भ्रष्टाचार पर राजनीति से कमजोर होता लोकतंत्र
भ्रष्टाचार पर राजनीति से कमजोर होता लोकतंत्र-ललित गर्ग-पिछले सालों में शीर्ष मंत्रियों, सांसदों, विधायकों एवं राजनैतिक दलों के शीर्ष नेताओं पर भ्रष्टाचार के मामलों में जांच एंजेन्सियों की कार्रवाई की साहसिक परम्परा का सूत्रपात हुआ है, तभी से इस तरह की कार्रवाईयां में राजनीतिक दलों को अपना जनाधार बढ़ाने की जमीन नजर आने लगी है। इन शर्मनाक, अनैतिकता, भ्रष्टाचार एवं लोकतांत्रिक मूल्यों के हनन की घटनाओं में शामिल राजनीतिक अपराधियों को भरतसिंह से उपमित करना राजनीतिक गिरावट की चरम पराकाष्ठा है। अपने नेताओं के काले कारनामों पर परदा डालने के लिये राजनीतिक दलों के तथाकथित कार्यकर्ता प्रदर्शन करते हुए सड़कों पर उतर आते हैं जो आम जनता के लिये परेशानी का सबब बनते हैं। यह कैसा राजनीति चरित्र गढ़ा जा रहा है? यह कैसी शासन-व्यवस्थाएं बन रही है?नई आबकारी नीति बनाने और शराब की दुकानों के लाइसेंस देने में अन...