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Kerala’s Demographic Shift: Three Axes Of Change And Salafism

Kerala’s Demographic Shift: Three Axes Of Change And Salafism

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On 14 June 2016, Krishnendhu R Nath, an Indian, now residing in Malaysia, was travelling in Kerala’s Malappuram district when she suddenly fell sick. Nath asked for lime soda. Her husband’s friend tried to buy it from a shop on the highway. The friend was told that it was a period when Ramzan fasting was on (the eighth day of the month) and no shop there could sell soda or any eatable for that matter. Piqued, Nath herself went and asked a shopkeeper what his problem was in selling a lime soda or lemon juice during the fasting season. She wondered what travellers would do when they are not fasting. The shopkeeper politely replied that he was eager to supply, but his shop will be destroyed after that. Nath, who recorded her nightmare in a Facebook post, sai...
मानवाधिकार दिवस समय है आत्ममंथन करने का

मानवाधिकार दिवस समय है आत्ममंथन करने का

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हम आज 21 वीं सदी में लोकतांत्रिक सरकारों और मानवाधिकार आयोग जैसे वैश्विक संगठनों के होते हुए भी असफल हैं तो समय आत्ममंथन करने का है। अपनी गलतियों से सीखने का है, उन्हें सुधारने का है। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान सम्पूर्ण विश्व में मानव समाज एक बहुत ही बुरे दौर से गुजर रहा था। यह वो समय था जब मानव सभ्यता और  मानवता दोनों ही शर्मसार हो रही थीं। क्योंकि युद्ध समाप्त होने के बाद भी गरीब और असहायों पर अत्याचार, जुल्म, हिंसा और भेदभाव जारी थे। यही वो परिस्थितियाँ थीं जब संयुक्त राष्ट्र ने प्रत्येक मानव के मनुष्य होने के उसके मूलभूत अधिकारों की जरूरत को समझा और यूनीवर्सल मानव अधिकारों की रूपरेखा को ड्राफ्ट किया जिसे 10 दिसम्बर  1948 को अपनाया गया। इसमें मानव समुदाय के लिए राष्ट्रीयता, लिंग,धर्म, भाषा और अन्य किसी आधार पर बिना भेदभाव किए उनके बुनियादी अधिकार सुनिश्चित किए गए। इस ड्राफ्ट को औपचारि...
राष्ट्रवादियों की अवहेलना…

राष्ट्रवादियों की अवहेलना…

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पांच राज्यों के विधान सभाओं के चुनावी परिणामों में हुई भाजपा की पराजय को राष्ट्रवाद की हार कहा जाये तो अनुचित नही होगा। मोदी,शाह व योगी कौन है राष्ट्रवादी समाज की भावनाओं को न समझने का जिम्मेदार..? यह राष्ट्रवादी समाज की पराजय है। सत्तालोलुपता ने देश की संस्कृति और स्वाभिमान को सदा ठेस पहुंचायी है। 2004 में स्व. अटल बिहारी वाजपेयी जी के नेतृत्व में भाजपा की भारत भक्तो के प्रति उदासीनता ने ही सोनिया की कांग्रेस को विजयी बनाया था।  2014 में भाजपा की अद्भुत विजय भारतीय संस्कृति को आहत करने वाले सोनिया के षडयन्त्रो व मोदी जी का आक्रामक राष्ट्रवाद कारण बना था। सारे राष्ट्र में राष्ट्रवादियों को मोदी सरकार से बहुत आशा बंधी थी।जिससे आगे भी राज्यों के चुनावों में भाजपा को अच्छी विजय मिली। लेकिन अब जो परिणाम आये हैं उससे यह स्पष्ट संकेत है कि जब जब भाजपा राजमद में शपथ भूल जाती तब तब राष्ट्रवादियों...
BJP government should declare Shraddhanand Martyrdom Day as public holiday without adding new holiday

BJP government should declare Shraddhanand Martyrdom Day as public holiday without adding new holiday

