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राष्ट्रीय

आईने में अक्स देखने का वक्त

आईने में अक्स देखने का वक्त

राष्ट्रीय, सामाजिक
      लेखक : अरुण तिवारी  अपने नये पंचायती राज की उम्र 24 साल हो गई है। आगे की दिशा निश्चित करने के लिए जरूरी है कि पंचायती राज के अभिभावक, आकलन करें। बतौर मानक, तीन कहानियां हमारे सामने हैं: केरल के सरपंच इलिंगों की कहानी, अलगू चैधरी व जुम्मन मियां की कहानी तथा राजस्थान के जिला अलवर में बनी अरवरी नदी के 70 गांवों की संसद की कहानी। ये तीन कहानियां, हमारे सामने क्रमशः तीन आईने रखती हैं: पहला, 73वां संविधान संशोधन का आईना और दूसरा, भारत की पारम्परिक पंच-परमेश्वरी अवधारणा का आइना और तीसरा, महात्मा गांधी से लेकर वर्तमान प्रधानमंत्री मोदी तक दिए बयानों का आईना। श्रेष्ठ केरल: श्रेष्ठ बंगाल यदि 73वें संशोधन द्वारा प्रदत पंचायती राज प्रावधानों को सामने रखें, तो केरल और पश्चिम बंगाल के पंचायतीराज अधिनियमों को क्रमशः एक व दो स्थान पर रखा जा सकता है। इन्होने, 1996 में सेन समिति द्वारा...
Furious Supreme Court to government on Aadhaar: How can you make it compulsory?

Furious Supreme Court to government on Aadhaar: How can you make it compulsory?

राष्ट्रीय
The Supreme Court had on March 27 made it clear that Aadhaar cards cannot be made mandatory by the government for extending benefits of social welfare schemes Anusha Soni | Edited by Shashank Shantanu New Delhi, April 21, 2017 | UPDATED 13:14 IST HIGHLIGHTS 1 Supreme Court questions Centre's move to make Aadhaar mandatory. 2 Is making Aadhaar mandatory only way to stop fraud, Supreme Court asks government. 3 The apex court had ruled that Aadhaar can't be made compulsory for getting benefits of social schemes. The Supreme Court today came down hard on the government over the issue of making Aadhaar compulsory in complete violation of the apex court's previous order. "How can you make Aadhaar...
नेता और दल हो गए हैं आलसी

नेता और दल हो गए हैं आलसी

राष्ट्रीय
इलेक्ट्रिक वोटिंग मशीन को लेकर 13 विरोधी दलों के नेताओं ने राष्ट्रपति को ज्ञापन दिया है। उनका कहना है कि इन मशीनों ने धांधली मचा रखी है। उसी के कारण भाजपा उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड के चुनाव में प्रचंड बहुमत से जीत गई। अब दिल्ली में हो रहे स्थानीय चुनावों को लेकर भी इसी तरह की आशंकाएं जाहिर की जा रही हैं। इन विरोधी नेताओं ने गोरक्षकों और रोमियो-बिग्रेड के बारे में भी राष्ट्रपति से शिकायत की है। इन नेताओं से कोई पूछे कि इन तीनों मामलों में राष्ट्रपति क्या कर लेंगे? ज्यादा से ज्यादा वे यह कर सकते हैं कि वे संबंधित सरकारों की तरफ इन ज्ञापनों को बढ़ा दें। मतदान मशीनों के मुद्दे की हवा तो पंजाब के कांग्रेसी मुख्यमंत्री अमरिंदरसिंह और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वीरप्पा मोइली ने ही निकाल दी है। अमरिंदर ने कहा है कि यदि इन मशीनों में हेरा-फेरी की गई होती तो वे आज मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कैसे बैठे होते?...
Nothing Personal to Dear Doctors Friends

Nothing Personal to Dear Doctors Friends

राष्ट्रीय
How Indian Doctors Loot Patients. Most of these observations are either completely or partially true. Corruption has many names, and one of civil society isn't innocent either. Professionals and businessmen of various sorts indulge in unscrupulous practices. I recently had a chat with some doctors, surgeons and owners of nursing homes about the tricks of their trade. Here is what they said 1)      40-60% kickbacks for lab tests. When a doctor (whether family doctor / general physician, consultant or surgeon) prescribes tests - pathology, radiology, X-rays, MRIs etc. - the laboratory conducting those tests gives commissions. In South and Central Mumbai -- 40%. In the suburbs north of Bandra -- a whopping 60 per cent! He probably earns a lot more in this way...
How Indian Doctors Loot Patients By: Prof. B. M. Hegde

