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लड़किया लीडर बनेगी तभी उनकी दुनिया बदलेगी

लड़किया लीडर बनेगी तभी उनकी दुनिया बदलेगी

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लड़कियों में नेतृत्व के गुणों का निर्माण करने के सबसे शक्तिशाली तरीकों में से एक है लड़कियों को नेतृत्व की भूमिकाओं में रखना। जब लड़कियों से दूसरों का नेतृत्व करने की उम्मीद की जाती है, तो उन्हें अपने भीतर वह शक्ति मिल जाती है, जिसके बारे में उन्हें पता भी नहीं होता। यह लड़कियों के बीच औपचारिक पदों या अनौपचारिक संबंधों के रूप में आ सकता है। रचनात्मक कार्यक्रम के नेता और प्रशिक्षक इस प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने और नेतृत्व के सभी रूपों का समर्थन करने के लिए सूक्ष्म तरीके ढूंढते हैं। -प्रियंका सौरभ आज दुनिया 900 मिलियन किशोर लड़कियों और युवा महिलाओं की परिवर्तनकारी पीढ़ी का घर है जो काम और विकास के भविष्य को आकार देने के लिए तैयार है। यदि युवा महिलाओं के इस समूह को 21वीं सदी के कौशलों को पोषित करने के लिए सही संसाधनों और अवसरों से सुसज्जित किया जा सकता है, तो वे इतिहास में महिला नेताओ...
ऑनलाइन गेमिंग की दलदल में फंसती हमारी युवा पीढ़ी ! 

ऑनलाइन गेमिंग की दलदल में फंसती हमारी युवा पीढ़ी ! 

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कम्प्यूटर, एंड्रॉयड, लैपटॉप आदि पर गेमिंग (खेल खिलाना) आज अरबों-खरबों का कारोबार हो चुका है। एंड्रॉयड मोबाइल फोन तो आज कमोबेश हर व्यक्ति के हाथ में नजर आता है। एंड्रॉयड की व सस्ते इंटरनेट की उपलब्धता से आज हमारे बच्चों में विडियो गेमिंग की लत पड़ चुकी है। बच्चे ही नहीं आज हमारे देश के बुजुर्ग तक भी इस लत से अछूते नहीं हैं। कम्प्यूटर तो कम्प्यूटर आज एंड्रॉयड फोन(स्मार्टफोन) पर लगातार गेमिंग का क्रेज़ बढ़ता चला जा रहा है और आज कम्प्यूटर के साथ ही एंड्रॉयड फोन पर गेम खेलना एक फैशन बन गया है। आदमी थोड़ा सा भी कहीं फ्री हुआ नहीं कि गेम खेलना शुरू। घर तो घर, आफिस हो या बस, ट्रेन हो या मेट्रो फुरसत के पलों में आज बच्चों से लेकर युवा पीढ़ी, बुजुर्ग सभी गेमिंग लत में फंस चुके हैं और इससे गेमिंग के धंधे में लगी कंपनियों की पौ बारह हो रही है और वे अरबों रुपये इस धंधे से कमा रहे हैं। आज अखबारों में इ...
प्रकृति का नियम है कि को दूसरों के लिए खाई खोदता है वो एक न एक दिन उस खाई में खुद भी गिरता है

प्रकृति का नियम है कि को दूसरों के लिए खाई खोदता है वो एक न एक दिन उस खाई में खुद भी गिरता है

