
1 मार्च 1689 सम्भाजी महाराज का बलिदान
औरंगजेब द्वारा कठोर यातनाएँ, जुबान काटी, चीरा लगाकर नमक भरा
रमेश शर्मा
पिछले दो हजार वर्षों में संसार का स्वरूप बदल गया है । बदलाव केवल शासन करने के तरीके या राजनैतिक सीमाओं में ही नहीं हुआ अपितु परंपरा, संस्कृति, जीवनशैली और सामाजिक स्वरूप में भी हुआ है । किंतु भारत इसमें अपवाद है । असंख्य आघात सहने के बाद भी यदि भारतीय संस्कृति और परंपराएँ दिख रहीं हैं तो इसके पीछे ऐसे बलिदानी हैं जिन्होंने कठोरतम प्रताड़ना सहकर भी अपने स्वत्व की रक्षा की है । झुकना या रंग बदलना स्वीकार नहीं किया । ऐसे ही बलिदानी हैं सम्भाजी महाराज जिन्हें धर्म बदलने के लिये 38 दिनों तक कठोरतम यातनाएँ दीं गईं जिव्हा काटी गई, शरीर में चीरे लगाकर नमक भरा गया पर वे अपने स्वत्व पर अडिग रहे ।सम्भाजी महाराज छत्रपति शिवाजी महाराज के पुत्र थे। उन्हें धोखे से बंदी बनाकर इतनी क्रूरतम प्रताड़ना दी गयी जिसकी कल्पना तक नहीं की...