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हिन्दू उत्कर्ष

हिन्दू उत्कर्ष

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  हिन्दू कोई धर्म नहीं है बल्कि भारतीय उपमहाद्वीप की एक जीवन शैली है। इस भूभाग में रहने वाला हर व्यक्ति हिन्दू है। इनमें कुछ सनातन धर्म को मानते हैं तो कुछ अन्य धर्मों को, जिन्हें भारत में अल्पसंख्यक कहा जाता है। इस भूभाग में रहने वाले सभी लोगों के पूर्वज हिन्दू सनातनी ही रहे हैं। विदेशी आक्रांताओं के आक्रमण और उनके शासन के कारण कुछ ने इस्लाम धर्म अपना लिया तो कुछ ने ईसाइयत को स्वीकार कर लिया। पर सभ्यता और संस्कृति के आधार पर सब हिन्दू ही कहे जाएंगे। इसलिए जब भारत के हिन्दू राष्ट्र की बात की जाती है तब इसमें सभी धर्मों के वे सभी लोग शामिल हो जाते हैं जिनके पूर्वज हिन्दू रहे हैं। वामपंथी इतिहासकारों ने अब तक इतिहास को अपने हिसाब से काफी तोड़ मरोड़कर प्रस्तुत किया है। भारत को बांटने के क्रम में इन्होंने अंबेडकर के उन लेखों को तो प्रोत्साहित किया जिसमें उन्होंने हिन्दू धर्म की कमियां ...
श्रीराम मन्दिर- नयी रोशनी का अवतरण

श्रीराम मन्दिर- नयी रोशनी का अवतरण

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मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम जनमानस की व्यापक आस्थाओं के कण-कण में विद्यमान हैं। श्रीराम किन्हीं जाति-वर्ग और धर्म विशेष से ही नहीं जुड़े हैं, वे सारी मानवता के प्रेरक हैं। उनका विस्तार दिल से दिल तक है। उनके चरित्र की सुगन्ध विश्व के हर हिस्से को प्रभावित करती है। भारतीय संस्कृति में ऐसा कोई दूसरा चरित्र नहीं है जो श्री राम के समान मर्यादित, धीर-वीर और प्रशांत हो। इस विराट चरित्र को गढ़ने में भारत के सहóों प्रतिभाओं ने कई सहóाब्दियों तक अपनी मेधा का योगदान दिया। आदि कवि वाल्मीकि से लेकर महाकवि भास, कालिदास, भवभूति और तुलसीदास तक न जाने कितनों ने अपनी-अपनी लेखनी और प्रतिभा से इस चरित्र को संवारा। वे मर्यादा पुरुषोत्तम तो हैं ही मानव-चेतना के आदि पुरुष भी है। श्रीराम इस देश के पहले महानायक हैं, जिनका अयोध्या में दिव्य और भव्य राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ है, इससे देश के आस्थावान कर...
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट

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अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के 9 नवंबर के फैसले के 88 दिन बाद सरकार ने राम मंदिर बनाने के लिए ट्रस्ट की घोषणा कर दी। इसमें 15 सदस्य होंगे। लोकसभा में उन्होंने प्रश्नकाल से पहले ट्रस्ट बनाए जाने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट का नाम ‘श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र’ होगा। इसी के साथ केंद्र सरकार ने अपने कब्जे की 67.703 एकड़ जमीन भी ट्रस्ट को सौंप दी है। यह पूरा इलाका मंदिर क्षेत्र होगा। रामलला मंदिर ट्रस्ट की घोषणा खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की है। इसके 4 घंटे बाद ट्रस्ट के 15 सदस्यों की जानकारी सामने आई ट्रस्ट के 10 नाम तय, ये लोग बाकी 5 सदस्यों को नामित करेंगे अगर अयोध्या के कलेक्टर हिंदू नहीं हुए तो कोई हिंदू एडिशनल कलेक्टर इस ट्रस्ट में सदस्य होगा अयोध्या विवाद में हिंदू पक्ष के मुख्य वकील रहे 92 वर्षीय के. पाराशरण को ट्रस्टी बनाया गया है। उनके अलावा एक शंकराचार्य समेत 5 सदस...
गंगा की चिंता कीजिए

गंगा की चिंता कीजिए

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23 वर्षीया साध्वी पद्मावती को 20 घंटे बाद दून अस्पताल द्वारा पूरी तरह स्वस्थ घोषित किए जाने पर प्रशासन को आखिर उनको सम्मान वापस मातृ सदन, हरिद्वार लाना पड़ा। उनको बृहस्पतिवार की रात्रि 11:00 बजे उत्तराखंड प्रशासन-पुलिस द्वारा मातृसदन आश्रम, हरिद्वार से उठाया गया था। एक युवती सन्यासी जो अपने आश्रम में 15 दिसंबर से गंगा के अविरल निर्मल प्रवाह व  अन्य मांगों को लेकर तपस्यारत हो उसको रात्रि 11:00 बजे, उसके आश्रम में जबरन घुसकर जबरदस्ती स्ट्रेचर पर ले जाने की कोशिश और बहुत प्रतिरोध के बाद फिर उसको उठाकर पुलिस एंबुलेंस में ले जाना क्या कानूनी रूप से सही है ? वीडियो https://youtu.be/-aaOAKNE4qM में साफ दिखता है कि उनका स्वास्थ बिल्कुल सही था। वह काफी तेज स्वर में बोल भी रही है और पुलिस के साथ पूरे तर्क कर रही है। जिनका पुलिस कोई जवाब नहीं देती। बस उनको उठाकर ले गई। माटू जनसंगठन इसकी घोर ...
गंगा चुनौती की अनदेखी अनुचित

