Shadow

राष्ट्रीय

बांग्लादेश में हसीना का विरोध ?

बांग्लादेश में हसीना का विरोध ?

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
*डॉ. वेदप्रताप वैदिक* बांग्लादेश में भी शेख हसीना सरकार के खिलाफ उसी तरह प्रदर्शन होने शुरु हो गए हैं, जैसे कि श्रीलंका और म्यांमार की सरकारों के विरूद्ध हुए थे। म्यांमार की फौज ने वहां तो डंडे के जोर पर जनता को ठंडा कर दिया है लेकिन श्रीलंका की सरकार को चुनावों में मात खानी पड़ी है। ‘बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी’ ने दावा किया है कि उसके प्रदर्शनों में दस लाख लोग जमा हुए हैं और उन्होंने हसीना से इस्तीफा मांगा है। उनका कहना है कि 2024 में चुनाव होने तक ढाका में कोई कार्यवाहक सरकार नियुक्त की जाए। बीएनपी के सातों सांसदों ने अपने इस्तीफों की घोषणा कर दी। उन्होंने मांग की है कि चुनाव तुरंत करवाएं जाएं। शेख हसीना ने हर बार धांधली करके चुनाव जीता है। बीएनपी को बांग्लादेश के कट्टरपंथी मुस्लिम मौलानाओं और जमाते-इस्लामी का भी भरपूर समर्थन है। बांग्लादेश की बीएनपी की नेता बेगम खालिदा जिया ने ...
मोदीमय गुजरात

मोदीमय गुजरात

TOP STORIES, राज्य, राष्ट्रीय
-डॉ. सौरभ मालवीय  गुजरात में भाजपा की प्रचंड विजय गुजरात की जनता की भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी के प्रति अटूट विश्वास की जीत है। यह उनके प्रति जनता के असीम स्नेह की विजय है। गुजरात विधानसभ चुनाव में भाजपा की विजय ने यह सिद्ध कर दिया है कि जनता को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गुजरात मॉडल पसंद आ रहा है। इसलिए नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा का विजय रथ निरंतर आगे बढ़ रहा है। गुजरात विधानसभा के चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात की जनता से कहा था कि इस बार उनका रिकॉर्ड टूटना चाहिए। गुजरात की जनता ने उनकी बात का पूर्ण रूप से मान रखते हुए भाजपा को गुजरात के इतिहास का सबसे प्रचंड जनादेश देकर नया इतिहास रच दिया। गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 182 में से 156 सीटों पर विजय प्राप्त की है। पिछले विधानसभा चुनाव में गुजरात में भाजपा ने 99 सीटें प्राप्त की थीं, जबकि कां...
कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज में फायदेमंद हो सकती है लौंग

कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज में फायदेमंद हो सकती है लौंग

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
नई दिल्ली, 09 दिसंबर (इंडिया साइंस वायर):हृदय और रक्तवाहिकाओं संबंधी बीमारियों और टाइप-2 डायबिटीज जैसे चयापचय विकारों के उपचार के लिए शरीर में स्वाभाविक रूप से पाये जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट ग्लूटाथियोन को बढ़ाना प्रभावी रणनीति माना जाता है। लेकिन, सिंथेटिक ग्लूटाथियोन अस्थिर है और जैविक उपलब्धता भी सीमित है। भारतीय मसालों के एक महत्वपूर्ण घटक लौंग को स्वाभाविक रूप से चयापचय संबंधी विकारों को कम करने के लिए जाना जाता है। एक नये अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने लौंग के गुणों को बारीकी से समझने का प्रयास किया है। उनका यह प्रयास यह पता लगाने पर केंद्रित है कि शरीर में प्राकृतिक ग्लूटाथियोन का स्तर बढ़ाने में लौंग कितनी प्रभावी हो सकती है। सेंट थॉमस कॉलेज, कोट्टयम, केरल के शोधकर्ताओं द्वारा किये गए इस अध्ययन के दौरान लौंग के जलीय अर्क के संभावित सक्रिय घटक क्लोविनॉल के गुणों की पड़ताल की गई ...
लोकतंत्र को मजबूती देने वाले नतीजें

