जैन तीर्थ के अस्तित्व एवं अस्मिता से खिलवाड़ क्यों?
- ललित गर्ग-
जैन समाज के सर्वोच्च तीर्थ सम्मेद शिखर को लेकर देशभर में गुस्सा और आक्रोश का उबरना झारखंड सरकार की दूषित नीति को दर्शा रहा है। गिरिडीह जिले में स्थित पारसनाथ पहाड़ी को पर्यटन केन्द्र घोषित किया जाना, जैन समाज की आस्था एवं भक्ति से खिलवाड़ है, उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत करना है। इसके खिलाफ देशभर में जैन समाज के लोग इसलिये प्रदर्शन कर रहे हैं कि पारसनाथ पहाड़ी दुनिया भर के जैन धर्मावलंबियों में सर्वाेच्च तीर्थ सम्मेद शिखर के तौर पर प्रसिद्ध है। इसे पर्यटन केन्द्र घोषित करने से इसकी पवित्रता खण्डित होगी, मांस-मदिरा का सेवन करने वाले लोग आने लगेगे। यह मौज-मस्ती का अड्डा एवं अनेक अधार्मिक गतिविधियों का यह केन्द्र बन जायेंगा। किसी व्यक्ति के बारे में सबसे बड़ी बात जो कही जा सकती है, वह यह है कि ”उसने अपने चरित्र पर कालिख नहीं लगने दी।“ जब व्यक्ति अपने पर कालिख नहीं लगने द...