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*मज़हब के नाम पर घृणा से मुक्त हो कश्मीरी*

*मज़हब के नाम पर घृणा से मुक्त हो कश्मीरी*

राज्य, विश्लेषण
*मज़हब के नाम पर घृणा से मुक्त हो कश्मीरी* _-बलबीर पुंज_ धारा 370-35ए के संवैधानिक क्षरण से जम्मू-कश्मीर में परिवर्तन की बयार बह रही है। इसी कड़ी में गत दिनों दो अभूतपूर्व घटनाएं सामने आई। इसमें पहली— तीन दशक बाद घाटी में बड़े पर्दे पर सिनेमा की वापसी है, जिसके अंतर्गत उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने 18 सितंबर को शोपियां और पुलवामा में सिनेमाघरों, तो 20 सितंबर को सोनमर्ग स्थित कश्मीर के पहले 'मल्टीप्लेक्स' का उद्घाटन किया। दूसरा मामला— जम्मू-कश्मीर के अंतिम हिंदू शासक और स्वतंत्र भारत के साथ विलय करने वाले महाराजा हरि सिंह की जयंती (23 सितंबर) पर प्रत्येकवर्ष सार्वजनिक अवकाश की घोषणा से संबंधित है। आखिर इनका निहितार्थ क्या है? यह घटनाक्रम उस जीवंत बहुलतावाद-पंथनिरपेक्षता जीवनमूल्यों को क्षेत्र में पुनर्स्थापित करने की दिशा में एक और मजबूत प्रयास है, जिसे सांप्रदायिक शेख अब्दुल्ला द्वारा प...
कुनो नेशनल पार्क में चीता कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के सम्बोधन का मूल पाठ

कुनो नेशनल पार्क में चीता कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के सम्बोधन का मूल पाठ

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राज्य, विश्लेषण
कुनो नेशनल पार्क में चीता कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के सम्बोधन का मूल पाठ मेरे प्यारे देशवासियों, मानवता के सामने ऐसे अवसर बहुत कम आते हैं जब समय का चक्र, हमें अतीत को सुधार कर नए भविष्य के निर्माण का मौका देता है। आज सौभाग्य से हमारे सामने एक ऐसा ही क्षण है। दशकों पहले, जैव-विविधता की सदियों पुरानी जो कड़ी टूट गई थी, विलुप्त हो गई थी, आज हमें उसे फिर से जोड़ने का मौका मिला है।  आज भारत की धरती पर चीता लौट आए हैं। और मैं ये भी कहूँगा कि इन चीतों के साथ ही भारत की प्रकृति प्रेमी चेतना भी पूरी शक्ति से जागृत हो उठी है। मैं इस ऐतिहासिक अवसर पर सभी देशवासियों को बधाई देता हूँ। विशेष रूप से मैं हमारे मित्र देश नामीबिया और वहाँ की सरकार का भी धन्यवाद करता हूँ जिनके सहयोग से दशकों बाद चीते भारत की धरती पर वापस लौटे हैं। मुझे विश्वास है, ये चीते न केवल प्रकृति के प्रति हमारी जिम्मेदार...
क्या गुजरात में केजरीवाल का जादू चलेगा?

क्या गुजरात में केजरीवाल का जादू चलेगा?

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क्या गुजरात में केजरीवाल का जादू चलेगा?-ललित गर्ग-गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 के दिसंबर में होने हैं, इस बार का चुनाव हंगामेदार होगा, ऐतिहासिक होगा एवं नये परिदृश्यों को निर्मित करने वाला होगा। इसके लिए सभी प्रमुख राजनीतिक दल पिछले कई माह से सक्रिय हैं, भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस के साथ आम आदमी पार्टी भी पूरी तरीके से सक्रिय हो चुकी है, गुजरात में भाजपा जहां पिछले 27 सालों से सत्ता में है तो वहीं कांग्रेस पार्टी सत्ता पाने के लिए बेचैन है। पहली बार में ही आम आदमी पार्टी तो गुजरात में सरकार बनाने का दावा कर रही है। भाजपा की चुनावी तैयारियां जहां पिछले 1 साल से चल रही हैं तो वहीं कांग्रेस और आम आदमी पार्टी अपनी अलग रणनीति के हिसाब से काम कर रही है, आप के चलते कांग्रेस को अपने वोट बैंक में सेंध लगने की आशंका भी है। कुछ भी हो इस बार का चुनाव नरेन्द्र मोदी की प्रतिष्ठा का प्रश्न बनता जा रहा है।...
हिजाबः हिरन पर क्यों लादे घांस?

हिजाबः हिरन पर क्यों लादे घांस?

