Shadow

राष्ट्रीय

Different benches of Supreme Court decide differently for two accused for same offence in the same crime of murder

Different benches of Supreme Court decide differently for two accused for same offence in the same crime of murder

राष्ट्रीय
It refers to Supreme Court deciding to hear a review-petition by a murderer awarded for life-sentence on the plea that another accused in the same case with same charge-sheet was sentenced for just ten-year jail-term but by a different bench of the Apex Court. Episode reminds of Apex Court verdict just three days prior to infamous Delhi gang-rape of 16th December 2012, when the Apex Court surprisingly held that rape-cum-murder after consuming liquor was not rarest of rare because it was a crime committed in drunken state of mind. It is a common knowledge that such a convict leaves no mode of entertaining himself where drinking before rape is also a part of such composite crime. Evidently the said verdict would never have been endorsed by many other judges of the Supreme Court. There is ano...
Supreme Court observations on appointment of Election Commissioners: Should be selected by collegiums consisting of Prime Minister and Opposition Leader

Supreme Court observations on appointment of Election Commissioners: Should be selected by collegiums consisting of Prime Minister and Opposition Leader

राष्ट्रीय
It is indeed unfortunate that every poll-reform in the country is done only after intervention of Supreme Court. It is also a known fact that opposition in various regimes is at times critic of Election Commissioners termed as own persons of the appointing political rulers. But criticizing opposition fails in duty to modify selection procedure after itself coming to power. Even retired Chief Election Commissioners including also the recently retired Nasim Zaidi always advocated for much-needed reform to ensure perfect neutrality by persons seated on the responsible post. It is indeed surprising that while persons for all other such posts like of Information Commissioners and Vigilance Commissioners are selected by the collegiums, Election Commissioners till now are appointed by ruling cent...
मीरा कुमारः दलित का कंबल क्यों ओढ़ा ?

मीरा कुमारः दलित का कंबल क्यों ओढ़ा ?

राष्ट्रीय
डॉ. वेदप्रताप वैदिक राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मीरा कुमार का चिढ़ना स्वाभाविक है। बेंगलूरु में पत्रकारों ने जब उनसे पूछा कि उन्हें पता है कि वे हारनेवाली हैं, फिर भी वे राष्ट्रपति का चुनाव क्यों लड़ रही हैं ? इस पर मीराजी तुनुक गईं और उन्होंने पत्रकारों से पूछा तो क्या मैं बैठ जाऊं ? क्या मैं अपना नाम वापस ले लूं ? मीराजी बिल्कुल न बैठें। जरुर लड़ें। लेकिन वे जो कह रही हैं, उसे करके भी दिखाएं। वे कह रही हैं कि यह उनकी सैद्धांतिक लड़ाई है। भई, आज यह नई बात सुनी हमने ! कौनसी सैद्धांतिक लड़ाई ? आज तक राष्ट्रपति के चुनाव में कौनसी सैद्धांतिक लड़ाई लड़ी गई है ? हां, पार्टीबाजी जरुर होती रही है। वह आज भी हो रही है। विरोध के लिए विरोध हो रहा है। कई विरोधी टूटकर भाजपा से जा मिले हैं। अभी कांग्रेस जिन विरोधियों पर आस लगाए बैठी है, उनमें से भी कई भाजपा के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को चुपचाप वोट देनेवाले ह...
कस्बे की लड़की से नदिया एक्सप्रेस तक – झूलन गोस्वामी, महिला क्रिकेटर

कस्बे की लड़की से नदिया एक्सप्रेस तक – झूलन गोस्वामी, महिला क्रिकेटर

राष्ट्रीय
झूलन गोस्वामी, महिला क्रिकेटर वह अपने इलाके की सबसे लंबी लड़की थीं। सड़क पर चलतीं, तो लोग पीछे मुड़कर जरूर देखते। पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के छोटे से कस्बे चकदा में पली-बढ़ीं झूलन को बचपन में क्रिकेट का बुखार कुछ यंू चढ़ा कि बस वह जुनून बन गया। एयर इंडिया में नौकरी करने वाले पिता को क्रिकेट में खास दिलचस्पी नहीं थी। हालांकि उन्होंने बेटी को कभी खेलने से नहीं रोका। मगर मां को उनका गली में लड़कों के संग गेंदबाजी करना बिल्कुल पसंद न था। बचपन में वह पड़ोस के लड़कों के साथ सड़क पर क्रिकेट खेला करती थीं उन दिनों वह बेहद धीमी गेंदबाजी करती थीं लिहाजा लड़के उनकी गंेद पर आसानी से चैके-छक्के जड़ देते थे। कई बार उनका मजाक भी बनाया जाता था। टीम के लड़के उन्हें चिढ़ाते हुए कहते-झुलन, तुम तो रहने ही दो। तुम गेंद फेंकोगी, तो हमारी टीम हार जाएगी। एक दिन यह बात उनके दिल को लग गई। फैसला किया कि अब मैं तेज गेंदबाज बन...
उन्मादी भीड़ों की हिंसा

