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मणिपुर त्रासदी

मणिपुर त्रासदी

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                     वैसे तो इस घटना पर सभी चैनलों द्वारा व्यापक विमर्श रखा जा रहा है, वही दूसरी ओर राष्ट्रवादी विद्वानों में समूचे नार्थ-ईस्ट में एकमात्र असम के बारे में थोड़ी बहुत जानकारी अगर छोड़ दी जाए तो सभी अन्य छः स्टेट के भौगोलिक, राजनैतिक, आर्थिक और सामाजिक सहित धार्मिक ज्ञान से शून्य ही देखा जाता है।  भारतीय संघीय ढाँचे में मणिपुर आजादी के दो वर्ष पश्चात ही एक रियासत के रूप में शामिल हुआ था। परन्तु इसे पूर्ण राज्य का दर्जा एक विशेष राज्य अधिनियम के तहत 1972 में किया गया था। कुछ लोग इसी कारण को मणिपुर या कहें, नॉर्थ-ईस्ट त्रासदी का कारण बताते हैं। जबकि जहाँ तक मेरा अध्ययन रहा है इस नॉर्थ ईस्ट के बारे में, "आजादी के साथ से यहाँ तेहरा शाशन प्रणाली" लागू रहा है। अभी तक इतिहास में एकमात्र बंगाल क्षेत्र में ही दोहरा शाशन प्रणाली का उल्लेख मिलता है, परन्तु हमारे भारत का यह ...
1 मई, मजदूर दिवस विशेष

1 मई, मजदूर दिवस विशेष

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दिहाड़ीदार मजदूरों की दुर्दशा के लिए जिम्मेवार कौन ?* (सामाजिक सुरक्षा कोष में तेजी लाने की आवश्यकता है ताकि देश के सबसे गरीब और कमजोर तबके को यह वित्तीय सुरक्षा की भावना प्रदान कर सके। एक मजदूर देश के निर्माण में बहुमूल्य भूमिका निभाता है। किसी भी समाज, देश संस्था और उद्योग में काम करने वाले श्रमिकों की अहमियत किसी से भी कम नहीं आंकी जा सकती। इनके श्रम के बिना औद्योगिक ढांचे के खड़े होने की कल्पना भी नहीं की जा सकती।) --- डॉo प्रियंका सौरभ, बदलते दौर में विभिन्न आपदाओ के कारण सबसे बड़ा संकट दिहाड़ीदार मजदूरों के लिए हुआ है। जिनके बारे देश के अंदर बहुत ही कम चर्चा हुई और इनकी आर्थिक सहायता के लिए देश की सरकार ने कुछ नहीं सोचा। कोई संदेह नहीं कि देश का मजदूर वर्ग सबसे ज्यादा शोषण का शिकार है। दिहाड़ीदार मजदूर के लिए भरण-पोषण का संकट खड़ा हो गया है। शहरों में रोजी-रोटी की तलाश...
बदलाव का संवाहक बना -मन की बात

बदलाव का संवाहक बना -मन की बात

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बदलाव का संवाहक बना -मन की बातसनातन हिंदू संस्कृति का भी हो रहा विकासमृत्युंजय दीक्षितप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो कार्यक्रम, “मन की बात” ने अपने सौ एपिसोड सफलतापूर्वक पूर्ण किए, यह आकाशवाणी के इतिहास का एक ऐसा कर्यक्रम बना जिसमें देश के प्रधानमंत्री ने मासिक रूप से आम जनता से सीधा संवाद किया और इसे राजनीति से पृथक अलग रखा। यह एक सुखद अनुभव है कि प्रधानमंत्री का मन की बात अर्यक्रम बदलाव का संवाहक बन बनकर क्रांतिकारी परिवर्तन ला रहा है। इस कार्यक्रम ने वृहद् भारतीय समाज को निराशा व अंधकार से निकलने में सहायता दी है और विकास व प्रगति के नये पंख लगाए हैं । ”मन की बात“ कार्यक्रम से नया जोश, उत्साह व उमंग पैदा होती रही है तथा भविष्य में भी होती रहेगी। मन की बात कार्यक्रम के माध्यम से ही भारत की संस्कृतिक व विरासत एक बार फिर पुनजीर्वित हो रही है।हमारा भारतीय समाज जिन परम्पराओं को भूल चुक...
सम्राट चार्ल्स का राज्याभिषेक

