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छात्रों की किसे चिन्ता है ?

छात्रों की किसे चिन्ता है ?

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पिछले दिनों दिल्ली विश्वविद्यालय और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में छात्र संघ के चुनाव भारी विवादों के बीच संम्पन्न हुए है। छात्र समुदाय दो खेमों में बटा हुआ था। एक तरफ भाजपा समर्थित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और दूसरी तरफ वामपंथी, कांग्रेस और बाकी के दल थे। टक्कर कांटे की थी। वातावरण उत्तेजना से भरा हुआ था और मतगणना को लेकर दोनो जगह काफी विवाद हुआ। विश्वविद्यालय के चुनाव आयोग पर आरोप-प्रत्यारोपों का दौर चला। छात्र राजनीति में उत्तेजना,हिंसा और हुडदंग कोई नई बात नहीं है। पर चिन्ता की बात यह है कि राष्ट्रीय राजनैतिक दलों ने जबसे विश्वविद्यालयों की राजनीति में खुलकर दखल देना शुरू किया है तब से धनबल और सत्ताबल का खुलकर प्रयोग छात्र संघ के चुनावों में होने लगा है, जिससे छात्रों के बीच अनावश्यक उत्तेजना और विद्वेष फैलता है। अगर समर्थन देने वाले राष्ट्रीय राजनैतिक दल इन छात्रों के भविष्...
सदियों लग जायेंगी, तुमको मुझे भुलाने में

सदियों लग जायेंगी, तुमको मुझे भुलाने में

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अटल युग का अवसान इस शताब्दी की सर्वाधिक महत्वपूर्ण घटनाओं में एक मानी जाएगी। अटल जी से 1965 से लेकर अभी तक लगातार 53 वर्षों का साथ रहा, तबीयत बिगडऩे के पहले तक तो, शायद ही कोई ऐसा महीना गुजरता हो जब उनके साथ कुछ घंटे न बिताये हों। उम्र में मुझसे काफी बड़े थे। लेकिन, व्यवहार मित्रवत था। पूरा सम्मान देते थे और हल्के फुल्के मजाक भी कर लेते थे। मात्र एक घटना का जिक्र करूंगा। 1996 में जब अटल जी की 13 दिनों कि सरकार बनी और मायावती की बेवफाई से एक वोट की कमी पड़ गई तो अटल जी ने अपने संसद में भाषण का अंत 'न दैन्यम न पलायनम_’ कह कर किया और सीधे राष्ट्रपति भवन जा कर इस्तीफा सौंप दिया। उस समय अटल जी की लोकप्रियता चरम पर थी। जिसकी जुबान पर सुनो अटल जी का नाम रहता था। विरोधियों में भी उनके प्रशंस भरे पड़े थे। बिहार के मुजफ्फरपुर में प्रदेश कार्यकारणी की बैठक थी। उन दिनों भाजापा के प्रदेश अध्यक्ष स्व...
नवरस से भरपूर थे अटल

नवरस से भरपूर थे अटल

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    फरवरी 28, 2001, दिल्ली की सर्द शाम थी। दिन भर एनडीए सरकार के बजट की सियासी गर्मी और गहमा गहमी रही थी। शाम होते होते मौसम का मिज़ाज सर्द हो गया। नयी दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब के बड़े लॉन में सजे पंडाल में केंद्रीय मंत्रियों, राज्यों के मुख्यमंत्रियों, मंत्रियों, राज्यपालों, सांसदों, विधायकों, सभी दलों के दिग्गज नेताओं, पत्रकारों और देश की जानी मानी हस्तियों का जमावड़ा लगने लगा। दिन में संसद में बजट पर हुई तीखी बहस को भुला कर राजनेता एक दूसरे के गले मिल रहे थे, बतिया रहे थे। मौका था वरिष्ठ पत्रकार, पांचजन्य, नवभारत टाईम्स के पूर्व संपादक और भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन राज्यसभा सांसद स्वर्गीय दीना नाथ मिश्र के पुत्र विकास मिश्र की रिसेप्शन का। अनोखा दृश्य था। दीना नाथ मिश्र जी के राजनीतिक, सामाजिक और पत्रकारीय रसूख ने विपरीत विचारधाराओं के नेताओं को भी एक साथ ला खड़ा...
मौलिक भारत को आगे आना होगा