How Indian Doctors Loot Patients By: Prof. B. M. Hegde

राष्ट्रीय, विश्लेषण
Most of these observations are either completely or partially true. Corruption has many names, and one of civil society isn't innocent either.Professionals and businessmen of various sorts indulge in unscrupulous practices. I recently had a chat with some doctors, surgeons and owners of nursing homes about the tricks of their trade.Here is what they said1) 40-60% kickbacks for lab tests.When a doctor (whether familydoctor / general physician, consultant or surgeon) prescribes tests -pathology, radiology, X-rays, MRIs etc. - the laboratory conducting those tests gives commissions. In South and Central Mumbai -- 40%. In the suburb snorth of Bandra -- a whopping 60 per cent! He probably earns a lot more in this way than the consulting fees that you pay.2) 30-40% for referring to consultants, ...
अलगाववादियों से कैसा लगाव

अलगाववादियों से कैसा लगाव

राष्ट्रीय
आपको स्मरण होगा कि कश्मीर में 8 जुलाई 2016 को आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद कुछ माह तक दक्षिण कश्मीर में अलगाववादियों के आह्वान पर संपूर्ण बंद के साथ  हिंसक आंदोलन भी हुए। उसी संदर्भ में सितंबर 2016 को देश के विभिन्न विपक्षी राजनैतिक दलों के नेता सीताराम येचूरी , डी राजा, असदुद्दीन ओवैसी, राजनारायण यादव आदि शरद यादव के नेतृत्व में कश्मीरी अलगाववादियों से मिलने के लिए श्रीनगर गए थे । परंतु मुख्य नज़रबंद व बंदी अलगाववादी नेताओ मौ.फारुक उमर, अली शाह गिलानी, मो.यासीन मालिक व शब्बीर शाह एवं अब्दुल गनी भट्ट सभी ने इन नेताओं  से मिलने को  मना कर दिया था । ये वही अलगाववादी नेता है जो  'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगवाते है और भारतीय सैनिकों पर हमले भी करवाते रहते है । यह कहना भी गलत नहीं होगा कि इनके द्वारा भड़काये गए उग्रवादियों के ही भयावह अत्याचारों से सन् 90 के दशक में कश्मीरी हिंदुओं क...
जे आर कान्वेंट की 4 बालिकाएं बनीं गुडविल अम्बेसडर

जे आर कान्वेंट की 4 बालिकाएं बनीं गुडविल अम्बेसडर

राष्ट्रीय
71 दिन की यात्रा कर स्वस्थ भारत यात्री पहुँचे गुरु द्रौण की नगरी डोन ग्राम के जे आर कान्वेंट स्कूल में, दिया स्वस्थ बालिका स्वस्थ समाज का सन्देश जे आर कान्वेंट पहुँचकर यात्री दल हुए अभिभूत, जितना सुना उससे अधिक पाया... दोन। 11.4.2017 अमृता तिवारी, शिवानी सिंह , राजलक्षमी कुमारी, एवं स्वप्निल सिंह को स्वस्थ भारत यात्री दल ने स्वस्थ बालिका स्वस्थ समाज का गुडविल अम्बेसडर मनोनीत किया है. जे आर स्कूल की इन बालिकाओं को स्वस्थ बालिका स्वस्थ समाज विषयक एक परिसंवाद के अवसर पर यह मनोनयन पत्र दिया गया. 25 राज्यों का दौरा कर सीवान के दोन ग्राम के जे आर कॉन्वेंट स्कूल पहुँचे स्वस्थ भारत ट्रस्ट के चेरमेन और समाजकर्मी आशुतोष कुमार सिंह, गांधीवादी चिंतक प्रसून लतांत और विनोद रोहिल्ला ने कार्यक्रम में बालिकाओं से संवाद किया. आशुतोष ने स्वास्थ्य के मामले में होने वाले भेदभाव और लापरवाही को उजा...
सरकारी स्कूल, शिक्षा और गुणवत्ता

