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आर्थिक

विलुप्ति के कग़ार पर पुरातन अन्न भंडारण पद्धति-कोठ्यार !

विलुप्ति के कग़ार पर पुरातन अन्न भंडारण पद्धति-कोठ्यार !

आर्थिक, राज्य
भारत एक कृषि प्रधान और अनाज के मामले में आत्मनिर्भर देश है। अनाज भंडारण आज भी हमारे देश में एक विकट समस्या ही है और भंडारण की समुचित व्यवस्था न होने के कारण बहुत सा अनाज खराब हो जाता है। अन्न को वैसे भी भारतीय संस्कृति में ब्रह्म का दर्जा दिया गया है। आइए हम जानते हैं कि प्राचीन समय में हमारे यहाँ के किसान किस प्रकार से बुआई-कटाई से ले कर अनाज के भण्डारण तक की समुचित व्यवस्था करते थे, जिसे आज भी अपनाये जाने की आवश्यकता है, ताकि अनाज को खराब या बर्बाद होने से बचाया जा सके।प्राचीन समय से ही हमारी कृषि, पशुपालन के साथ ही हमारे देश की अनाज भंडारण व्यवस्था बहुत ही विकसित और उन्नत थी।सिंधु घाटी सभ्यता में अन्न भंडार हड़प्पा और मोहनजोदड़ो के शहरों में पाए गए थे। वास्तव में, सच तो यह है कि मोहनजोदड़ो और हड़प्पा की खुदाई से पता चला कि साढ़े चार हजार साल पहले सिंधु घाटी की सभ्यता में गेहूं की खे...
वैश्विक बैंकिंग : त्रासदी या प्रहसन

वैश्विक बैंकिंग : त्रासदी या प्रहसन

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अँतत: बीती 27 मार्च को फर्स्ट सिटिजन बैंक (एफसीबी) ने सिलिकन वैली बैंक (एसवीबी) का अधिग्रहण कर ही लिया। जिसके लिए उसे अमेरिकी फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन (एफडीआईसी) से वित्तीय सहायता मिली थी। मे एक मित्र ने पूछा है कि एसवीबी का पतन क्यों हुआ? इसका एक संक्षिप्त उत्तर तो यह है कि बीते कई वर्षों के दौरान अमेरिका में नियामकीय मामलों में खतरे के निशान धुंधले पड़े हैं। जैसे जुलाई 2010 का डॉड-फ्रैंक वॉल स्ट्रीट सुधार और उपभोक्ता संरक्षण कानून को मई 2018 में इकनॉमिक ग्रोथ, रेग्युलेटरी रिलीफ ऐंड कज्यूमर प्रोटेक्शन ऐक्ट पारित करके काफी नरम कर दिया गया। वैसे एसवीबी का पतन लीमन ब्रदर्स की तरह नहीं हुआ, बल्कि एसवीबी के पास लंबी परिपक्वता सीमा वाले बॉन्ड का भारी भरकम भंडार और अल्पावधि की उधारी वाले लोन पोर्टफोलियो थे। एसवीबी की व्यक्तिगत जमा में करीब 90 प्रतिशत एफडीआईसी की 2,50,000 डॉलर की ब...
Lower Investment, Employment and Productivity? 

Lower Investment, Employment and Productivity? 

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Siyavar Ramchandra Ki Jai. How India can reduce scratching impact from Lower Investment, Employment and Productivity?  The economic crisis has resulted in large scale job losses and a marked decline in the rate of new job creation in most parts of the India, giving rise to a substantial reduction in employment rates and a sharp increase in unemployment. It’s scary. The pandemic, coupled with trade disruptions and Russia’s war on Ukraine, and now the Bank Run caused lasting harm to Asia-Pacific economies, damaging growth, productivity, and investment. And, slowly and emotionally but realistically – it has already hit Indian Economy. Specifically, it will leave very deep and long-lasting scars which, without swift and bold policy action, could restrict Indian growth well into the...
देश में वृहद आर्थिक स्थिरता पर क्रेडिट सुइस का प्रभाव