उन्मादी भीड़ों की हिंसा

BREAKING NEWS, राष्ट्रीय
आर.के.सिन्हा हरियाणा के बल्लभगढ़ रेलवे स्टेशन पर हुए बालक जुनैद के कत्ल पर जंतर-मंतर और देश के दूसरे कुछ भागों में कई प्रदर्शन हुए ! होना भी चाहिए था। फैज अहमद फैज और कबीर की रचनाएं पढ़ी गईं। वासे तो यह बहुत अच्छी बात है। पर अब एक सवाल भी पूछने का मन कर रहा है। जो जुनैद के कत्ल पर स्यापा कर रहे है, वे तब कहां थे जब राजधानी के जनकपुरी इलाके में डा. पंकज नारंग को बर्बरता से मार डाला गया था? हत्या की घटनाओं और हत्यारों के रंग में फर्क क्यों? कहा गया था कि डा.नारंग की हत्या सांप्रदायिक नहीं है। बताने वाले वही सेक्युलरवादी बिरादरी के मेंबर थे,जो जुनैद की हत्या पर आंसू बहा रहे है। ज़िन्दगी बचाने वाले डॉक्टर की सरेआम हत्या कर दी जाती है, पर खामोश रहते है सब 'सद्बुद्धिजीवी'।और छदम सेक्युलरवादी तब भी चुप रहे जब कश्मीर में हाल ही में पुलिस अधिकारी मोहम्मद अय्यूब पंडित की पीट-पीटकर हत्या की गई।...
भाजपा के लिए कश्मीर में अब सरकार से बाहर आने का वक्त आ चुका है!

भाजपा के लिए कश्मीर में अब सरकार से बाहर आने का वक्त आ चुका है!

राष्ट्रीय
मेरी समझ से कश्मीर में अब भाजपा को पीडीपी से संबंध तोड़ लेना चाहिए। एक प्रयोग किया था, फेल हो गया। इसे मानने में कोई हर्ज नहीं है। यह ईगो का सवाल नहीं है। मेरे हिसाब से केंद्र और महबूबा की सरकार में तालमेल नहीं बैठ पा रहा है, जिससे मोदी सरकार हुर्रियत के नेता गिलानी, यासिन मलिक, मीर वाइज आदि के प्रति आर्थिक नाकेबंदी के अलावा कोई और कठोर कदम नहीं उठा पा रही है। जिस तरह आज नमाजियों की भीड़ ने कश्मीरी पुलिस के डीसीपी अय्यूब पंडित को पीट-पीट कर मारा है वह दर्दनाक है। और जिस तरह अय्यूब का परिवार यह कह रहा है कि वह सेना का जवान नहीं था, वह काफिर नहीं था कि उसकी हत्या कर दी, वह भी डरावना है। क्या सेना के जवान और काफिर यानी जो इस्लाम में विलीव नहीं करते, उनकी हत्या करेंगे कश्मीरी? आज घर को घर के चिराग से आग लगी है! जीवे-जीवे पाकिस्तान का नारा लगाते-लगाते कश्मीर का एक बड़ा समूह मानसिक ...
राष्ट्रपति चुनाव: भाजपा के दांव से सब चित्त

राष्ट्रपति चुनाव: भाजपा के दांव से सब चित्त

TOP STORIES, राष्ट्रीय
भारत के राष्ट्रपति का चुनाव हिंदुस्तान के भविष्य की रूपरेखा का खाका खींच रहा है। जातियों और वर्णो में बंटे हिन्दू समाज को एकजुट करने की ओर क्या यह अगला कदम है ? एनडीए ने रामनाथ कोविन्द को मैदान में उतारा है तो विपक्ष ने मीरा कुमार को। दोनों ही दलित है। दोनों ही एक बड़े समय से सक्रिय राजनीति में कार्यरत रहे हैं। वोटों के हिसाब से एनडीए उम्मीदवार का जीतना तय है। तो क्या मीरा कुमार को उम्मीदवार बनाकर विपक्ष ने एक बड़ी भूल की है या यह 2019 की तैयारी के लिए 17 राजनैतिक दलों के विपक्ष के द्वारा दिखाई गयी एकजुटता है। राष्ट्रपति चुनावों की राजनीति का विश्लेषण करता अमित त्यागी का एक आलेख। रतीय गणतन्त्र के गौरव का प्रतीक है 'राष्ट्रपतिÓ। ब्रिटेन की संवैधानिक व्यवस्था में जो पद राजपरिवार का है, वही भारतीय संवैधानिक व्यवस्था में राष्ट्रपति का है। वह राज्य का प्रधान है किन्तु शासन का प्रधान नहीं है। व...
मौलिक भारत से  साइबर सिपाही का आयोजन

