बेरोजगारी है सबसे बड़ी चिन्ता
दुनिया भर के शासक एवं सत्ताएं अपनी उपलब्धियों का चाहे जितना बखान करें, सच यह है कि आम आदमी की मुसीबतें एवं तकलीफें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। इसके बजाय रोज नई-नई समस्याएं उसके सामने खड़ी होती जा रही हैं, जीवन एक जटिल पहेली बनता जा रहा है। विकसित एवं विकासशील देशों में महंगाई बढ़ती है, मुद्रास्फीति बढ़ती है, यह अर्थशास्त्रियों की मान्यता है। पर बेरोजगारी क्यों बढ़ती है? एक और प्रश्न आम आदमी के दिमाग को झकझोरता है कि तब फिर विकास से कौन-सी समस्या घटती है?
बहुराष्ट्रीय मार्केट रिसर्च कंपनी इप्सॉस के द्वारा इसी माह कराया गया सर्वेक्षण 'वॉट वरीज दि वल्र्ड ग्लोबल सर्वे’ के निष्कर्ष विभिन्न देशों की जनता की अलग-अलग चिंताओं को उजागर करते हैं। जहां तक भारत का प्रश्न है तो यहां बीते मार्च में किए गए सर्वे में ज्यादातर लोगों ने यह तो माना कि सरकार की नीतियां सही दिशा में हैं, लेकिन आतंकवाद की...