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मैं गरीब हूं, इबारत गरीबी का मजाक है

मैं गरीब हूं, इबारत गरीबी का मजाक है

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ललित गर्ग- राजस्थान में गरीबों का मखौल उड़ाने का एक गंभीर मामला सामने आया है, जो हमारी राजनीति के साथ-साथ प्रशासनिक मूल्यहीनता एवं दिशाहीनता का परिचायक है। राजनीतिक लाभ लेने के लिये किस तरह सरकार के द्वारा जनयोजनाआंें को भुनाने के प्रयत्न होते हैं, उसका राजस्थान एक घिनौना एवं अमानवीय उदाहरण बनकर प्रस्तुत हुआ है। गौरतलब है कि राज्य के दौसा जिले में बीपीएल यानी गरीबी रेखा से नीचे आने वाले परिवारों के घरों की दिवारों पर उकेर दिया गया है- ‘मैं गरीब हूं, मैं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत राशन लेता हूं।’ कोई भी अपनी मर्जी से अपने घर की दीवार पर यह नहीं लिखना चाहेगा। दौसा में हजारों घरों पर यह लिखा मिलेगा, तो समझा जा सकता है कि अधिकारियों के निर्देश पर ही ऐसा हुआ होगा। अधिकारियों को निर्देश सत्ता से जुड़े शीर्ष नेतृत्व ने ही प्रदत्त किया होगा, यह सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है। लेकिन इस तरह...
पोस्टरबॉय एनकाउंटर के बाद.

पोस्टरबॉय एनकाउंटर के बाद.

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➖समाचारों से ज्ञात हो रहा है कि कश्मीरी आतंकियों का पोस्टरबॉय बुरहानबानी जो पिछले वर्ष 8 जुलाई को मुठभेड़ में मारा गया था कि पहली बरसी (8.7.2017 ) पर बदला लेने के लिए पाकिस्तानी सेना व आतंकी अत्यधिक उग्र व आक्रामक हो रहे है | जिहाद के लिए ये मजहबी आतंकी अपने एक एक साथी की मौत का बदला लेने के लिए कैसा भी दुस्साहस करने के लिए संकल्पित है | ➖परन्तु क्या यह हम देशवासियों के लिए संतोषजनक है कि हम अपने सैनिको के बलिदानों पर बार बार शोक सभा व केंडल मार्च द्वारा निंदा करने तक ही सीमित रह जाते है | क्या हमारी रक्त वाहिनियों में उबाल लाने वाले राष्ट्रभक्ति के जीवाणुओं का अभाव हो गया है या हम इतने कर्तव्यविमुख हो गए है कि अपने रक्षको के प्रति केवल संवेदनाओं के सरलीकरण का मार्ग अपना कर समाचार पत्रों में छपते रहें ? क्यों नहीं हम अपने वीर सैनिकों के निरन्तर हो रहें बलिदानों पर आक्रोशित होते ? ➖ " वय...
Modified delimitation needed in Delhi before any next elections

Modified delimitation needed in Delhi before any next elections

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Delimitation in Delhi should be streamlined by having two exclusive constituencies for trans-Yamuna areas with simplified names as East-Delhi and Yamuna-Vihaar with river Yamuna as boundary to separate rest of the five seats on other side of the river which could have easy names as New-Delhi, Old-Delhi, South-Delhi, North-Delhi and West-Delhi eliminating confused nomenclature like North-East Delhi or North-West Delhi. All the seven Lok Sabha constituencies may comprise of ten assembly-seats even though twenty trans-Yamuna assembly-seats may have slightly less representation of voters. Major roads or rail-lines should be dividing boundaries between different constituencies. Such slight modifications can be done through an ordinance before forthcoming Lok Sabha polls. There is a pecu...
राजस्थान के धरतीपुत्रों के आगे झुकी सरकार

राजस्थान के धरतीपुत्रों के आगे झुकी सरकार

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रामस्वरूप रावतसरे सानों के कर्जे माफ करने, फसलों का समर्थन मूल्य बढ़ाने समेत कई मांगों को लेकर देश भर में शुरु हुआ किसान आंदोलन धीरे-धीरे राजस्थान को भी चपेट में ले रहा था। राजस्थान में भी इन मांगों को लेकर धरने-प्रदर्शन और महापड़ाव शुरु हो गए हैं। दो दिन से कई जिलों में किसानों व किसान संगठनों ने महापड़ाव शुरु कर दिए थे । जयपुर में भी संभागीय स्तर का महापड़ाव चलाया गया । किसानों ने रात को कैण्डल मार्च निकाला था और धरना दिया। भारतीय किसान संघ जयपुर प्रांत के युवा प्रमुख गजानंद कुमावत ने बताया कि महापड़ाव में सैकड़ों किसानों ने हिस्सा लिया और कैण्डल मार्च निकालकर सरकार का ध्यान आकृष्ट किया किया था। किसान संगठनों ने चेताया कि अगर सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो आंदोलन को तेज किया जाएगा। उधर किसानों के बढ़ते आंदोलन व नाराजगी को देखते हुए राजस्थान सरकार की सांसें ऊपर नीचे हो रही...
योगी सरकार के सौ 100 दिन  चुस्त योगी, सुस्त प्रशासन

