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India’s electric vehicle industry needs a regulatory mandate for production and sale of e-vehicles, says new assessment from CSE

India’s electric vehicle industry needs a regulatory mandate for production and sale of e-vehicles, says new assessment from CSE

आर्थिक
This will help vehicle manufacturers increase supply anddiversify e-vehicle models Incentive schemes for e-vehicles may have increased annual sales,but share in new registrations remains less than 5 per cent More policy instruments needed to scale up the market, build ambition    Zero Emissions Vehicle (ZEV) mandate that sets targets for a percentage of annual production and sales of EVs needed CSE’s consultation with the industry representatives and other target groups highlights varying degree of support for this strategy; stronger support from two-/three-wheeler industry Doable, as the industry expects faster growth in EV market in next five years Possible to start with a mandate for a small percentage share in 2025 and ramp it up to meet higher share ...
चीनी सत्र 2021-22 में 5,000 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) से ज्यादा गन्ने की पैदावार हुई

चीनी सत्र 2021-22 में 5,000 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) से ज्यादा गन्ने की पैदावार हुई

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, आर्थिक, विश्लेषण
वर्ष 2021-22 भारतीय चीनी क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक सत्र साबित हुआ है। सत्र के दौरान गन्ना उत्पादन, चीनी उत्पादन, चीनी निर्यात, गन्ना खरीद, गन्ना बकाया भुगतान और इथेनॉल उत्पादन के सभी रिकॉर्ड टूट गए थे। सत्र के दौरान, देश में 5,000 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) से ज्यादा गन्ने की रिकॉर्ड पैदावार हुई, जिसमें से लगभग 3,574 एलएमटी गन्ने की चीनी मिलों में पिराई हुई। इससे 394 लाख एमटी चीनी (सुक्रोज) का उत्पादन हुआ, जिसमें 36 लाख चीनी का इस्तेमाल इथेनॉल उत्पादन में किया गया और चीनी मिलों द्वारा 359 एलएमटी चीनी का उत्पादन किया गया। चीनी सत्र (अक्टूबर-सितंबर) 2021-22 में भारत दुनिया का सबसे बड़ा चीनी उत्पादक और उपभोक्ता के साथ-साथ ब्राजील के बाद दुनिया में चीनी का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक बनकर उभरा है। हर चीनी सत्र में, 260-280 एलएमटी घरेलू उत्पादन की तुलना में लगभग 320-360 लाख मीट्रिक टन चीनी का...
दिसंबर 2022 के लिए ग्रामीण, शहरी तथा संयुक्त उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आंकड़े, आधार वर्ष 2012=100

दिसंबर 2022 के लिए ग्रामीण, शहरी तथा संयुक्त उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आंकड़े, आधार वर्ष 2012=100

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सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय का राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) इस प्रेस नोट में आधार वर्ष 2012 =100 पर अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) तथा दिसंबर 2022 (अनंतिम) महीने के लिए तदनुरुपी ग्रामीण (आर), शहरी (यू) तथा संयुक्त (सी) हेतु उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (सीएफपीआई) जारी कर रहा है। अखिल भारतीय एवं सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों दोनों के लिए उप-समूहों तथा समूहों के लिए सीपीआई भी जारी किए जा रहे हैं।  मूल्य आंकड़े साप्ताहिक रोस्टर के आधार पर सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के एनएसओ के प्रक्षेत्र प्रचालन प्रभाग के फील्ड स्टाफ द्वारा व्यक्तिगत दौरों के जरिये सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों&nbs...
भारत का विदेश व्यापार: दिसंबर 2022

भारत का विदेश व्यापार: दिसंबर 2022

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अप्रैल-दिसंबर 2022 में भारत का समग्र निर्यात (व्यापार और सेवाएं संयुक्त) पिछले वर्ष की समान अवधि (अप्रैल-दिसंबर 2022) की तुलना में 16.11 प्रतिशत की सकारात्मक वृद्धि प्रदर्शित करने का अनुमान है। जैसा कि वैश्विक मंदी के बीच भारत की घरेलू मांग स्थिर रही है, अप्रैल-दिसंबर 2022 में कुल आयात में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 25.55 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है। तालिका 1: अक्टूबर 2022 के दौरान व्यापार*   दिसंबर 2022(बिलियन अमेरिकी डॉलर)दिसंबर 2021(बिलियन अमेरिकी डॉलर)व्यापारनिर्यात34.4839.27आयात58.2460.33सेवाएंनिर्यात27.3425.98आयात15.5614.94समग्रव्यापार(व्यापार +सेवाएं) *निर्यात61.8265.25आयात73.8075.27व्यापार का संतुलन-11.98-10.02 * नोट :  भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा सेवा क्षेत्र के ल...
आवारा गाय ने ले ली पापा की जान:तो गोबर से प्रोडक्ट बनाना शुरू किया; आज 200 तरह के आइटम्स बनाता हूं

