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दो धूर्त पड़ोसी- तो भारत रक्षा क्षेत्र को करता रहेगा ठोस

दो धूर्त पड़ोसी- तो भारत रक्षा क्षेत्र को करता रहेगा ठोस

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जब देश के इर्द-गिर्द दो बड़े शत्रु राष्ट्रों की सरहदें मिलती हो तब भारत से यह अपेक्षा करना उचित ही नहीं होगा कि वह अपने रक्षा बजट में कटौती करने की सोचे भी। भारत की पाकिस्तान से 1947, 1955, 1971 और फिर करगिल में जंग हुई। चीन से भी हमारी भीषण जंग 1962 में हुई। पिछले वर्ष दोकलम में भी लड़ाई की ही नौबत आ चुकी थी । लेकिन, मोदी जी के कुशल कूटनीति और सुषमा जी और तत्कालीन विदेश सचिव जयशंकर जी की सफल कार्य शैली से युद्ध टल गया। जिन सीमा के सवालों पर जंग हुईं थीं वे सवाल अब भी तो अनसुलझे ही हैं। इसीलिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने समझदारी पूर्वक रक्षा बजट के लिए 3.18 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए। आपको याद ही होगा अंतरिम बजट में भी इतनी ही राशि का आवंटन हुआ था। अब जरा भारत के रक्षा बजट की तुलना चीन के रक्षा बजट से भी कर लेते हैं। चीन ने सेना में आधुनिकीकरण अभियान को आगे बढ़ाने का प्रयास करते हुए अप...
मोदी सरकार का भ्रष्टाचार पर सशक्त वार

मोदी सरकार का भ्रष्टाचार पर सशक्त वार

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नरेन्द्र मोदी सरकार ने करप्शन पर सशक्त वार करते हुए भ्रष्टाचार और पेशेवर कदाचार के आरोप में आयकर विभाग के 12 वरिष्ठ अधिकारियों को सेवा से जबरन रिटायर करने का सराहनीय निर्णय लेकर एक मिसाल कायम की है। वरिष्ठ और अहम पदों पर बैठे भारतीय राजस्व सेवा के इन दंडित अधिकारियों पर रिश्वतखोरी, उगाही, यौन शोषण, अफसरशाही जैसे गंभीर आरोप हैं। वित्त मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत आयकर विभाग आर्थिक और वित्तीय संरचना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मेहनत और ईमानदारी से अर्जित आय पर कर का भुगतान करनेवाले करदाताओं के बरक्स एक श्रेणी ऐसे लोगों की भी है, जो भ्रष्ट अधिकारियों से सांठ-गांठ कर करोड़ों रुपये की कर चोरी करते हैं एवं प्रशासनिक शुचिता को धुंधलाते हैं। ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई एक नई भोर का आगाज है। वित्तीय लेन-देन और कराधान की प्रक्रिया को सुगम, सक्षम और पारदर्शी बनाने के लिए हाल के वर्...
सशक्त सेना सुरक्षित भारत

सशक्त सेना सुरक्षित भारत

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भारतीय सेना समूचे विश्व की दूसरी बड़ी सेना है और भारतीय सेना का वार्षिक खर्च समूचे विश्व में उसे 5वां स्थान प्रदान करता है। वर्ष 2018 में भारतीय सेना का बजट शिक्षा और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के बजट का 5 गुना था, फिर भी पाकिस्तान और चीन के साथ लगती सीमाओं पर आये दिन तनाव के दृष्टिगत रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार यह बजट और अधिक होना चाहिए। लगभग 3 लाख करोड़ रुपये प्रतिवर्ष सेवा निवृत्त सैनिकों को पेंशन वितरित की जाती है। अब तक भारतीय सेना के लिए रक्षा उपकरण बहुतायत विदेशों से आयात किये जाते थे, परन्तु अब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के 'मेक इन इंडिया’ आह्वान के कारण भारत में कई प्रकार के रक्षा उपकरणों के निर्माण प्रारम्भ कर दिये गये हैं जिससे निकट भविष्य में भारत रक्षा उपकरणों का निर्यातक देश बनने की अवस्था में आ सकता है। मॉरीशस, श्रीलंका, वियतनाम तथा संयुक्त अरब अमीरात (यू.ए.ई.) जैसे देशो...
जीवाश्मी इस्पाती ढाँचा और श्रेष्ठ भारत का सपना