देश में वृहद आर्थिक स्थिरता पर क्रेडिट सुइस का प्रभाव

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बैंकिंग संकट में क्रेडिट सुइस के नाम की चर्चा आम है। अमेरिका के बैंकिंग क्षेत्र में उत्पन्न दिक्कतों (जिनकी शुरुआत सिलिकॉन वैली बैंक (एसवीबी) की नाकामी से हुई) और क्रेडिट सुइस पर उठ रहे सवालों के बीच कोई संबंध निकाल पाना मुश्किल है। यूँ तो क्रेडिट सुइस की आयु स्विस गणराज्य से महज कुछ ही वर्ष कम है और उसके पतन को समझ पाना कुछ स्तरों पर काफी मुश्किल है। बैंकिंग पर होने वाले प्रभाव से पहले क्रेडिट सुइस क्या है? यह जानिए - क्रेडिट सुइस ग्रुप एजी बहुराष्ट्रीय वित्तीय सेवा कंपनी है। इसका मुख्यालय ज्यूरिक स्विट्जरलैंड में है जहाँ से क्रेडिट सुइस बैंक और अन्य निवेश सम्बंधी वित्तीय सेवाओं का संचालन होता है। कम्पनी शेयर निगम के चार गठकों का संगठित रूप है: निवेश बैंकिंग, निजी बैंकिंग, सम्पति प्रबंधन और साझा सेवा समूह जो विपणन के सेवा उपलब्ध करवाता है और अन्य विभागों का समर्थित करता है। क्रेडि...
आर्थिक बदहाली के शिकार पाकिस्तान की समस्या उसके जन्म के कारण से अभिन्न रूप से जुड़ी हुई है।

आर्थिक बदहाली के शिकार पाकिस्तान की समस्या उसके जन्म के कारण से अभिन्न रूप से जुड़ी हुई है।

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आर्थिक बदहाली के शिकार पाकिस्तान की समस्या उसके जन्म के कारण से अभिन्न रूप से जुड़ी हुई है। दरअसल पाकिस्तान का निर्माण जिस इस्लामी अवधारणा के आधार पर हुआ, उसमें आर्थिक चिंतन जैसी कोई चीज ही नहीं है। कुरान और हदीस में पूरी चिंता सबको मुसलमान बनाने और दुनिया पर इस्लामी एकाधिकार की है। इस बीच, जब जहां भी इस्लामी सत्ता कायम हुई, वहां टैक्स वसूल कर राज करना, आगे ऐसे हमले जारी रखना और कब्जा करने का ही रक्तरंजित इतिहास रहा है।* *किसी इस्लामी राज्य के मुख्यतः चार आर्थिक स्रोत रहे हैं। खाम (लूट का माल), खिराज (कब्जा किए क्षेत्र में किसानों से टैक्स), जजिया (काफिरों से टैक्स) और जकात (मुसलमानों से चंदा या दान)। इसके अतिरिक्त कोई अन्य आर्थिक माडल इस्लामी किताबों में नहीं मिलता। चूंकि मुस्लिम अपने पैगंबर और मूल इस्लामी ग्रंथों को ही संपूर्ण मानते हैं, इसलिए वे इस माडल से बाहर निकलकर सुधार नहीं कर ...
 INDIA LOSES LARGE , MUCH NEEDED PVC PROJECT DUE TO MOTIVATED CAMPAIGN AGAINST ADANI GROUP

 INDIA LOSES LARGE , MUCH NEEDED PVC PROJECT DUE TO MOTIVATED CAMPAIGN AGAINST ADANI GROUP

आर्थिक, विश्लेषण
There are not many project promoters in India who are capable of investing thousands of crores of rupees in large projects that could be globally competitive.  Most of such large projects have been set up in the past by public sector organisations such as Indian Oil Corporation. Reliance group , Adani group , Vedanta group, Birla group  are amongst the few who have announced large sized projects in the private sector in India in recent years. Unfortunately, due to motivated and negative campaigns , a few of such projects,  both in the private and public sector ,  have been halted in recent years, which have caused a setback to India’s industrial and economic growth to some extent. Copper project : Sterlite Copper in Tuticorin in Tamil Nadu is one such p...
बेमौसम बारिश ने गणित बिगाड़ दिया

बेमौसम बारिश ने गणित बिगाड़ दिया

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भारत में खेती बारिश के भरोसे ही फलती-फूलती है, और उससे जुड़ा चक्र बाज़ार और बाज़ार आम आदमी को प्रभावित करता है । मानसूनी बारिश का इंतजार किसान शिद्दत से करता है, लेकिन यदि यही बारिश बेमौसमी हो तो आफत का सबब बनती है।अगले दिन कैसे बीतेंगे,चिंता का सबब है। पिछले कुछ दिनों से पश्चिमी विक्षोभ से होने वाली बारिश ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें ला दी हैं। दरअसल, खेतों में गेहूं की फसल पक चुकी है। किसान अनाज खलिहानों से निकालकर मंडी ले जाने की तैयारी में है। इसी तरह सरसों की फसल भी पक चुकी है। पिछले दिनों से उत्तर भारत के कई राज्यों में हुई बेमौसमी बरसात से गेहूं-सरसों की फसल को काफी नुकसान हुआ। जहां सरसों में बीज तैयार हो चुका था, ओलावृष्टि से वो बिखरा है। दूसरी ओर जो सरसों मंडियों तक पहुंची थी, वह बारिश से भीग गयी। दरअसल, पिछले कुछ वर्षों में ग्लोबल वार्मिंग से जो तापमान वृद्धि हुई है,...
अमेरिकी वित्तीय क्षेत्र में उथल पुथल का असर भारतीय बैकों पर पड़ने की सम्भावना नहीं

