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बेरोजगारी है सबसे बड़ी चिन्ता 

बेरोजगारी है सबसे बड़ी चिन्ता 

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दुनिया भर के शासक एवं सत्ताएं अपनी उपलब्धियों का चाहे जितना बखान करें, सच यह है कि आम आदमी की मुसीबतें एवं तकलीफें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। इसके बजाय रोज नई-नई समस्याएं उसके सामने खड़ी होती जा रही हैं, जीवन एक जटिल पहेली बनता जा रहा है। विकसित एवं विकासशील देशों में महंगाई बढ़ती है, मुद्रास्फीति बढ़ती है, यह अर्थशास्त्रियों की मान्यता है। पर बेरोजगारी क्यों बढ़ती है? एक और प्रश्न आम आदमी के दिमाग को झकझोरता है कि तब फिर विकास से कौन-सी समस्या घटती है? बहुराष्ट्रीय मार्केट रिसर्च कंपनी इप्सॉस के द्वारा इसी माह कराया गया सर्वेक्षण 'वॉट वरीज दि वल्र्ड ग्लोबल सर्वे’ के निष्कर्ष विभिन्न देशों की जनता की अलग-अलग चिंताओं को उजागर करते हैं। जहां तक भारत का प्रश्न है तो यहां बीते मार्च में किए गए सर्वे में ज्यादातर लोगों ने यह तो माना कि सरकार की नीतियां सही दिशा में हैं, लेकिन आतंकवाद की...
राष्ट्रीय नेता के चयन करने के मानदंड

राष्ट्रीय नेता के चयन करने के मानदंड

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भारत में चुनावी बुखार अपने चरम पर है। 300 से अधिक लोकसभा सीटों के भाग्य को अंतिम रूप दे दिया गया है। 23 मई 2019 से देश का नेतृत्व कौन करेगा, इस बार यह बहुत बड़ा सवाल नहीं है। सभी जनमत सर्वेक्षण वर्तमान पीएम के पक्ष में एक स्पष्ट फैसला दिखा रहे हैं, जिन्होंने पिछले पांच वर्षों के दौरान एक दिन की भी छुट्टी नहीं ली और उनके पास सुशासन, विकास और आतंकवाद की एक भी घटना नहीं (जम्मू-कश्मीर और नक्सल क्षेत्र को छोड़कर) होने के रिकॉर्ड हैं। एक भी विपक्षी नेता ऐसा नहीं है जो उन्हें चुनौती दे सके। हालांकि कई क्षेत्रीय नेता और सबसे पुरानी पार्टी के नेता त्रिशंकु संसद की उम्मीद कर रहे हैं और संख्या के कुछ अलग संयोजन से वे मोदी को बाहर करना चाहते हैं। वे पूरी तरह से अवसरवादी हैं और मीडिया की मदद से आम जनता को अकल्पनीय, अवास्तविक वादों और अस्थायी कहानियों के साथ बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उनके लिए पह...
Weak Monsoon Concern for Farmers

Weak Monsoon Concern for Farmers

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The prediction of ‘near normal’ South West monsoon this year by the Indian Meteorological Department notwithstanding, there is fear of a ‘weak monsoon’ raising concern for farm sector in the country. The Met Department has said that the possibility of rainfall being ‘excessive’ or ‘above normal’ is very low. Overall, the IMD says that the monsoon will be 96% which is near normal spread over four months beginning June next. What makes the farmers worry is weak rainfall in the first two months of June and July which is the sowing time for khariff crop particularly paddy. In rice growing States sowing of paddy begins in May end- June in upland that is commonly known as ‘taand’ in local parlance in rural areas. Once the paddy is strewn in the field, farmers look at sky for the rain bearing cl...
चुनावी लोकतंत्र : बस, पांच कदम चलना होगा..

चुनावी लोकतंत्र : बस, पांच कदम चलना होगा..

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पार्टिंयां चुनावों की तैयारी करती हैं. पार्टियां ही उम्मीदवार तय करती हैं. पांच साल वे क्या करेंगी; इसका घोषणापत्र भी पार्टियां ही बनाती हैं. चुनाव किन मुद्दों पर लड़ा जायेगा; मीडिया के साथ मिलकर ये भी पार्टियां ही तय कर रही हैं. मतदान की मशीन पर चुनने के लिए छपे हुए निशान भी  पार्टियों के ही होते हैं. मतदाता भी अपना मत, उम्मीदवार से ज्यादा, पार्टियों को ध्यान में रखकर ही देता है. यह लोकसभा के लिए लोक-प्रतिनिधि चुनने का चुनाव है कि पार्टिंयां चुनने का ? लोगों  को अपना प्रतिनिधि चुनना है. क्या चुनाव से पूर्व कभी लोगों से पूछा जाता है, हां भई, आप बताइए कि किस-किस को उम्मीदवार बनाया जाए ? सोचिए. स्वयं से पूछिए कि इस चुनाव में चुनाव आयोग है, मतदाता है, मतदान की मशीन है; किंतु इसमें लोक कहां है ? लोक-प्रतिनिधियों का चुनाव है, तो उम्मीदवार, चुनावी प्रक्रिया, और तौर-तरीके से लेकर चुनावी एजेण...
सशक्त सेना – सुरक्षित भारत