सरकारी स्कूल, शिक्षा और गुणवत्ता

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ऐसा प्रतीत होता है कि आजादी के सात दशक बीतने के बाद भी सरकारें यह नहीं समझ सकी हैं कि देश के नौनिहालों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान करने के लिए बच्चों को केवल स्कूल तक पहुंचा देने भर से ही काम नहीं बनेगा। तमाम सरकारी एवं गैरसरकारी आंकड़ें यह सिद्ध करने के लिए काफी हैं कि शिक्षा का अधिकार कानून, मिड डे मिल योजना, निशुल्क पुस्तकें, यूनिफॉर्म आदि योजनाओं के परिणामस्वरूप स्कूलों में दाखिला लेने वालों की संख्या तो बढ़ी हैं लेकिन छात्रों के सीखने का स्तर बेहद ही खराब रहा है। देश में भारी तादात में छात्र गणित, अंग्रेजी जैसे विषय ही नहीं, बल्कि सामान्य पाठ पढऩे में भी समर्थ नहीं हैं। यहां तक कि 5वीं कक्षा के छात्र पहली कक्षा की किताब भी नहीं पढ़ पाते। यूं तो यह ट्रेंड पूरे देश का है लेकिन लैपटॉप और स्मार्ट फोन बांटने वाला उत्तर प्रदेश शिक्षा की गुणवत्ता की गिरावट के मामले में नए प्रतिमान स्थापि...
यूपी चुनाव परिणाम :  भगवा सुनामी के बाद

यूपी चुनाव परिणाम : भगवा सुनामी के बाद

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  यूपी में भाजपा की अप्रत्याशित जीत ने सभी को चकित कर दिया है व  देश की राजनीति को एक नयी दिशा दी है और वो है विकास की राजनीति। अर्थात जो दल जनता को काम करके दिखाएगा जनता उसी को अपना समर्थन देगी। हालिया चुनावों में भाजपा को इतनी बड़ी जीत नरेन्द्र मोदी जी की सबका साथ सबका विकास की छवि को लेकर मिले हैं। किन्तु भाजपा की राह अब आगे और मुश्किल होने जा रही है क्योंकि उसके समक्ष जनता के इस विश्वास को बनाए रखने की चुनौति है और 2 वर्ष के भीतर कुछ करके दिखाना है जिससे 2019 का लक्ष्य साधा जा सके। प्रस्तुत है एक आलेख   उत्तरप्रदेश के विस्मयकारी, अप्रत्याशित और राजनैतिक भूकंप लाने वाले परिणाम आए। खुद भाजपा के कट्टर समर्थकों को भी यह उम्मीद नहीं थी कि भाजपा को यूपी में तीन सौ से अधिक सीटें मिलेंगी। यहां तक कि अंतिम चरण का प्रचार आते-आते खुद मोदीजी भी एक-दो सभाओं में गठबंधन की बातें कर...
भगवा सुनामी

भगवा सुनामी

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उत्तर प्रदेश में भाजपा की प्रचंड जीत ने पूरे देश में संदेश दिया है कि अब धर्म निरपेक्षता के नाम पर देश को ठगने वाले राजनैतिक दलों का काला चेहरा जनता के सामने आ चुका है। अब न तो कोरे दिखावे चलने वाले हैं और न सेकुलर छवि के नाम पर बहुसंख्यकों का शोषण। अब न राजकुमार और राजकुमारी की खुमारी जनता पर चढऩे वाली है और न ही समाजवादी विरासत की परंपरा। न खुद को देवी कहलाने वाली धन-पशु से युवा को लगाव है न ही जाटों के स्वयंभू नेता दिखाने वाले सत्ता लालची की। अब आरोप-प्रत्यारोप का ज़माना जा चुका है। स्पष्टवादी और दो टूक को जनता पसंद करती है। जाति की राजनीति तो उत्तर प्रदेश के चुनाव परिणामों ने खत्म कर दी है। धर्म की राजनीति खत्म होगी या नहीं यह योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की सरकार की नीतियां तय करेंगी। अब यह देखना रोचक होगा कि भाजपा सबका साथ सबका विकास भगवे रंग के अंतर्गत करेगी या अल्पसंख्यकों के भीतर से ...