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
प्रकृति का नियम है कि को दूसरों के लिए खाई खोदता है वो एक न एक दिन उस खाई में खुद भी गिरता है । 2014 के आम चुनावों से पहले मौनी बाबा मनमोहन की सरकार ने नरेंद्र मोदी और अमित शाह को शहाबुद्दीन केस में फसाकर झूठी साजिश रची थी और उस वक्त सरकार में बैठे हुए दोयम दर्जे के नेताओं ने शहाबुद्दीन को अपना दामाद तक घोषित कर दिया था । लेकिन उसके बाद उस केस का क्या हुआ यह सभी जानते है । इस समय केंद्र की सारी जांच एजेंसियां किसके इशारे पर और कैसे काम करती थी यह भी जगजाहिर है । लोग तो ऐसा भी कहते थे कि उस समय एक डमी प्रधानमंत्री था और देश का शासन कोई और कहीं और से चला रहा था । खैर वक्त बदला सरकार बदली और जो कांग्रेस और जो कांग्रेसी इस देश की जनता को और इस देश को अपनी पैतृक संपत्ति समझते थे वो अभी खुद अपना वजूद बचाने में लगे हुए है । इतिहास को अगर खंगाला जाए तो काफी ऐसी कहानियां सुनने मिलती है जिससे कांग्...
लांच हुआ प्रोजेक्ट ‘ग्रीन कारपेट’

लांच हुआ प्रोजेक्ट ‘ग्रीन कारपेट’

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थॉमस कुक इंडिया, एसओटीसी ट्रैवल और एलटीआईमाइंडट्री की पार्टनरशिप से बिजनेस ट्रैवल इमीशन को मॉनिटर और मैनेज करने के लिए उद्यमों के लिए एक ग्लोबल प्लेटफार्म यह प्लेटफॉर्म फेयरफैक्स डिजिटल सर्विसेज की वैश्विक विशेषज्ञता का भी लाभ उठाता हैसेबी बिजनेस रिस्पॉन्सिबिलिटी एंड सस्टेनेबिलिटी रिपोर्टिंग (बीआरएसआर) मैनडेट के अनुरूप ग्लोबल वार्मिंग के दुष्परिणामों से पर्यावरण और मानव जाति को बचाने के लिए वैश्विक स्तर पर सभी देश इसके दुष्परिणामों को कम करने और भविष्य में खुद को इससे बचाने के प्रयास कर रहे है जिसमे भारत अग्रणी भूमिका निभा रहा है।भारत की इस भूमिका को और सुदृढ़ करते हुए सेबी ने वर्ष 2023 से भारत में लिस्टेड टॉप 1,000 कंपनियों को बिजनेसरिस्पॉन्सिबिलिटी एंड सस्टेनेबिलिटी रिपोर्टिंग (BRSR) के अनुसार मार्केट कैपिटलाइजेशन लिस्टिंग करना अनिवार्य करदिया है। इस आधार पर भारत की ओम्नीचैनल ट्रैवल सर्व...
सवालों के घेरे में हैं खुशहाल देशों की रैंकिंग

सवालों के घेरे में हैं खुशहाल देशों की रैंकिंग

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
 ललित गर्ग  साल 2023 के लिए ‘ग्लोबल हैप्पीनेस इंडेक्स’ जारी कर दिया गया है, जिसमें फिनलैंड ने लगातार छठीं बार सर्वोच्च स्थान पाया है। यह बात भी गौर करने की है कि तीन अंकों का सुधार करके भारत इसमें 136वें स्थान पर पहुंचा है, जो आश्चर्यकारी है। इस सूची को जारी करने में अवश्य ही कोई पूर्वाग्रह या आग्रह दिखाई देता है। क्योंकि ऋण की गुहार लगाता एवं त्राहिमाम करता पाकिस्तान 103वें स्थान पर है। यह भी ध्यान देने योग्य है कि शीर्ष 20 देशों की सूची में एशिया का एक भी देश शामिल नहीं है। कुछ ऐसी ही विडंबनाएं एवं विसंगतियां भी हैं, जो इस सूचकांक के महत्व को घटा देती हैं। जो दुनिया के खुश देशों के आकलन में त्रुटि की पूरी संभावनाएं होने को दर्शाता है। अनेक सवाल खड़े करती है यह खुशहाल देशों की रैंकिंग। चीन में लोगों को धार्मिक-आर्थिक आजादी भी सही ढंग से नहीं मिली है, पर वह 82वें स्थान पर है। नेप...
बताइये क्या यह ७५ साल का “भारत” है?*

