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इस देश में ‘राज्यपाल’ कैसे हों ?

इस देश में ‘राज्यपाल’ कैसे हों ?

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केंद्र सरकार के इशारों  पर चलती “राज्यपाल” नामक संस्था हमेशा विवादों में रही है | कभी उसकी राज्य सरकार के साथ पटरी नहीं बैठती तो कभी वो समाज के मुद्दों पर केंद्र से भी दो-दो हाथ करने से गुरेज नहीं करते | इन दिनों  अब महाराष्ट्र के राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी की देश के गृहमंत्री अमित शाह को लिखी एक चिट्ठी चर्चा में है। इस चिट्ठी में उन्होंने गृहमंत्री से ‘मार्गदर्शन’ मांगा है। आरिफ मोहम्मद खान,जगदीप धनखड़, अपने राज्य की सरकार से टकरा चुके हैं | मेघालय,  और अरुणाचल के राजभवनों की दस्तान भी जग जाहिर है | वैसे पश्चिम बंगाल, केरल, मेघालय आदि के राज्यपाल इतर कारणों से भी चर्चा में रहे हैं। केंद्रशासित राज्यों के लेफ्टिनेंट गवर्नर भी चुनी हुई सरकारों के निर्णयों में बाधा डालने के लिए आलोचना के शिकार होते रहे हैं। जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी और अधिकांश राज्यों में भी का...
सर्वाइकल कैंसर” से मौत और भारत

सर्वाइकल कैंसर” से मौत और भारत

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सरकार  भले ही  कुछ भी कहे, देश स्वास्थ्य के इस गंभीर मामले में काफी पीछे है | मेरे सामने एक रिपोर्ट है, जो भारत में सर्वाइकल कैंसर की दशा, गंभीरता  और सरकारी प्रयास को दर्शाती है | इस रिपोर्ट के आंकड़े साफ-साफ कहते हैं की एशिया में सर्वाइकल कैंसर के सबसे अधिक मरीज भारत में हैं| यह अध्ययन प्रतिष्ठित विज्ञान पत्रिका  “लांसेट” का है | ‘लांसेट’ का यह ताजा अध्ययन है और इस अध्ययन  के अनुसार, इस बीमारी से होने वाली 40 प्रतिशत मौतों में से 23 प्रतिशत भारत में और 17 प्रतिशत चीन में होती हैं| बीते वर्ष 2020 में दुनियाभर में इस कैंसर के छह लाख से अधिक मामले सामने आये थे और 3.41 लाख से अधिक मौतें हुई थीं| इनमें से 21 प्रतिशत मामले भारत में ही आये थे| एशिया में यह आंकड़ा 58 प्रतिशत से अधिक का है| इस रिपोर्ट में रेखांकित किया गया है कि महिलाओं में सबसे अधिक होने वाले कैंसर के प्रकारों में सर्वाइकल क...
सेना के साथ पूरा देश भी लड़े धूर्त चीन से

सेना के साथ पूरा देश भी लड़े धूर्त चीन से

TOP STORIES, राष्ट्रीय
आर.के. सिन्हा भारत के जाबांज सैनिकों ने पिछली 9 दिसंबर को चीन के गले में अंगूठा डाल दिया था। बात-बात पर धौंस जमाने वाले चीन को गलवान के बाद भारत ने तवांग में उसकी कायदे से अपनी औकात समझा दी। भारतीय सैनिकों ने चीनियों की कसकर भरपूर धुनाई की। लेकिन तवांग में चीन ने जो कुछ देखा वो तो महज एक झांकी है। जरूरत पड़ी तो भारत कसकर चीन को कसने के लिये तैयार है। पर यह कहना होगा कि भारत और चीन के बीच की जंग दुनिया की सबसे कठिन जंग होगी। दोनों देशों ने आपस में समझौता कर रखा है कि बंदूक़ तो बंदूक़ कोई तलवार तक नहीं निकालेगा म्यान से। हाँ गदा युद्ध हो सकता है। मल्ल युद्ध हो सकता है। 1967 में में नाथूला की जंग में चीन के चार सौ से अधिक सैनिक मारे गए थे तब से चीन बंदूकबाज़ी से डरता है और भारत तो हमेशा से उदारमना है ही। गौतम बुद्ध और गांधी का देश भारत तो किसी से खुद तो पंगा लेता ही नहीं है। दूसरी तरफ़ मै...
राजनीति में अपराधीकरण – कोई भी दल गंभीर नहीं 

