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आतंकवाद और गृहमंत्री अमित शाह

आतंकवाद और गृहमंत्री अमित शाह

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संसद में राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद  देते हुए, भारत के गृहमंत्री अमित शाह ने जितना दमदार भाषण दिया, उससे आतंकवादियों के हौसलेजरूर पस्त हुए होंगे। श्री शाह ने बिना लागलपेट के दो टूक शब्दों में आतंकवादियों, विघटनकारियों और देशद्रोहियों को चेतावनी दी कि वे सुधरजाऐं, वरना उनसे सख्ती से निपटा जाऐगा। अब तक   देश ने अमित शाह को भाजपा के अध्यक्ष रूप में देश ने देखा है । इस पद रहते हुए उन्होंने एक सेनापति के रूप में अनेक चुनावीमहाभारत जिस कुशलता से लड़े और जीते, उससे देश की राजीनीति में उनकी कड़ी धमक बनी है। उनके विरोधी भी यह मानते हैं कि इरादे केपक्के, जुझारू और रातदिन जुटकर काम करने वाले अमित शाह जो चाहते हैं, उसे हासिल कर लेते हैं। इसलिए दिल्ली की सत्ता के गलियारों औरमीडिया के बीच यह चर्चा होने लगी है कि अमित शाह शायद कश्मीर समस्या का हल निकालने में सफल हो जाऐं। हालांकि इस रास्तें में चुनौति...
हिन्दी फिल्में देखने वाले तमिलनाडू में हिन्दी विरोध क्यों

हिन्दी फिल्में देखने वाले तमिलनाडू में हिन्दी विरोध क्यों

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तमिलनाडू में फिर से एक बार हिन्दी का राजनीतिक विरोध शुरू हो गया है। दरअसल विरोध नई शिक्षा नीति (2019) के मसौदा मेँ त्रिभाषा फार्मूले पर था। यह विरोध जमीन पर कितना था, यह जानने के लिए कभी तमिलनाडू भी चले जाना चाहिए। सच तो यह है कि 60 के दशक की तुलना में दक्षिण राज्यों में अब तो हिन्दी का विरोध रत्तीभर भी नहीं रहा। अब वहां पर हिन्दी का विरोध करना सिर्फ सियासी मामला है।  जिस राज्य में हिन्दी फिल्मों को देखने के लिए जनता सिनेमा घरों में उमड़ती हो वहां पर हिन्दी विरोध की बातें करना नासमझी ही माना जाएगा।हिन्दी सिनेमा को जानने –समझने वाले तमिल मूल के प्रसिद्ध फ़िल्म निर्माता-निर्देशक मणिरत्नम से खूब बेहतर तरीके से परिचित हैं। वे तमिल तथा हिन्दी दोनों भाषाओं के ख्यातिप्राप्त फ़िल्म निर्माता हैं। मणिरत्नम एक ऐसे निर्देशक हैं, जिनकी फिल्मों में काम करके फिल्म कलाकार अपने आप को भाग्यशाली समझता है। उ...
धरती पर जीवन के लिये जल संरक्षण जरूरी

धरती पर जीवन के लिये जल संरक्षण जरूरी

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पर्यावरण से जुुड़े खतरों के प्रति सचेत करने, पर्यावरण की रक्षा करने एवं उसे बचाने के उद्देश्य से हर वर्ष 5 जून 2019 को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। विभिन्न सरकारों एवं इंसानों ने पर्यावरण एवं प्रकृति को बचाने के लिये कई उपाय कर रखे हैं, पर कुछ खतरे ऐसे हैं जिनसे बचने की संभावना जटिल बताई जा रही है। ऐसे ही खतरे जल प्रदूषण एवं पीने के स्वच्छ जल की निरन्तर घटती मात्रा को लेकर खड़े हैं। धरती पर जीवन के लिये जल सबसे जरूरी वस्तु है। यहाँ किसी भी प्रकार के जीवन और उसके अस्तित्व को यह संभव बनाता है। जीव मंडल में पारिस्थितिकी संतुलन को यह बनाये रखता है। पीने, नहाने, ऊर्जा उत्पादन, फसलों की सिंचाई, सीवेज के निपटान, उत्पादन प्रक्रिया आदि बहुत उद्देश्यों को पूरा करने के लिये स्वच्छ जल बहुत जरूरी है। जल प्रदूषण एवं पीने लायक जल की घटती मात्रा दुनिया के सामने एक बड़ी चुनौती बन चुका हैं। पर्यावरण से ...
लक्ष्य विशाल – अनेक सवाल

