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CSE analysis of Indian ethnoveterinary medicine project shows a way to produce safe milk and curb antibiotic resistance

CSE analysis of Indian ethnoveterinary medicine project shows a way to produce safe milk and curb antibiotic resistance

प्रेस विज्ञप्ति, राज्य
Centre for Science and Environment (CSE), New Delhi World Antimicrobial Awareness Week 2022 Traditional herbal medicines can replace antibiotics in dairy sector, help combat antibiotic resistance,and produce safe milk, says CSE CSE’s contentions based on encouraging results from India’s largest on-field project in dairy animals CSE conducts international webinar on ethnoveterinary medicineto discuss the findings Ethnoveterinary medicine (EVM) practices can help reduce antibiotic use and prevent the public health crisis of growing antimicrobial resistance – shows an ongoing project led by National Dairy Development Board (NDDB) in India EVM practices have demonstrated high cure rates in treating cattle diseases like mastitis. This low-cost, farmer-friendly option ...
पंज प्यारों की जमीन पर देखते-देखते ही कैसे ‘पगड़ी वाले ईसाई’ छा गए

पंज प्यारों की जमीन पर देखते-देखते ही कैसे ‘पगड़ी वाले ईसाई’ छा गए

TOP STORIES, राज्य, सामाजिक
पंजाब में 65000 पादरी, जिस चर्च के 14 साल पहले थे 3 मेंबर- अब हैं उसके 300000 सदस्य: पंज प्यारों की जमीन पर ‘पगड़ी वाले ईसाइयों’ की छाया कैसे.....सबसे बड़ा सवाल यह है कि पंज प्यारों की जमीन पर देखते-देखते ही कैसे 'पगड़ी वाले ईसाई' छा गए। इस सवाल का जवाब देने में जितनी देरी होगी, धर्मांतरण माफिया की जड़ें उतनी ही मजबूत होती जाएगी। भारत धर्मांतरण (Religious Conversion) के घातक जाल में उलझा हुआ है। भोले-भाले जनजातीय समाज के लोगों को प्रलोभन दे ईसाई बनाने से मिशनरियों ने इस घातक जाल के धागे जोड़ने शुरू किए। अब यह एक ऐसे जाल के रूप में सामने आ चुका है, जिसमें दलित, पिछड़े, सर्वण… सब उलझे नजर आ रहे हैं। इस घातक जाल की जद में पंजाब (Religious Conversion In Punjab) भी है। इंडिया टुडे मैगजीन ने पंजाब में ईसाई धर्मांतरण पर कवर स्टोरी की है। इससे जो तथ्य सामने आए हैं, वे बताते हैं कि यदि इस पर लग...
ख़तरनाक होता डेंगू

ख़तरनाक होता डेंगू

राज्य, राष्ट्रीय, विश्लेषण
डेंगू एक ऐसी बीमारी हैं जो एडीज इजिप्टी मच्छरों के काटने से होता है। इस रोग में तेज बुखार के साथ शरीर पर चकत्‍ते बनने शुरू हो जाते हैं। जहां यह महामारी के रूप मे फैलता है वहां एक समय में अनेक प्रकार के विषाणु सक्रिय हो सकते है। डेंगू बुखार बहुत ही दर्दनाक और अक्षम कर देने वाली बीमारी है। इसमें मरीज के शरीर में दर्द बहुत ज्‍यादा होता है, इसलिए इसे हड्डी तोड़ बुखार भी कहा जाता है। बरसात के मौसम में यह बीमारी आम हो जाती है, क्‍यों कि इस मौसम गंदगी की वजह से महामारी फैलने की समस्‍या ज्‍यादा रहती है। विषाणु जनित इस रोग को एंटीबायोटिक दवाइयों से ठीक नहीं किया जा सकता है।डेंगू में कई तरह की जटिलताएं भी हैं। यह कई बार रक्‍तश्रावी डेंगू और डेंगू शॉक सिंड्रोम जैसे कई खतरनाक रूप धारण कर सकता है। डेंगू की वजह से कई बार शरीर में पानी की कमी, लगातार शरीर से खून निकलना, प्‍लेटलेट्स घटना, रक्‍तचाप कम होन...
केरल का मार्क्सवादी दुराग्रह

केरल का मार्क्सवादी दुराग्रह

TOP STORIES, राज्य, सामाजिक
*डॉ. वेदप्रताप वैदिक* केरल की मार्क्सवादी सरकार का दुराग्रह अपनी चरम सीमा पर पहुंचा हुआ है। सत्तारुढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने अपने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने राज्यपाल को केरल के विश्वविद्यालयों के कुलपति पद से हटाने के लिए एक अध्यादेश तैयार कर लिया है और अब विधानसभा का सत्र बुलाकार वे अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रस्ताव भी पारित करना चाहते हैं। उनसे कोई पूछे कि राज्यपाल के हस्ताक्षर के बिना कौनसा प्रस्तावित अध्यादेश लागू किया जा सकता है और उनके दस्तखत के बिना कौनसा विधेयक कानून बन सकता है याने केरल की विजयन सरकार झूठ-मूठ की नौटंकी में अपना समय बर्बाद कर रही है। जहां तक उप-कुलपतियों का सवाल है, उनकी नियुक्तियाँ विश्वविद्यालय अनुदान आयोग नियमों के अनुसार ही होनी चाहिए लेकिन उन नियमों का उल्लंघन करके आप अपने म...
पंजाब में बंदूकवाद का यह कैसा उपचार?

