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उत्तराखंड की कीचड़ में कमल खिलने का योग

उत्तराखंड की कीचड़ में कमल खिलने का योग

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उत्तराखंड में मतदान के बाद की स्थितियों से भाजपा की वापसी तय तो लग रही है किन्तु जितनी विराट सफलता की अपेक्षा भाजपा को थी शायद उससे कम सीटें भाजपा को मिल पाएंगी। भाजपा को 50-55 सीटें जीतने की आशा थी किन्तु मैदानी इलाकों में मायावती ने सेंध लगाकर यह आंकड़ा 40-45 तक सीमित कर दिया है। आधी कांग्रेस को अपने में समेटी भाजपा के नेतृत्व में सरकार बनना तय मान रहे हैं विशेष संवाददाता अमित त्यागी जिन पांच राज्यों में चुनाव हो रहे हैं उनमें से सिर्फ उत्तराखंड ही ऐसा राज्य है जहां भाजपा की पूर्ण बहुमत सरकार का बनना स्पष्ट दिख रहा है। इस बात में किसी को कोई शक नहीं है कि उत्तराखंड से कांग्रेस साफ होने जा रही है। मतदान के दिनों में जिस तरह का रुझान यहां के मतदाताओं ने दिखाया है उसके अनुसार यहां की जनता कांग्रेस के पांच साल के जर्जर कार्यकाल और बदलते मुख्यमंत्रियों से आजिज़ आ चुकी दिखी है। इस बार कांग्...
भाजपा का कांग्रेसमुक्त पूर्वोत्तर अभियान : तेरी गठरी में लागी भाजपा, कांग्रेस जाग जरा

भाजपा का कांग्रेसमुक्त पूर्वोत्तर अभियान : तेरी गठरी में लागी भाजपा, कांग्रेस जाग जरा

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श्री नरेन्द्र मोदी के बारे में मशहूर है कि वह एक साथ 100 से अधिक एजेण्डों पर काम कर रहे हैं। कहा यह भी जाता है कि लक्ष्य हासिल करने के लिए वह 'येन-केन-प्रकारेण’ पर विश्वास करते हैं। यही बात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बारे में भी कही जाती रही है। इन एजेण्डों में पूर्वोत्तर भारत को कांग्रेस शासन से मुक्त कराना और भाजपा को स्थापित करना एक एजेण्डा है। राहुल गांधी यूपी में उद्धार से ही बेड़ा पार होने की उम्मीद लगाये बैठे हैं और नरेन्द्र मोदी पूर्वोत्तर में कांग्रेस को सत्ताविहीन करने की दिशा में काफी आगे बढ़ चुके हैं। औजार के तौर पर केन्द्र का धन, हिंदुत्व का एजेण्डा, जनजातीय तथा दलबदल के लिए तैयार सभी पार्टिंयों में मौजूद राजनैतिक महत्वाकांक्षी व्यक्तियों को इस्तेमाल किया जा रहा है। अरुणाचल प्रदेश कांग्रेस समिति द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर लगाया आरोप और उसका जवाब इसका एक संकेत है। ...
किसने यूपी के दलित नौजवानों को नहीं बनने दिया उद्यमी

किसने यूपी के दलित नौजवानों को नहीं बनने दिया उद्यमी

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मायावती और अखिलेश एक बार फिर से उत्तर प्रदेश के दलितों को छलने के लिए तैयार खड़े हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव के तीन चरण पूरे हो चुके हैं चार बाकी हैं। इन दोनों मुस्लिमपरस्त नेताओं ने फिर से दलितों और मुसलमानों को अपने हक में वोट देने के लिए लुभावानी कसरतें करनी शुरू कर दी है। पर अब उनसे कुछ सवाल पूछने का मन कर रहा है। यह अहम सवाल उनसे उत्तर प्रदेश की जनता  तो जगह-जगह पूछ रही है। उनसे पूछा जा रहा है कि उन्होंने दलितों को आरक्षण का मोहताज क्यों बना दिया? उन्होंने दलित नवजवानों के स्वरोजगार और उद्यम के लिए क्या ठोस पहल की? और उनसे ये भी पूछा जा रहा है कि उन्होंने पसमांदा मुसलमानों को अंधेरे में क्यों रखा? कायदे से देखा जाए तो दलितों, पिछड़ों या समाज के किसी भी अन्य उपेक्षित वर्ग के हितों में बोलना कतई गलत नहीं है। उनके सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक उत्थान की मांग तो आज के समय की मांग है। ...
उत्तर प्रदेश : कोई ताज़ा हवा चली है अभी…