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BJP led central government should honour Swamy Shraddhanand by declaring his martyrdom day of 25th December as gazetted holiday to respect sentiments of millions of Arya Samajists, without practically adding a holiday because the day is already a holiday for Christmas Day. The building where Swami Shraddhanand breathed his last is in congested Shraddhanand Marg (Naya Bazar) of Old Delhi. Government should acquire this building to convert into a national monument in memory of this great freedom-fighter whose activities were of prime importance not only for the freedom struggle but also for uplift of downtrodden, dalits and women. Swami Shraddhanand though being disciple of Arya-Samaj-founder Mahrishi Dayanand Saraswati, was an icon of national integration against British regime. He was t...
जी-20 में सफल कूटनीति

जी-20 में सफल कूटनीति

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अर्जेटिंना की राजधानी ब्यूनस आयर्स में चल रहे जी-20 सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली सफलता तो यह है कि उन्होंने इस 20 राष्ट्रीय संगठन का 2022 का सम्मेलन भारत में करवाने का वायदा ले लिया। 2022 में भारत की आजादी का वह 75 वां साल होगा। इस 20 सदस्यीय संगठन में दुनिया के सारे शक्तिशाली राष्ट्र सक्रिय हैं और उनके अलावा भारत, जापान, इंडोनेशिया, दक्षिण अफ्रीका जैसे देश भी हैं, जो निकट भविष्य में महाशक्ति बन सकते हैं। इन सब राष्ट्रों का लक्ष्य यह होता है कि वे एक जगह बैठकर अंतरराष्ट्रीय वित्तीय, व्यापारिक, आर्थिक और कानूनी समस्याओं पर विचार करें और उन्हें हल करने के रास्ते निकालें। ये 19 राष्ट्र और 20 वां यूरोपीय संघ मिलकर दुनिया का 85 प्रतिशत व्यापार करते हैं और 80 प्रतिशत सकल उत्पाद के ये मालिक हैं। इस सम्मेलन में मेादी के भाषणों का जोर इसी बात पर रहा कि नीरव मोदी, चोकसी, माल्या जैसे...
British pound to portrait Indian scientist

British pound to portrait Indian scientist

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India should break Gandhi-monopoly on currency notes It refers to welcome media-reports that famous Indian scientist Jagdish Chandra Bose is amongst those who is likely to be figured on one of the denominations of British currency pound. It is high time that India should break Gandhi-monopoly on currency-notes of all denominations. To avoid political controversies, Reserve Bank of India and Central government should portray prominent pre-independence personalities having died before 15.08.1947 on currency-notes of different denominations. A committee also consisting of Prime Minister and leader of largest opposition party in Lok Sabha should decide unanimously prominent pre-independence personalities to be figured on different denominations of currency-notes. Even normally circulated co...
चैक डैम के पानी ने बदली आदिवासी किसानों की जिंदगी

चैक डैम के पानी ने बदली आदिवासी किसानों की जिंदगी

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  पानी व किसान का चोली और दामन का साथ है। पानी की महत्ता को अगर कोई अच्छे से जानता है तो वह है किसान। किसान को एक बार पीने का पानी नही मिले तो चल जाए लेकिन उसे उसकी फसल को सिंंंचने का पानी नही मिले तो वह बावरा हो जाता है।   फसल को हर हाल में पानी मिले इसके लिए कुछ भी कर सकता है। दुर्भाग्य तो ये है कि सरकारें किसानों को सहज रूप से व्यापक स्तर पर पानी उपलब्ध नही करा पाती है लेकिन उनके व्यक्तिगत प्रयासों से जो उत्पादन बढ़ता है उसका श्रेय लेने में कभी पीछे नही हटती है। हालाकि सरकारों की दोगली नीति से किसान को कोई फर्क नही पड़ता है। वह अपनी आर्थिक समृद्धि के लिए व्यक्तिगत रूप से देश के हर इलाके में अपने-अपने स्तर पर नए-नए प्रयोग करते रहता है। किसानों का ऐसा ही एक नवाचार झाबुआ जिले की थांदला तहसील के गावों में देखने को मिला। गोपालपुरा, छोटी बिहार व भीमपुरा वह चंद गांव है जिनमें यहां के आ...
राम के सहारे रण