जीवाश्मी इस्पाती ढाँचा और श्रेष्ठ भारत का सपना

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                          " उम्मीद नहीं है कि भारत में गूगल और एप्पल जैसी बड़ी कम्पनियां तैयार हो सकती है। यहाँ जॉब करना और मर्सिडीज खरीद लेना ही सफलता है। क्रिएटिविटी कहाँ है? उपरोक्त बड़ी गम्भीर बात हाल ही में एप्पल के को-फाउंडर स्टीव वोज्नियाक ने भारत के बारे में कही है। इसका बड़ा गहरा अर्थ है देश के अतीत तथा वर्तमान से। और, बहुप्रतीक्षित श्रेष्ठ और स्वर्णिम भारत का भविष्य भी इन्हीं दो विरोधी शब्दों के समीकरण से तय होना है। श्रेष्ठ भारत का सपना देख रहे अधिकांश जनता को इस श्रेष्ठ भारत के निर्माण स्तम्भ जिसे इस्पाती ढाँचा के नाम से जानते हैं,के जर्जर हालत का पता ही नहीं है। आज भी भारत उस सामंती मानसिकता से पूर्णतः बाहर नहीं आ पाया है जहाँ सृजनात्मकता से प्राप्त नौकरी से ज्यादा एक अदद बाबूगिरी वाले सरकारी नौकरी को तवज्जो दिया जाता है। आईएएस, आईपीएस या बाबूगिरी वाला कोई नौकरी मिल...
आतंकवाद और गृहमंत्री अमित शाह

आतंकवाद और गृहमंत्री अमित शाह

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संसद में राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद  देते हुए, भारत के गृहमंत्री अमित शाह ने जितना दमदार भाषण दिया, उससे आतंकवादियों के हौसलेजरूर पस्त हुए होंगे। श्री शाह ने बिना लागलपेट के दो टूक शब्दों में आतंकवादियों, विघटनकारियों और देशद्रोहियों को चेतावनी दी कि वे सुधरजाऐं, वरना उनसे सख्ती से निपटा जाऐगा। अब तक   देश ने अमित शाह को भाजपा के अध्यक्ष रूप में देश ने देखा है । इस पद रहते हुए उन्होंने एक सेनापति के रूप में अनेक चुनावीमहाभारत जिस कुशलता से लड़े और जीते, उससे देश की राजीनीति में उनकी कड़ी धमक बनी है। उनके विरोधी भी यह मानते हैं कि इरादे केपक्के, जुझारू और रातदिन जुटकर काम करने वाले अमित शाह जो चाहते हैं, उसे हासिल कर लेते हैं। इसलिए दिल्ली की सत्ता के गलियारों औरमीडिया के बीच यह चर्चा होने लगी है कि अमित शाह शायद कश्मीर समस्या का हल निकालने में सफल हो जाऐं। हालांकि इस रास्तें में चुनौति...
हिन्दी फिल्में देखने वाले तमिलनाडू में हिन्दी विरोध क्यों

हिन्दी फिल्में देखने वाले तमिलनाडू में हिन्दी विरोध क्यों

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तमिलनाडू में फिर से एक बार हिन्दी का राजनीतिक विरोध शुरू हो गया है। दरअसल विरोध नई शिक्षा नीति (2019) के मसौदा मेँ त्रिभाषा फार्मूले पर था। यह विरोध जमीन पर कितना था, यह जानने के लिए कभी तमिलनाडू भी चले जाना चाहिए। सच तो यह है कि 60 के दशक की तुलना में दक्षिण राज्यों में अब तो हिन्दी का विरोध रत्तीभर भी नहीं रहा। अब वहां पर हिन्दी का विरोध करना सिर्फ सियासी मामला है।  जिस राज्य में हिन्दी फिल्मों को देखने के लिए जनता सिनेमा घरों में उमड़ती हो वहां पर हिन्दी विरोध की बातें करना नासमझी ही माना जाएगा।हिन्दी सिनेमा को जानने –समझने वाले तमिल मूल के प्रसिद्ध फ़िल्म निर्माता-निर्देशक मणिरत्नम से खूब बेहतर तरीके से परिचित हैं। वे तमिल तथा हिन्दी दोनों भाषाओं के ख्यातिप्राप्त फ़िल्म निर्माता हैं। मणिरत्नम एक ऐसे निर्देशक हैं, जिनकी फिल्मों में काम करके फिल्म कलाकार अपने आप को भाग्यशाली समझता है। उ...
धरती पर जीवन के लिये जल संरक्षण जरूरी

धरती पर जीवन के लिये जल संरक्षण जरूरी

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पर्यावरण से जुुड़े खतरों के प्रति सचेत करने, पर्यावरण की रक्षा करने एवं उसे बचाने के उद्देश्य से हर वर्ष 5 जून 2019 को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। विभिन्न सरकारों एवं इंसानों ने पर्यावरण एवं प्रकृति को बचाने के लिये कई उपाय कर रखे हैं, पर कुछ खतरे ऐसे हैं जिनसे बचने की संभावना जटिल बताई जा रही है। ऐसे ही खतरे जल प्रदूषण एवं पीने के स्वच्छ जल की निरन्तर घटती मात्रा को लेकर खड़े हैं। धरती पर जीवन के लिये जल सबसे जरूरी वस्तु है। यहाँ किसी भी प्रकार के जीवन और उसके अस्तित्व को यह संभव बनाता है। जीव मंडल में पारिस्थितिकी संतुलन को यह बनाये रखता है। पीने, नहाने, ऊर्जा उत्पादन, फसलों की सिंचाई, सीवेज के निपटान, उत्पादन प्रक्रिया आदि बहुत उद्देश्यों को पूरा करने के लिये स्वच्छ जल बहुत जरूरी है। जल प्रदूषण एवं पीने लायक जल की घटती मात्रा दुनिया के सामने एक बड़ी चुनौती बन चुका हैं। पर्यावरण से ...
लक्ष्य विशाल – अनेक सवाल

