पंजाब में बंदूकवाद का यह कैसा उपचार?
बलबीर पुंज
कितनी बड़ी विडंबना है कि जब 13 नवंबर को पंजाब में 'आप' सरकार ने शस्त्रों/हिंसा के सार्वजनिक प्रदर्शन/महिमामंडन पर प्रतिबंध लगाया, तब उसी कालखंड में दो ऐसी घटनाएं सामने आई— जिसने इस आदेश की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया। 12 नवंबर को हिंदू नेता सुधीर सूरी की हत्या मामले में कट्टरपंथी सिख संगठनों ने अमृतसर स्थित अदालत परिसर में पेशी के दौरान आरोपी संदीप सिंह 'सन्नी' पर फूल बरसाएं और उसके पक्ष में नारेबाजी भी की। 4 नवंबर को पुलिस सुरक्षा के बीच सुधीर की खुलेआम गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह घृणा प्रेरित कृत्य था। यही नहीं, जिस दिन मान सरकार ने उपरोक्त फैसला लिया, उसी समय जालंधर में माता के जागरण पर तलवारों से हमला हो गया। यहां दो लोग तलवार लेकर घुसे और प्रसाद बांट रहे लोगों से अभद्रता करते हुए श्रद्धालुओं के साथ पूजा के मंच पर हमला कर दिया। इसमे...