अमेरिकी वित्तीय क्षेत्र में उथल पुथल का असर भारतीय बैकों पर पड़ने की सम्भावना नहीं

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अमेरिकी वित्तीय क्षेत्र में बैंकों पर भारी संकट आ गया है। अभी तक दो बैंक (सिलिकॉन वैली बैंक एवं सिग्नेचर बैंक) बंद हो चुके हैं और 6 अन्य छोटे आकार के बैंकों (फर्स्ट रिपब्लिक बैंक, वेस्टर्न अलाइन्स बैंक, पैकवेस्ट, यूएमबी फायनैन्शल सहित) पर गम्भीर संकट बना हुआ है। इन बैंकों में रोकड़ एवं तरलता की गम्भीर समस्या उत्पन्न हो गई है एवं इनके पास अपने जमाकर्ताओं को भुगतान करने के लिए पर्याप्त राशि उपलब्ध नहीं है। इन बैकों के शेयरों की कीमत पूंजी बाजार में 14 से 30 प्रतिशत के बीच गिर चुकी है। एक आंकलन के अनुसार अमेरिका के 160 बड़े बैंकों (जिनके पास 500 करोड़ अमेरिकी डॉलर से अधिक राशि की आस्तियां हैं) को 20,600 करोड़ अमेरिकी डॉलर का नुक्सान हुआ है। अमेरिका की रेटिंग संस्थाओं स्टैंडर्ड एंड पूअर्स एवं फिच ने कुछ बैंकों की रेटिंग घटाकर जंक श्रेणी में डाल दी है क्योंकि यह बैंक अपने जमाकर्ताओं को राशि...
डूबते अमेरिकी बैंक – भारत के लिए चेतावनी

डूबते अमेरिकी बैंक – भारत के लिए चेतावनी

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मेरे एक बैंकर मित्र श्री श्याम कस्तूरे इन दिनों अमेरिका में हैं। उनसे अमेरिका के सिलिकॉन वैली बैंक,सिल्वर गेट और सिग्नेचर बैंक के डूबने पर लम्बी बात हुई, मित्र ने कुछ लिख भी भेजा। वस्तुतः: ये बैंक डूब चुके हैं, और यह घटनाक्रम भारत के लिए चेतावनी है । इन बैंकों के दिवालिया होने के बाद वहाँ के उन सभी छोटे अमेरिकी बैंकों पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं, जिनका व्यवसाय इन बैंकों के साथ जुड़ा हुआ है। अमेरिका के बैंकिंग सेक्टर की मुश्किलें बहुत बढ़ गई हैं। आर्थिक जगत के विद्वान अचंभित हैं। दुनियाभर के शेयर बाजार सहमे हुए हैं। बैंक के प्रदर्शन और क्रेडिट गुणवत्ता के आधार पर फरवरी, 2023 में सिलिकॉन वैली बैंक को फोर्ब्स ने 100 सर्वश्रेष्ठ बैंकों की वार्षिक सूची में शीर्ष 20 में स्थान दिया था। करीब 44 प्रतिशत तकनीकी और स्वास्थ्य क्षेत्र की कंपनियों के साथ कारोबार करने वाले इस बैंक के शेयर की क...
डिजिटल रूपी या कहें डिजिटल रुपया देश का भविष्य 

डिजिटल रूपी या कहें डिजिटल रुपया देश का भविष्य 

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डिजिटल रूपी या कहें डिजिटल रुपया देश का भविष्य बनने जा रहा है. यह बात दिसंबर माह में अपनी खबर में हमने कही थी.बात कुछ लोगों को सही लगी और बहुतों को यह कोरी बकवास लगी थी. तब बात सरकार के पायलट प्रोजेक्ट के आरंभ होने पर कही गई थी. इस पायलट प्रोजेक्ट को भारत सरकार के निर्देश पर आरबीआई ने इसे प्रायोगिक तौर पर चयनित चार शहरों और चार बैंकों के जरिए आरंभ किया था. यह प्रक्रिया अभी भी जारी है. आरंभ में यह लेन-देन लोगों के बीच और मर्चेंट टू मर्चेंट, मर्चेंट टू कस्टमर भी जारी है.आज के समय में जिन भी भारतीय रुपये का डिनोमिनेशन उपलब्ध है उसी में डिजिटल रुपये लॉन्च किया गया है. यानि भारत में वर्तमान में ₹10, ₹20, ₹50, ₹100 ₹200, ₹500, तथा ₹2000 मूल्यवर्ग के बैंकनोट हैं जिन्हें आरबीआई RBI जारी करता है. इन्हीं मूल्यवर्ग के नोटों को आरबीआई द्वारा डिजिटल रूपी में भी जारी किया गया है. फिलहाल जारी पहले चरण म...