लक्ष्य विशाल – अनेक सवाल

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दोबारा चुने जाने के बाद  से उनकी शैली में जबरदस्त जीत के बाद जबरदस्त बदलाव दिख रहे हैं। एक उत्साही, परिवर्तनों को उत्कंठित व आक्रामक किंतु कम अनुभवी व्यक्ति कब विनम्र, परिपक्व व आत्मविश्वास से भरपूर व्यक्तित्व बन गया पता ही नहीं चला। देश में समग्र विकास व परिवर्तन की मोदी जी के पास एक पूर्ण संकल्पना व कार्ययोजना है जिसके अनेक पहलुओं का देश को उनके पिछले कार्यकाल में पता चल चुका था। अपने नए कार्यकाल के अगले पांच वर्षों में वे देश को बहुत तेजी से आगे ले जाना चाहते हैं और इसके लिए हाल ही में उन्होंने अगले पांच वर्षों में देश की अर्थव्यवस्था का आकार दोगुना करने का अपनी सरकार का लक्ष्य घोषित किया है। उम्मीद है कि सरकार का अगला बजट भी इन्हीं लक्ष्यों की पूर्ति की दिशा में होगा। आलोचकों को यह अतिउत्साही व अकल्पनीय भी लग रहा है और कुछ इसको उनका बड़बोलापन व जीत का खुमा...
मोदी यानि भारत : शौर्य और सनातन संस्कृति की विजय पताका

मोदी यानि भारत : शौर्य और सनातन संस्कृति की विजय पताका

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  2019 की प्रचंड जीत के महानायक सिर्फ और सिर्फ मोदी बनकर उभरे हैं। बड़ा खिलाड़ी वह होता है जो दबाव में बेहतर खेले। 2019 के लोकसभा चुनावों में मोदी को घेरने के लिए पूरा विपक्ष एक जुट हो गया था। पार्टी के अंदर भी उनको घेरने की कोशिश एक धड़ा लगातार कर रहा था। संघ के साथ भी संबंध पहले जितने मधुर नहीं थे। पर इन सबके बावजूद पांच साल तक लगातार किए गए काम और राष्ट्रीय परिदृश्य के विमर्श को अपने हिसाब से निर्धारित करने की कला ने मोदी को देश में सर्वमान्य नेता बना दिया था। एक साल पहले उच्चतम न्यायालय के द्वारा एससीएसटी एक्ट में बदलाव के बाद पहले मोदी ने कानून बनाकर दलितों पर अपना विश्वास कायम किया इसके बाद सवर्णों में जो नाराजगी पैदा हुयी उसकी भरपाई आर्थिक आधार पर आरक्षण करके पूरी की। इसके साथ ही किसानों की आय दुगुनी करने पर वह काम समानान्तर रूप से कर ही रहे थे। 2019 के प्रारम्भ में किसानों ...
नई सरकार की संकल्पना

नई सरकार की संकल्पना

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नरेंद्र मोदी का सेंट्रल हॉल में दिया गया भाषण एक ऐतिहासिक भाषण है। इसमें एक ओर बड़े बुज़ुर्गों के लिए सम्मान का भाव है तो दूसरी तरफ साथियों के लिए सुझाव हैं। इसमें एक स्वयंसेवक का अनुशासन है तो एक राजनेता नेता की चतुराई है।  नए सदस्यों के लिए मार्गदर्शन है तो देश के निर्माण का रोड मैप भी है। यह एक नया परिपक्व नरेंद्र मोदी है जो नयी पारी खेलने को पूरी तरह तैयार है। अमित त्यागी जब व्यक्ति स्वयं के अंदर गहरा उतर जाता है तब उसे बाह्य शक्तियों का प्रभाव नहीं पड़ता है। वह अपने अंदर अंतर्निहित शक्तियों के द्वारा विश्वविजय पर निकल पड़ता है। नरेंद्र मोदी के द्वारा सेंट्रल हाल में दिया गया भाषण आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर एवं आत्मिक चिंतन से परिपूर्ण भाषण था। केदारनाथ में चिंतन और ध्यान करने के बाद यह एक नए नरेंद्र मोदी का उदय है। जिस पर भगवान शिव की कृपा दिखाई देती है। केदारनाथ में ध्यान के बा...
एक कार्यकर्ता का मोदी सरकार के लिए एजेंडा

एक कार्यकर्ता का मोदी सरकार के लिए एजेंडा

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इस वर्ष हुए आम चुनाव में भाजपा को 303/542 सीटों के साथ प्रचंड बहुमत प्राप्त हुआ है. अगले 5 वर्षों तक श्री नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री पद पर आसीन रहेंगे और देशहित के कार्य करेंगे. एक नागरिक होने के नाते मेरी भारत सरकार से निम्नलिखित अपेक्षाएं हैं और मुझे आशा है, श्री नरेंद्र मोदी जी इस दिशा में कार्य करेंगे : 1. हिंदी को भारत की राष्ट्रभाषा बनाने की दिशा में सार्थक प्रयास, संसद और न्यायपालिका से अंग्रेजी की विदाई, अंग्रेजी के स्थान पर देशी भाषाओं को प्रोत्साहन 2. रेलों में खान-पान, शौचालय, स्वच्छता और सुरक्षा-सम्बन्धी सुधार. जनरल क्लास में भीड़ का उचित प्रबंधन 3. विदेशी संग्रहालयों में विद्यमान भारतीय पुरा-सम्पदा को भारत वापस लाने सम्बन्धी ठोस और निर्णायक पहल 4. केवल बौद्ध ही नहीं, अपितु रामायण-संस्कृति और शाक्त परंपरा के आधार पर विदेशों से सम्बन्ध सुदृढ़ किए जाएं. 5. न्यायालयों में...
प्रधानमंत्री को स्वस्थ भारत ने लिखा पत्र, स्वस्थ भारत की दिशा में दिए अहम सुझाव

