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एयरो इंडिया की नयी ऊंचाई, नए भारत की सच्चाई

एयरो इंडिया की नयी ऊंचाई, नए भारत की सच्चाई

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- ललित गर्ग-एशिया का सबसे बड़ा एयर शो एयरो इंडिया के 14वें संस्करण में बेंगलुरु में स्थित येलहंका वायुसेना स्टेशन परिसर में भारत के दम, आत्मविश्वास, ताकत एवं आत्मनिर्भरता के बहुआयामी प्रदर्शन को देखकर कहा जा सकता है भारत सशक्त हो रहा है। युद्धक विमानों, रक्षा उपकरणों एवं तकनीक को प्रदर्शित करने वाली इस रक्षा प्रदर्शनी ने एक बार फिर यह इंगित किया कि भारत रक्षा क्षेत्र में भी एक बड़ी ताकत बन रहा है। इस आयोजन की महत्ता इससे समझी जा सकती है कि इसमें करीब सौ देशों की आठ सौ से अधिक कंपनियां भाग ले रही हैं। इनमें कई प्रमुख देशों की नामी कंपनियां हैं। सबसे बड़ी विशेषता एवं गर्व एवं गौरव करने की बात इससे बेहतर और कुछ नहीं कि रक्षा क्षेत्र की भारतीय कंपनियां इनसे होड़ ले रही हैं, बराबर का मुकाबला कर रही है। यह होड़ भारत के बढ़ते सामर्थ्य एवं रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को ही रेखांकित करती है, जो...
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने महामहिम निकोस क्रिस्टोडौलाइड्स को साइप्रस का राष्ट्रपति चुने जाने पर बधाई दी है।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने महामहिम निकोस क्रिस्टोडौलाइड्स को साइप्रस का राष्ट्रपति चुने जाने पर बधाई दी है।

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प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया; “साइप्रस के राष्ट्रपति चुने जाने पर महामहिम निकोस @Christodulides को बधाई। मैं भारत-साइप्रस संबंधों को बढ़ाने के लिए उनके साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हूं।”
कैसे देशभक्त, जब हमारे आचरण राष्ट्र-विरोधी हों ?

कैसे देशभक्त, जब हमारे आचरण राष्ट्र-विरोधी हों ?

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जिस रास्ते से मैं रोज कार्यालय जाया करता था, उस पर एक सरकारी थर्मल पावर हाउस था, जहां बिजली बनती थी और नगर को आपूर्ति होती थी। रोजाना पावर हाउस के गेट पर सैकड़ों मजदूर इकठ्ठा होते और मुर्दाबाद के नारों के साथ प्रदर्शन करते। मैं बाहर से आया था। सड़क से गुजरते यह नजारा रोज का था। एक दिन थोड़ा रुक कर इस नित्यकर्म को समझने का प्रयास किया। यहां एक यूनियन थी, जिसके अग्रणी नेता गैर-कामगार थे। बहरहाल यह काम महीनों और सालों चलता रहा। तभी बंद हुआ जब एक दिन पावर हाउस और बिजली उत्पादन बंद हो गया। 1969 में जब हमनें अपना कार्यकारी जीवन शुरू किया तो धीरे धीरे मुझे मानसिक तौर पर सुसज्जित कर दिया गया कि उद्यमीं होना या बड़े कारोबार करना आपराधिक काम है। उस समय टाटा, बिरला, डालमिया, गोयनका, सिंघानिया, बांगुर जैसे कुछ बड़े औद्योगिक घराने देश में थे। सब की पृष्ठिभूमि भारतीय थी। सब राष्ट्र को समर्पित थे। सब...
अतुल्य भारत

अतुल्य भारत

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यह अद्भुत देश जो प्रकाश के पुंज से घिरा हुआ है इसका नाम" भारत" है। ईश्वर की सृष्टि रचना की तरह यह देश विविधता में एकता का दुनिया में अकेला अनूठा संगम है। जहां हर पांच कोस पर पानी , भाषा और रहन सहन के तौर तरीके बदल जाते हैं। कुछ रह जाता है तो सबमें प्रेम , देश, समाज और प्राणी मात्र के प्रति। वर्तमान में काल परिवर्तन के कारण कुछ बदलाव आया ज़रूर है। ऐसे समाज को शब्दों और उनके अर्थ को लेकर तोड़ने का प्रयास करने वालों को आप क्या उपमा देंगे । सब व्यक्ति विशेष पर निर्भर करेगा। "जाकी रही भावना जैसी प्रभु मूरत देखी तिन तैसी " वाले तर्ज पर...लेकिन इसी बहाने.........आज कुछ चर्चा शब्दों और उनके अर्थों पर हो जाए। ताकि जो ऐसे लोग जो राजनीतिक और निज स्वार्थ की पूर्ति लिए समाज और राष्ट्र को विखंडित करना चाहते हैं, उनकी धूर्तता समझ में आ सके ....1. राजस्थान में बेटी, बहू, महिला को बाई जी कहना सम्मान देना ...
भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की साज़िश

भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की साज़िश

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2047 में भारत को अंग्रेजों से आजादी मिले 100 साल पूरे हो जाएँगे। तब तक का रास्ता आसान होगा, ऐसा नहीं है। वो देश जिसे दो हिस्सों इस्लामिक पाकिस्तान और धर्मनिरपेक्ष भारत में बाँट दिया गया था, उसके बँटवारे के 100 साल पूरे होने से पहले एक नापाक मंसूबा सामने दिखाई दे रहा है। इस नापाक मंसूबे को पूरा करने के लिए कट्टर इस्लामी और वामपंथी भारत को एक बार फिर उन परिस्थितियों की ओर धकेल रहे हैं, जिसके कारण पहले उसका विभाजन हुआ था। जुलाई 2022 में, एक खास दस्तावेज़ की डिटेल निकाली थी, जो प्रतिबंधित कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) ने अपने सदस्यों को प्रसारित किया था। ‘विजन 2047’ नाम के दस्तावेज में गजवा-ए-हिंद के रोडमैप की डिटेल थी। इसमें उनकी योजना मुस्लिमों को कट्टरपंथी बनाना, ‘कायर हिंदुओं’ पर पूरी तरह से हावी होना, भारतीय संविधान को शरीयत कानून में बदल देना, हिंदुओं का नरसंहा...
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाते हैं स्वयं सहायता समूह

महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाते हैं स्वयं सहायता समूह

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स्वयं सहायता समूह दृष्टिकोण ग्रामीण विकास के लिए एक सक्षम, सशक्त और नीचे से ऊपर का दृष्टिकोण है जिसने विकासशील देशों में कम आय वाले परिवारों को काफी आर्थिक और गैर-आर्थिक बाह्यता प्रदान की हैं। स्वयं सहायता समूह दृष्टिकोण को गरीबी का मुकाबला करने के लिए एक स्थायी उपकरण के रूप में सराहा जा रहा है, जो लाभ के लिए दृष्टिकोण का संयोजन है जो आत्मनिर्भर है, और गरीबी उन्मूलन पर ध्यान केंद्रित करता है जो कम आय वाले परिवारों को सशक्त बनाता है। यह तेजी से विकासशील देशों में सरकार के लिए विकासात्मक प्राथमिकताओं का प्रयोग करने का साधन बनता जा रहा है। -डॉ सत्यवान सौरभ एक स्वयं सहायता समूह एक गाँव-आधारित वित्तीय मध्यस्थता समिति है, जिसमें आम तौर पर 10-20 स्थानीय महिला या पुरुष शामिल होते हैं। जब औपचारिक वित्तीय प्रणाली जरूरतमंदों की मदद करने में विफल हो जाती है, तो छोटे समूह सूक्ष्म पैमाने पर पैसे ...
मौलाना मदनी ने तुर्की की मदद करने के लिए भारत की खूब तारीफ की और इजराइल से संबंध ना रखने की बात कही

मौलाना मदनी ने तुर्की की मदद करने के लिए भारत की खूब तारीफ की और इजराइल से संबंध ना रखने की बात कही

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उन्होंने कहा कि मैं भारत सरकार से यही अपील करूंगा कि वह इजराइल के साथ अपने संबंधों की समीक्षा करें और इजरायल के साथ संबंध तोड़ कर मुस्लिम देशों के साथ बेहतर संबंध रखें सोचिए इस कौम की सोच कितनी घटिया है तुर्की ने आज तक किसी भी मंच पर भारत का साथ नहीं है तुर्की के मन में आज भी वही टीस है कि जब अंग्रेजों ने अविभाजित भारत में भारतीय सेना की बहादुरी से ऑटोमन साम्राज्य का तख्तापलट कर दिया था और लाल टोपी लगाए तुर्कों को जोकर बना दिया था यह तुर्क यानी ऑटोमन साम्राज्य शान से कहता था कि वह पैगंबर के बनाए गए नक्शे के मुताबिक पूरी दुनिया में इस्लाम का राज लाएगा और फिर ऑटोमन की वहशी दरिंदा सेना कई दिशाओं में निकल पड़ी और उनका काम फसलों को जलाना लोगों का कत्ल करना था ब्रिटेन आयरलैंड छोड़कर लगभग पूरा यूरोप इनके कब्जे में आ गया अफ्रीका में यह हॉर्न ऑफ अफ्रीका तक बढ़ गए थे यानी इजिप्ट लीबिया मोर...
भारतीयों को मॉरीशस क्यों प्रिय है?