सम्राट चार्ल्स का राज्याभिषेक

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आर.के. सिन्हा भारत के मित्र और ब्रिटेन के नए बनने जा रहे  सम्राट चार्ल्स-तृतीय के आगामी 6 मई को होने वाले राज्याभिषेक में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी उपस्थित रहेंगे। सम्राट चार्ल्स का राज्याभिषेक उस वक्त हो रहा है जब ब्रिटेन के प्रधानमंत्री भारत मूल के श्रषि सुनक हैं। सुनक की पत्नी भारत के प्रख्यात उद्योगपति एन. नारायणमूर्ति की सुपुत्री अक्षता हैं। यह भी मानना होगा कि दोनों देशों के आपसी संबंधों को मज़बूत रखने में ब्रिटेन में बसे हुए 15-16 लाख प्रवासी भारतीयों की अहम भूमिका तो रही ही है। इनमें अफ्रीकी और कैरिबियाई  देशों से आकर बसे भारतीय मूल के लोग भी हैं। ये सब ब्रिटेन और भारत के बीच एक पुल का काम कर रहे हैं। प्रवासी भारतीय ब्रिटेन में हर क्षेत्र में मौजूद हैं। अब चाहे वो व्यापार, राजनीति, खेल का क्षेत्र हो या कोई और, इन्होंने सबम...
विश्व पशु चिकित्सा दिवस (29 अप्रैल, 2023)

विश्व पशु चिकित्सा दिवस (29 अप्रैल, 2023)

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पोषण का रामबाण है भारत का पशुधन पशुपालन का अभ्यास अब एक विकल्प नहीं है, बल्कि समकालीन परिदृश्य में एक आवश्यकता है। इसके सफल, टिकाऊ और कुशल कार्यान्वयन से हमारे समाज के निचले तबके की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। पशुपालन को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, कृषि, शोध और पेटेंट से जोड़ने से भारत को दुनिया का पोषण शक्ति केंद्र बनाने की हर संभव क्षमता है। पशुपालन भारत के साथ-साथ विश्व के लिए अनिवार्य आशा, निश्चित इच्छा और अत्यावश्यक रामबाण है। -डॉ प्रियंका सौरभ पशुपालन का तात्पर्य पशुधन पालने और चयनात्मक प्रजनन से है। यह जानवरों का प्रबंधन और देखभाल है जिसमें लाभ के लिए जानवरों के अनुवांशिक गुणों और व्यवहार को और विकसित किया जाता है। भारत का पशुधन क्षेत्र दुनिया में सबसे बड़ा है। लगभग 20.5 मिलियन लोग अपनी आजीविका के लिए पशुधन पर निर्भर हैं। सभी ग्रामीण परिवारों के औसत 14% की तुलना में...
बीजेपी कार्डिनल और बिशप को लुभा रही है लेकिन ईसाइयों से दूर !

बीजेपी कार्डिनल और बिशप को लुभा रही है लेकिन ईसाइयों से दूर !

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बीजेपी कार्डिनल और बिशप को लुभा रही है लेकिन ईसाइयों से दूर ! उत्तर भारत, खासकर हिंदी पट्टी में ईसाइयों और भारतीय जनता पार्टी या हिंदू संगठनों के बीच कोई विशेष सौहार्द नहीं है। हिंदी पट्टी के क्षेत्रों में ईसाई धर्म प्रचारकों और हिंदू संगठनों के बीच दूरी लगातार बढ़ रही है, क्योंकि हिंदू अब इन क्षेत्रों में धर्मांतरण को बर्दाश्त करने के लिए तैयार नहीं हैं। खास बात यह है कि हिंदी भाषी क्षेत्र दक्षिण भारतीय मिशनरियों से भरे पड़े हैं, इनमें कैथोलिक चर्च का दबदबा है। और यह पादरी / नन दक्षिण भारतीय खासकर केरल के बिशपाें की संघ - भाजपा से बढ़ती नजदीकियों का अंदर ही अंदर विरोध कर रहे है। ईस्टर पर, केरल में भाजपा नेताओं ने बिशप हाउस और कुछ चुनिंदा ईसाईयों के घरों का दौरा किया, जहां उन्होंने यीशु मसीह और प्रधानमंत्री मोदी की एक छोटी तस्वीर वाले कार्ड वितरित किए। उसी दिन, प्रधानमंत्री मोदी ने ...
षड्यंत्र और राजनीति का हिस्सा धर्म परिवर्तन

षड्यंत्र और राजनीति का हिस्सा धर्म परिवर्तन

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सुप्रीम कोर्ट मानता है कि धर्म परिवर्तन एक गंभीर मुद्दा है और इसे राजनीतिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए। धर्म परिवर्तन राजनीतिक मुद्दा है या आस्था का मामला? लोगों को जबरन धर्मांतरण, प्रलोभन या लालच आदि के प्रावधानों और तरीकों के बारे में भी शिक्षित करने की आवश्यकता है। जबरन धर्मांतरण की सजा को पहले के 10 साल से घटाकर एक से पांच साल कर दिया गया। धर्म परिवर्तन से जुड़ा विवाह अवैध है। यदि धर्मांतरण में नाबालिग, महिला या अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति का कोई सदस्य शामिल है, तो कारावास दो से सात साल है। -डॉ प्रियंका सौरभ आस्था परिवर्तन हृदय का विषय है। आप राजनीतिक भाषा शैली और ऐसे प्रतीकों को अपनाकर किसी के अंतर्मन नहीं बदल सकते। गांधी जी इसी कारण धर्म परिवर्तन के विरुद्ध थे। उनका मानना था कि समाज सुधार के काम में धर्म परिवर्तन की भूमिका नहीं है। जाहिर है, धर्म परिवर्तन के पीछे दिए गए तर्क...
पत्रकारिता विश्वविद्यालय में होगा स्वास्थ्य संसद 2023 का आयोजन