प्रधानमंत्री को स्वस्थ भारत ने लिखा पत्र, स्वस्थ भारत की दिशा में दिए अहम सुझाव

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आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी, सादर प्रणाम! स्वस्थ भारत अभियान,स्वस्थ भारत (न्यास) व स्वस्थ भारत यात्रा के साथियों की ओर से आपको पुनः प्रधानमंत्री बनने हेतु शुभकामनाएं प्रेषित कर रहा हूं। आपका राष्ट्र के प्रति समर्पण अनुकरणीय है। मुझे इस बात की भी खुशी है कि भारत के इतिहास में यह पहला मौका है जब स्वास्थ्य संबंधी कारकों ने चुनाव को इतना प्रभावित किया। स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए गए कार्यों को चुनाव में जीत का मंत्र बनाया गया। यह इस बात का प्रमाण है कि आपकी सरकार देश के स्वास्थ्य को लेकर बहुत गंभीर है। और इस गंभीरता की जरूरत भी है। उज्ज्वला योजना से होते हुए प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना के रास्ते आयुष्मान भारत की जो नीतिगत सफर आपकी सरकार ने की है, उसकी मैं तारीफ करता हूं। नई स्वास्थ्य नीति को आपकी सरकार ने अंगीकार किया है। इसके लक्ष्य-निर्धारण भी स्वागत योग्य हैं। इन ...
मोदी सरकार में हिन्दी को प्राथमिकता मिले

मोदी सरकार में हिन्दी को प्राथमिकता मिले

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देश के लोकतांत्रिक इतिहास में सबसे चमत्कारी एवं ऐतिहासिक जीत के साथ भारतीय जनता पार्टी श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनाने जा रही हैं। संभावना की जा रही है कि मोदी के नेतृत्व में बनने वाली सरकार राष्ट्रीयता एवं राष्ट्रीय प्रतीकों मजबूती प्रदान करेंगी। जैसे राष्ट्रभाषा हिन्दी, राष्ट्रीय ध्वज, राष्ट्रीय गीत, राष्ट्रीय पक्षी आदि को सम्मानजनक स्थान प्रदत्त किया जायेगा। मूल प्रश्न राष्ट्रभाषा हिन्दी को सशक्त बनाने का है। चुनाव में प्रचार का सशक्त माध्यम हिन्दी ही बनी, लेकिन जिस हिन्दी का उपयोग करके प्रत्याशी संसद में पहुंचते हैं, वहां पहुंचते ही हिन्दी को भूल जाते हैं, विदेशी भाषा अंग्रेजी के अंधभक्त बन जाते है, यह लोकतंत्र की एक बड़ी विसंगति है, राष्ट्रभाषा का अपमान है। हिन्दी की दुर्दशा एवं उपेक्षा आहत करने वाली है। इस दुर्दशा के लिये हिन्दी वालों का जितना हाथ है, उतना किसी अन्य का ...
सनातनता की विजय – मौलिक भारत के निर्माण का समय

सनातनता की विजय – मौलिक भारत के निर्माण का समय

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यह भारत की इंडिया पर जीत है। यह मोदीत्व की जय है। यह कर्मयोगियों की जीत है। यह सनातन संस्कृति के उन पहरुओं की जीत है जो 'राष्ट्र प्रथम’ बस इसी भाव से अपना सर्वस्व न्यौछावर कर इस भारत भूमि को पुष्पित पल्लवित करने को उद्धत हैं। यह उस आक्रामक राष्ट्रवाद की जीत है जो हम पर बुरी नजऱ रखने वाले दुश्मन देश की आंख निकाल लेने की दृढ़ इच्छाशक्ति रखता है। यह 'नए भारत’ की उस संकल्पना की जीत है जो प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी ने देश की जनता के सामने रखी और जनता ने उस पर अपने भरोसे व समर्थन की मुहर लगा दी। टूटते वंशवाद के किलों और सम्प्रदाय-जाति की हवेलियों के बीच नए भारत की नयी इमारत बनकर सामने आ रही है जिसमें पहली बार इतनी व्यापक जनभागीदारी और जनसहभागिता है। एक जगे हुए आंदोलित राष्ट्र के एक एक जन ने उन स्वरों व भाषाओं के कहकरों को सुन समझ ताल से ताल मिला ली है और द्रुतगति से विश्वपटल पर अपनी खो...