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योग को बढ़ावा देने में उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार घोषित  राममणि आयंगार स्मारक योग संस्थान, पुणे ने प्रतिष्ठित पुरस्कार जीता

योग को बढ़ावा देने में उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार घोषित राममणि आयंगार स्मारक योग संस्थान, पुणे ने प्रतिष्ठित पुरस्कार जीता

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योग को बढ़ावा देने और उसके विकास में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए पहले प्रधानमंत्री पुरस्‍कार के लिए राममणि आयंगार स्मारक योग संस्थान का चयन किया गया है। इस पुरस्कार की शुरूआत करने की घोषणा प्रधानमंत्री ने पिछले वर्ष चंडीगढ़ में दूसरे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर 21 जून, 2016 को की थी। पुरस्कार की सिफारिश मंत्रिमंडल सचिव की अध्यक्षता में गठित एक मूल्यांकन समिति (जूरी) ने की। इसमें प्रधानमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव, विदेश सचिव, सचिव (आयुष) और डॉ. विरेन्द्र हेगड़े सदस्य के रूप में शामिल थे। समिति ने अनुवीक्षण समिति की सिफारिशों की जांच की और संस्थानों और अलग-अलग व्यक्तियों के योगदानों का स्वयं विश्लेषण किया तथा प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए पुणे स्थित राममणि आयंगार स्मारक योग संस्थान की सिफारिश की। सरकार ने योग को बढावा देने और उसके विकास में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए राममणि आयंगार...
कुपोषण पर “श्वेत पत्र”  का क्या हुआ ?

कुपोषण पर “श्वेत पत्र” का क्या हुआ ?

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जावेद अनीस मध्य प्रदेश के लिये कुपोषण एक ऐसा कलंकहै जो पानी कि तरह पैसा बहा देने के बाद भी नहीं धुला है पिछले साल करीब एक दशक बाद कुपोषण की भयावह स्थिति एक बार फिर सुर्खियाँ बनीं थीं. विपक्षी दलों ने इसे राज्य सरकार की लापरवाही, भ्रष्टाचार और असफलता बताकर घेरा था राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी राज्य सरकार को नोटिस जारी कर इस मामले में जवाब माँगा था. जिसके बाद मध्यप्रदेश सरकार ने “कुपोषण की स्थिति” को लेकर श्वेत पत्र लाने की घोषणा कर दी थी. लेकिन अब ऐसा लगता है यह भी महज एक घोषणा ही थी और श्वेत पत्र का शिगूफा ध्यान बटाने और मुददे को शांत करने के लिये छोड़ा गया था. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी सरकार के लोग यह दवा करते नहीं थकते हैं कि प्रदेश तरक्की की राह पर चलते हुए बीमारू राज्य के तमगे को काफी पीछे छोड़ चूका है, बताया जाता है कि राज्य का जीडीपी 10 प्रतिशत से ऊपर है और कृषि वि...
Legacy of wealth of former TN Chief Minister J Jaylaitha: Wealth should go to the state

Legacy of wealth of former TN Chief Minister J Jaylaitha: Wealth should go to the state

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It refers to high-voltage drama once again enacted on 11.06.2017 at residential palace of former Tamilnadu Chief Minister J Jaylalitha at Chennai, where her niece Deepa once again tried for a dramatic uninformed entry to Poes Garden ultra-luxurious bungalow. J Jayalitha left huge wealth which as per official declaration in the year 2015 was rupees 117.13 crore, with movable assets worth Rs. 45.04 crore and immovable assets worth Rs.72.09 crore. She has left no dependants or any will. According to media-reports, she had no relations with her only nearest relation her niece Deepa who was not even allowed to enter Apollo Hospital at Chennai during her last days. If much-awaited Supreme Court verdict against her would have come in her life-time, all her assets would have gone t...
आतंकवाद की शरणस्थली

आतंकवाद की शरणस्थली

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पंकज के. सिंह भारत संपूर्ण विश्व में सबसे अधिक आतंकवाद से पीडि़त और प्रभावित देश रहा है। यह आश्चर्यजनक है कि इसके बाद भी भारत का दृष्टिकोण अत्यंत उदार और लापरवाही भरा रहा है। पाकिस्तान और चीन द्वारा निरंतर भारत के विरुद्ध छद्म युद्ध तथा अवैध घुसपैठ जारी रखी है, तथापि भारत आम तौर पर शांति वार्ताओं की मेज पर बैठने की कोशिश करता ही दिखता रहता है। भारत 1960 के उस अप्रासंगिक हो चुके 'सिंधु जल समझौतेÓ पर भी अमल कर रहा है, जिसे विश्व में अब तक कहीं भी हुए 'सर्वाधिक उदारÓ जल बंटवारे समझौते के रूप में देखा जाता है। इसके तहत 6 नदियों के जल का 80 प्रतिशत भाग पाकिस्तान को मिलता है। यह समझौता शुद्ध रूप से भारत के राष्ट्रीय हितों के सर्वथा विरूद्ध है। पाकिस्तान भारत में आतंकवाद और अवैध घुसपैठ को निरंतर प्रोत्साहित कर रहा है। पाकिस्तान के इस घोर आपत्तिजनक आचरण के बाद भी भारत द्वारा उससे बातचीत कर...
मोदी राज – तीन साल जज्बा भी, जलवा भी

