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अडानी भारत के चमकते सितारे

अडानी भारत के चमकते सितारे

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*अडानी भारत के चमकते सितारे* अतीत काल में भारत एक समृद्ध राष्ट्र हुआ करता था, जिस कारण उसे सोने की चिड़िया के नाम से सम्बोधित किया जाता था। समय-समय पर विदेशी आक्रान्ताओं की लूट के कारण भारत को अत्यधिक क्षति उठानी पड़ी और वह गरीब राष्ट्र के रूप में परिवर्तित हो गया। स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात भारत ने तीव्र गति से प्रगति की, इसी कारण वह विश्व में सर्वाधिक प्रगतिशील राष्ट्र बन चुका है। आज भारत के लिए गर्व का विषय है कि उसका एक सपूत अल्पकाल में विश्व के सर्वाधिक सम्पन्न व्यक्तियों में 153 अरब डॉलर की सम्पत्ति के साथ द्वितीय पायदान पर पहुँच गया है। अडानी की वर्तमान आय 3 अरब डॉलर प्रतिदिन है, इसी प्रगति के आधार पर वो वर्ष 2022 की समाप्ति से पूर्व ही वह विश्व के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क, जिनकी की कुल सम्पत्ति 253 अरब डॉलर है, को पछाड़ कर सम्पन्नता के प्रथम पायदान पर पहुँच कर सम्पूर्ण विश्व ...
भारत में अधोसंरचना विकसित कर आर्थिक विकास को दिए जा रहे हैं पंख

भारत में अधोसंरचना विकसित कर आर्थिक विकास को दिए जा रहे हैं पंख

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भारत में अधोसंरचना विकसित कर आर्थिक विकास को दिए जा रहे हैं पंख किसी भी देश की अर्थव्यवस्था को गति देने में उस देश की आधारिक संरचना के विकसित होने का बहुत प्रभाव पड़ता है। कच्चे माल एवं निर्मित वस्तुओं को देश के एक कोने से दूसरे कोने  तक पहुंचाने एवं वस्तुओं एवं सेवाओं का निर्यात करने के उद्देश्य से इन्हें विनिर्माण इकाई से देश के बंदरगाह तक ले जाने हेतु आधारिक संरचना का विकसित होना बहुत जरूरी है। भारत में भी हाल ही के समय में इस ओर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। देश में न केवल सड़क मार्ग का मजबूत तंत्र खड़ा कर लिया गया है अपितु अब देश में रेल्वे एवं बंदरगाहों का भी एक तरह से कायाकल्प किया जा रहा है। केंद्र सरकार भारत के विभिन्न रेल्वे स्टेशनों के विकास के लिए माडल स्टेशन योजना, मार्डन स्टेशन योजना के साथ आदर्श स्टेशन योजना चला रही है। इन योजनाओं के अंतर्गत देश के कई छोट...
भारत 10 प्रतिशत आर्थिक विकास दर हासिल करने की ओर अग्रसर

भारत 10 प्रतिशत आर्थिक विकास दर हासिल करने की ओर अग्रसर

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भारत 10 प्रतिशत आर्थिक विकास दर हासिल करने की ओर अग्रसर पारम्परिक रूप से भारतीय अर्थव्यवस्था में सबसे अधिक योगदान सेवा क्षेत्र का रहता आया है एवं रोजगार के सबसे अधिक नए अवसर भी सेवा क्षेत्र में ही निर्मित होते रहे हैं। इस दृष्टि से  कोरोना महामारी के बाद अभी हाल ही में बहुत अच्छी खबर आई है कि भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में सेवा क्षेत्र एक बार पुनः मजबूत आधार के रूप में उभर कर सामने आया है। कोरोना महामारी के खंडकाल में सेवा क्षेत्र ही सबसे अधिक बुरे तौर पर प्रभावित हुआ था एवं इसी क्षेत्र में ही रोजगार के सबसे अधिक अवसर प्रभावित हुए थे। परंतु, अब सेवा क्षेत्र में तेजी से हुए सुधार की वजह से देश का परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स यानी पीएमआई अगस्त 2022 में 57.2 अंकों पर पहुंच गया है, जो जुलाई 2022 में 55.5 अंकों के स्तर पर था। आर्थिक गतिविधियों, विशेष रूप से सेवा क्षेत्र में हुए सुधार के चलते ...
मुद्रा स्फीति के मोर्चे पर आई अच्छी खबर