मौलिक भारत को आगे आना होगा

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मौलिक भारत के राष्ट्रीय संगठन मंत्री के.विकास गुप्ता की आरटीआई का जबाब न देने के कारण उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग ने नोयडा प्राधिकरण पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। विकास जी ने माया- मुलायम-अखिलेश के कार्यकाल में यादव सिंह व अन्यों के चीफ प्रोजेक्ट इंजीनियर बनने में किन मापदंडो को आधार बनाया गया था, यह जानकारी मांगी थी। चूंकि सपा बसपा के काल मे गौतमबुद्ध नगर के तीनों प्राधिकरण लखनऊ के मुख्यमंत्री कार्यालय से चलाए जाते थे और हर नियुकि, ठेकों,जमीन व फ्लैटों के आबंटन व भुगतान में सत्ता दल के नेता,मंत्री व प्राधिकरण में बैठे उनके कठपुतली नोकरशाह व इंजीनियर भारी बंदरबांट करते थे इसलिए नियम कायदे कानूनों को ताक पर रखकर खुली लूट के खेल खेले जाते थे। ऐसे में जानकारी देकर प्राधिकरण के अधिकारी अपने हाथों अपने गले मे फंदा डालने से बच रहे थे। अब जबकि योगी आदित्यनाथ की सरकार सख्ती दिख रही है तो ...
सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाने वालों का मुंह काला हो गया

सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाने वालों का मुंह काला हो गया

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कल सुबह जब अखबार खोला तो अरुण शौरी का बयान सामने था. उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक पर तंज कसते हुए इसे ‘फर्जिकल स्ट्राइक’ बताया.  वो कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सैफ़ुद्दीन सोज़ की किताब के विमोचन समारोह में शामिल हुए थे. पहले ही सोज़ विवादों में थे. लेकिन अरुण शौरी के बयान से उन्हें भी पब्लिसिटी मिल गई. वैसे भी, प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ बोल कर कोई भी ऐरा-गैरा सुर्खियों में आ जाता है. लेकिन ‘फर्जिकल स्ट्राइक’ का जुमला सुन कर वाकई दुख हुआ क्योंकि ये सीधे सीधे भारतीय सेना की साख पर हमला था. मैं सोचता रहा कि जब डीजीएमओ और जनरल हुडा का बयान आ चुका है तो सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाने का कोई मतलब नहीं बनता. शौरी जैसे लोगों को कम से कम इतना ध्यान रखना चाहिए था. लेकिन ये कहां पता था कि शाम ढलते ढलते अरुण शौरी ही नहीं, राहुल गांधी, चिंदबरम, लालू, मायावती और केजरीवाल जैसे ...
चुनाव आयोग से मौलिक भारत के गंभीर प्रश्र

चुनाव आयोग से मौलिक भारत के गंभीर प्रश्र

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सेवा में, जन सूचना अधिकारी, भारत निर्वाचन आयोग, अशोक रोड, नयी दिल्ली-110001.   विषय : प्रार्थना पत्र अंतर्गत धारा 6 सहपठित धारा 2 (j) (i),(ii), सूचना अधिकार अधिनियम - 2005   संदर्भ : आयकर विभाग द्वारा गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखण्ड एवं उत्तर प्रदेश विधान सभा निर्वाचन -2017 एवं (02) अमृतसर लोक सभा चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों द्वारा एफिडेविट (शपथ पत्रों) में घोषित चल एवं अचल सम्पत्तियों की जाँच   महोदय,   ‘मौलिक भारत’ एक गैर-राजनैतिक संगठन है एवं इसके सदस्य नीरज सक्सैना (एडवोकेट), संजीव गुप्ता (इंजीनियर), जगदीश चौहान (एडवोकेट), अनुज अग्रवाल, विक्रम चौधरी, घनश्याम लाल शर्मा, एवं तिलक राम पांडेय भारतवर्ष में चुनाव सुधार, सुशासन, पारदर्शिता एवं के विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थानों की जनता के प्रति जवाबदेही के लिए कार्यरत हैं। &n...
कब सुधरेगी किसानों की दशा

कब सुधरेगी किसानों की दशा

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पिछले दिनों करीब 30,000 किसानों ने लाल झंडे के तले बम्बई मार्च किया। उनकी प्रमुख मांग कर्जा माफ़ी की थी। पर क्या कर्जा माफ़ी ही किसानों की समस्याओं का हल है? आंखिर क्यों आजादी के 70 साल बाद भी किसान बदहाल हैं? सानों की आत्महत्या कुछ सालों से सुर्खियों में रही है। यूं भी उनकी दुर्दशा किसी से छुपी नहीं है। कुछ समय पहले की ही बात है जब किसानों को प्याज एक रुपया डेढ़ रुपया बेचने पर मजबूर होना पड़ा था। लगातार ये खबरें आती रही हैं कि किसानों को उनकी उपज का वाजिब मूल्य नहीं मिलता है। किसान कर्जे तले दबे हैं व मजबूरी में आत्महत्या कर रहे हैं। पिछले साल मोदी जी ने अपने एक भाषण में 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की बात कही थी। उनके इस भाषण का कथित बुद्धिजीवी अभी तक मजाक बनाते हैं। मीडिया और विपक्षी पार्टी पूछते हैं कि ये कैसे संभव है। अगर किसानों की आय डबल हुई तो महंगाई कितनी बढ़ेगी क्यो...
एक  है हिन्दुत्व  – सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत

एक है हिन्दुत्व – सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत

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रा.स्व.संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा यानी संघ से जुड़ा वर्ष का सबसे बड़ा आयोजन। समाज में संघ कार्य की स्वीकार्यता तेजी से बढ़ रही है।  विविध क्षेत्रों में संघ के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानने की उत्कंठा है। 2018 के अवसर पर रेशिम बाग, नागपुर में सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवतने देश के वर्तमान राजनीतिक - सामाजिक परिदृश्य तथा संघ के बढ़ते व्याप के संदर्भ में पाञ्चजन्य के संपादक श्री हितेश शंकर तथा आर्गेनाइजर के संपादक श्री प्रफुल्ल केतकर से विस्तृत बातचीत की। प्रस्तुत हैं विशेष साक्षात्कार के संपादित अंश- प्रश्न : आज संघ कार्य के लिए जो अनुकूलता दिखती है, इसे आप कैसे देखते हैं? उत्तर : संघ के स्वयंसेवक सर्वदूर समाज में जाते हैं। अन्यान्य क्षेत्रों में काम भी करते हैं। संघ की शाखा में भी जाते हैं। समाज में, विभिन्न संगठनों में काम करते हैं। कई ऐसे हैं जो ऐसा कुछ नहीं करते, अपनी घर-गृहस्...
आरक्षण के पैमाने ?

आरक्षण के पैमाने ?

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विगत 2 अप्रैल को सारा देश जलता रहा। कानून में बदलाव के विरोध में तथाकथित दलित संगठनों द्वारा भारत बंद के आहवान के दौरान दीनहीन,असहाय समझे और कहे जाने वाले दलित युवकों के नाम पर राजनीतिक रहनुमाओं द्वारा गुमराह उपद्रवियों ने जमकर तोड़-फोड़ की। उन्होंने जिस मुद्दे पर भारत बंद का आहवान किया था, वह तो सही या गलत कुछ भी हो सकता है जो विवेचना से ही मालूम होगा । उसपर विवाद भी नहीं है। हो सकता है आन्दोलनकारियों को विरोध और आक्रोश की अभिव्यक्ति का अधिकार भी हो, पर उन्हें सरेआम तोड़फोड़, मारपीट, हिंसा,आगजनी करने का तो कोई अधिकार नहीं है। उनके हिंसक बंद के दौरान अनेक निर्दोष लोगों की जानें गईं। नवजात बच्चे एम्बुलेंस में मर गये । कई मरीज अस्पताल पहुँचने के पहले ही स्वर्ग सिधार गये। वे सभी दलित नहीं थे । अगर बात यूपी के मेरठ की हो तो वहां हिंसा के पीछे बीएसपी नेता की साजिश का खुलासा हुआ है। मेरठ की एसएस...

विकसित गाँव: विकसित राष्ट्र अभियान के नए ब्रांड एम्बेसडर

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विकसित गाँव: विकसित राष्ट्र अभियान के नए ब्रांड एम्बेसडर विकसित गाँव : विकसित राष्ट्र अभियान को आगे बढ़ाने के लिए पश्चिमी बंगाल के शिक्षा समूह टेक्नो इंडिया ने बड़ी पहल की। डायलॉग इंडिया एवं मौलिक भारत की संस्तुति पर देश भर के 20 से अधिक राजनीति, सिविल सेवा, उद्योग, व्यापार, साहित्य, पत्रकारिता व समाज सेवा से जुड़ी समाजोन्मुखी व्यक्तित्वों को मानद उपाधि देने की प्रक्रिया शुरू की। आशय यह है कि ये लोग अभियान के ब्रांड एम्बेसडर बन इसे आगे बढ़ाएंगे। इनमें से 9 लोगों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। जिनके नाम निम्न प्रकार है - रमेश विधूड़ी सांसद, रविंद्र पांडे सांसद, श्रीमती रश्मि सिंह आईएएस, सरोज कुमार आईएएस, राघवेंद्र पाल सिंह आईआरएस, राहुल चौधरी निदेशक, सीजी कॉर्प ग्लोबल, आर.के. महतो चेयरमैन जीटीसी ग्रुप, नरेंद्र अग्रवाल निदेशक, डेअरसेल समूह, कवि गजेंद्र सोलंकी व अनुज अग्रवाल, संपादक ड...