मोदी राज – तीन साल जज्बा भी, जलवा भी

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मोदी सरकार को तीन साल हो गए हैं। विपक्ष खुश है क्योंकि उसे लगता है भाजपा सरकार कह कर भी अच्छे दिन नहीं ला पायी है। दूसरी तरफ भाजपा खुश है क्योंकि उसको लगता है कि उसने विपक्ष को नेस्तनाबूद कर दिया है। पक्ष और विपक्ष की इस लड़ाई में जनता कहाँ खड़ी है यह प्रश्न महत्वपूर्ण है। अच्छे दिन के वादे के साथ जिस सरकार ने शपथ ली थी उससे जितनी अपेक्षाएँ थीं उतनी अपेक्षाएँ इन तीन सालों में पूरी नहीं हुयी हैं। हाँ, योजनाओं और अभियानो के द्वारा एक भविष्य का खाका दिखने लगा है। जिस तरह से भाजपा लगातार राज्यों पर कब्जा करती जा रही है उससे लगता है कि जनता में भाजपा की विश्वसनीयता अभी बरकरार है। मोदी सरकार के तीन साल के कार्यकाल पर विशेष संवाददाता अमित त्यागी एक विश्लेषण प्रस्तुत कर रहे हैं। रेंद्र मोदी सरकार तीन साल बाद भी विश्वसनीय नजर आ रही है जो इस सरकार की सबसे बड़ïी सफलता है। अक्सर ऐसा देखा जाता है कि सरक...
विदेशी सर्वरों से कैसे बनेगा  डिजिटल इंडिया?

विदेशी सर्वरों से कैसे बनेगा डिजिटल इंडिया?

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'डिजिटल इंडिया- कंप्यूटर, मोबाइल, सॉफ्टवेयर तथा इंटरनेट के बहुआयामी प्रयोग से समाज, शासन तथा अर्थव्यवस्था में विकास के अभियान का नाम है. देश में कई इलाकों में मोबाइल नेटवर्क एवं इंटरनेट से वंचित वर्ग को डिजिटल नेटवर्क से जोडऩा मुश्किल है परन्तु डिजिटल इंडिया को स्वदेशी बनाकर इसे सफल बनाया जा सकता है। 'इंडियन डाटा भारतीय सर्वर्स अभियान से बढ़ाएं रोजगार भारत में व्यापार कर रही इंटरनेट कंपनियों ने अधिकांश सर्वर यूरोप और अमेरिका में लगा रखे हैं. मेक इन इंडिया के तहत यदि इंडियन डाटा भारत के सर्वरों में रखने का कानून बन जाए तो राष्ट्रीय सुरक्षा बेहतर तरीके से सुनिश्चित हो सकेगी। अमेरिका में ट्रंप की नई वीजा नीति के फलस्वरूप अनेक आईटी प्रोफेशनल्स भारत लौट रहे हैं. सर्वर भारत में लगने के नियम का पालन होने से देशी उद्योगों के विकास के साथ प्रति सर्वर औसतन हज़ार लोगों को रोजगार भी मिल सकेगा। सर...
अमित शाह के स्वर्णकाल की  कल्पना!

अमित शाह के स्वर्णकाल की कल्पना!

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द्वारा शिवानन्द द्विवेदी राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में अमित शाह द्वारा जताई गयी मंशा साफ़ संकेत करती है कि अभी वे इतने भर से संतुष्ट नहीं है बल्कि भाजपा के विस्तार के लिए वो परिश्रम की पराकाष्ठा तक जाएंगे. रतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक इसबार देश के पूरब छोर पर स्थित ओडिसा के भुवनेश्वर में हुई। इस कार्यकारिणी बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि अभी यह भाजपा का स्वर्ण काल नहीं है। उनका आशय यह था देश के हर राज्य में हर स्तर तक भाजपा की सरकार बनाना उनका लक्ष्य है। अभी की स्थिति में अगर देखें तो निर्विवाद रूप से भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है। देश के सत्रह राज्यों में भाजपा और इसके गठबंधन की सरकारें हैं। तेरह राज्यों में अकेले भाजपा की सरकार है। देश के 58 फीसद भूभाग पर भाजपा की सत्ता है। इतने के बावजूद भी अगर भाजपा अध्यक्ष कहते हैं कि यह भाजपा का ...
भाजपा की मिशन-2019 की तैयारी शुरू सुस्त सांसदों के कटेंगे टिकट