पंजाब में बंदूकवाद का यह कैसा उपचार?

BREAKING NEWS, राज्य, सामाजिक
बलबीर पुंज कितनी बड़ी विडंबना है कि जब 13 नवंबर को पंजाब में 'आप' सरकार ने शस्त्रों/हिंसा के सार्वजनिक प्रदर्शन/महिमामंडन पर प्रतिबंध लगाया, तब उसी कालखंड में दो ऐसी घटनाएं सामने आई— जिसने इस आदेश की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया। 12 नवंबर को हिंदू नेता सुधीर सूरी की हत्या मामले में कट्टरपंथी सिख संगठनों ने अमृतसर स्थित अदालत परिसर में पेशी के दौरान आरोपी संदीप सिंह 'सन्नी' पर फूल बरसाएं और उसके पक्ष में नारेबाजी भी की। 4 नवंबर को पुलिस सुरक्षा के बीच सुधीर की खुलेआम गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह घृणा प्रेरित कृत्य था। यही नहीं, जिस दिन मान सरकार ने उपरोक्त फैसला लिया, उसी समय जालंधर में माता के जागरण पर तलवारों से हमला हो गया। यहां दो लोग तलवार लेकर घुसे और प्रसाद बांट रहे लोगों से अभद्रता करते हुए श्रद्धालुओं के साथ पूजा के मंच पर हमला कर दिया। इसमे...
पंजाब में हिंसा की उग्रता फिर नियति न बन जाये

पंजाब में हिंसा की उग्रता फिर नियति न बन जाये

BREAKING NEWS, EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राज्य
-ललित गर्ग- देश की कृषि एवं महापुरुषों की शांति भूमि राजनीतिक कारणों से हिंसा, आतंकवाद एवं नशे की भूमि बन गयी है। जबसे आम आदमी पार्टी की सरकार बनी है, हिंसा, हथियारों एवं नशे की उर्वरा भूमि बनकर जीवन की शांति पर कहर ढहा रही  है। राज्य में तेजी से पनप रही बंदूक एवं नशे की संस्कृति चिन्ता का सबब बन रही है। निर्दोष लोग मारे जा रहे हैं और अधिकांश लोग नशे में डूब रहे हैं। हथियारों का खुला प्रदर्शन, खूनखराबा आम बात हो गयी है। इस प्रकार यह हथियारों की शृंखला, नशे का नंगा नाच, अमानवीय कृत्य अनेक सवाल पैदा कर रहे हैं। कुछ सवाल लाशों के साथ सो गये। कुछ समय को मालूम है, जो भविष्य में उद्घाटित होंगे। इसके पीछे किसका दिमाग और किसका हाथ है? आज करोड़ों देशवासियों के दिल और दिमाग में यह सवाल है। क्या हो गया है हमारे पंजाब को? पिछले लम्बे दौर से हिंसा रूप बदल-बदल कर अपना करतब दिखाती है- विनाश और न...
भूख और स्वास्थ्य : २०२३ मोटा अनाज वर्ष

भूख और स्वास्थ्य : २०२३ मोटा अनाज वर्ष

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राज्य, राष्ट्रीय
*भूख और स्वास्थ्य : २०२३ मोटा अनाज वर्ष* आंकड़े गंभीर नहीं डरावने हैं,विश्व भर में लगभग १२ करोड़ लोग कोरोना दुष्काल भुखमरी की चपेट में आ चुके हैं | वैश्विक खाद्य संकट के कारण यह संख्या बढ़कर ८० करोड़ से भी अधिक हो गयी है। भारत में लगभग ८ करोड़ डायबिटीज के मरीज हैं, प्रतिवर्ष १.७ करोड़ लोग हृदय रोग के कारण दम तोड़ देते है, ३३ लाख से अधिक बच्चे कुपोषित हैं। आधे से ज्यादा महिलाएं और बच्चे तथा हर पांच में से एक पुरुष एनीमिक है। यह सारा संकट अनाज के कारण है, कहीं अनाज उपलब्ध नहीं होता तो कहीं वो गुणकारी नहीं होता | सारा विश्व इस संकट से निबटने के उपाय खोज रहा है | पिछले दिनों उज्बेकिस्तान के समरकंद में आयोजित हुए एससीओ सम्मेलन में विश्व खाद्य संकट से निपटने के लिए सुपर फूड (मोटा अनाज) को हर थाली का हिस्सा बनाये जाने की अपील तक की गयी है । कोविड, जलवायु संकट, यूक्रेन युद्ध आदि कारणों से व...
राज्यपाल एवं चुनी हुई सरकारों का विवाद कब तक?