आवारा गाय ने ले ली पापा की जान:तो गोबर से प्रोडक्ट बनाना शुरू किया; आज 200 तरह के आइटम्स बनाता हूं

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आवारा गाय ने ले ली पापा की जान:तो गोबर से प्रोडक्ट बनाना शुरू किया; आज 200 तरह के आइटम्स बनाता हूं* - *नीरज झा* गाय के गोबर से आपने अभी तक कंडा यानी उपला ही बनते देखा होगा, लेकिन कभी सोचा है कि इसी गोबर से हमारे-आपके डेली के इस्तेमाल में आने वाले दर्जनों प्रोडक्ट्स बनाए जा सकते हैं। ये सारे प्रोडक्ट्स दिखने में भी एकदम मॉडर्न टाइप, जिसे देखकर कोई कहेगा ही नहीं कि ये गोबर से बने हुए हैं। मोबाइल स्टैंड, घड़ी, डेकोरेशन आइटम्स जैसी अनगिनत चीजें… इसी प्रोसेस और इसके बिजनेस मॉडल को जानने के लिए मैं मध्य प्रदेश के ग्वालियर पहुंचा। यहां मेरी मुलाकात होती है गोपाल झा और उनके बेटे यश से, जो कंडा को ऐसे काट-छांट कर रहे हैं, मानो कोई फर्नीचर बनाने वाला लकड़ी की कटाई-छंटाई कर रहा हो। पूछने पर गोपाल बताते हैं, गिफ्ट आइटम्स के लिए यूनिवर्सिटी से मोमेंटो बनाने के ऑर्डर हैं। एक हजार पीस तैय...
भारतीय आर्थिक चिंतन के सहारे मुद्रा स्फीति शीघ्र ही नियंत्रण में लाई जा सकती है

भारतीय आर्थिक चिंतन के सहारे मुद्रा स्फीति शीघ्र ही नियंत्रण में लाई जा सकती है

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भारतीय आर्थिक चिंतन के सहारे मुद्रा स्फीति शीघ्र ही नियंत्रण में लाई जा सकती हैलगातार बढ़ रही मुद्रा स्फीति की परेशानी पूरा विश्व ही महसूस कर रहा है। परंतु, भारत नेअपने आर्थिक चिंतन के सहारे मुद्रा स्फीति को नियंत्रित करने में सबसे पहिले सफलताहासिल कर ली है। दिसम्बर 2022 माह में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रा स्फीतिकी दर पिछले 12 माह के न्यूनतम स्तर 5.72 प्रतिशत पर आ गई है। यह मुख्य रूप सेसब्जियों की दरों में आई कमी के चलते सम्भव हो सका है। सब्जियों की महंगाई दर15.08 प्रतिशत से कम हुई है एवं फलों की महंगाई दर केवल 2 प्रतिशत से बढ़ी है, तेलएवं शक्कर की महंगाई दर लगभग शून्य रही है। राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय द्वारा जारीकिये गए आंकड़ों के अनुसार, खाद्य पदार्थों में महंगाई दर दिसम्बर 2022 में 4.19प्रतिशत की रही है जो नवम्बर 2022 माह में 4.67 प्रतिशत थी एवं दिसम्बर 2021 में4.05 प्रतिश...
सरकारी क्षेत्र की बैंकें वित्तीय वर्ष 2023 में अर्जित कर सकती हैं एक लाख करोड़ रुपए का लाभ

सरकारी क्षेत्र की बैंकें वित्तीय वर्ष 2023 में अर्जित कर सकती हैं एक लाख करोड़ रुपए का लाभ

आर्थिक
वैश्विक स्तर पर कई विकसित देशों में मुद्रा स्फीति में हो रही लगातार वृद्धि एवं इन देशोंद्वारा ब्याज दरों में लगातार की जा रही वृद्धि के कारण इन देशों में आने वाली सम्भावितमंदी के बीच भारतीय रिजर्व बैंक ने 26वां वित्तीय स्थिरता प्रतिवेदन 29 दिसम्बर 2022 कोजारी किया। इस प्रतिवेदन में भारतीय बैंकों की वित्तीय स्थिति सुदृढ़ बताई गई है। केंद्रसरकार द्वारा लिए गए कई आर्थिक निर्णयों के चलते देश में न केवल आर्थिक गतिविधियोंमें तेजी से सुधार होता दिख रहा है बल्कि वित्तीय स्थिरिता की स्थिति में भी लगातार सुधारदृष्टिगोचर है।दरअसल, बैंकिंग उद्योग किसी भी देश में अर्थ जगत की रीढ़ माना जाता है। बैंकिंग उद्योगमें आ रही परेशानियों का निदान यदि समय पर नहीं किया जाता है तो आगे चलकर यहसमस्या उस देश के अन्य उद्योगों को प्रभावित कर, उस देश के आर्थिक विकास की गतिको कम कर सकती है। इसलिए पिछले 8 वर्षों के दौरान ...
भारत में बढ़ती बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था पर भारी