गंगा चुनौती की अनदेखी अनुचित

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गंगा की अविरलता-निर्मलता के समक्ष हम नित् नई चुनौतियां पेश करने में लगे हैं। अविरलता-निर्मलता के नाम पर खुद को धोखा देने में लगे हैं। घाट विकास, तट विकास, तट पर औषधि उद्यान, सतही सफाई, खुले में शौच मुक्ति के लिए गंगा ग्रामों में बने शौच गड्ढे...खुद को धोखा देने जैसे ही काम हैं। अधिक उत्पादन के लिए रासायनिक उर्वरक, खरपतवारनाशक व कीटनाशाकों का बेलगाम प्रयोग भी इसी श्रेणी में आता है। तक़लीफदेह तथ्य यह है कि ऐसा करते हुए हम उन कहानी, शोध, निष्कष व आंखों देखी तक़लीफों की लगातार अनदेखी कर रहे हैं, जो प्रमाण हैं कि चुनौती तो हम खुद अपने लिए पेश कर रहे हैं। पत्रकार अभय मिश्र ने वेंटिलेटर पर ज़िन्दा एक महान नदी की कहानी लिखी है। वह महान नदी, हमारी गंगा है। हक़ीकत में 'माटी मानुष चून' उपन्यास, गंगा के वेंटिलेटर पर जाने की कहानी नहीं है; यदि भारत की नदियों की अनदेखी हुई तो 2075 आते-आते, यह पूरे भारत...
‘भारत तत्व’ को स्थापित करने का समय

‘भारत तत्व’ को स्थापित करने का समय

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ह दुखद व आश्चर्यजनक है कि भारत के मुसलमान स्वयं को मध्य पूर्व एशिया के अरबी, तुर्क, शिया व सुन्नी मतबों से जोड़ते हैं यद्यपि इतिहास गवाह है कि भारत में अधिसंख्य मुस्लिम भारत मूल के ही हैं व भारत में इस्लामिक आक्रमणकारियों द्वारा बलात व मजबूरी में इस्लाम मत में परिवर्तित लोग हैं। मुख्यधारा के इस्लामिक देश आज भी भारत के मुसलमानों को सच्चा मुसलमान नहीं मानते। किंतु भारत के मुसलमानों का एक वर्ग अपनी जड़ें आज भी मध्यपूर्व के देशों में ही तलाशता है जो सही नहीं। सच्चाई तो यह है कि भारत पर आक्रमण व राज करते समय इस्लामिक आक्रमणकारियों ने भारत की हिंदू संस्कृति, गुरुकुल, भाषा, वेषभूषा, मंदिर व सभ्यता को नष्ट करने व उसको इस्लामिक बनाने के लिए हर संभव वैध व अवैध तरीके अपनाए। इस्लाम के बाद जब भारत पर ईसाइयों का शासन स्थापित हुआ तब उन्होंने भी वही क्रम दोहराया जो मुस्लिम आतताइयों ने अपनाया था यानि भारत ...
‘जल जीवन हरियाली’ से बिहार दिखाता देश को दिशा

‘जल जीवन हरियाली’ से बिहार दिखाता देश को दिशा

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देशभर में व्याप्त चौतरफा नकारात्मक वातावरण से हटकर बिहार ने  ‘जल जीवन हरियाली’ की अहम जरूरत पर एक महत्वपूर्ण अभियान  को शुरू करके देश को अवश्य ही एक नई  दिशा दिखाने का सकारात्मक प्रयास तो किया ही है। दरअसल, बिहार जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर सार्थक पहल कर देश और विश्व के सामने एक नजीर रखना चाहता है।  देखिए, अब ऐसी स्थितियां बनती जा रही हैं कि जल, जीवन और  हरियाली के सॅंरक्षण से जुडे कार्यक्रम तो सारे देश में ही चलाने होंगे। इसमें सरकार और समाज को मिल-जुलकर भाग लेना होगा। हमें उन तालाबों को फिर से जीवित करना होगा जो विकास की दौड़ में दफन हो गए या दुष्टों के द्वारा अतिक्रमित कर लिये गये। अगर बात दिल्ली की ही करें  तो जब देश आजाद हुआ था, उस समय दिल्ली में 363 गांव थे, जिनके आसपास 1012 तालाब थे। आबादी बढ़ने और दिल्ली के विकास के साथ ही कुछ गिने- चुने  तालाबों को छोड़कर बाकी खत्म हो गए। कई ताला...
नायक बन युवा बदलें गांवों  की दुनिया