पत्रकारिता विश्वविद्यालय में होगा स्वास्थ्य संसद 2023 का आयोजन

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28,29 एवं 30 अप्रैल को बिशनखेड़ी के नवीन परिसर में होगा तीन दिवसीय कार्यक्रम भोपाल : माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के बिशनखेड़ी स्थित नए परिसर में 28,29 एवं 30 अप्रैल को स्वास्थ्य संसद 2023 का आयोजन होने जा रहा है । आयोजन के संबंध में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन विश्वविद्यालय परिसर में किया गया । स्वस्थ भारत न्यास के अध्यक्ष एवं कार्यक्रम संयोजक आशुतोष कुमार सिंह ने बताया कि स्वस्थ भारत न्यास के आठवें स्थापना दिवस के अवसर पर यह आयोजन होने जा रहा है, जिसका नाम स्वास्थ्य संसद 2023 है । उन्होंने स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता की बात करते हुए कहा कि इसका विषय अमृतकाल में भारत का स्वास्थ्य एवं मीडिया की भूमिका होगा । विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. अविनाश वाजपेयी ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि यह बड़ा आयोजन होगा जिसमें स्वास्थ्य एवं अपने-अपने क्षेत्रों के जा...
राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता में आदि शंकराचार्य का योगदान

राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता में आदि शंकराचार्य का योगदान

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भारत की विविधता पश्चिमी जगत के लिए तो सदैव से आकर्षण, आश्चर्य एवं शोध की विषयवस्तु रही ही है, अनेक भारतीय विद्वान भी इसे लेकर मतिभ्रम एवं सतही-सरलीकृत निष्कर्ष के शिकार रहे हैं। यह कहना अनुचित नहीं होगा कि स्थूल, भेदकारी एवं कोरी राजनीतिक बुद्धि एवं दृष्टि से संपूर्ण भारतवर्ष में व्याप्त राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता का अनुभव-आकलन किया ही नहीं जा सकता। उसके लिए तो बड़ी गहरी-सूक्ष्म-समग्रतावादी-सांस्कृतिक दृष्टि चाहिए। जो लोग पश्चिमी राष्ट्र-राज्य की कसौटी पर भारत को कसते हैं, उन्हें अंततः निराशा ही हाथ लगती है। वस्तुतः भारत की सत्ता-संप्रभुता तंत्र में न होकर जन में है, राज्य(स्टेट) में न होकर धर्म, समाज और संस्कृति में है। ध्यान रहे कि भारत के लिए धर्म कर्त्तव्य-बोध या आचरणगत सदाचार है, पूजा-पद्धत्ति या निश्चित मत-पंथ का अनुसरण नहीं। हमने एक जन, एक तंत्र(स्टेट), एक भाषा, एक मत-पंथ-संप्रदाय, ...
चीन से आगे होंगे तो आगे सोचना भी होगा।

चीन से आगे होंगे तो आगे सोचना भी होगा।

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बता दें कि संयुक्त राष्ट्र की ताजा रिपोर्ट के अनुसार 19 अप्रैल को 142।86 करोड़ की आबादी के साथ भारत अब चीन को पीछे छोड़कर दुनिया का सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश हो गया है। चीन अब 142।57 करोड़ की जनसंख्या के साथ दूसरे नंबर है। भारत की आबादी चीन से अधिक होने की बात की है, उसी दिन से हम फूल रहे हैं। सोच रहे हैं कि आबादी के बूते हम चीन को मात दे देंगे। लेकिन सिर्फ आबादी ही सब कुछ नहीं है। हेडकाउंट और क्वालिटी वाली आबादी में अंतर होता है। - *डॉ प्रियंका सौरभ* स्टेट ऑफ वर्ल्ड पॉपुलेशन रिपोर्ट 2023 के अनुसार, भारत दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बनकर चीन को पीछे छोड़ चुका है। इसके अलावा, भारत में करीब 50% आबादी 25 वर्ष से कम उम्र की है और इसलिए पूरी तरह से महसूस करने के लिए जनसांख्यिकीय लाभांश की संभावना, युवा लोगों के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा और गुणवत्तापूर्ण नौकरियों में निवेश किया जान...