राजनीति में अपराधीकरण – कोई भी दल गंभीर नहीं 

राष्ट्रीय
हाल ही में सम्पन्न विधान सभा और दिल्ली नगर निगम चुनाव के बाद एक बार फिर यह साफ हुआ है कि राजनीति में अपराधीकरण खत्म करने को लेकर कोई भी राजनीतिक  पार्टी गंभीर नहीं है।गुजरात में चुनाव पूर्व पकड़ी गई नकदी और नशीले पदार्थों की खेप और चुनाव पश्चात् छन-छन कर आ रही खबरें यही प्रमाणित कर रही है कि “अपराध और चुनाव के बीच गंभीर रिश्ता है और उसके निवारण में न तो  बड़े राजनीतिक दल सोच रहे हैं और न    वैकल्पिक राजनीति देने की बात करने वाले नये दल ही |” सार्वजनिक रूप से राजनीतिक दल  और उनके नेता चाहे कितने भी दावे करें कि वे राजनीति को स्वच्छ बनाने के लिए काम करेंगे, लेकिन मौका मिलते ही वे भी इस बात का वे खयाल रखना भी जरूरी नहीं समझते कि अपराध के आरोपी या आपराधिक पृष्ठभूमि वाले किसी व्यक्ति को उम्मीदवार बनाने से कौन-सी परंपरा मजबूत होगी? बाकी खबरे भी जल्दी सामने आयेंगी अभी तो दिल्ली नगर नि...
अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की क्षमता कैसे हो साकार

अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की क्षमता कैसे हो साकार

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
भारत में अंतरिक्ष के लिये निजी क्षेत्र की भूमिका को सीमित रखा गया है। सिर्फ कम महत्त्वपूर्ण कार्यों के लिये ही निजी क्षेत्र की सेवाएँ ली जाती रहीं हैं। उपकरणों को बनाना और जोड़ना तथा परीक्षण  जैसे महत्त्वपूर्ण कार्य अभी भी इसरो ही करता है।   यह ध्यान देने योग्य है कि विश्व का सबसे बड़ा अंतरिक्ष क्षेत्र का संस्थान नासा भी निजी क्षेत्र की सहायता लेता रहा है। मौजूदा समय में भारत में नवीन अंतरिक्ष से संबंधित 20 से अधिक स्टार्ट-अप मौज़ूद हैं। इन उद्यमों का दृष्टिकोण पारंपरिक विक्रेता/आपूर्तिकर्त्ता मॉडल से भिन्न है। ये स्टार्ट-अप सीधे व्यापार से जुड़कर या सीधे उपभोक्ता से जुड़कर व्यापार की संभावनाएँ तलाश रहे हैं। -डॉ सत्यवान सौरभ सभ्यता की शुरुआत से ही मानव अंतरिक्ष की रोमांचक कल्पनाएँ करता रहा है। इन रोमांचक कल्पनाओं में अंतरिक्ष कभी अध्यात्म का विषय बना तो कभी कविताओं और दंत-कथाओं का। ...
आखिर सीमा पर चीन के नवीनतम दुराचार का कारण क्या

आखिर सीमा पर चीन के नवीनतम दुराचार का कारण क्या

EXCLUSIVE NEWS, राष्ट्रीय
बलबीर पुंज सीमा पर कुटिल चीन के हालिया दुस्साहस का कारण क्या है? डोकलाम (2017) और गलवान (2020-21) प्रकरण के बाद अरुणाचल प्रदेश के तवांग स्थित 17,000 फीट ऊंची यांग्त्से चोटी पर 9 दिसंबर को चीनी पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) सैनिकों ने भारतीय चौकी को हटाने के लिए जबरन भीतर घुसने का प्रयास क्यों किया? 13 दिसंबर को संसद में दिए वक्तव्य में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने बताया, "चीन ने यांगत्से क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर यथास्थिति को 'एकतरफा' ढंग से बदलने की कोशिश की, लेकिन भारतीय सेना ने 'दृढ़ता से' कार्रवाई कर उन्हें पीछे हटने पर मजबूर कर दिया।" 15-16 जून 2020 की हिंसक गलवान झड़प के बाद भारतीय सेना पहले से अधिक चौकस और प्रतिकार हेतु तत्पर है। तवांग घटनाक्रम इसका प्रमाण है, जिसमें बकौल मीडिया रिपोर्ट, भारतीय जवानों ने न केवल चीनी सैनिकों की घुसपैठ को विफल किया, अपितु अपने बाह...
संसद के प्रति कार्यपालिकाओं की जवाबदेही

संसद के प्रति कार्यपालिकाओं की जवाबदेही

राष्ट्रीय, समाचार
एक संसदीय लोकतंत्र में, संसद लोगों की इच्छा का प्रतीक है और इसलिए, सार्वजनिक नीति को लागू करने के तरीके की निगरानी करने में सक्षम होना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह सामाजिक-आर्थिक प्रगति के उद्देश्यों के अनुरूप है, प्रशासन और समग्र रूप से लोगों की आकांक्षाएं के लिए कुशल है। संक्षेप में, यह प्रशासन की संसदीय निगरानी का कारण है। संसद को प्रशासन के व्यवहार पर नजर रखनी होती है। यह कार्योत्तर पूछताछ और जांच कर सकता है कि क्या प्रशासन ने अनुमोदित नीतियों के तहत अपने दायित्वों के अनुरूप कार्य किया है और उसे प्रदत्त शक्तियों का उपयोग उन उद्देश्यों के लिए किया है जिनके लिए उनका इरादा था और क्या खर्च किया गया पैसा संसदीय मंजूरी के अनुसार था। यह सुनिश्चित करता है कि अधिकारी इस तथ्य से अवगत रहें कि वे अंततः संसदीय जांच के अधीन होंगे और वे जो करते हैं या करने में विफल होते हैं, उसके लिए जव...
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने तीन राष्ट्रीय आयुष संस्थानों का उद्घाटन किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने तीन राष्ट्रीय आयुष संस्थानों का उद्घाटन किया