सशक्त सेना – सुरक्षित भारत

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भारतीय सेना समूचे विश्व की दूसरी बड़ी सेना है और भारतीय सेना का वार्षिक खर्च समूचे विश्व में उसे 5वाँ स्थान प्रदान करता है। वर्ष 2018 में भारतीय सेना का बजट शिक्षा और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के बजट का 5 गुना था, फिर भी पाकिस्तान और चीन के साथ लगती सीमाओं पर आये दिन तनाव के दृष्टिगत रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार यह बजट और अधिक होना चाहिए। लगभग 3 लाख करोड़ रुपये प्रतिवर्ष सेवा निवृत्त सैनिकों को पेंशन वितरित की जाती है। अब तक भारतीय सेना के लिए रक्षा उपकरण बहुतायत विदेशों से आयात किये जाते थे, परन्तु अब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ आह्वान के कारण भारत में कई प्रकार के रक्षा उपकरणों के निर्माण प्रारम्भ कर दिये गये हैं जिससे निकट भविष्य में भारत रक्षा उपकरणों का निर्यातक देश बनने की अवस्था में आ सकता है। माॅरीशस, श्रीलंका, वियतनाम तथा संयुक्त अरब अमीरात (यू.ए.ई.) जैसे देशों क...
लोकतंत्र की बंद गली का विचार मार्ग

लोकतंत्र की बंद गली का विचार मार्ग

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एक वकील के घर मिलन के अवसर पर लोकमान्य तिलक द्वारा गुलामी को राजनीतिक समस्या बताने की प्रतिक्रिया में स्वामी विवेकानंद ने कहा था- ''परतंत्रता राजनीतिक समस्या नहीं है। यह भारतीयों के चारित्रिक पतन का परिणाम है।’’ बापू को लिखी एक चि_ी के जरिए लॉर्ड माउंटबेटन ने भी चेताया था - ''मिस्टर गांधी क्या आप समझते हैं कि आजादी मिल जाने के बाद भारत भारतीयों द्वारा चलाया जायेगा? नहीं! बाद में भी दुनिया गोरों द्वारा ही चलाई जायेगी।’’ यही बात बहुत पहले अपनी आजादी के लिए अकबर की शंहशाही फौजों से नंगी तलवार लेकर जंग करने वाली चांदबीबी की शौर्यगाथा का गवाह बने अहमदनगर फोर्ट में कैद ब्रितानी हुकूमत के एक बंदी ने एक पुस्तक में लिखी थी। 'ग्लिम्सिस ऑफ वल्र्ड हिस्ट्री’ के जरिए पंडित जवाहरलाल नेहरु ने संयुक्त राज्य अमेरिका के आर्थिक साम्राज्यवाद का खुलासा करते हुए 1933 में लिखा था- ''सबसे नये किस्म का यह साम्रा...
सांसद की भूमिका क्या होती है?

सांसद की भूमिका क्या होती है?

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इस देश की राजनीति की यह दुर्दशा हो गई है कि एक सांसद से ग्राम प्रधान की भूमिका की अपेक्षा की जाती है। आजकल चुनाव का माहौल है। हर प्रत्याशी गांव-गांव जाकर मतदाताओं को लुभाने में लगा है। उनकी हर मांग स्वीकार कर रहा है। चाहे उस पर वह अमल कर पाए या न कर पाए। 2014 के चुनाव में मथुरा में भाजपा उम्मीदवार हेमा मालिनी ने जब गांवों के दौरे किए, तो ग्रामवासियों ने उनसे मांग की कि वे हर गांव में आर.ओ. का प्लांट लगवा दें। चूंकि वे सिनेतारिका हैं और एक मशहूर आर.ओ. कंपनी के विज्ञापन में हर दिन टीवी पर दिखाई देती है। इसीलिए ग्रामीण जनता ने उनके सामने ये मांग रखी। इसका मूल कारण ये है कि मथुरा में 85 फीसदी भूजल खारा है और खारापन जल की ऊपरी सतह से ही प्रारंभ हो जाता है। ग्रामवासियों का कहना है कि हेमा जी ने ये आश्वासन उन्हें दिया था, जो आजतक पूरा नहीं हुआ। सही बात क्या है, ये तो हेमा जी ही जानती होंगी। यह...
गरीबी, भुखमरी, बेरोजगारी और न्याय