राज्यपाल एवं चुनी हुई सरकारों का विवाद कब तक?

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राज्य
-ललित गर्ग-संवैधानिक पद पर विराजित राज्यपाल एवं चुनी हुई सरकारों के बीच द्वंद एवं टकराव की स्थितियां अनेक बार उभरती रही है। राजनीति के उलझे धागों के कारण ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण एवं विडम्बनापूर्ण स्थितियां देखने को मिलती है। गैर-भाजपा शासित राज्यों में सरकारों और राज्यपालों के बीच इस तरह का टकराव एक सामान्य बात हो गयी है, लेकिन यह टकराव न केवल लोकतंत्र के लिये बल्कि शासन-व्यवस्थाओं पर एक बदनुमा दाग की तरह है। बहुत समय से सरकारें राज्यपाल पर तो राज्यपाल सरकारों पर आरोप लगाते रहे हैं कि वे एक दूसरे के कामकाज में रोड़े अटका रहे हैं। इनदिनों तमिलनाडु, केरल, तेलंगाना, दिल्ली और पश्चिम बंगाल में ऐसी स्थितियां बढ़-चढ़कर देखने को मिली है। इन सभी राज्यों में गैर-भाजपा सरकार है और एक बात कॉमन है वो बात है राज्य सरकार का राज्यपाल के साथ विवाद। बीते कुछ समय से इन पांचों राज्यों में राज्यपाल बनाम राज्य सरक...
क्या पराली का धुंआ ही प्रदूषण बढ़ाने के लिए जिम्मेदार?

क्या पराली का धुंआ ही प्रदूषण बढ़ाने के लिए जिम्मेदार?

BREAKING NEWS, EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राज्य
-बलबीर पुंज बढ़ते वायु-प्रदूषण के कारण उत्तर-भारत में फिर से सांस लेना दूभर हो गया है। स्थिति ऐसी बिगड़ी कि कुछ समय के लिए उत्तरप्रदेश सरकार को नोएडा क्षेत्र, तो दिल्ली सरकार को स्कूलों में 1-5 कक्षाओं को ऑफलाइन रूप से स्थगित करना पड़ा। इस दौरान राजनीति भी चरम पर रही। दिल्ली और पंजाब में सत्तारुढ़ दल आम आदमी पार्टी ('आप') अपने विरोधियों के निशाने पर है। इसका एक स्वाभाविक कारण भी है। वर्तमान समय में जिस प्रकार देश के इस भाग में वातावरण दूषित हुआ है, उसमें किसानों (अधिकांश पंजाब, हरियाणा और उत्तरप्रदेश से) द्वारा विवशपूर्ण धान-पराली जलाने और उससे निकलने वाले संघनित धुंए की एक हिस्सेदारी— 35-38 प्रतिशत है। इसमें पंजाब स्थित किसानों की कई वीडियो वायरल भी है। यह ठीक है कि पंजाब में 'आप' की सरकार को मात्र छह माह हुए है। किंतु एक सच यह भी है कि उसके लिए पराली समस्या कोई नई नहीं है। जब वे पंजा...
राजनीतिक  असंवेदनशीलता का परिणाम है प्रदूषण

राजनीतिक  असंवेदनशीलता का परिणाम है प्रदूषण

TOP STORIES, राज्य, सामाजिक
-ललित गर्ग- दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में पराली एवं वायु प्रदूषण से उत्पन्न दमघोटू माहौल का संकट जीवन का संकट बनता जा रहा हैं। संपूर्ण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र घने कोहरे में डूबी हुई जानलेवा होती जा रही है। सब जानते हैं कि यह कोहरा नहीं, बल्कि प्रदूषण का ऐसा विकराल जाल है जिसमें मनुष्य सहित सारे जीव-जंतु फंसकर छटपटा रहे हैं, जीवन सांसों पर छाये संकट से जूझ रहे हैं। अस्पतालों के बाहर लम्बी कतारें देखने को मिल रही है। खासकर दिल्ली में दिवाली के बाद यह समस्या साल-दर-साल गंभीर होती जा रही है। इससे पार पाने के लिए दिल्ली सरकार ने कई उपाय आजमाए, प्रदूषण पर नियंत्रण के लिये निर्देश जारी किये गये मगर वे कारगर साबित नहीं हो पा रहे। प्रदूषण जानलेवा स्तर तक खतरनाक हो गया है, जिसके चलते स्कूल बंद करने और दिल्ली सरकार के आधे कर्मचारियों को घर से काम करने को कहा गया है। दिल्ली ...