मुद्रा स्फीति के मोर्चे पर आई अच्छी खबर

आर्थिक
मुद्रा स्फीति के मोर्चे पर आई अच्छी खबर माह जुलाई 2022 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रा स्फीति की दर भारत में पिछले 5 माह के सबसे निचले स्तर 6.71 प्रतिशत तक नीचे आ गई है, यह जून 2022 माह में 7.01 प्रतिशत थी। इसका मुख्य कारण खाद्य पदार्थों की महंगाई दर में आई कमी है। हालांकि मूलभूत उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर तो पिछले 10 माह के सबसे निचले स्तर अर्थात 5.79 प्रतिशत पर आ गई है। माह जून 2022 की तुलना में माह जुलाई 2022 में ग्रामीण एवं शहरी दोनों क्षेत्रों में मुद्रा स्फीति की दर में सुधार हुआ है। यह हम सभी भारतीयों के लिए हर्ष का विषय हो सकता है कि भारत में मुद्रा स्फीति की दर में सुधार दरअसल वस्तुओं की आपूर्ति में हुए सुधार के चलते सम्भव हुआ है। अर्थात, पहिले देश में लगातार बढ़ रही महंगाई के कारणों में 65 प्रतिशत कारण आपूर्ति पक्ष के कारक जिम्मेदार थे जो अब घटकर...
रोजगार सृजन कर किसानों की सहायता करता डेयरी उद्योग

रोजगार सृजन कर किसानों की सहायता करता डेयरी उद्योग

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रोजगार सृजन कर किसानों की सहायता करता डेयरी उद्योग (दूध उत्पादन में अन्य व्यवसायों की तरह करियर की अपार सम्भावनायें हैं, देश भर में राज्य सरकारें दूध की पैदावार बढ़ाने के लिए किसानों को सब्सिडी देकर इस उद्योग को बढ़ावा दे रही हैं, वहीं विज्ञान और तकनीकी में नए-नए प्रयोग कर के  दूध उत्पादन बढ़ाने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। खासकर ग्रामीणों क्षेत्र के लोगों को उनकी आजीविका के साधनों को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की योजनाएं केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित की जाती हैं।) -सत्यवान 'सौरभ' दूध भारत में सबसे बड़ी कृषि-वस्तु है। यह राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में 5% का योगदान देता है और 80 मिलियन डेयरी किसानों को सीधे रोजगार देता है। आर्थिक गतिविधियों में सुधार, दूध और दुग्ध उत्पादों की प्रति व्यक्ति खपत में वृद्धि, आहार संबंधी प्राथमिकताओं में बदलाव और भारत में बढ़ते शहरीकरण ने डेयरी उद्य...
क्यों वेतनभोगी दुधारू गाय कर के लिए बार-बार दूध दुही जाती है?

क्यों वेतनभोगी दुधारू गाय कर के लिए बार-बार दूध दुही जाती है?

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क्यों वेतनभोगी दुधारू गाय कर के लिए बार-बार दूध दुही जाती है? (आखिर एक तनख्वाह से, कितनी बार टेक्स दें और क्यों ? आयकर दाताओं को स्वच्छ पानी, सांस लेने योग्य हवा, निजी सुरक्षा और अब तेजी से टोल के रूप में सड़क उपयोग के लिए भुगतान करने के लिए मजबूर किया जाता है। देश के सांसद विशेषाधिकारों का आनंद लेते हैं जो कोई कर दान नहीं करता है; वे अपना वेतन खुद तय करते हैं, और उनकी आय पर कर स्रोत पर नहीं काटा जाता है।)-प्रियंका 'सौरभ' वेतन पाने वाले आय का उच्चतम प्रतिशत करों में देते हैं, बदले में कम मिलता है और उनके कर का रुपया वोटों के लिए उपयोग किया जाता है। भारत में सामाजिक समानता का मतलब है कि मुंबई में हर महीने 6,000 रुपये कमाने वाले एक क्लर्क को आयकर का भुगतान करना होगा, लेकिन पंजाब के गुरदासपुर में एक स्ट्रॉबेरी किसान को जिसकी हर महीने 1.5 लाख रुपये की कमाई है, उसे कर-मुक्त स्थिति क...
एक मजबूत, शक्तिशाली और विकासशील भारत।