योगी सरकार के सौ 100 दिन चुस्त योगी, सुस्त प्रशासन

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त्तर प्रदेश सरकार अपने 100 दिन का कार्यकाल पूरा कर चुकी है। मुख्यमंत्री नीतिगत स्तर पर कामयाब दिखते हैं। योगी आदित्यनाथ की सरकार से सख्त सरकार की अपेक्षा की जा रही थी किन्तु इस मामले में वह पिछड़ती दिख रही है। योगी जी के कड़े तेवरों के बावजूद प्रशासनिक ढांचा अभी भी लचर है। खनन, भ्रष्टाचार और अपराध जैसे विषयों पर सरकार की आलोचना हो रही है। क्या समय रहते मुख्यमंत्री इन अफसरों पर लगाम लगा पायेंगे या भगवाधारी एवं फायरब्रांड योगी जी इनके सामने हथियार डाल देंगे। योगी जी का इतिहास देखते हुये तो वह रण छोडने वाले नहीं दिखते हैं। उत्तर प्रदेश के ग्राउंड जीरो से विशेष संवाददाता अमित त्यागी अपना मूल्यांकन पेश कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश एक पटरी से उतरा हुआ प्रदेश था इसमे कोई दो राय नहीं है। उत्तर प्रदेश को व्यवस्थित करने में थोड़ा समय लगेगा यह भी ठीक बात है। उत्तर प्रदेश में अभी बजट पास नहीं हुआ है इसल...
भाजपा की सरकार देगी नौकरी अपार  – सतपाल सत्ती

भाजपा की सरकार देगी नौकरी अपार – सतपाल सत्ती

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हिमाचल भाजपा को सत्ता के करीब खड़ा करने की मशक्कत में जुटे हुए भाजपा के ऊर्जावान अध्यक्ष सतपाल सîाी के लिए राजनीतिक शुचिताका पालन बहुत महत्वपूर्ण है। अभी हाल ही में भाजपा को शिमला में हुए स्थानीय निकायों के चुनावों में भारी जीत प्राप्त हुई है। वे इन्हीं चुनावों की सफलता के तराजू पर आगामी विधानसभा की रणनीति को तौल रहे हैं और यकीनन ही उनके सफल अभियान की छाप हर तरफ दिख भी रही है। अपनी रणनीति के विषय में उन्होंने हमारे संवाददाताओं नवीन कांगो और संजीव वर्मा को बताया: आगामे विधान सभा चुनावों को लेकर हिमाचल भाजपा बहुत ही सरगर्म दिख रही है। क्या यह घबराहट है? सत्ती: घबराहट नहीं, उत्साह कहिये। पार्टी तय रूपरेखा के अनुसार जनता से संपर्क बढ़ा रही है और हमें जनता का भरपूर समर्थन मिल रहा है। हम मार्च से तैयारी में जुटे हुए हैं। हालांकि इसी बीच अन्य कार्यक्रम भी चालू रहे पर हमने अपना ध्यान बंटने नहीं...
तमिलनाडु में विद्यालयों की विवशता

तमिलनाडु में विद्यालयों की विवशता

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महोदय यह बहुत खेदजनक है कि तमिलनाडु में केंद्रीय सरकार द्वारा "जवाहर नवोदय विद्यालय" की वर्षो से स्थापना केवल इसलिये नही हो रही है क्योंकि वहां बच्चों को हिन्दी व संस्कृत भाषा भी पढ़ाई जा सकेगी ? जबकि इन विद्यालयों में दसवीं कक्षा तक की पढ़ाई निशुल्क है और 11 वीं व 12 वीं की कक्षाओं का शुल्क भी न्यूनतम है।यह भी समझना चाहिये की इस योजना द्वारा पब्लिक स्कूलों के समान उत्तम शिक्षा का प्रावधान निर्धन व ग्रामीण बच्चों के लिये पूरे देश में किया जाता आ रहा है। इस प्रकार की दूषित राजनीति करके सत्ता प्राप्त करने वाले क्षेत्रीय दल डीएमके व एआईएडीएमके क्या भारत की आध्यात्मिक व धार्मिक शक्ति को नकार सकते है ? उन्हें यह भय क्यों है कि इन भाषाओं के अध्ययन से वहां वेद व उपनिषद आदि धार्मिक ग्रंथों से तमिलनाडु में रहने वाले भारतीय नागरिकों को भारतीय अध्यात्म व धर्म के विराट स्वरुप का ज्ञान होने से वे अप...
Launching Terminal-2 at Delhi Airport: Jewar airport should be announced without further delay