BREAKING NEWS, EXCLUSIVE NEWS, Today News, राष्ट्रीय
देश को आज आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी क्षेत्रों में तीन राष्ट्रीय आयुष संस्थान प्राप्त हुआ। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज गोवा में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान, गाजियाबाद में राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान और दिल्ली में राष्ट्रीय होम्योपैथी संस्थान का उद्घाटन गोवा में डिजिटल माध्यम से किया। प्रधानमंत्री आज पणजी, गोवा में 9वें विश्व आयुर्वेद कांग्रेस (डब्ल्यूएसी) के समापन समारोह में शामिल हुए। चार दिवसीय 9वें डब्ल्यूएसी में आयुर्वेद क्षेत्र को मजबूती प्रदान करने के लिए बौद्धिक आदान-प्रदान में संलग्न होने के लिए राष्ट्रीय और वैश्विक हितधारकों, उद्योग के दिग्गजों, चिकित्सकों, पारंपरिक चिकित्सकों, शिक्षाविदों और निर्माताओं को विवेचना करने के लिए एक वैश्विक मंच प्रदान किया। इस समापन समारोह में गोवा के राज्यपाल श्री पी एस श्रीधरन पिल्लई...
13 दिसंबर 2001 संसद पर आतंकी हमला 

13 दिसंबर 2001 संसद पर आतंकी हमला 

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9 जवानों बलिदान : 5 आतंकी मरे, मास्टर माइंड अफजल गुरू था सबसे पहले महिला सुरक्षा कर्मी कमलेश यादव का बलिदान -रमेश शर्मा  यह एक घातक आतंकवादी हमला था । जो योजना पूर्वक भारत की संसद पर किया गया था । इसमें पाँच आतंकवादी एक कार में तीस किलो आरडीएक्स लेकर संसद भवन में घुसे थे। हमले के पीछे आतंकवादी संगठन जैस-ए-मोहम्मद का षड्यंत्र था जिसे भारत में कुछ लोग कोआर्डिनेट कर रहे थे इनमें प्रमुख अफजल गुरु था ।  यह घटना 13 दिसम्बर 2001 की है । यह आतंकवादी प्रातः 11-25 बजे आरंभ हुआ था और कुल 45 मिनिट चला । आतंकवादी एक एम्बेसेडर कार से संसद के भीतर घुसे थे । जिस समय ये आतंकवादी संसद भवन में घुसे थे, सामान्यता यह समय संसद की कार्रवाई का होता है । प्रधानमंत्री सहित अधिकांश मंत्रीमंडल के सदस्य, सांसद और अधिकांश अधिकारी भी संसद भवन में होते हैं। किन्तु उस दिन किसी कारण से संसद की कार्यवा...
 टीवी अभिनेत्री वाणी कपूर थी मेरी परिचित, साहित्य में थी उनकी रूचि 

 टीवी अभिनेत्री वाणी कपूर थी मेरी परिचित, साहित्य में थी उनकी रूचि 

जीवन शैली / फिल्में / टीवी, राष्ट्रीय
कलयुगी बेटे ने अमिनेत्री मां को मार डाला आचार्य श्री विष्णुगुप्त  अरे यह तो वही वाणी कपूर है, कितनी संवेदनशील और गंभीर मनुष्य थी, सीरियलों और थर्ड ग्रेड की फिल्मों के विशेषज्ञ। उसकी हत्या की खबर पढ कर और उसके फोटो देख कर मेरे मन की प्रतिक्रिया यही थी। पन्द्रह साल पुरानी मुलाकात की यादें ताजा हो गयी। बेटे द्वारा ही उसकी हत्या पर एक पल के लिए विश्वास नहीं होता है। पर सत्य तो सत्य होता है। सत्य को कैसे झूठलाया जा सकता है।              टीवी अभिनेत्री वाणी कपूर का इतना बर्बर और हिंसक अंत होगा, यह उम्मीद से परे हैं और लोभ-लालच की बर्बर व अमानवीय कहानी सामने आती है। मां-बेटे के रिश्ते को भी कंलकित कर दिया है। मानवता को शर्मसार करती है। वाणी कपूर को उनका फ्लैट ही हत्या का कारण बन गया। उनके फ्लैट की कीमत थी 12 करोड़। इस 12 करोड़ के फ्लैट के लिए ही उसके ब...