बताइये क्या यह ७५ साल का “भारत” है?*

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हमारे देश में बड़ी मुश्किल है, सत्ता से दूर या नज़दीक का नाता रखने वालों के लिए भारत जो कुछ है, वह नरेंद्र मोदी में सिमट गया है। प्रतिपक्ष राहुलगांधी, शरद पंवार,ममता बनर्जी और जाने किस किस की प्रतिच्छाया में भारत को पहचान रहे हैं। और यही वह भारत है, जिसे सत्ता लूटती है, जनता से छीनती है–और उसी को असली भारत बताकर का प्रचार करती है। भारत की राजनीति में इन दिनों का प्रिय विषय है, राहुल गांधी द्वारा विदेश में जाकर देश के लोकतंत्र पर वक्तव्य, सभी आजकल इसी में व्यस्त हैं। इस सबके बीच स्वीडन की संस्था, वी-डेम (वेरायटीज ऑफ़ डेमोक्रेसी) ने डेमोक्रेसी रिपोर्ट 2023 प्रकाशित की है, जिसमें कुल 179 देशों के लिबरल डेमोक्रेसी इंडेक्स में भारत 97वें स्थान पर चुनावी प्रजातंत्र इंडेक्स में 108वें स्थान पर है, यह 75 वर्ष की उपलब्धि है?। पिछले वर्ष के इंडेक्स में भारत का स्थान 100वां था। तंज़ानिया, बोलीविय...
अमर शहीद हेमू कालाणी के 100वें जन्म दिवस

अमर शहीद हेमू कालाणी के 100वें जन्म दिवस

TOP STORIES, राष्ट्रीय
23 मार्च 2023 को अमर शहीद हेमू कालाणी के 100वें जन्म दिवस पर विशेष आलेख अमर शहीद हेमू कालाणी सिंध प्रांत के युवाओं में देशप्रेम का भाव जगाते रहे अखंड भारत का सिंध प्रांत वैसे तो सूफियाना अंदाज एवं आध्यात्म के लिए जाना जाता है, परंतु, सिंध प्रांत में व्यापार भी बहुत उन्नत स्तर पर होता रहा है एवं प्राचीन भारत में सिंध प्रांत के निवासी सामान्यतः सुखी, समृद्ध एवं सम्पन्न रहे हैं। साथ ही, भारत माता को अंग्रेजों की गुलामी की बेड़ियों से मुक्त कराने में सिंधवासियों का भरपूर योगदान भी रहा है। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने वाले सैकड़ों सिंधवासियों के नाम बहुत आदर के साथ लिए जाते हैं परंतु मुख्यतः इस सूची में शामिल नाम हैं - शहीद हरकृष्ण, शहीद संत कंवरराम, वीर हासाराम पमनानी, श्रीकिशन माटा, नेभनदास फतनानी, तेजूमल बालानी, सच्चा नन्द फेरुमल थावानी, आदि। सिंध के कई स्वतंत्रता सेनानियों न...
शहीद दिवस 23 मार्च को- भूल न जाना भगत सिंह के साथियों को

