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Best Tribute to Gandhi: Spread his Message of Ahimsa

Best Tribute to Gandhi: Spread his Message of Ahimsa

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Three things that disturbed Mahatma Gandhi most when he returned to India from South Africa in  1915 were poverty, untouchability and violence. As the nation celebrates yearlong Gandhi’s 150th birth anniversary from October 2 today every citizen of India should spread the teachings of the Mahatma in his or her own way to spread his message of Ahimsa (non-violence), Untouchability and alleviation of poverty. It is not necessary that you organize things on big scale. Even a small meeting, going to the people to spread Gandhi’s message in village, taluka, mohalla and in housing societies will be best tribute to Gandhi this day. Mahatma Gandhi is the greatest individual who was born not only in India but in the world. On the occasion of Mahatma Gandhi's 70th birthday, Albert Einstein had sa...
गांधी जी के नमक कानून तोड़ो आंदोलन में महिलाओं की सहभागिता

गांधी जी के नमक कानून तोड़ो आंदोलन में महिलाओं की सहभागिता

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  दिसंबर 1929 लाहौर में रावी नदी के तट पर हुए कांग्रेस के वार्षिक अधिवेशन  में पूर्ण स्वराज राष्ट्रीय आंदोलन का लक्ष्य रखा गया । 26 जनवरी 1930 को सम्पूर्ण देश में स्वतंत्रता दिवस भी मनाया गया। पूर्ण स्वराज्य प्राप्ति के उद्देश्य से नमक कानून तोड़ो आंदोलन आरम्भ करने का निश्चय किया गया। गांधी जी का विचार था नमक प्रकृति में हवा, पानी के समान मुफ्त में उपलब्ध है, इसे समुद्र के किनारे पानी को इकठ्ठा करके, नमक के पहाड़ से तथा मिट्टी से बनाया जा सकता है। सरकार सिर्फ कर प्राप्त करने के लिये इसको बनाने पर रोक लगाती है, जिससे गरीबों को पर्याप्त मात्रा में नमक नहीं मिल पाता, अत: इस कर को समाप्त किया जाना चाहिये। सविनय अवज्ञा आंदोलन आरम्भ करने से पूर्व गांधी जी ने ब्रिटिश सरकार से  2 मार्च 1930 को वायसराय को पत्र लिखकर समझौता करने का भी प्रयास किया। परंतु उनका प्रयास असफल रहा। इसके पूर्व 30 जन...
बारिश की गड़बड़ी से निपटना सीखना पड़ेगा

बारिश की गड़बड़ी से निपटना सीखना पड़ेगा

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चार महीनों का वर्षाकाल खत्म हो गया है। पूरे देश में वर्षा का औसत देखें तो कहने को इस साल अच्छी बारिश हुई है। लेकिन कहीं बाढ़ और कहीं सूखे जैसे हालात बता रहे हैं कि यह मानसून देश पर भारी पड़ा है।मघ्य भारत अतिवर्षा की चपेट में आ गया। मघ्य भारत में औसत से 26 फीसद ज्यादा पानी गिरा है। उधर पूर्व व उत्तरपूर्व भारत में औसत से 16 फीसद कम वर्षा हुई। ज्यादा बारिश के कारण दक्षिण प्रायद्वीप की भी गंभीर स्थिति है। वहां 17 फीसद ज्यादा वर्षा दर्ज हुई है। सिर्फ उत्तर पश्चिम भारत में हुई बारिश को ही सामान्य कहा जा सकता है। हालांकि वहां भी 7 फीसद कम पानी गिरा है। कुलमिलाकर इस साल दो तिहाई देश असमान्य बारिश का शिकार है। आधा देश हद से ज्यादा असमान्य वर्षा से ग्रस्त हुआ है। मघ्य भारत बाढ़ का शिकार है तो पूर्व व पूर्वोत्तर के कई उपसंभागों में सूखे जैसे हालात है। उत्तर पश्चिम भारत जिसे सामान्य वर्षा की श्रेणी मे...
कोलकाता में होगा भारतीय अंतरराष्ट्रीय विज्ञान उत्सव