उत्तर प्रदेश : कोई ताज़ा हवा चली है अभी…

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उत्तर प्रदेश के चुनावों के शुरुआती दो चरणों में मतदाता खामोश दिखा किन्तु जैसे जैसे चरण आगे बढ़ते गये उसका रुझान स्पष्ट दिखने लगा। तीसरा चरण आते आते उत्तर प्रदेश का साइलेंट वोटर भाजपा की तरफ खुल कर वोट करने लगा। उत्तर प्रदेश एक ऐसा राज्य है जहां जातिगत आंकड़ों पर काम करने के बावजूद साइलेंट वोटर ही सरकार बनाता है। वह सोच समझकर के एक रुझान तय करता है। इस रुझान के द्वारा उत्तर प्रदेश में मतदान के बाद त्रिशंकु विधानसभा बनने से बच जाती है। 2007 में मायावती, 2012 में अखिलेश एवं 2014 में मोदी के पक्ष में दिखा यह वर्ग अब 2017 में भाजपा के पक्ष में रुझान रखता दिख चुका है। सपा और कांग्रेस के गठबंधन से सपा को फायदा कम हुआ है किन्तु कांग्रेस को संजीवनी ज़रूर मिल गयी है। बसपा कुछ क्षेत्रों में इतनी खामोशी से चुनाव लड़ी है कि चुनाव परिणाम आने पर उसके नतीजे चौंकाने वाले होने जा रहे हैं। लोकदल ने जाटों के ...
आपसी खींचतान से अस्थिर तमिलनाडु

आपसी खींचतान से अस्थिर तमिलनाडु

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जब जयललिता की मृत्यु हुयी थी तभी इस बात की आशंका व्यक्त होने लगी थी कि क्या अब उनके उत्तराधिकारी पांच साल सरकार चला पाएंगे? 2016 में हुये विधानसभा चुनावों में तमिलनाडु की जनता ने जयललिता की पार्टी एआईएडीएमके को पूर्ण बहुमत दिया था। जयललिता सिर्फ छह माह ही इस सरकार का नेतृत्व कर पाईं। उनके उत्तराधिकारी के रूप में पनीरसेलवम का चुना जाना उनकी करीबी शशिकला को पसंद नहीं आया। सिर्फ दो माह में ही तमिलनाडु में इस तरह का घटनाक्रम पैदा कर दिया गया जिसमें शशिकला को जेल जाना पड़ा और पनीरसेल्वम मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाये जा चुके हैं। तमिलनाडु की राजनीति पर पैनी नजऱ रखते हुये विशेष संवाददाता अमित त्यागी पूरे घटनाक्रम पर प्रकाश डाल रहे हैं। मिलनाडु की राजनीति एक लंबे समय से क्षेत्रीय दलों के बीच सिमटी हुयी है। वर्तमान में करुणानिधि की डीएमके और जयललिता की एआईएडीएमके दो ऐसे दल हैं जिन्होंने सत्ता क...
“मिशन 2018” का बजट

“मिशन 2018” का बजट

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  मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह की सरकार राजनीतिक रूप से पहले ही मिशन 2018 के मूड में आ चुकी थी. अब सूबे का नया बजट भी अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव के रंग में रंगा हुआ नजर आ रहा है. वित्तमंत्री जयंत मलैया द्वारा वित्त वर्ष 2017-18 के लिये पेश किये गये बजट में 2018 के जीत की चाभी तलाशने की कोशिश गयी है. यह घोषणाओं से भरपूर बजट है जिसके जरिए सभी को साधने की कोशिश की गई है. बजट में शहरी गरीबों के लिये पांच रुपये में भोजन, विधवा महिलाओं के लिये पेंशन और प्रदेश सरकार के कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग का लाभ देने जैसी घोषणायें दक्षिण के राजनीति की याद दिलाती हैं. इस लोक लुभावन बजट में कोई नया “कर” नहीं लगाया गया है और शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया गया है.मुख्यमंत्री द्वारा चलाये जा रहे नर्मदा सेवा यात्रा को भी ख़ास महत्त्व देते हुए इसके लिए धन की कमी ना होने देने...
देश अपना-प्रदेश पराया