राज्य, विश्लेषण
*हिजाबः हिरन पर क्यों लादे घांस?* *डाॅ वेदप्रताप वैदिक* आजकल सर्वोच्च न्यायालय में बहस चल रही है कि कर्नाटक की मुस्लिम छात्राएं हिजाब पहनें या न पहनें? उच्च न्यायालय ने हिजाब पर पाबंदी को उचित ठहराया है। यहां बहस यह नहीं है कि हिजाब पहनना उचित है या नहीं? सिर्फ स्कूल की छात्राएं पहने या न पहनें, यह प्रश्न है। इस मुद्दे पर पहला सवाल तो यही उठना चाहिए कि हिजाब पहना ही क्यों जाए? क्या इसलिए पहना जाए कि डेढ़ हजार साल पहले अरब देशों की औरतें उसे पहनती थीं? उनकी नकल हिंदुस्तान की औरतें क्यों करें? क्या उन अरब औरतों की नकल हमारी लड़कियां करेंगी तो क्या वे बेहतर मुसलमान बन जाएंगी? हमारे भारतीय मुसलमान भी समझते हैं कि वे अरबों की तरह कपड़े पहनें, दाढ़ी रखें, टोपी पहनें तो वे बेहतर मुसलमान बन जाएंगे। मेरा निवेदन यह है कि बेहतर मुसलमान बनने के लिए अरबों की नकल करना जरुरी नहीं है। जरुरी है कुरान शरी...
हिंदी जगत के युग प्रवर्तक भारतेंदुहरिश्चंद्र

हिंदी जगत के युग प्रवर्तक भारतेंदुहरिश्चंद्र

राज्य, साहित्य संवाद
जन्मदिवस 9 सितम्बर विशेष :- हिंदी जगत के युग प्रवर्तक भारतेंदुहरिश्चंद्र हिंदी साहित्य के माध्यम से नवजागरण का शंखनाद करने वाले भारतेंदु हरिश्चंद्रका जन्म काशी में 9 सितम्बर 1850 को हुआ था। इनके पिता श्री गोपालचन्द्र अग्रवाल ब्रजभाषा के अच्छे कवि थे। घर के काव्यमय वातावरण का प्रभाव भारतेंदु जी के जीवन पर पड़ा और पांच वर्ष की अवस्था में उन्होनें अपना पहला दोहा लिखा। उनका दोहा सुनकर पिता जी बहुत प्रसन्न हुए और आशीर्वाद दिया कि तुम निश्चित रूप से मेरा नाम बढ़ाओगे। भारतेंदु जी के परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी थी। उन्होनें देश के विभिन्न भागों की यात्रा की और वहां समाज की स्थिति और रीति नीतियों को गहराई से देखा। इस यात्रा का उनके जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ा। वे जनता के हृदय में उतरकर उसकी आत्मा तक पहुंचे। भारतीय पत्रकारिता व हिंदी साहित्य के पितामह भारतेंदु जी ने अपनी लेखनी के माध्यम से अंग्...
राष्ट्र भाषा ही देश को भावनात्मक रूप से जोड़ती है

राष्ट्र भाषा ही देश को भावनात्मक रूप से जोड़ती है

राज्य, समाचार, साहित्य संवाद
*राष्ट्र भाषा ही देश को भावनात्मक रूप से जोड़ती है* लेखिका - *डॉ कामिनी* लखनऊ ( उत्तर प्रदेश ) भाषा वैचारिक आदान प्रदान का मूल तत्व  है। हिंदुस्तान में हिंदी भाषा और देवनागरी लिपि सहस्र वर्षों से अधिकांश लोगों की दिनचर्या का अंग बनी हुई है।भारत पर मुस्लिम आक्रमण के पूर्व तक इसका गौरव अक्षुण्ण रहा। कालांतर में मुग़ल शासक अकबर ने राज्य के हिंदी कार्यालयों को फ़ारसी में परिवर्तित कर इसका महत्व न्यून कर दिया। अकबर के शासन काल से लेकर औरंगजेब के काल तक कार्यालयों से  हिंदी भाषा और देवनागरी लिपि को निष्कासित कर फ़ारसी को प्रतिष्ठापित कर दिया गया कालक्रम में ब्रिटिश शासन काल में इसका स्थान अंग्रेजी भाषा ने ले लिया और आज भी यह शीर्ष पर विराजमान है। भाषा का राष्ट्र की एकता , अखंडता व विकास में महत्वपूर्ण योगदान होता है । राष्ट्रभाषा देश को भावनात्मक व सांस्कृतिक रूप से संगठित करने में सहायक होत...
तेलंगाना : प्रत्यक्ष को प्रमाण क्या?

तेलंगाना : प्रत्यक्ष को प्रमाण क्या?