कोलकाता में होगा भारतीय अंतरराष्ट्रीय विज्ञान उत्सव

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भारतीय अंतरराष्ट्रीय विज्ञान उत्सव का वार्षिक आयोजन इस बार कोलकाता में 5 से 8 नवंबर को किया जाएगा। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ हर्ष वर्धन ने यह घोषणा की है। इस बार विज्ञान उत्सव की थीम ‘रिसर्च, इनोवेशन ऐंड साइंस इंस्पायरिंग द नेशन’ (राइजेन इंडिया) रखी गई है।  इस आयोजन का उद्देश्य भारत की वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति की उपलब्धियों को दर्शाना है, जिसमें वैज्ञानिकों और प्रौद्योगिकीविदों से लेकर शिल्पकार, किसान, छात्र और नवाचारियों की भागीदारी प्रमुख रूप से होगी। यह कार्यक्रम विज्ञान के प्रति युवाओं को आकर्षित करने और विज्ञान को लोकप्रिय बनाने की दिशा में काम करने वाले हितधारकों की नेटवर्किंग को बढ़ावा देने की भी कोशिश करेगा।  विज्ञान उत्सव से जुड़ी विभिन्न गतिविधियों का आयोजन कोलकाता में पांच स्थानों पर आयोजित किया जाएगा, जिसमें बिस्वा बांग्ला कन्वेंशन सेंटर, साइंस सिटी, सत...
यह कूटनीतिक आक्रामकता व सौदेबाजी

यह कूटनीतिक आक्रामकता व सौदेबाजी

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रत व दुनिया के राजनय व कूटनीति में यह अकल्पनीय व अभिनव मोड़ है। 'खुली कूटनीति’ की नई धार जो गति पकड़ रही है उसमें स्थापित मापदंड टूटकर बिखर गए हैं। 'हाउडी मोदी’ नाम का शो दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका के कूटनीतिक इतिहास में लंबे समय तक विवाद का विषय रह सकता है मगर भारतीय कूटनीति के इतिहास की सबसे बड़ी सफलता व मील का पत्थर बन चुका है। अमेरिका व चीन के विकराल व्यापारिक युद्ध व करेंसी वार, हांगकांग में चल रहे आजादी के आंदोलन और अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उतावलेपन के बीच दक्षिण एशिया व एशियाई देशों के स्थापित सत्ता संतुलन बिखर चुके हैं। रिपब्लिकन राष्ट्रपति ट्रंप ने जिस राष्ट्रवाद की लहर चला अमेरिका में सत्ता हथियाई थी उस मुद्दे व विचारधारा को उन्होंने व्यवहार में उतारकर भूमंडलीकरण के खोखलेपन को दुनिया के सामने स्थापित कर दिया है। अब इसी ...
अभिव्यक्ति की आजादी

अभिव्यक्ति की आजादी

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सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता ने हाल ही में कहा है कि भारत के नागरिकों को सरकार की आलोचना करने का अधिकार है। उनकी कही यह बात एक महत्वपूर्ण मुददे पर सोच विचार के लिए प्रेरित कर रही है। सरकार की आलोचना नई बात नहीं है। राजनीतिक व्यवस्थाओं का इतिहास जितना पुराना है उतना ही पुराना यह विषय भी है। तरह तरह की राजव्यवस्थाओं की आलोचना और समीक्षा करते करते ही आज दुनिया में लोकतंत्र जैसी नायाब राजव्यवस्था का जन्म हो पाया है। जाहिर है कि न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता के कथन ने लोकतंत्र के गुणों पर नज़र डालने का मौका दिया है। सरकार की आलोचना को अगर नैतिकता अनैतिकता की कसौटी पर कसा जाएगा तो लोकतंत्र के मूल गुण की बात सबसे पहले करनी पड़ेगी। विद्वा...
ड्रोन से पहली बार होगी पूरे देश की डिजिटल मैपिंग