लोकतंत्र को मजबूती देने वाले नतीजें

BREAKING NEWS, EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
-ः ललित गर्ग:- भारत के दो राज्यों गुजरात एवं हिमाचल प्रदेश और एक नगर निगम दिल्ली के चुनावों में इन क्षेत्रों के मतदाताओं ने जो जनादेश दिया है उससे एक बार फिर सिद्ध हो गया है कि भारत में लोकतंत्र कायम है और इसकी जीवंतता के लिये मतदाता जागरूक है। मतदाता को ठगना या लुभाना अब नुकसान का सौदा है। गुजरात में भारतीय जनता पार्टी ने कीर्तिमान गढे़, तो हिमाचल में कांग्रेस ने नया जीवन पाया, दिल्ली में आम आदमी पार्टी को खुश होने का मौका मिला। इन चुनावी नतीजों ने जाहिर कर दिया कि आज के मतदाता किसी भी पार्टी के दबाव में नहीं है। ये नतीजे जहां लोकतंत्र की सुदृढ़ता को दर्शा रहे हैं, वही देश की राजनीति का नई राहों की ओर अग्रसर होने के संकेत दे रहे हैं। इन चुनाव नतीजों से यह तय हो गया कि भारत विविधता में एकता एवं विभिन्न फूलों का एक ‘खूबसूरत गुलदस्ता’ है। इन जनादेशों का चारों तरफ स्वागत हो रहा है। ऐसे जन...
संसद में अनुशासन और मर्यादा

संसद में अनुशासन और मर्यादा

राष्ट्रीय
किसी भी संस्था की सफलता, प्रभावशीलता और प्रतिष्ठा उसके व्यवस्थित कामकाज पर निर्भर करती है और वह किस हद तक अपनी गतिविधियों के निर्वहन के लिए अनुशासन, गरिमा और मर्यादा के मानकों का पालन करती है। इस अर्थ में अनुशासन और मर्यादा किसी भी संस्था के मूलभूत मानदंड हैं। यह विशेष रूप से संसदीय संस्थाओं के बारे में है जो लोगों की इच्छा को मूर्त रूप देती हैं और अन्य गतिविधियों के साथ-साथ कानून के प्रमुख कार्य और कार्यपालिका की जांच करने के लिए लोकतंत्र के मंच का गठन करती हैं। अनुशासन और मर्यादा के क्षरण से संसदीय संस्थाओं का क्षरण होगा। प्रतिनिधि निकायों के इन मूलभूत मानदंडों को हमेशा पवित्र माना गया है और इसलिए इन्हें संरक्षित किया गया है। 25 नवंबर 1949 को जब हमारा संविधान अपनाया गया तो डॉ. बी.आर. अम्बेडकर, इसके प्रमुख वास्तुकार, ने पूछा, "यदि हम लोकतंत्र को बनाए रखना चाहते हैं ... तो हमें क्या कर...
जेएनयू को फिर से लाना होगा पटरी पर

जेएनयू को फिर से लाना होगा पटरी पर

EXCLUSIVE NEWS, राष्ट्रीय
आर.के. सिन्हा जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के पहले वाइस चांसलर गोपालस्वामी पार्थसारथी (जीपी) तथा इसके मुख्य आर्किटेक्ट सी.पी. कुकरेजा की आत्मा रह-रह कर परेशान होती होगी, क्योंकि; उन्होंने जिस जेएनयू को खून-पसीना एक करके खड़ा किया वहां से प्राय: कोई बेहतर खबर सुनने को मिलती ही नहीं।  झगड़ा, धरना, विवाद, आपत्तिजनक पोस्टरबाजी, देश विरोधी गतिविधियों आदि के चलते जेएनयू की प्रतिष्ठा धूल में मिल रही है। अब ताजा मामले को ही लें। जेएनयू  की दीवारों पर शर्मनाक नारे लिखे गए। वहां की दीवारों पर दो जातियों क्रमश: ब्राह्मणों  तथा बनियों को भारत और जेएनयू छोड़ने के लिये नारे लिखे गये थे। जेएनयू हो या कोई और जगह या समूचा देश, सभी को सब जगह रहने, जीने और काम करने का लोकतांत्रिक अधिकार है। यह अधिकार संविधान ने हर भारतीय को दिया है। इसलिए ऐसे ...
मृदा क्षरण के मानव और पारिस्थितिक तंत्र के स्वास्थ्य पर अपूरणीय परिणाम

मृदा क्षरण के मानव और पारिस्थितिक तंत्र के स्वास्थ्य पर अपूरणीय परिणाम

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
मृदा क्षरण का मानव और पारिस्थितिक तंत्र स्वास्थ्य दोनों पर अपूरणीय प्रभाव पड़ सकता है। भारत ने इस दिशा में कई पहलें की हैं जिन्हें स्वस्थ मृदा और अंततः एक स्वस्थ ग्रह सुनिश्चित करने के लिए स्थायी तौर पर जारी रखा जाना चाहिए और उनमें निरंतर सुधार करते रहने आवशयक हैं। क्षरित मृदा के प्रबंधन और बहाली के लिए सभी हितधारकों के बीच संचार लिंक को मजबूत किया जाना चाहिए। साक्ष्य-आधारित जानकारी का समय पर प्रसार भी आवश्यक है। सभी लक्षित लाभार्थियों को सफल संरक्षण प्रथाएं और स्वच्छ तथा टिकाऊ प्रौद्योगिकियां प्रदान की जानी चाहिए। नागरिक पेड़ लगाकर, किचन गार्डन का विकास तथा रख-रखाव करके और मौसमी तथा स्थानीय रूप से प्राप्त भोजन का सेवन करके योगदान दे सकते हैं। -प्रियंका सौरभ  भारत में 145 मिलियन हेक्टेयर में मिट्टी का क्षरण हो रहा है, यह अनुमान है कि 96.40 मिलियन हेक्टेयर (कुल भौगोलिक क्षेत्र क...
अवैध मतांतरण

