
धीरेन्द्र शास्त्री के बहाने चमत्कारों पर सम्यक विचार
================================यदि आप पढ़े लिखे व्यक्ति हैं, इस युग में विज्ञान की समझ पाते है तो जानते होंगे की चमत्कार और पश्चिमी विज्ञान की नूराकुश्ती आज से नहीं है। चमत्कार के नाम पर जब पानी में आग लगता था तो विज्ञान ने उस दिन तक उसका विरोध किया जब तक सोडियम का गुण धर्म उसे ज्ञात नहीं था। सोडियम पानी में आग तब से लगाता रहा है जब विज्ञान ने इस घटना को नहीं खोजा होगा। हिन्दू ज्योतिष द्वारा सूर्य-चंद्र ग्रहण की भविष्यवाणी तब तक चमत्कार थी जबतक पश्चिमी विज्ञान को लगता था की पृथ्वी का चक्कर सूर्य लगाता है। जिसदिन यह सोडियम और धरती चंद्रमाँ के सापेक्षिक भ्रमण का रहस्य खुला यही चमत्कार, विज्ञान की दीर्घा में खड़े होकर शेष चमत्कारों पर अट्ठहास करने लगा। यह क्रम हज़ारों वर्षों से जारी है परन्तु यही चमत्कार विज्ञान के खोज की प्रेरणा है इसे समझते हुए विज्ञान की तमाम प्रेरणाए चमत्कार से ही प्रेर...