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Social Justice for Weaker Section

Social Justice for Weaker Section

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With the Gazette notification of the 124th Constitution Amendment providing 10% reservation in jobs and in educational institutions for weaker section of the upper caste the Bill is now an Act of Law. Within 24 hours of the official nodification, Gujrat became the first State to implement the job reservation policy. Jharkhand was the second state to declare that it has started giving job reservation to economically weaker section of upper caste as per the new law. Both States have BJP Government. I would like to remind the critics of Prime Minister Narendra Modi who finally accepted and implemented the long standing demand of ‘reservation’ for upper castes in government job and education. It was much needed to end the inequality and lack of opportunity to the weaker section in the name ...
सामाजिक न्याय की तरफ एक ठोस कदम

सामाजिक न्याय की तरफ एक ठोस कदम

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भारत की राजनीति का वो दुर्लभ दिन जब विपक्ष अपनी विपक्ष की भूमिका चाहते हुए भी नहीं नहीं निभा पाया और न चाहते हुए भी वह सरकार का समर्थन करने के लिए मजबूर हो गया, इसे क्या कहा जाए? कांग्रेस यह कह कर क्रेडिट लेने की असफल कोशिश कर रही है कि बिना उसके समर्थन के भाजपा इस बिल को पास नहीं करा सकती थी लेकिन सच्चाई यह है कि बाज़ी तो मोदी ही जीतकर ले गए है। “आरक्षण",  देश के राजनैतिक पटल पर वो शब्द,जो पहले एक सोच बना फिर उसकी सिफारिश की गई  जिसे,एक संविधान संशोधन बिल के रूप में प्रस्तुत किया गया, और अन्ततः  एक कानून बनाकर देश भर में लागू कर दिया गया। आजाद भारत के राजनैतिक इतिहास में 1990 और 2019 ये दोनों ही साल बेहद अहम माने जाएंगे। क्योंकि जब 1990 में तत्कालीन प्रधानमंत्री वी पी सिंह ने देश भर में भारी विरोध के बावजूद मंडल आयोग की रिपोर्ट के आधार पर  "जातिगत आरक्षण" को लागू किया था तो उनका यह क...
आर्थिक आरक्षण की सुबह का होना

आर्थिक आरक्षण की सुबह का होना

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नरेन्द्र मोदी सरकार ने आर्थिक निर्बलता के आधार पर दस प्रतिशत आरक्षण देने का जो फैसला किया है वह निश्चित रूप से साहिसक कदम है, एक बड़ी राजनीतिक पहल है। इस फैसले से आर्थिक असमानता के साथ ही जातीय वैमनस्य को दूर करने की दिशा में नयी फिजाएं उद्घाटित होंगी। निश्चित ही मोदी सरकार ने आर्थिक तौर पर कमजोर लोगों के लिए यह आरक्षण की व्यवस्था करके केवल एक सामाजिक जरूरत को पूरा करने का ही काम नहीं किया है, बल्कि आरक्षण की राजनीति को भी एक नया मोड़ दिया है। इस फैसले से आजादी के बाद से आरक्षण को लेकर हो रहे हिंसक एवं अराजक माहौल पर भी विराम लगेगा। देशभर की सवर्ण जातियां आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग करती आ रही हैं। भारतीय संविधान में आरक्षण का आधार आर्थिक निर्बलता न होकर सामाजिक भेदभाव व शैक्षणिक पिछड़ापन है। आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को नौकरियों में आरक्षण देने का फैसला एक सकारात्मक परिवेश का द्योतक है,...
कुंभ में भीड़ पर रखना होगा काबू