अवैध मतांतरण

राष्ट्रीय, समाचार, सामाजिक
ह्रदय नारायण दीक्षित अवैध मतांतरण राष्ट्रीय चुनौती है। ईसाई इस्लामी समूह काफी लम्बे समय से अवैध मतांतरण में संलग्न हैं। वे सारी दुनिया को अपने पंथ मजहब में मतांतरित करने के लिए तमाम अवैध साधनों का इस्तमाल कर रहे हैं। अपनी आस्था विवेक और अनुभूति में जीना प्रत्येक मनुष्य का अधिकार है। लेकिन यहाँ अवैध मतांतरण के लिए छल बल भय और प्रलोभन सहित अनेक नाजायज तरीके अपनाए जा रहे हैं। यह मानवता के विरुद्ध असाधारण अपराध है। और राष्ट्रीय अस्मिता के विरुद्ध युद्ध भी है। मतांतरण से व्यक्ति अपना मूल धर्म ही नहीं छोड़ता, उसकी देव आस्थाएं बदल जाती हैं। पूर्वज बदल जाते हैं। वह अपनी संस्कृति के प्रति स्वाभिमानी नहीं रह जाता। वह नए पंथ मजहब के प्रभाव में अपने पूर्वजों पर भी गर्व नहीं करता। उसकी भूसांस्कृतिक निष्ठा बदल जाती है। भूसांस्कृतिक निष्ठा ही भारतीय राष्ट्र का मूल तत्व है। इसलिए मतांतरण राष्ट्रांतरण ...
प्रधानमंत्री ने भारत की जी-20 अध्यक्षता के प्रति अपना समर्थन देने के लिए वैश्विक राजनेताओं का आभार व्यक्त किया और उन्हें धन्यवाद दिया

प्रधानमंत्री ने भारत की जी-20 अध्यक्षता के प्रति अपना समर्थन देने के लिए वैश्विक राजनेताओं का आभार व्यक्त किया और उन्हें धन्यवाद दिया

Today News, राष्ट्रीय
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भारत की जी-20 अध्यक्षता के प्रति अपना समर्थन देने के लिए फ्रांस के राष्ट्रपति श्री इमैनुएल मैक्रॉन को धन्यवाद दिया है। फ्रांस के राष्ट्रपति के एक ट्वीट का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया; Thank you, my dear friend @EmmanuelMacron! I look forward to consulting you closely during India's G20 Presidency, as we work to focus the world's attention on the issues that affect humanity as a whole. ...
केरल में चक्रवात ने कैसे मचाया अनापेक्षित विध्वंस?

केरल में चक्रवात ने कैसे मचाया अनापेक्षित विध्वंस?

BREAKING NEWS, EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
भारत के पश्चिमी तट पर स्थित केरल के चेलानम तटीय क्षेत्र में वर्ष 2021 में ताउते चक्रवात के दौरान बाढ़ और कटाव का स्तर अन्य क्षेत्रों के मुकाबले अत्यधिक देखा गया था। कम तूफान और कम ज्वार के बावजूद चेलानम में समुद्र की लहरें तटीय सुरक्षा उपायों को पार कर गईं  और  घरों तथा सड़कों को जलमग्न कर दिया। एक नये अध्ययन में भारतीय शोधकर्ताओं ने खुलासा किया है कि कम तूफान और कम ज्वार के बावजूद ताउते चक्रवात ने केरल के तटीय क्षेत्रों को कैसे अपनी चपेट में ले लिया। शोधकर्ता बताते हैं कि ताउते चक्रवात केरल के चेलानम तट से लगभग 500 किलोमीटर दूर था, और इस क्षेत्र में कम ज्वार की स्थिति बनी हुई थी। लेकिन, 15 मई, 2021 की सुबह कम तूफान और कम ज्वार के बावजूद चेलानम क्षेत्र जलमग्न हो गया। इस घटना ने मौसम-वैज्ञानिकों को इसके कारणों को समझने के लिए प्रेरित किया। इस घटनाक्रम के मॉडलिंग सिमुलेशन या अनुकरण से शो...