिकारिक भाषा के तौर पर स्वीकार किया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री जवाहरलाल नेहरू ने तथा उनकी सरकार ने इस ऐतिहासिक दिन के महत्व को देखते हुए हिन्दी को देश-विदेश में प्रचारित-प्रसारित करने के लिए 1953 से सम्पूर्ण भारत में 14 सितम्बर को प्रतिवर्ष हिन्दी-दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की। भारत का परिपक्व लोकतंत्र, प्राचीन सभ्यता, समृद्ध संस्कृति तथा अनूठा संविधान विश्व भर में एक उच्च स्थान रखता है। भारत की गरिमा, गौरव तथा हिन्दी भाषा को हर कीमत पर विकसित करना चाहिए। स्वदेशी के प्रबल समर्थक भाई राजीव दीक्षित के अनुसार हिन्दी के विकास में सबसे ज्यादा योगदान महर्षि दयानंद सरस्वती तथा महात...
Chandrayaan 2: Hope & Despair

Chandrayaan 2: Hope & Despair

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There is a saying “Slip between the cup and the lip”. It was exactly like that when on September 7 Mission Chandrayaan 2 lost communication with ISRO just before landing on the Moon. Had it been alright with landing India would have been the first country in the world to have its lander on the south pole of the Moon. However, nobody should doubt the capability of our Scientists involved in the mission. We will succeed one day. Before this the United States of America, Russia and China had conducted successful soft landing on the Moon. But no country had attempted to land its mission on the south pole of the Moon. Chnadrayaan 2 lander Vikram did land on the South Pole but in what way. Reasons are being found out by our ISRO (Indian Space Research Organisation) scientists. ISRO Chairman K S...
अभी चंद्रयान – 2 पर उम्मीद बाकी

अभी चंद्रयान – 2 पर उम्मीद बाकी

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भारत गत शनिवार की सुबह एक विश्व इतिहास रचने से मात्र एक कदम दूर रह गया। अगर सब कुछ ठीक रहता तो भारत दुनिया का ऐसा पहला देश बन जाता जिसका अंतरिक्षयान चन्द्रमा की सतह के दक्षिण ध्रुव के करीब उतरता। पर इसरो के वैज्ञानिकों की क्षमताओं पर किसी को संदेह नहीं है। भारत को जल्दी ही पुन:कामयाबी मिलेगी ही । इससे पहले अमरीका, रूस और चीन ने चन्द्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैन्डिंग करवाई थी । लेकिन, दक्षिण ध्रुव पर किसी ने अबतक लैंडिंग करवाने की हिम्मत नहीं की थी । भारत वह करने जा ही रहा था कि  चन्द्रमा से चंद किलोमीटर की दूरी पर जाकर हमारे चंद्रयान -२ का संपर्क इसरो द्वारा अन्तरिक्ष में स्थापित लैंडर विक्रम से टूट गया था । लैंडिंग तो हुई पर कहाँ और किन परिस्थितियों में हुई इसका अध्ययन चल रहा है। इसरो ने भी अपने एक वक्तव्य में कहा है कि चाँद पर गिरा है पर टूटा नहीं है लैंडर विक्रम । चंद्रयान -२ के लैंडर विक...
भ्रष्ट एमसीआई पर भारी एनएमसी

भ्रष्ट एमसीआई पर भारी एनएमसी

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भारत में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति से हर भारतीय पूरी तरह वाकिफ है। पूर्ववर्ती सरकारों ने स्वास्थ्य शिक्षा के विषय को कभी राष्ट्रीय महत्व समझा ही नहीं। जिसका दुष्परिणाम यह हुआ कि आज हम चांद पर तो जा रहे हैं लेकिन अपने देश के लिए जरूरी चिकित्सकों की संख्या की आपूर्ति करने में असफल रहे हैं। मजबूत इच्छाशक्ति हो तो हर मैदान फ़तह की जा सकती है। मोदी सरकार-2 मजबूत राजनीतिक शक्ति के साथ इस बार मैदान में उतरी है। इसका अंदाजा इस बार के संसद सत्र में पास हुए बिलों के देखकर सहज ही लगाया जा सकता है। जिन बिलों पर दशकों से राजनीति होती आ रही थी आज वे कानून बन चुके हैं। इसी कड़ी में 8 अगस्त, 2019 का दिन स्वास्थ्य शिक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण बन गया है। राष्ट्रपति ने 8 अगस्त को राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग बिल-2019 पर अपना हस्ताक्षर कर दिया है। इस हस्ताक्षर के बाद अब राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग के गठन का ...
कश्मीर पुराण व पाक अधिकृत कश्मीर

कश्मीर पुराण व पाक अधिकृत कश्मीर

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जब भारत की रियासतों का एकीकरण हो रहा था तब रियासत के राजाओं को यह अधिकार दिया गया था कि वो चाहे तो पाकिस्तान में मिले या अपना स्वतंत्र राज्य बनाये या फिर भारत में मिले। वहां के राजा अपना एक अलग राज्य बनाना चाहते थे। लेकिन जब पाकिस्तान ने मुस्लिम बहुल क्षेत्र समझकर कश्मीर पर हमला किया तो वहां के राजा ने हमारे तत्कालीन प्रधानमंत्री से सहायता मांगी। उस समय जवाहर लाल नेहरू ने भारत में विलय की शर्त पर मदद की और अंतत: कश्मीर भारत का हिस्सा बना। 1947 में ही एक तिहाई कश्मीर पर पाकिस्तान ने कब्जा तो किया पर उनके पास कश्मीर के महाराजा हरि सिंह की रियासत पाकिस्तान में मिलाने का कोई आदेश नहीं था। 20 अक्तूबर, 1947 को पाकिस्तान समर्थित आजाद कश्मीर सेना ने राज्य के अग्रभाग पर आक्रमण किया। इस असामान्य स्थिति में, राज्य के शासक ने राज्य को भारत में विलय करने का निर्णय लिया। इसके अनुसार, 26 अक्तूबर, 1947...
कश्मीर में कमाल : रक्तहीन क्रांति

कश्मीर में कमाल : रक्तहीन क्रांति

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  कश्मीर में केंद्र सरकार की बड़े बदलाव की कोशिशें कुछ महीनों से दिख रही थीं किंतु ये बदलाव इतने व्यापक व क्रांतिकारी होंगे इसका अंदाजा शायद ही किसी को था। अनुच्छेद 370 व धारा 35 ए की समाप्ति पर संसद की मुहर अपने आप में एक ऐसी पहल बन गयी जिसने पूरे राष्ट्र को एक सूत्र व एक विधान में बांध दिया। आजादी के समय से ही विभाजन के दंश व कश्मीर के जख्म सीने में लिए देश की जनता कश्मीर पर अपनी सरकारों व शासकों से एक मजबूत व निर्णयकारी पहल की अपेक्षा की बाट जोहती रही मगर सत्ता कश्मीर के तीव्र इस्लामीकरण की कोशिश करने वालों को शह देती रही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की वर्तमान सरकार ने जो साहसिक कदम उठाया है उसके लिए आने वाली पीढिय़ां भी उनकी ऋणी रहेंगी। इस युगांतकारी कदम ने जहां भारतीय राष्ट्रीयता को नए आयाम दिए वहीं वर्तमान में आक्रामक राजनय की आवश्यकता को भी स्थापित किया। ज...