कुंभ में भीड़ पर रखना होगा काबू

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अब फिर से कुंभ मेला का शंखनाद हो गया है। प्रयागराज में एक बार फिर आस्था का ऐसा जमघट लगने जा रहा है जिसमें संगम की त्रिवेणी में डुबकी लगाने जहाँ करोड़ों भक्त देशभर के कोने-कोने से इकट्ठे होंगें वहीं महाकुम्भ के अद्भुत और विहंगम नज़ारे को कैमरे में कैद करने और नजारे को नजदीकी से देखने के लिए सारे संसार से करोड़ों पर्यटक भी आएंगे। ये सब प्रयाग के संगम में आस्था की डुबकी भी लगाएंगे। इस दौरान घंटा-घड़ियालों के साथ गूंजते वैदिक मंत्र और धूप-दीप की सुगंध से सारा शहर ही नहीं पूरा प्रयाग मंडल महकेगा। हिंदू धर्म में मान्यता है कि किसी भी कुंभ मेले में गंगा-यमुना और भूगर्भ सरस्वती के संगम पर पवित्र मन से तीन डुबकी लगाने से मनुष्य को जन्म-पुनर्जन्म के बंधन से मुक्ति होती है तथा मोक्ष की प्राप्ति होती है। पर इसके साथ यह  भी उतना ही सच है कि इतने विशाल स्तर पर  कुंभ मेले के आयोजन की व्यवस्थाएं करना किसी सर...
स्वयंसेवी संस्थाओं की  धूमिल होती छवि

स्वयंसेवी संस्थाओं की धूमिल होती छवि

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  भारत को स्वयं सेवी संस्थाओं का देश कहा जा सकता है। उच्चतम न्यायालय के एक आदेश के अनुपालन में भारत सरकार ने संपूर्ण देश में पंजीकृत स्वयंसेवी संस्थाओं की गणना कराई थी। इसके अनुसार देश भर के राज्यों में 38 लाख से कुछ अधिक एवं संघीय प्रदेशों में 72000 स्वयं सेवी संस्थाएं पंजीकृत थी। तीन राज्यों ने अपने आंकड़े नहीं भेजे थे। इस प्रकार ऐसी संस्थाओं की संख्या 35 लाख अनुमानित की जा सकती हैै। भारत में कुल 35 लाख सरकारी स्कूल काम कर रहे हैं एवं सरकारी अस्पतालों की संख्या केवल 36000 के लगभग है। पूरे देश में 89 लाख 30 हजार पुलिस कर्मी कार्यरत हैं जबकि इनकी स्वीकृत संख्या 39 लाख है। ऐसा अनुमान लगाया गया है पूरे विश्व में स्वयं सेवी संस्थाओं की संख्या एक करोड़ के लगभग है एवं दुनिया की कुल आबादी लगभग 8 अरब से कुछ ज्यादा है। इस प्रकार हमारे देश में विश्व की जनसंख्या का लगभग 16-17 प्रतिशत निवास क...
मेघालय हाई कोर्ट के एक सही फैसले पर सियासत?

मेघालय हाई कोर्ट के एक सही फैसले पर सियासत?

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भारत का विभाजन 1947 में धर्म के आधार पर हुआ था। अलग हो कर पाकिस्तान ने स्वयं को इस्लामिक राष्ट्र घोषित कर दिया जबकि भारत ने धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र रहना पसंद किया। भारत को भी उस समय स्वयं को हिंदू राष्ट्र घोषित कर देना चाहिए था। जो हिंदू उस समय भारत नहीं आ पाए वो और उनकी पीढ़ी तीन पड़ोसी देशों में तरह तरह के अत्याचार सह रही हैं। पड़ोसी देशों अथवा दुनिया के किसी भी कोने से कोई हिंदु, सिख, जैन, बौद्ध,  गारो, खासी जयंती, पारसी, ईसाई जब भी भारत आए भारत सरकार को उन्हें तुरंत नागरिकता देनी चाहिए और बहुत ज्यादा कागज़ात प्रमाण के तौर पर नहीं मांगने चाहिए।’’ मेघालय होई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सुदीप रंजन सेन ने डोमिसाइल सर्टिफिकेट के एक मामले में साहसिक फैसला सुनाते हुए भारत के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन की वर्तमान प्रक्रिया को सुधारने और समान कानून लाने का अनुरोध किया है। उ...
इसीलिए तो सही है सवर्णो को आरक्षण देना

