
नक्सल समस्या : निगरानी में चूक
कभी मध्यप्रदेश का हिस्सा रहे छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में पिछले दिनो एक बार फिर हुए नक्सली हमले के निष्कर्ष साफ हैं कि सरकारों के दावों के बावजूद नक्सलियों की ताकत पूरी तरह कम नहीं हुई है, इस लिहाज़ से मध्यप्रदेश में मुस्तैदी की ज़रूरत है । बार-बार बड़ी संख्या में जवानों को खोने के बावजूद अतीत की घटनाओं से कोई सबक नहीं सीखे गए हैं।
दुर्भगाय, संचार क्रांति के दौर में मुकाबले के लिये उपलब्ध संसाधनों व हथियारों के बावजूद सरकार यदि उनके हमलों का आकलन नहीं कर पा रही हैं तो यह राज्यों के खुफिया तंत्र की विफलता का ही परिचायक है। सफल ऑपरेशन करके लौट रहे रिजर्व बल के जवानों का बारूदी सुरंग की चपेट में आना बताता है कि यह नक्सलियों की हताशा से उपजा हमला तो था ही, आगे की चुनौती और बड़ी है ।
इसमें कोई संदेह नहीं है कि हाल के दिनों में देश के कई इलाकों में सुरक्षाबलों के साझे अभियानों में नक्सलियों...