
बढ़ता तापमान,घटती कृषि – परिणाम ?
भारत की सरकार ने संसद में माना है कि देश में वर्ष 2001 से 2011 के बीच भूमिहर किसानों की संख्या कम होने के बाद भी कृषि श्रमिकों की संख्या बढ़ी है। आंकड़ा साफ कहता है भारत में किसानों की संख्या घट रही है और कृषि श्रमिकों की नहीं, उनका जेंडर बदल रहा है | सही मायने में विश्व भर में खेतिहर श्रमिकों के लिए तापमान वृद्धि घातक होती जा रही है । सब जानते हैं कि लगातार बढ़ते तापमान में कृषि श्रमिकों को लगातार धूप में काम करना होता है, और इस कारण उनका स्वास्थ्य प्रभावित होता है। तापमान वृद्धि पर पिछले 20 वर्षों से किये जा रहे अध्ययन के अनुसार पृथ्वी का तापमान वर्ष 1990 के बाद से हरेक दशक में औसतन 0.26 डिग्री सेल्सियस बढ़ रहा है। लांसेट प्लेनेटरी हेल्थ नामक जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन में भारत समेत विश्व के 43 देशों में 750 स्थानों से प्राप्त जलवायु के आंकड़ों का और मृत्यु दर का विश्लेषण किया गया...