बर्बादी की हद तक फिसलता,गिरता व डूबता यूरोप
अनुज अग्रवाल
बढ़ते जनाक्रोश व विरोध प्रदर्शनों के बीच फ़्रांस , जर्मनी, ब्रिटेन, स्पेन , इटली सहित यूरोप के अधिकांश देशों ने जनवरी 2023 की शुरूआत के साथ ही सभी वस्तुओं व सेवाओं के दामो में औसतन 20%की वृद्धि कर दी। पिछले एक साल में लगभग दुगने हो चुके दामों के बीच जनता पर यह नई मार थी। अब फ़रवरी और मार्च के बीच फिर से विभिन्न वस्तुओं व सेवाओं के दाम 10 से 40% तक बढ़ाने की घोषणा कर दी गई है। पिछले तीन सालों में यूरोप के देशों में कामकाजी वर्ग के कोई वेतन नहीं बढ़े बल्कि अनेक भत्ते कम कर दिए गये। सरकारे सब्सिडी घटाती जा रही हैं, पेंशन कम कर रही हैं और बेरोज़गारी भत्ते समाप्त और महंगाई दो गुना से ज्यादा पहले ही हो चुकी थी। “क्रेडिट कार्ड व पर्सनल लोन कल्चर” के आदि हो चुके यूरोपवासियो के पास ईएमआई चुकाने लायक़ आमदनी ही नहीं हो रही। ऐसे में यूरोप की कम से कम दो तिहाई जनता के सामने अपन...