Launching Terminal-2 at Delhi Airport: Jewar airport should be announced without further delay

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It refers to Union Civil aviation Ministry asking three domestic budget-airliners namely Indigo, SpiceJet and GoAir to decide amongst themselves to shift some of their flights from Terminal-1 to Terminal-2 of New Delhi Airport. Already domestic flights of Air India and Jet Airways operate from Terminal-3 of Indira Gandhi International Airport New Delhi. Keeping flights of same airliner scattered between Terminals T-1 and T-2 will confuse passengers. Therefore best is to have an exclusive Terminal either T-1 or T-2 for Indigo which has maximum flights. Rest other airliners excluding Air India, Jet Airways and Indigo may operate from an exclusive terminal either T-1 or T-2. Since there is a tussle between different airliners in shifting to T-2, different operating-costs may be there ...
प्रदेश कांग्रेस में बदलाव नेताओं व  मतदाताओं को जीत तक एक रख पायेगा?

प्रदेश कांग्रेस में बदलाव नेताओं व मतदाताओं को जीत तक एक रख पायेगा?

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रामस्वरूप रावतसरे जस्थान में कांग्रेस की सत्ता में वापसी के लिए पार्टी आलाकमान प्रदेष में संगठन स्तर पर बड़ा आमूलचूल परिवर्तन करने जा रही है जिससे प्रदेश के नेताओं में आपसी समन्वय हो। प्रदेश में डेढ़ साल बाद विधानसभा चुनाव हैं और उसके छह महीने बाद लोकसभा चुनाव होंगे। प्रदेश के बड़े नेताओं की आपसी कलह और गुटबाजी के चलते पार्टी आलाकमान को अंदेशा है कि पार्टी कहीं इन चुनावों में शिकस्त ना खा जाए। इसके लिए वह पूरी तैयारियां और सभी नेताओं को साथ लेकर कदम उठा रही है। पूर्व प्रभारी गुरुदास कामत के इस्तीफे के बाद अब उस टीम को राजस्थान के प्रभार की जिम्मेदारी दी गई है, जिसने 2008 के चुनाव से पहले भी राजस्थान का मोर्चा संभाला था और पार्टी को विजय दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। कांग्रेस आलाकमान ने पूर्व सांसद अविनाश पांडे को राजस्थान प्रभारी बनाया है, साथ ही पार्टी के वरिष्ठ नेत...
राष्ट्रवादी पत्रकारिता पर मीडिया स्कैन का सेमिनार

राष्ट्रवादी पत्रकारिता पर मीडिया स्कैन का सेमिनार

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दिल्ली स्थित भारतीय जन संचार संस्थान में 20 मई को वर्तमान परिप्रेक्ष्य में राष्ट्रीय पत्रकारिता, मीडिया एंड मिथ विषय पर हुए पूरे दिन के सेमिनार में दिल्ली की मीडिया सेमिनार की जगह एक सप्ताह पहले से ही हवन केन्द्रित खबरें लिखती रही। मानों दिल्ली की मीडिया की चिन्ता में सेमिनार का विषय, वक्ता या सेमिनार का उददेश्य शामिल नहीं रह गया था, इसकी जगह यह जरूरी हो गया था कि हवन क्यों और कैसें? अधिक खबरिया संस्थानों में मीडिया रिपोर्टिंग बिना आयोजक से बात किए ही की गई। जिसकी वजह से कथित तौर पर प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों ने भी जमकर तथ्यात्मक भूल की। मसलन यज्ञ दो घंटे का होगा। मीडिया स्कैन साप्ताहिक पत्रिका है। अधिकांश लोगों ने बिना आयोजक से कन्फर्म किए संभावित वक्ताओं के नाम को अंतिम समझ कर रिपोर्टिंग की। कुछ प्रकाशन मीडिया स्कैन द्वारा तय कार्यक्रम की जानकारी साझा किए जाने के बावजूद पुराने संभावित न...