मौलिक भारत से साइबर सिपाही का आयोजन

राष्ट्रीय
दिनांक 11 जून 2017 को डायलॉग इंडिया की सोशल मीडिया शाखा सायबर सिपाही का दूसरा स्थापना दिवस होटल आनंद रिट्रीट, कौशाम्बी, गाजियाबाद में मनाया गया7 सायबर सिपाही के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री शुभम मंगला ने सूचित किया कि हालांकि यह समारोह पहले 5 जून को आयोजित होना था, परंतु एक राष्टï्रभञ्चत संगठन होने के नाते यह तय किया गया कि हम भारत की आजादी के महानायक श्री राम प्रसाद बिस्मिल जी की 120वीं जन्म जयंती जो कि 11 जून को मनाई जा रही है, तो हम आज दिनांक-11-06-17 को ही अपना स्थापना दिवस मनाएंगेा। सायबर सिपाही के को फाउंडर एवं राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष श्री जतिन गोयल ने बताया कि वर्ष 2013 में 20 लोगों के व्हाट्सअप ग्रुप से शुरू होने वाला सायबर सिपाही आज सोशल मीडिया पर 2 लाख सदस्यों के साथ महाशक्ति बनकर उभर रहा है, दरा असल जब मीडिया का एक वर्ग पूरी तरह से देश के विरूद्व हो गया था, और पूरी तरह...
उच्च शिक्षा के लिए भारत एक गंतव्य

उच्च शिक्षा के लिए भारत एक गंतव्य

addtop, राष्ट्रीय
डायलॉग इंडिया के संग आईआईटी खडग़पुर एल्युमनी फाउंडेशन एवं पैन आईआईटी एल्युम्नी इंडिया का संयुक्त आयोजन च्च शिक्षा के लिए भारत एक गंतव्य अर्थात ढ्ढठ्ठस्रद्बड्ड: ञ्जद्धद्ग त्रद्यशड्ढड्डद्य ष्ठद्गह्यह्लद्बठ्ठड्डह्लद्बशठ्ठ द्घशह्म् ॥द्बद्दद्धद्गह्म् श्वस्रह्वष्ड्डह्लद्बशठ्ठ पर एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन का आयोजन आईआईटी खडग़पुर एल्युमनी फाउंडेशन एवं पैन आईआईटी एल्युम्नी इंडिया के सहयोग से नई दिल्ली में होटल अशोक, चाणक्यपुरी में 10 जून 2017 को किया गया। इस कार्यक्रम में पूरे देश भर से न केवल आईआईटी एवं आईआईएम बल्कि देश के प्रमुख शिक्षा नियामकों अर्थात एआईसीटीई से भी प्रतिनिधि उपस्थित थे। कार्यक्रम का विधिवत आरम्भ सम्मानीय अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के माध्यम से किया गया, जिनमें मानव संसाधन मंत्रालय के सचिव श्री के के शर्मा, पैन आईआईटी के चेयरमैन श्री अशोक मधुकर, आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रो...
रेलवे स्टेशनों पर जन औषधि केंद्र खोलने का सैद्धांतिक निर्णय ले लिया गया है : श्री सुरेश प्रभु  हम आम आदमी के लिए किफायती, गुणवत्ता वाली जेनरिक दवाईयों तक पहुंच बढ़ाने के लिए रेलवे अवसंरचना के बड़े हिस्से का उपयोग करेंगे : श्री अनंत कुमार

रेलवे स्टेशनों पर जन औषधि केंद्र खोलने का सैद्धांतिक निर्णय ले लिया गया है : श्री सुरेश प्रभु हम आम आदमी के लिए किफायती, गुणवत्ता वाली जेनरिक दवाईयों तक पहुंच बढ़ाने के लिए रेलवे अवसंरचना के बड़े हिस्से का उपयोग करेंगे : श्री अनंत कुमार

जीवन शैली / फिल्में / टीवी, राष्ट्रीय
रसायन एवं उर्वरक एवं संसदीय कार्य मंत्री, श्री अनंत कुमार ने आज रेलवे स्टेशनों और अन्य रेलवे प्रतिष्ठानों पर जन औषधि केंद्र खोलने के लिए रेल मंत्री, श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु के साथ गहन चर्चा की। इस अवसर पर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग शिपिंग और रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री, श्री मनसुख लाल मंडाविया भी उपस्थित थे। श्री प्रभु ने रेलवे मंत्रालय की ओर से पीएमबीजेपी योजना को मजबूत समर्थन सुनिश्चित करते हुए मीडिया के लोगों को बताया कि रेलवे स्टेशनों और अन्य रेलवे प्रतिष्ठानों पर जन औषधि केंद्र खोलने के सैद्धांतिक निर्णय को आज की बैठक में ले लिया गया है। रेल मंत्री ने यह भी बताया कि भारत में सबसे बड़े नियोक्ता के रूप में रेलवे ने दो मंत्रालयों के बीच मिल-जुले प्रयासों से जेनरिक दवाओं के प्रसार से आम आदमियों के बीच इसकी पहुंच बढ़ जाएगी। बैठक के नतीजे पर मीडिया को संबोधित करते हुए श्री अनंत कुमार...