राम के सहारे रण

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भाजपा पर दबाव बनाने के लिए 24 नव बर को अयोध्या में हुआ शिवसेना का जमावड़ा और 25 नव बर को विश्व हिन्दू परिषद का जमावड़ा भाजपा के लिए हिन्दुत्व के एजेंडे पर लौटने की चेतावनी है। हिन्दुओं का विश्वास फिर से जीतने के लिए मोदी सरकार को कोई बड़ा कदम उठाना पड़ेगा। अजय सेतिया 2014 के चुनावों को लेकर भाजपा में भ्रम बना हुआ है कि वह विकास के एजेंडे की जीत थी या हिंदुत्व के उभार की जीत थी। समाज के एक वर्ग का कहना है गुजरात के विकास मॉडल के कारण देश ने मोदी को विकास पुरुष के रूप में देखा।  'सब का साथ, सब का विकास’ और 'अच्छे दिन’ के नारे ने कमाल किया, जिसमें वोटरों को दिवा स्वप्न दिखाई देने लगा था। जबकि भाजपा समर्थक बुद्धिजीवियों का मानना है कि कांग्रेस की बढ़ती मुस्लिम परस्ती के कारण हिन्दुओं को मोदी के रूप में एक फरिश्ता दिखाई दिया, जिस कारण हिन्दू एकजुट हुआ। भाजपा के जमीनी कार्यकर्ता जीत के...
Reservations or the slow Death of a Nation

Reservations or the slow Death of a Nation

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  When South Africa got independence from the white British in 1990 under the leadership of Nelson Mandela his supporters, mainly African Tribes, demanded Reservations in education sector, government sector and in private sector! Nelson Mandela replied that he will not allow any type of Reservations in any sector i.e. in education sector, in government sector and in private sector at any cost, because Reservations and the products of Reservations will destroy the whole nation! The famous statement of Nelson Mandela is displayed at the entrance of the University of South Africa thus: "Destroying any nation does not require the use of Atomic Bombs or the use of long range Missiles. It only requires Lowering the Quality of Education and Allowing Cheating in the Examina...
आप जानते हैं कि क्या था राज्य विभाजन का आधार

आप जानते हैं कि क्या था राज्य विभाजन का आधार

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अभी देश में 29 राज्य और सात केंद्र शाषित प्रदेश हैं. इनमें अधिकतर राज्य आजादी के बाद ही अस्तित्व में आए. वर्ष 1947 में संयुक्त अवध प्रांत और आगरा प्रांत के क्षेत्रों को मिलाकर संयुक्त प्रांत बनाया गया, जिसे आगे चलकर 1950 में उत्तर प्रदेश नाम दिया गया. इसी प्रकार पश्चिम बंगाल जो कि 1905 में बंगाल के दो भागों के विभाजन के साथ अस्तित्व में आया, से अलग होकर 1950 में बिहार और उड़ीसा राज्य बने. 1956 में राज्य पुनर्गठन आयोग द्वारा भाषा को आधार मानते हुए, मद्रास से तेलुगु भाषी क्षेत्रों को अलग कर उसमें हैदराबाद प्रांत को मिलाते हुए आंध्र प्रदेश राज्य बनाया गया, जो कि भाषाई आधार पर बनने वाला पहला राज्य बना. मैसूर प्रांत में कन्नड़ भाषी क्षेत्रों को मिलाकर कर्नाटक राज्य बनाया गया और ब्रिटिश इंडिया के केंद्रीय प्रांत और बेरार क्षेत्र को मध्य भारत, विंध्य प्रदेश और भोपाल के साथ मिलाकर मध्य प्रदेश ...