गरीबी, भुखमरी, बेरोजगारी और न्याय

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कांग्रेस अध्यक्ष की बेसिक इनकम गारंटी प्रस्ताव के सम्बन्ध में। इसके बारे में तात्विक चर्चा का बहुत विस्तार है। संकेत भर के लिए कुछ तात्विक प्रश्न इस प्रकार हैं- गरीबी, भुखमरी, लाचारी, बेरोजगारी क्या ये समानार्थक हैं या इनमें कोई भेद है? इस दृष्टि से कोई विचार प्रकट नहीं किया गया। विगत वर्षों में बीपीएल की सीमा और बीपीएल की पहचान करके उनको कार्ड देना जमीनी स्तर पर बहुत विवाद का मुद्दा रहा है। इसकी ओर कोई संकेत नहीं। बीपीएल क्या एक व्यक्ति इकाई है या परिवार इकाई है या समाज इकाई है? ये मुद्दा विशेष उभर कर आया है बीपीएल की पहचान करने के नए एसेट्स बेस्ड मेथोडोलॉजी से। क्या टार्गेटेड सब्सिडी कार्यक्रम चलाना एक अच्छी नीति है? क्या इससे अपेक्षित परिणाम निकल पाते हैं? क्या इस प्रकार की बहुविध स्कीम्स का कोई निश्चित लाभ लाभार्थियों को पहुंचा है? क्या वे गरीबी रेखा से बाहर आ पाए हैं?...
मोदीराज में “डिफेंस डील : रक्षा सौदे”

मोदीराज में “डिफेंस डील : रक्षा सौदे”

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मोदी सरकार ने 2014 के बाद 4.26 लाख करोड़ से अधिक के रक्षा अनुबंधों पर हस्ताक्षर किया है. ● 36 :- राफेल मल्टीरोल फाइटर : 59,000 करोड़ ● 7 :- प्रोजेक्ट-17A क्लास युद्ध-पोत : 50,000 करोड़ ● 5 :- एयर डिफेंस SAM S-400 : 39,000 करोड़ ● 22 :- अपाचे AH-64 और 15 शिनूक : 3 अरब डॉलर ● पुर्जे और गोला बारूद : 3 अरब डॉलर ● 6 :- अरिहंत क्लास सबमरीन : 23,652 करोड़ ● 1 :- अकुला II क्लास न्यूक्लियर अटैक पनडुब्बी : 3.3 अरब डॉलर ● बराक-8 MRSAM एयर डिफेंस : 2 अरब डॉलर ● 73 :- ALH ध्रुव : 14,151 करोड़ ● 464 :- मेन बैटल टैंक T-90 MS : 13,448 करोड़ ● 7.47 लाख :- AK-203 असॉल्ट राइफल : 12,280 करोड़ ● LRSAM बराक-8 : 1.41 अरब डॉलर ● 2 :- 'आकाश - NG' SAM रेजिमेंट : 9,100 करोड़ ● 2 :- मल्टी यूटिलिटी वेसल 'HSL' : 9,000 करोड़ ● 4 :- P-8i 'Poseidon' : 1 अरब डॉलर ● 'NASAMS' SAM : 1 अरब डॉलर ● 2 :- प्रोजे...
क्या मध्यस्थता के जरिये  सुलझेगा विवाद?

क्या मध्यस्थता के जरिये सुलझेगा विवाद?

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  राम जन्म भूमि बाबरी मस्जिद केस के सर्वमान्य समाधान के लिए सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता के जरिए मामला मध्यस्थता पैनल को सौंप दिया। इलाहाबाद हाईकोर्ट के 2010 के फैसले के बाद से ये मामला सुप्रीमकोर्ट में लंबित था जिसमें 14 याचिकाएं दायर हैं। सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय खंडपीठ ने ये फैसला मार्च के पहले सप्ताह में दिया और तीन सदस्यीय मध्यस्थता पैनल का गठन भी कर दिया। विश्व हिन्दू परिषद सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर बहुत खुश दिखायी नहीं देती। परिषद के महासचिव डा. सुरेन्द्र जैन कहते हैं ''निर्णय चूंकि न्यायपालिका का है इसलिए स्वागत या विरोध का प्रश्न ही नहीं है। सर्वोच्च कोर्ट का आदेश है इसलिए हम वार्ता में हिस्सा लेंगे। लेकिन परिणाम को लेकर बहुत आशावादी नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ से दोनों पक्षों को किसी ठोस निर्णय ...