इसीलिए तो सही है सवर्णो को आरक्षण देना

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केन्द्र में नरेंद्र मोदी सरकार ने अंततः सवर्ण जातियों को 10 फीसदी आरक्षण देकर एक पुरानी और जायज मांग को मान लिया है। मोदी सरकार के इस फैसले से उन करोड़ों सवर्ण हिन्दुओं को भी कुछ राहत मिल सकेगी जो पीढ़ियों से निर्धनता का जीवन जीने को अभिशप्त हैं। यह दस प्रतिशत का आरक्षण सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, झारखंड, छतीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान आदि राज्यों के सुदूर इलाकों की पांच दशकों से खाक छानने के मैं अपने अनुभव के आधार पर यह बाद कह सकता हूं कि इनमें बड़ी संख्या में अगड़ी जातियों के लोग बेहद विषम हालातों में जीवनयापन कर रहे हैं। इनकी जमीन की जोत निरंतर घटती ही जा रही है। इनके हितों का कोई देखने वाला भी नहीं है। ये तो दूसरों की खेतों में भी जाकर मजदूरी कर सकते हैं, कर भी रहे हैं, लेकिन घर की महिलाए...
Income-limit for availing cast-based reservation should also be fixed

Income-limit for availing cast-based reservation should also be fixed

राष्ट्रीय
It refers to central government successfully getting passed Constitutional Amendment Bill by both Houses of Parliament with most opposition parties giving support to the bill. But rule fixing parameters for getting reservation should be same for general and cast-based categories. Reservation to cast-based categories should also be provided for families having annual income of rupees eight lakhs, agricultural land less than 5 acres, residences less than 1000 square-feet and residential plot less than 100 square yards in notified municipal area and 200 square yards in non-notified municipal area. System will be even advantageous for vote-bank politics because majority of cast-based system will be benefitted isolating a very small section of creamy layer. Moreover reservation in both ge...
राष्ट्रवाद के मुद्दों पर ईमानदारी से चर्चा करें सांसद

राष्ट्रवाद के मुद्दों पर ईमानदारी से चर्चा करें सांसद

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हमारे दादा जी स्वर्गीय नेहरु जी को देशभक्त समझते थे लेकिन मुझे लगता है कि नेहरूजी सत्ता भक्त थे I मेरे पिताजी स्वर्गीय इंदिरा जी को को देशभक्त मानते थे लेकिन अब मुझे लगता है कि वह भी गलत थे I 2014 तक मैं केजरीवाल जी को देशभक्त समझता था, लेकिन अब लगता है कि मैं भी गलत था I कुछ दिन पहले तक जो लोग राम-रहीम और निर्मल बाबा को संत मानते थे अब वे भी अपनी गलती स्वीकार करते हैं I नेहरु जी के सेकुलरिज्म को समझने में हमें 50 साल लगा और मुलायम सिंह के समाजवाद को पहचानने में 25 साल लेकिन युवा पीढ़ी ने केजरीवाल की ईमानदारी और राहुल जी की जनेऊगीरी को बहुत जल्दी पहचान लिया इससे स्पस्ट हैं कि आज का युवा बहुत समझदार है और उसे बेवकूफ बनाना बहुत मुश्किल हैI आने वाली पीढ़ियाँ यह जरुर तय करेंगी कि कौन सच्चा राष्ट्रवादी है और कौन झूंठा, कौन असली समाजवादी है और कौन नकली, कौन ईमानदार है और कौन नटवरलाल, कौन वास...
मोदी सरकार कर रही है रेलवे का विकास

मोदी सरकार कर रही है रेलवे का विकास

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क्या_आप_जानते_हैं ? मोदी सरकार देश में ट्रेनों की लेट लतीफी को खत्म करने के लिए क्या कर रही है ? यदि आप ट्रेनों की लेट लतीफी से परेशान है तो यह खबर आपको राहत देने वाली है, लेकिन साथ ही आपको थोड़ा और धैर्य रखना होगा और मोदी सरकार पर विश्वास, और अपना आशीर्वाद बनाए रखना होगा. मोदी सरकार देश में डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर बना रही है, जिसपर सिर्फ मालगाड़ियां चलेंगी. इस फ्रेट कॉरिडोर के निर्माण के बाद ट्रेनों की लेट लतीफी काफी हद तक कम हो जाएगी. इसके अलावा पुराने रेलवे ट्रैक को बदल कर नए रेलवे ट्रैक बिछाने का काम तेज गति से चल रहा है, इस नए ट्रैक की खासियत ये होगी की इसपर आने वाले समय में आधुनिक सेमी हाई स्पीड ट्रेन 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकेगी. उदाहरण के तौर पर ट्रेन-18 ऐसे ही आधुनिक रेलवे ट्रैक पर 180kmph की रफ्तार से दौड़ रही है. मोदी सरकार रेलवे ट्रैक का दोहरीकरण...