लक्ष्य विशाल – अनेक सवाल

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दोबारा चुने जाने के बाद  से उनकी शैली में जबरदस्त जीत के बाद जबरदस्त बदलाव दिख रहे हैं। एक उत्साही, परिवर्तनों को उत्कंठित व आक्रामक किंतु कम अनुभवी व्यक्ति कब विनम्र, परिपक्व व आत्मविश्वास से भरपूर व्यक्तित्व बन गया पता ही नहीं चला। देश में समग्र विकास व परिवर्तन की मोदी जी के पास एक पूर्ण संकल्पना व कार्ययोजना है जिसके अनेक पहलुओं का देश को उनके पिछले कार्यकाल में पता चल चुका था। अपने नए कार्यकाल के अगले पांच वर्षों में वे देश को बहुत तेजी से आगे ले जाना चाहते हैं और इसके लिए हाल ही में उन्होंने अगले पांच वर्षों में देश की अर्थव्यवस्था का आकार दोगुना करने का अपनी सरकार का लक्ष्य घोषित किया है। उम्मीद है कि सरकार का अगला बजट भी इन्हीं लक्ष्यों की पूर्ति की दिशा में होगा। आलोचकों को यह अतिउत्साही व अकल्पनीय भी लग रहा है और कुछ इसको उनका बड़बोलापन व जीत का खुमा...
मोदी यानि भारत : शौर्य और सनातन संस्कृति की विजय पताका

मोदी यानि भारत : शौर्य और सनातन संस्कृति की विजय पताका

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  2019 की प्रचंड जीत के महानायक सिर्फ और सिर्फ मोदी बनकर उभरे हैं। बड़ा खिलाड़ी वह होता है जो दबाव में बेहतर खेले। 2019 के लोकसभा चुनावों में मोदी को घेरने के लिए पूरा विपक्ष एक जुट हो गया था। पार्टी के अंदर भी उनको घेरने की कोशिश एक धड़ा लगातार कर रहा था। संघ के साथ भी संबंध पहले जितने मधुर नहीं थे। पर इन सबके बावजूद पांच साल तक लगातार किए गए काम और राष्ट्रीय परिदृश्य के विमर्श को अपने हिसाब से निर्धारित करने की कला ने मोदी को देश में सर्वमान्य नेता बना दिया था। एक साल पहले उच्चतम न्यायालय के द्वारा एससीएसटी एक्ट में बदलाव के बाद पहले मोदी ने कानून बनाकर दलितों पर अपना विश्वास कायम किया इसके बाद सवर्णों में जो नाराजगी पैदा हुयी उसकी भरपाई आर्थिक आधार पर आरक्षण करके पूरी की। इसके साथ ही किसानों की आय दुगुनी करने पर वह काम समानान्तर रूप से कर ही रहे थे। 2019 के प्रारम्भ में किसानों ...
नई सरकार की संकल्पना

नई सरकार की संकल्पना

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नरेंद्र मोदी का सेंट्रल हॉल में दिया गया भाषण एक ऐतिहासिक भाषण है। इसमें एक ओर बड़े बुज़ुर्गों के लिए सम्मान का भाव है तो दूसरी तरफ साथियों के लिए सुझाव हैं। इसमें एक स्वयंसेवक का अनुशासन है तो एक राजनेता नेता की चतुराई है।  नए सदस्यों के लिए मार्गदर्शन है तो देश के निर्माण का रोड मैप भी है। यह एक नया परिपक्व नरेंद्र मोदी है जो नयी पारी खेलने को पूरी तरह तैयार है। अमित त्यागी जब व्यक्ति स्वयं के अंदर गहरा उतर जाता है तब उसे बाह्य शक्तियों का प्रभाव नहीं पड़ता है। वह अपने अंदर अंतर्निहित शक्तियों के द्वारा विश्वविजय पर निकल पड़ता है। नरेंद्र मोदी के द्वारा सेंट्रल हाल में दिया गया भाषण आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर एवं आत्मिक चिंतन से परिपूर्ण भाषण था। केदारनाथ में चिंतन और ध्यान करने के बाद यह एक नए नरेंद्र मोदी का उदय है। जिस पर भगवान शिव की कृपा दिखाई देती है। केदारनाथ में ध्यान के बा...