शहीद दिवस 23 मार्च को- भूल न जाना भगत सिंह के साथियों को

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आर.के. सिन्हा कौन सा हिन्दुस्तानी होगा जिसके मन में शहीद भगत सिंह को लेकर गहरी श्रद्दा का भाव नहीं होगा। होगा भी क्यों नहीं। आखिर वे क्रांतिकारी, चिंतक और आदर्शों से लबरेज मनुष्य थे। उनसे अब भी भारत के करोड़ों नौजवान प्रेरणा पाते हैं। पर यह भी जरूरी है कि देश भगत सिंह के करीबी साथियों जैसे चंद्रशेखर आजाद, राजगुरु, सुखदेव, बटुकेशवर दत्त, दुर्गा भाभी वगैरह के बलिदान को भी याद रखा जाए। राजगुरु का संबंध पुणे, महाराष्ट्र से था। उन्हें भगत सिंह तथा सुखदेव के साथ 23 मार्च, 1931 को लाहौर में फांसी पर लटका दिया गया था। वे भगत सिंह और सुखदेव के घनिष्ठ मित्र थे। इस मित्रता को राजगुरु ने मृत्यु पर्यंत निभाया। देश की आजादी के लिए दिये गये राजगुरु के बलिदान ने इनका नाम भारत इतिहास में  अंकित करवा दिया। अगर बात वीर स्वतंत्रता सेनानी सुखदेव की हो तो वो भी महा...
सांस्कृतिक और संस्कारिक एकता के मूल आधार है हमारे सामाजिक त्यौहार।

सांस्कृतिक और संस्कारिक एकता के मूल आधार है हमारे सामाजिक त्यौहार।

TOP STORIES, राष्ट्रीय, संस्कृति और अध्यात्म
हिंदुस्तान त्योहारों का देश है। त्योहार हमको सामाजिक और संस्कारिक रूप से जोड़ने का काम करते हैं। हमारी सांस्कृतिक और संस्कारिक एकता ही भारत की अखंडता का मूल आधार है। ‘‘व्रत -त्यौहारों के दिन हम देवताओं का स्मरण करते हैं, व्रत, दान तथा कथा श्रवण करते हैं, जिससे व्यक्तिगत उन्नति के साथ सामाजिक समरसता का संदेश भी समाज में पहुंचता है। इसमें ही भारतीय संस्कृति के बीज छिपे हैं। ’’ हमारे सामाजिक जीवन में कुछ ऐसे दिन आते हैं जिनसे मात्र एक व्यक्ति, या परिवार ही नहीं वरन पूरा समाज आनंदित और उल्लासित होता है। भारत को यदि पर्व-त्योहारों का देश कहा जाए तो उचित होगा। यहां भोजपुरी भाषा में एक कहावत है- ‘सात वार नौ त्यौहार’। -डॉo सत्यवान सौरभ कृषि प्रधान होने के कारण प्रत्येक ऋतु - परिवर्तन हंसी - खुशी मनोरंजन के साथ अपना - अपना उपयोग रखता है। इन्हीं अवसरों पर त्योहार का समावेश किया गया है , जो उच...
भारत की प्राचीन जल संस्कृति को जीवंत करें-ललित गर्ग

भारत की प्राचीन जल संस्कृति को जीवंत करें-ललित गर्ग

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विश्व जल दिवस, 22 मार्च 2023 पर विशेष जल प्रदूषण एवं पीने के स्वच्छ जल की निरन्तर घटती मात्रा को लेकर बड़े खतरे खड़े हैं। धरती पर जीवन के लिये जल सबसे जरूरी वस्तु है, जल है तो जीवन है। जल ही किसी भी प्रकार के जीवन और उसके अस्तित्व को संभव बनाता है। जीव मंडल में पारिस्थितिकी संतुलन को यह बनाये रखता है। पीने, नहाने, ऊर्जा उत्पादन, फसलों की सिंचाई, सीवेज के निपटान, उत्पादन प्रक्रिया आदि बहुत उद्देश्यों को पूरा करने के लिये स्वच्छ जल बहुत जरूरी है। जिन पाँच तत्वों को जीवन का आधार माना गया है, उनमें से एक तत्व जल है। जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। मानव एवं जीव-जन्तुओं के अलावा जल कृषि के सभी रूपों और अधिकांश औद्योगिक उत्पादन प्रक्रियाओं के लिये भी बेहद आवश्यक है। परंतु आज पूरी दुनिया जल-संकट के साए में खड़ी है। अनियोजित औद्योगीकरण, बढ़ता प्रदूषण, घटते रेगिस्तान एवं ग्लेशियर...