
बहुसंख्य समाज की आस्था पर चोट कब तक?
-ललित गर्ग-
देश में अनेक राजनीति एवं गैर-राजनीतिक स्वार्थों से प्रेरित अराष्ट्रवादी एवं अराजक शक्तियां हैं जो अपने तथाकथित संकीर्ण एवं देश तोड़क बयानों से देश की एकता, शांति एवं अमन-चैन को छिनने के लिये तत्पर रहती है, ऐसी ही शक्तियों में शुमार बिहार के शिक्षामंत्री श्री चन्द्रशेखर एवं समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने हिन्दू धर्म की आस्था को आहत करने वाले बयान दिये हैं, संत शिरोमणी तुलसीदास रचित रामचरितमानस की कुछ पंक्तियों को लेकर उन्होंने तथ्यहीन, घटिया, सिद्धान्तहीन एवं हास्यास्पद टिप्पणी करके धर्म-विशेष की आस्था को आहत करते हुए विवाद को जन्म दिया है। हालांकि सपा ने मौर्य की इस टिप्पणी से खुद को यह कहते हुए अलग कर लिया है कि यह उनकी व्यक्तिगत टिप्पणी थी। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण तो यह है कि देश के प्रमुख राजनेता ने सच्चाई को जानते हुए जानबूझकर भड़काऊ एवं उन्मादी बयानों से द...