भारतीयों को मॉरीशस क्यों प्रिय है?

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*विनीत नारायणअफ्रीकी महाद्वीप के दक्षिण-पूर्व तट से से लगभग 900 किलोमीटर दूर हिंद महासागर के तट पर और मेडागास्करके पूर्व में स्थित द्वीपीय देश मॉरीशस भारतीयों के लिए काफ़ी आकर्षक स्थान है। अपने झील, झरनों, हरे भरेजंगलों व प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर मॉरीशस हर नवविवाहित जोड़े के लिए बरसों से हनीमून मनाने का स्थानबन हुआ है। परंतु क्या आप जानते हैं कि इसके अलावा भी एक कारण है जिसके लिये मॉरीशस भारतीयों को बहुतप्रिय है।सुंदर पर्यटक स्थल होने के कारण मॉरीशस में केवल हनीमून मनाने वाले पर्यटक ही नहीं आते। बल्कि ‘टैक्स हैवन’के नाम से मशहूर इस छोटे से द्वीप पर हर उस व्यक्ति की नज़र बनी रहती है जो किसी न किसी तरह से भारत मेंआयकर की चोरी करना चाहता है। चूँकि भारत और मॉरीशस के बीच हुए ‘दोहरे करारोपण संधि’ के तहतभारतीय कंपनियां मॉरीशस की किसी कंपनी से समझौता कर भारत में एफडीआई के द्वारा निवेश करवा लेती...
दुबई में नए इस्लाम की पुकार !

दुबई में नए इस्लाम की पुकार !

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*डॉ. वेदप्रताप वैदिक दुबई में कल विश्व बंधुत्व-दिवस मनाया गया। इस मुस्लिम राष्ट्र में पिछले 10-15 साल से मुझे किसी न किसी समारोह में भाग लेने कई बार आना पड़ता है। सात देशों का यह महासंघ ‘संयुक्त अरब अमारात’ कहलाता है। यह सिर्फ सात देशों का महासंघ ही नहीं है, यह कम से कम 100 देशों का मिलन-स्थल है। जैसे हम न्यूयार्क स्थित संयुक्तराष्ट्र संघ के भवन में दर्जनों राष्ट्रों के लोगों से एक साथ मिलते हैं, बिल्कुल वैसे ही दुबई और अबू धाबी वगैरह में सारी दुनिया के विविध लोगों के दर्शन कर सकते हैं। जैसे भारत में आप दर्जनों धर्मों-संप्रदायों, जातियों, रंगों, भाषाओं, वेशभूषाओं और भोजनोंवाले लोगों को एक साथ रहते हुए देखते हैं, बिल्कुल वैसा ही नज्जारा यहां देखने को मिलता है याने दूसरे शब्दों में यह छोटा-मोटा भारत ही है। इस संयुक्त महासंघ की संपन्नता और भव्यता देखने लायक है। कल यहां जो विश्व-बंधुत्व दि...
New collaboration for research on high-altitude medicinal plants

New collaboration for research on high-altitude medicinal plants

EXCLUSIVE NEWS, राष्ट्रीय
Hyderabad based Indian Institute of Chemical Technology (IICT), a constituent laboratory of Council of Scientific and Industrial Research (CSIR), and University of Ladakh have decided to work jointly on extraction and isolation of high-altitude medicinal plants. A Memorandum of understanding (MoU) for the collaborative research was signed between the institutions, last Tuesday. During the MoU signing ceremony professor SK Mehta, Vice Chancellor, University of Ladakh, Professor Ashok Sharma, Registrar, and Dr Riyaz MK Khan, Senior Faculty from the University were present. Prof Mehta outlined a few of the critical areas of research in Ladakh. He emphasised the need for a joint study on climate change, energy, biodiversity, rare medicinal plants, and the introduction of green-house...