देश अपना-प्रदेश पराया

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देश के विभाजन की त्रासदी सात दशक बाद भी जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती क्षेत्रों में बसे लाखों हिन्दू शरणार्थियों को अभी भी झेलनी पड़ रही है। यह तो सर्वविदित ही है कि  भारत - पाक विभाजन के समय सन 1947 में  सांप्रदायिक दंगो के चलते  पाकिस्तान में अपना सब कुछ गवां कर आये हिन्दू-सिख भारत के विभिन्न क्षेत्रों में बसे थे। बहुत बड़ी संख्या में ये शरणार्थी आज भारत में सामाजिक व सरकारी सहयोग से संपूर्ण नागरिक अधिकारों के साथ सम्मान से रह रहें है। यहां तक की अनेक उच्च पदों को सुशोभित करने के  अतिरिक्त इन लोगों में से ही श्री इंद्रकुमार गुजराल व डॉ मनमोहनसिंह प्रधानमंत्री व श्री लालकृष्ण आडवाणी उपप्रधानमंत्री भी बनें।परंतु खेद यह है कि जो लोग अपनी जान बचाने के लिए जम्मू -कश्मीर के क्षेत्रो में चले गये वे आज तक दासों का जीवन जीने को विवश है। पिछले समाचारों के अनुसार विभाजन के समय लगभग 2 लाख शरणार्थी जम्मू ...
देवेन्द्र ने बचाई साख , मोदी का बढ़ा मनोबल

देवेन्द्र ने बचाई साख , मोदी का बढ़ा मनोबल

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बीजेपी महाराष्ट्र को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी। कड़ी मेहनत, समर्पण और जमीन पर काम करने की वजह से पार्टी अब शहरी और ग्रामीण महाराष्ट्र में मजबूत शक्ति बन गई है। लोगों ने भाजपा के विकास और अच्छी गवर्नेंस पर भरोसा जताया है। यह 2017 की शानदार शुरुआत है। पार्टी ने ऐसे क्षेत्रों में भी जीत हासिल की है जहां अतीत में वो कभी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पायी थी। पहले ओडिशा में अभूतपूर्व समर्थन और अब महाराष्ट्र के लोगों की असीम शुभकामनाएं। मैं हर एक भारतीय को भाजपा में लगातार विश्वास जताने के लिए धन्यवाद देता हूं। हम पूरी लगन से एक मजबूत और समृद्ध भारत बनाने के लिए काम कर रहे हैं। मैं महाराष्ट्र बीजेपी की पूरी टीम, सीएम देवेंद्र फणनवीस और राव साहब पाटिल (राज्य प्रमुख भाजपा) को लोगों के बीच अथक काम करने के लिए बधाई देता हूं। यह बाते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के वोटर्स का शुक्रिया अदा करते हुए अ...
CIC urges government-authorities to maintain glory of Delhi’s oldest Ramlila

CIC urges government-authorities to maintain glory of Delhi’s oldest Ramlila

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It refers to CIC-verdict dated 17.02.2017 in petition-number CIC/SH/C/2015/000049 (Subhash Chandra Agrawal vs Union Culture Ministry) wherein CIC observed that “the issues concerning Delhi’s oldest Ramlila, which is part of the rich heritage and culture of the country, are of larger public interest. It is therefore, disturbing to see such a prestigious event mired in litigation, complaints of theft and misappropriation of costly items and allegations of encroachment on the storage site of such items. It is for the competent courts of law to pronounce upon the issues concerning management of the Ramlila before them. However given the larger public interest involved in this matter, we would urge the concerned public authorities to take such steps, as are within their powers, to assist the pr...
अखिलेश के काम नहीं, कारनामें बोलते हैं!

अखिलेश के काम नहीं, कारनामें बोलते हैं!

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यूपी में एक के बाद एक ताबड़तोड़ हो रही हत्याएं, लूटपाट, डकैती, बलात्कार, योजनाओं में बंदरबाट, यादव सिंह जैसे भ्रष्ट अफसरों को बचाने, जवाहरबाग की तर्ज पर जगह-जगह जमीन हथियाने, सरकारी नौकरियों के भर्ती में धांधली एवं मानक में अनदेखी, न्याय के लिए सड़क पर उतरे लोगों को लाठियां, सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों की सपाई गुंडो द्वारा सरेराह कत्लेआम, पेड़ों पर फलों की जगह लटकती बहन-बेटियों की लाशे, हाईवे पर दरिंदगी का तांडव, करोड़ों-अरबों की लागत से बनी सड़कों का छह माह में ही उखड़ जाना, मुजफ्फरनगर समेत 200 से अधिक दंगों में कत्लेआम, आगजनी व खून-खराबा तथा आरोपियों को छोड़ निर्दोषों पर फर्जी मुकदमें दर्ज कर प्रताड़ना और कार्य पूरा हुए बगैर उद्घाटन की संस्कृति, दिन-रात बिजली की अघोषित कटौती, साफ पानी को तरसते शहर, ,अपनी किस्मत पर रोता बुंदेलखंड, बालीवुड के ठुमको पर झूमता सैफई, कश्मीर बनता कैराना ही अगर आपकी ...