भारत में बढ़ती बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था पर भारी

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स्वास्थ्य देखभाल के बुनियादी ढांचे में सुधार से युवा श्रम शक्ति के लिए अधिक उत्पादक दिवस सुनिश्चित होंगे, इस प्रकार अर्थव्यवस्था की उत्पादकता में वृद्धि होगी। आयुष्मान भारत और राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (एनएचपीएस) जैसी योजनाओं की सफलता जरूरी है। साथ ही एकीकृत बाल विकास (आईसीडीएस) कार्यक्रम के प्रभावी कार्यान्वयन के साथ महिलाओं और बच्चों में पोषण स्तर पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। कार्यबल में युवा लोगों को जोड़ने के लिए राष्ट्र को प्रति वर्ष दस मिलियन रोजगार सृजित करने की आवश्यकता है। व्यवसायों के हितों और उद्यमिता को बढ़ावा देने से बड़े कार्यबल को रोजगार प्रदान करने के लिए रोजगार सृजन में मदद मिलेगी। -डॉ सत्यवान सौरभ सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी  के आंकड़ों से पता चलता है कि दिसंबर में भारत की बेरोजगारी दर बढ़कर 8.30% हो गई, जो पिछले महीने के 8.00% से 16 महीन...
भारत में बढ़ती बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था पर भारी 

भारत में बढ़ती बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था पर भारी 

आर्थिक
स्वास्थ्य देखभाल के बुनियादी ढांचे में सुधार से युवा श्रम शक्ति के लिए अधिक उत्पादक दिवस सुनिश्चित होंगे, इस प्रकार अर्थव्यवस्था की उत्पादकता में वृद्धि होगी। आयुष्मान भारत और राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (एनएचपीएस) जैसी योजनाओं की सफलता जरूरी है। साथ ही एकीकृत बाल विकास (आईसीडीएस) कार्यक्रम के प्रभावी कार्यान्वयन के साथ महिलाओं और बच्चों में पोषण स्तर पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। कार्यबल में युवा लोगों को जोड़ने के लिए राष्ट्र को प्रति वर्ष दस मिलियन रोजगार सृजित करने की आवश्यकता है। व्यवसायों के हितों और उद्यमिता को बढ़ावा देने से बड़े कार्यबल को रोजगार प्रदान करने के लिए रोजगार सृजन में मदद मिलेगी। -डॉ सत्यवान सौरभ  सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी  के आंकड़ों से पता चलता है कि दिसंबर में भारत की बेरोजगारी दर बढ़कर 8.30% हो गई, जो पिछले महीने के 8.00% से 1...
वैज्ञानिक विभागों के प्रमुखों ने भारत को एक मजबूत ज्ञान अर्थव्यवस्था बनाने के तरीकों पर चर्चा की

वैज्ञानिक विभागों के प्रमुखों ने भारत को एक मजबूत ज्ञान अर्थव्यवस्था बनाने के तरीकों पर चर्चा की

TOP STORIES, आर्थिक, राष्ट्रीय
भारत सरकार के वैज्ञानिक विभागों के प्रमुखों ने नागपुर में भारतीय विज्ञान कांग्रेस के पहले पूर्ण सत्र में भारत को ज्ञान प्रधान अर्थव्यवस्था बनाने की रूपरेखा तैयार की और उसके रास्ते में आने वाली चुनौतियों तथा अवसरों पर विचार-विमर्श किया। भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार, प्रोफेसर ए के सूद ने रेखांकित किया कि भारत विश्व स्तर पर स्टार्ट-अप्स के लिए तीसरे सबसे बड़े पारिस्थितिकी तंत्र के रूप में उभरा है और भारत के गहन प्रौद्योगिकी स्टार्टअप परिदृश्य में तेजी से वृद्धि देखी गई हैI विशेष रूप से इसे उपभोक्ता प्रौद्योगिकी, मोटर वाहन, मीडिया और मनोरंजन, कृषि प्रौद्योगिकी, ऊर्जा उपयोगिताओं और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में बढ़ावा देने के लिए अभी भी स्थान उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि क्वांटम विज्ञान और प्रौद्योगिकी, उन्नत संचार प्रौद्योगिकियों, स्वच्छ ऊर्जा, डिजिटल परिवर्तन एवं एक स्वा...