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राज्य
तेलंगाना : प्रत्यक्ष को प्रमाण क्या? विनीत नारायण कहावत है कि क्रिकेट और राजनीति अनिश्चिताओं का खेल होते है। क्रिकेट में पारी की आख़री बॉल टीम को जीता भी सकती है और हरा भी सकती है। क्या किसी ने कभी सोचा था कि चरण सिंह, वी पी सिंह, चंद्रशेखर, आई के गुजराल और एच डी देवेगोड़ा भारत के प्रधान मंत्री बनेंगे। जबकि किसी के पास प्रधान मंत्री बनने लायक सांसद तो क्या उसका पाँचवाँ हिस्सा भी सांसद नहीं थे। आई के गुजराल तो ऐसे प्रधान मंत्री थे जो अपने बूते एक लोक सभा की सीट भी नहीं जीत सकते थे। फिर भी ये सब प्रधान मंत्री बने। वो अलग बात है कि इनका प्रधान मंत्री बनना किसी अखिल भारतीय आंदोलन की परिणिति नहीं था बल्कि उस समय की राजनैतिक परिस्थितियों ने इन्हें ये मौक़ा दिया। एक बार फिर देश के हालत ऐसे हो रहे हैं कि देश की बहुसंख्यक आबादी शायद सत्ता परिवर्तन देखना चाहती है। एक तरफ़ वो लोग हैं जो मान...
शिक्षा के सँग कीजिये, भोजन उचित प्रबंध

शिक्षा के सँग कीजिये, भोजन उचित प्रबंध

TOP STORIES, राज्य, राष्ट्रीय, सामाजिक
शिक्षा के सँग कीजिये, भोजन उचित प्रबंध। पोषण सह बल से बढ़े, जीवन का अनुबंध।। बच्चों को ज्ञान के साथ स्वस्थ भोजन सशक्त बनाता है। पोषण से बच्चों की बढ़त अच्छी होती है। और दिमाग का विकास होता हैं। सही पोषण से बीमारियों से लड़ने की शक्ति मिलती है और बार-बार बीमार नहीं पड़ते। पोषण से ही बार-बार बीमार होने से बचा जा सकता है और कुपोषण के दायरे से मुक्ति भी पाई जा सकती है। सही पोषण से बीमारी नहीं होती, इसका असर एक व्यक्ति के जीवन पर देखने को मिलता है, उत्पादकता में बढ़ोत्तरी होती है, बच्चों की एकाग्रता बढ़ जाती है और पढ़ाई में मन लगता है। देश का बेहतर भविष्य सुनिश्चित होता है। शोध से पता चलता है कि पोषण शिक्षा छात्रों को सिखा सकती है पहचानें कि स्वस्थ आहार भावनात्मक कल्याण को कैसे प्रभावित करता है और भावनाएं खाने की आदतों को कैसे प्रभावित कर सकती हैं। स्कूल के कर्मचारी पोषण शिक्षा को मौजूदा कार...
योगीराज में सुधार की ओर बढ़ती कानून व्यवस्था

योगीराज में सुधार की ओर बढ़ती कानून व्यवस्था

राज्य
योगीराज में सुधार की ओर बढ़ती कानून व्यवस्था मृत्युंजय दीक्षित वर्ष 2017 में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा सरकार आने के बाद प्रदेश की कानून और व्यवस्था लगातार सुधर रही है । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश में कानून व्यवस्था में सुधार लाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं और पुलिस प्रशासन तथा सरकारी मशीनरी को भी लगातार चेतावनी देते रहते हैं, कई आपराधिक मामालें में वह स्वतः संज्ञान लेकर कड़ी कार्यवाही करने का आदेश भी जारी करते हैं। प्रदेश के अपराधियों व भू -माफिया पर बेधड़क बुलडोजर चल रहा है और कुख्यात अपराधियों का एनकाउंटर हो रहा है जिसका परिणाम है कि आज प्रदेश के कई नामी- गिरामी माफिया व अपराधी जेल कि सलाखों के पीछे हैं और कुछ स्वयं आत्मसमर्पण करने के लिए गले में तख्ती टांगकर थानों में पहुंच रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चुनाव प्रचार के दौरान कानून व्यवस्था को एक बड़ा मुददा बनाय...
प्रदेश में नशे के विरुद्ध महाअभियान

प्रदेश में नशे के विरुद्ध महाअभियान

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प्रदेश में नशे के विरुद्ध महाअभियान मृत्युंजय दीक्षित आजादी के बाद उत्तर प्रदेश के इतिहास में पहली बार नशे के खिलाफ एक महाअभियान आरम्भ किया गया है जिसकी हर जगह प्रशंसा और स्वागत हो रहा है। नशे के विरुद्ध इस अभियान की निगरानी स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कर रहे है और इसका प्रभाव सामने आने लगा है। प्रदेश में बढ़ रहे अपराधों के पीछे एक बड़ा कारण युवाओं का नशे की ओर बढ़ता झुकाव भी है। अधिकांश छोटे -बड़े अपराधों में गांव शहर कस्बों व गलियों तथा पार्कों में बैठकर नशे का धुआं उड़ाने वाले , स्मैक चरस गांजा आदि का इस्तेमाल करने वाले लोग ही शामिल होते हैं जो अपनी आवश्यकता की पूर्ति के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिन्होंने प्रदेश में रामराज्य की स्थापना का संकल्प लिया है अब प्रदेश के युवाओं को नशे व अपराधों की दुनिया से मुक्ति दिलाने के लिए चल पड़े हैं । अ...