ड्रोन से पहली बार होगी पूरे देश की डिजिटल मैपिंग

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बदलते वक्त के साथ भारत में बुनियादी ढांचे के विकास की आवश्यकता बढ़ रही है, जिसके लिए सटीक मानचित्रों की जरूरत पड़ती है। इस मांग को पूरा करने के लिए भारत का 252 साल पुराना वैज्ञानिक संस्थान सर्वे ऑफ इंडिया पहली बार ड्रोन्स की मदद से देश का डिजिटल मानचित्र बनाने जा रहा है।  अभी उपलब्ध मानचित्रों में वास्तविक और दर्शायी गई दूरी का अनुपात दस लाख से पचास लाख तक होता है। नए डिजिटल मानचित्रों में यह अनुपात 1:500 होगा। इसका मतलब है कि मानचित्र पर एक सेंटीमीटर दूरी 500 सेंटीमीटर को दर्शाएगी। डिजिटल मैपिंग परियोजना के तहत बनाए जाने वाले ये उच्च-रिजॉल्यूशन के 3डी मानचित्र होंगे, जिन्हें अगले दो वर्षों में तैयार किया जाना है। इस परियोजना में करीब 300 ड्रोन्स का उपयोग किया जाएगा और भारत के कुल 32 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में से 24 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र की मैपिंग की जाएगी।  विज्ञान और प्रौद्य...
विकिपीडिया पर हिंदी में विज्ञान सामग्री बढ़ाने के लिए नई परियोजना

विकिपीडिया पर हिंदी में विज्ञान सामग्री बढ़ाने के लिए नई परियोजना

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विज्ञान संबंधी विषयों के प्रचार-प्रसार और वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने में सबसे बड़ी बाधा गुणवत्तापूर्ण विज्ञान साहित्य की भारतीय भाषाओं में कमी है। विकीपीडिया पर भी विज्ञान आधारित अधिकतर सामग्री अंग्रेजी में ही उपलब्ध है। विकीपीडिया पर हिंदी आलेखों की इस कमी को दूर करने के लिए अब एक नई परियोजना शुरू की जा रही है।  विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित सॉफ्टवेयर, कुशल अनुवादकों और वैज्ञानिक विशेषज्ञों को मिलाकर एक ऐसी पहल करने जा रहा है, जिससे विकीपीडिया पर हिंदी में उच्च गुणवत्ता की विज्ञान सामग्री बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर अनुवाद कार्य किया जाएगा। अंग्रेजी विज्ञान लेखों के अनुवाद के साथ-साथ हिंदी में लिखे गए नए आलेख भी विकीपीडिया पर अपलोड किए जाएंगे। विभाग के सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने इंडिया साइंस वायर को बताया कि “अंग्रेजी में लगभ...
संयुक्त राष्ट्र संघ में हिन्दी भाषा को आधिकारिक भाषा बनाने की मांग जोरदार तरीके से भारत को उठानी चाहिए!

संयुक्त राष्ट्र संघ में हिन्दी भाषा को आधिकारिक भाषा बनाने की मांग जोरदार तरीके से भारत को उठानी चाहिए!

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14 सितम्बर - हिन्दी दिवस पर सभी 135 करोड़ भारतीयों को हार्दिक बधाइयाँ!   देश की आजादी के पश्चात 14 सितंबर, 1949 को भारतीय संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में लिखी हिन्दी को अंग्रेजी के साथ राष्ट्र की आधिकारिक भाषा के तौर पर स्वीकार किया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री जवाहरलाल नेहरू ने तथा उनकी सरकार ने इस ऐतिहासिक दिन के महत्व को देखते हुए हिन्दी को देश-विदेश में प्रचारित-प्रसारित करने के लिए 1953 से सम्पूर्ण भारत में 14 सितम्बर को प्रतिवर्ष हिन्दी-दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की। भारत का परिपक्व लोकतंत्र, प्राचीन सभ्यता, समृद्ध संस्कृति तथा अनूठा संविधान विश्व भर में एक उच्च स्थान रखता है। भारत की गरिमा, गौरव तथा हिन्दी भाषा को हर कीमत पर विकसित करना चाहिए। स्वदेशी के प्रबल समर्थक भाई राजीव दीक्षित के अनुसार हिन्दी के विकास में सबसे ज्यादा योगदान महर्षि दयानंद सरस्वती तथा महात...
Chandrayaan 2: Hope & Despair

Chandrayaan 2: Hope & Despair

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There is a saying “Slip between the cup and the lip”. It was exactly like that when on September 7 Mission Chandrayaan 2 lost communication with ISRO just before landing on the Moon. Had it been alright with landing India would have been the first country in the world to have its lander on the south pole of the Moon. However, nobody should doubt the capability of our Scientists involved in the mission. We will succeed one day. Before this the United States of America, Russia and China had conducted successful soft landing on the Moon. But no country had attempted to land its mission on the south pole of the Moon. Chnadrayaan 2 lander Vikram did land on the South Pole but in what way. Reasons are being found out by our ISRO (Indian Space Research Organisation) scientists. ISRO Chairman K S...