नायक बन युवा बदलें गांवों  की दुनिया

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  भारत में सङक, दुकान, बिजली, प्राथमिक स्कूल, प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र और थानायुक्त गांवों की संख्या बढ़ रही है। गांवों में पक्के मकानों की संख्या बढ़ी है। मकानों में मशीनी सुविधाओं की संख्या बढ़ी है; शौचालय बढे़ हैं। मोबाइल फोन, मोटरसाइकिल और ट्रेक्टर  बढ़े हैं। ऊंची डिग्री व नौकरी करने वालों की संख्या बढ़ी है। प्रति व्यक्ति आय और क्रय शक्ति में भी बढ़ोत्तरी हुई है। मज़दूरी और दहेज की राशि बढ़ी है। ग्राम पंचायतों व ग्राम आधारित योजनाओं में शासन की ओर से धन का आवंटन बढ़ा है।   क्या बढ़ोत्तरी के उक्त ग्राफ को सामने रखकर हम कह सकते हैं कि भारत के गांव सशक्त हुए हैं ? यदि हम भारतीय गांवों को सिर्फ एक भौतिक इकाई माने, तो कह सकते हैं कि हां, पूर्व की तुलना में भारतीय गांव आज ज्यादा सशक्त हैं। भौतिक इकाई के तौर पर भी यदि हम भारतीय गांवों की मिट्टी, पानी, हवा, प्रकाश, वनस्पति, मवेशी ...
ऑपरेशन न्यू इंडिया : ‘उदारवाद’ और ‘लोकतंत्र’ की आड़ में इस्लामिक सांप्रदायिकता का नंगा नाच

ऑपरेशन न्यू इंडिया : ‘उदारवाद’ और ‘लोकतंत्र’ की आड़ में इस्लामिक सांप्रदायिकता का नंगा नाच

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  नागरिकता संशोधन कानून के लागू होने के बीच राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर व राष्ट्रीय जनगणना - 2021 को भी केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिल गयी है। इनके बीच विवादों में आए "राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर" पर सरकार मौन हो गयी है। विपक्ष का कहना है कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर पिछले दरवाजे से राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर बनाने का ही काम है। अनपेक्षित रूप से सेकुलरपंथी दलों व वामपंथी बुद्धिजीवियों द्वारा सरकार के इन सभी संवैधानिक व उचित कदमों का विरोध कान खड़े करने वाला है। जिस प्रकार विपक्ष द्वारा सुनियोजित तरीके से अप्रत्यक्ष रूप से देश के मुस्लिम समुदाय को उकसाया व भ्रमित किया गया, यह भी आश्चर्यजनक है। देश में पिछले चार दशकों में करोड़ों घुसपैठियों को सेकुलरपंथी दलों ने देश में बसने में मदद की है। इनमें अधिसंख्य मुस्लिम समुदाय के हैं व इनको इन दलों ने राशन कार्ड व वोटर आईडी कार्ड दिलाकर अपना ...
क्या भारतवासियों को जल्दी ही पाक अधिकृत कश्मीर में स्थित शारदापीठ के दर्शन होंगे ?

क्या भारतवासियों को जल्दी ही पाक अधिकृत कश्मीर में स्थित शारदापीठ के दर्शन होंगे ?

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आज हमारे कार्यालय में शारदापीठ कश्मीर के शंकराचार्य स्वामी अमृतनंद देव तीर्थ  पधारे। उन्होंने इस विषय में निम्न जानकारी दी। 1947 में जब भारत आजाद हुआ था तब जम्मू-कश्मीर का कुल क्षेत्रफल था 2,22,236 वर्ग किलोमीटर जिसमें से चीन और पाकिस्तान ने मिलकर लगभग आधे जम्मू-कश्मीर पर कब्ज़ा किया हुआ है और भारत वर्ष के पास केवल 1,02,387 वर्ग किलोमीटर कश्मीर भूमि शेष है। जम्मू-कश्मीर के जो भाग आज हमारे पास नहीं हैं उनमें से गिलगिट, बाल्टिस्तान, बजारत, चिल्लास, हाजीपीर आदि हिस्से पर पाकिस्तान का सीधा शासन है और मुज़फ्फराबाद, मीरपुर, कोटली और छंब आदि इलाके हालांकि स्वायत्त शासन में हैं परंतु ये इलाके भी पाक के नियंत्रण में हैं।पाक नियंत्रण वाले इसी कश्मीर के मुज़फ्फराबाद जिले की सीमा के किनारे से पवित्र "कृष्ण-गंगा" नदी बहती है। कृष्ण-गंगा नदी वही है जिसमें समुद्र मंथन के पश्चात् शेष बचे अमृत को असुरों से...