एक मजबूत, शक्तिशाली और विकासशील भारत।

आर्थिक, सामाजिक
एक मजबूत, शक्तिशाली और विकासशील भारत। (उदीयमान प्रबल शक्ति के बावजूद भारत अक्सर वैचारिक ऊहापोह में घिरा रहता है. यही कारण है कि देश के उज्ज्वल भविष्य और वास्तविकता में अंतर दिखाई देता है. हालांकि भारत महाशक्ति बनने की प्रक्रिया में प्रमुख बिंदुओं पर खरा उतरता है, लेकिन व्यापक अंतर्राष्ट्रीय संदर्भ में घरेलू मुद्दों के कारण वह कमजोर पड़ जाता है) -सत्यवान 'सौरभ' भारत ने वैश्विक पहचान हासिल करने के लिए ढेर सारी चुनौतियों को पार करते हुए दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्रों में से एक बनने के लिए छोटे कदम उठाए। भारत ने आजादी के बाद से एक लंबा सफर तय किया है, कई सही और गलत फैसलों से परहेज किया है, जो कई ऐसे स्थलों को पीछे छोड़ता है जो विभाजन की पीड़ा से एक मजबूत, शक्तिशाली और विकासशील राष्ट्र की यात्रा को परिभाषित करते हैं। हाल ही के दशकों में भारत धीरे-धीरे अंतरराष्ट्रीय स्थान पर ऊपर चढ़ता...
उत्तर प्रदेश में क्यों हो रहा तगड़ा निवेश

उत्तर प्रदेश में क्यों हो रहा तगड़ा निवेश

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उत्तर प्रदेश में क्यों हो रहा तगड़ा निवेश अथवा उत्तर प्रदेश क्यों पसंद आ रहा निवेशकों को आर.के. सिन्हा कोरोना काल के बाद जब निवेशक समाज बहुत सोच-समझकर और फूंक-फूंककर निवेश कर रहा है, तब उत्तर प्रदेश में 80 हजार करोड़ रुपये के निवेश का वादा हो चुका है। यह वादा किया है देश के प्रमुख उद्योग समूहों ने। इसके कई छुपे संदेश हैं। स्पष्ट है कि निवेशकों को आज के दिन उत्तर प्रदेश में निवेश करना लाभ का सौदा नजर आ रहा है। वर्ना कोई निवेशक घाटा खाने के लिए तो कभी भी निवेश करेगा नहीं। उन्हें लगता है कि उत्तर प्रदेश में निवेश करने से उन्हें बेहतर रिटर्न मिलेगा। पिछले कुछ हफ्ते पहले लखनऊ में हुए एक निवेशक सम्मेलन में हजारों करोड़ रुपए की परियोजनाएं धरातल पर उतरीं। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का खुद उपस्थित होना ही अहम था। निवेशक सम्मेलन में देश के नामी उद्योगपति...
महंगी होती खाद से खेती करना मुश्किल

महंगी होती खाद से खेती करना मुश्किल

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महंगी होती खाद से खेती करना मुश्किल -प्रियंका 'सौरभ' उत्पादन बढ़ाने के लिए उर्वरक खेतों की उर्वरता बनाए रखने में बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं। भारत अपनी उर्वरक आवश्यकताओं के लिए आयात पर बहुत अधिक निर्भर करता है। भारत में उर्वरकों की वर्तमान लागत एक खनिज संसाधन-गरीब देश के लिए वहन करने के लिए बहुत अधिक है। 2021-22 में, मूल्य के संदर्भ में, सभी उर्वरकों का आयात $ 12.77 बिलियन के सर्वकालिक उच्च स्तर को छू गया। भारत द्वारा उर्वरक आयात का कुल मूल्य, घरेलू उत्पादन में उपयोग किए गए इनपुट सहित, 2021-22 में $ 24.3 बिलियन का विशाल मूल्य था। उर्वरकों की उच्च लागत के कारण देखे तो उर्वरकों का न केवल आयात किया जाता है, बल्कि भारतीय किसान भी आयातित आदानों का उपयोग करके आयात या निर्माण की लागत से कम का भुगतान करते हैं। अंतर का भुगतान सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में किया जाता ...
भविष्य की अर्थव्यवस्था की जरूरत कृषि प्रौद्योगिकी स्टार्टअप

भविष्य की अर्थव्यवस्था की जरूरत कृषि प्रौद्योगिकी स्टार्टअप

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भविष्य की अर्थव्यवस्था की जरूरत कृषि प्रौद्योगिकी स्टार्टअप नई दिल्ली, 20 मई (इंडिया साइंस वायर): कृषि प्रौद्योगिकी से जुड़े स्टार्टअप्स भारत की अर्थव्यवस्था के भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), केन्द्रीय पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय और कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय में राज्यमंत्री डॉक्टर जितेन्द्र सिंह ने यह बात कही है। डॉ जितेन्द्र सिंह, मैसूरू में एग्री-टेक एवं फूड-टेक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा भारतीय कृषि क्षेत्र में आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन, पुराने पड़ चुके उपकरणों के उपयोग, अनुचित संरचना और किसानों की विभिन्न बाजारों का आकलन करने में अक्षमता- जैसी कठिनाइयों को दूर करने के निमित्त नीतिगत माहौल प्रदान किए जाने की वजह से...