भाजपा की मिशन-2019 की तैयारी शुरू सुस्त सांसदों के कटेंगे टिकट

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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत हासिल करने के बाद भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की नजर अब वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव पर टिक गई है। भाजपा के आंतरिक सर्वे के अनुसार 2019 के चुनाव में 20 से 25 ऐसे सांसदों का टिकट कटना लगभग तय है, जिनकी छवि उनके संसदीय क्षेत्रों में अच्छी नहीं है। विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान ही आला कमान के इशारे पर उप्र के ऐसे सांसदों की सूची तैयार की गई थी, जिनकी जनता के बीच नकारात्मक छवि बनी हुई है। उप्र में भाजपा के सभी 71 सांसदों में से 40 सांसदों की सूची तैयार की गयी है और इस सूची में आने वाले सांसदों को अपने संसदीय क्षेत्रों में अपनी छवि ठीक करने की हिदायत दी गयी है। विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा के जिन 40 सांसदों को मौका दिया गया, उनमें से लगभग 15 सांसदों ने अपने संसदीय क्षेत्रों में अपनी वापसी सुनिश्चित कराई और Óपरिवर्तन यात्राओं...
चीन की स्पेस डिप्लोमैसी का जवाब

चीन की स्पेस डिप्लोमैसी का जवाब

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ओंकारेश्वर पांडेय चीन की स्पेस डिप्लोमैसी का करारा जवाब देते हुए भारत ने साउथ एशिया सेटेलाइट लांच कर दिया। यह एक ऐसा संचार उपग्रह है, जो नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, भारत, मालदीव, श्रीलंका और अफगानिस्तान को दूरसंचार की सुविधाएं मुहैया कराएगा। बीते शुक्रवार पांच मई, 2017 को साउथ एशिया सैटेलाइट लॉन्च कर दी गई। आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा स्पेस सेंटर से साउथ एशिया सैटेलाइट जीसैट-9 को सफलतापूर्वक लांच कर भारत ने अंतरिक्ष क्षेत्र में अपनी मजबूती का एक और शानदार नमूना दिखाया है। इसे जीएसएलवी-एफ 09 रॉकेट से स्पेस में भेजा गया। भारत की स्पेस डिप्लोमैसी के तहत तैयार हुई साउथ एशिया सैटेलाइट लॉन्च को पहले सार्क सैटेलाइट का नाम दिया गया था, लेकिन पाकिस्तान ने भारत के इस तोहफे का हिस्सा बनने से इंकार कर दिया था। साउथ एशिया सेटेलाइट एक संचार उपग्रह है, जो नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, भारत, मालदीव, श्री...
नव निर्माण के लिए हुआ ध्वंस  हॉल ऑफ नेशंस

नव निर्माण के लिए हुआ ध्वंस हॉल ऑफ नेशंस

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ओंकारेश्वर पांडेय दिल्ली की वह मशहूर इमारत जो, राजधानी के प्रगति मैदान को पहचान थी, ढहा दी गयी है. इस हॉल ऑफ नेशंस नामक ऐतिहासिक हॉल में अमिताभ बच्चन और शशि कपूर स्टारर फिल्म त्रिशूल की भी शूटिंग हुई थी। हाल ही में दिल्ली के प्रगति मैदान में स्थित जिन दो मशहूर इमारतों को ढहाया गया उनमें हॉल ऑफ नेशंस भी एक थी। कभी इसे 20वीं सदी के सबसे मशहूर वास्तुकला ढांचों की एक प्रदर्शनी के लिए चुना गया था। इसे ढहाने का काम काम वाणिज्य मंत्रालय के तहत आने वाले इंडिया ट्रेड प्रमोशन ऑर्गेनाइजेशन के आदेश के बाद हुआ। रात के अंधेरे में चुपचाप हॉल ऑफ नेशंस को ढहाने के पीछे अधिकारियों ने यह ‘अकाट्य’ तर्क दिया कि इसकी जगह पर एक अत्याधुनिक सम्मेलन स्थल बनाया जाएगा। लेकिन इसको लेकर कई सवाल हो रहे हैं। हॉल ऑफ नेशंस का डिजाइन आर्किटेक्ट रवि रेवाल ने तैयार किया था। प्रगति मैदान में बने इस ‘हॉल ऑफ नेशंस’ का उ...